RE: Chudai kahani एक मस्त लम्बी कहानी
. जमील अचकचाते हुए पीने लगा तब मैं आगे बढ़ कर जमील की गोद में बैठी सानिया की जाँघ पर हाथ रख दिया। जमील को अंदाजा नहीं था कि उसकी गोद में बैठी उसकी अपनी मस्त जवान बेटी की जाँघ को मैं सहला रहा हूँ। मैं अब हल्के-हल्के उसके गाउन को उपर कर रहा था। जब उसका दाहिना जाँघ पुरा नंगा हो गया तब जमील को पता चला कि मैं उसकी बेटी के साथ क्या कर रहा हूँ। वह तुरन्त गाउन को नीचे कर के सानिया की नंगी जाँघ को ढ़क दिया और सानिया से जोर से कहा कि वो नहाने जाए। सानिया को भी लगा कि जाना चाहिए तो वो चल दी। मैंने अपनी जिस हथेली को उसके जाँघ पर मला था उसे सुँघा-"वाआआअह...."। जमील यह सब देख कहा-"बाबू, अब ये सब नहीं करो।" मैंने कहा-"क्यों? सानिया को तो बहुत मजा आता है। बहुत मस्त हो कर चुदाती है मेरे से। यार इस मस्त माल को मस्ती लेने दो और तुम भी इस मस्त चीज की छेद में गोते लगाओ। लन्ड हरा हो जाएगा, जवानी आ जायेगी ऐसा माल अगर दस दिन चोद लोगे, कसम से।" जमील बोला-"नहीं बाबू, अब ये सब नहीं। अब सानिया किसी के साथ नहीं करेगी यह सब। सोचो यार, जैसी भी है मेरी बेटी है। तुम्हारे बेटी के जैसी है। वो जवानी के जोश में कुछ कर ली, पर हम लोग को तो होश में रहना चाहिए।" मैंने कहा-"अबे अगर वो जवान है, और वो खुद मुझे लाईन दी है तो मैं क्यों ना चोदूँ उसको। और रही बात कि वो तेरी बेटी है, तो बता जरा जिस किसी को मैं चोदुँगा वो किसी न किसी की बेटी तो होगी। तू भी तो साले अब तक जो लड़की को चोदा वो भी तो किसी की बेटी है। यार दुनिया में ऐसा हीं है, सब एक दुसरे की बेटी को चोदते रहते हैं। पर यार बहुत कम लोग होते हैं जिनको अपनी बेटी को चोदने का मौका मिलता है। तुम्हारी तो बेटी ऐसी सुन्दर है, हूर है हूर। और सब से बड़ी बात कि वो खुद तुम से चुदाने को बेचैन है तो चोद लो एक बार फ़िर देखना, साले तेरा लन्ड उसकी बूर में हमेशा के लिए फ़ँस जायेगा।" जमील लगा कि अब रो पड़ेगा, "नहीं बाबू, अब जो तू इस बारे में कुछ भी बोला तो हमारी दोस्ती खत्म।" उसकी इस बात पर मैं चुप हो गया और फ़िर अपना ग्लास खाली कर चुप-चाप चल दिया। अगले दिन रविवार था और सानिया दोपहर में मेरे घर आयी। उसको लग गया था कि रात में कुछ हुआ है, जो अच्छा नहीं है। मैंने सब बात सानिया को बता दिया और बोला कि अब आगे उसे ही कुछ करना होगा जिससे जमील के लन्ड में सानिया के लिए सुरसुरी पैदा हो। सानिया सब सुन कर बोली-"ठीक है, अब मै हीं कोशीश करुँगी कि अब्बू अब कुछ करें। अगर कुछ न हुआ तो उनका बलात्कार कर दुँगी पर अब एक बार उनसे जरुर चुदाउँगी।" फ़िर अचानक उसके शब्द गंभीर से चंचल हो गये और कहा कि अब एक बार जल्दी से मुझे मस्ती का जाम पिलाईए तब जाऊँगी और फ़िर अपना लौंग स्कर्ट उठा कर, पैन्टी नीचे ससार कर अपना चुतड़ मेरी तरफ़ कर के झुक गयी। मैं इशारा समझ पीछे से उसकी चूत चाटने लगा और साथ ही अपने लन्ड को हल्के हल्के हिलाने लगा। लन्ड में जब सुरुर आ गया तो मैंने उसे उसकी चूत में पीचे से पेल दिया और फ़िर उसकी मस्त चुदाई शुरु कर दी। साली हल्के हल्के कराह रही थी मस्ती से, आआह आआआह ओ ओह ओ ओह आआह इइइइस्स्स्स्स्स आह। उसके आवाज मुझे जोश दिला रही थी। मैं अब जोर से उसकी बूर में लन्ड पेलने लगा था। हच हच फ़च फ़च की आवाज होने लगी थी। हम दोनों सब कुछ भूल कर एक दुसरे के शरीर का भोग कर रहे थे। मेरा अब निकलने वाला था, तो मैंने लन्ड बाहर खींच लिया। पर सानिया ने एक बार फ़िर मेरा लन्ड भीतर घुसा लिया और बोली, "आज चाचू अपना सब माल मेरे चूत में निकालो।
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