RE: Chudai kahani एक मस्त लम्बी कहानी
.यह सुन कर जमील फ़िर संकोच में पर गया, "यार यह मुझसे नहीं होगा, बदले में तुम जो कहो। तुम तो उसके साथ कर हीं रहे हो। जितना चाहो करो, पर मुझे बहुत शर्म आयेगी उसको यह सब करते देखते हुए। वो भी तो शर्माएगी मेरे सामने।" मैंने कहा-"अरे नहीं साले, सानिया तो बेचैन है तुमसे चुदाने के लिए और तू है कि शर्मा रहा है। वो बहुत मस्त लड़की है दोस्त। जब मैंने कहा कि आज तुम फ़िर मेरे घर पर एक लड़की चोद रहे हो तो उसने कहा कि काश कि वो तुमसे चुदा पाती। तब मैंने कहा कि एक बार वो तुम्हारे सामने मुझसे चुदा ले। शायद हम दोनों को देख कर तुम्हें भी उसको चोदने की हिम्मत हो जाए।" पर मेरे कई बार कहने पर भी जमील तैयार नहीं हुआ। तभी जुली की माँ उसको लेने आ गयी। जमील ने जुली को ५००/- बख्शीश के तौर पर दिए और फ़िर आगे मिलने का वायदा भी किया। तभी जमील की बीवी का फ़ोन आ गया। पता चला कि वो अगले दिन आ रही है, दो दिन के लिए। मुझे लग गया कि अब अगले दो दिन तक कुछ नहीं होगा। इसके बाद जमील भी अपने घर की तरफ़ चल दिया। जमील की बीवी दो नहीं बल्कि पाँच दिन रही और फ़िर उसके जाने के दो दिन बाद शनिवार को शाम में मैं जमील के घर पर था। एक बार फ़िर से हमारे साथ एक बोतल था और था दो ग्लास। लगभग ८ बजे थे और सानिया पूछी कि क्या आप लोग को कुछ चाहिए, मैं नहाने जा रही हूँ। वो एक सफ़ेद गाउन पहने थी। जमील ने कहा-"नहीं, तुम जाओ" और मैंने कहा कि वो पास आए। सानिया मुस्कुराते हुए पास आयी तो मैंने उसको कहा कि वो एक पैग अपने हाथ से बना दे हमारे लिए। वो जब हमारे लिए पैग बना दी तो मैंने कहा कि अब एक घुँट अपने हाथ से पिला भी दे। सानिया आराम से मेरे पास आयी और ग्लास आगे बढ़ाया तो मैंने उसकी कमर पकड़ लिया और अपनी ओर खींचा। मेरा इशारा समझ सानिया मेरे गोदी में बैठ कर ग्लास मेरे होठों से लगायी। मैंने भी अपना एक हाथ गाउन के उपर से हीं उसकी चुची पर रख कर उसके बाप के सामने ही उसकी मस्त गोलाई से खेलने लगा। जमील का चेहरा अजीब हो रहा था। उसने सानिया को वहाँ से जाने को कहा। मैं सब देख रहा था। मैंने सानिया को कहा, "अब जरा मेरे यार को भी अपने हाथ से पिला दो एक बार। साला मेरा सुख देख चिढ़ रहा है।" सानिया उठी और बरे आराम से अपने बाप की गोदी में बैठ गयी और उसका ग्लास उठा कर मुँह से लगा दिया।
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