RE: Chudai kahani एक मस्त लम्बी कहानी
. मेरी बात पर उसे यकीन नहीं हुआ मगर खुशी उसके चेहरे से झलक रही थी। फ़िर उसने थोड़ा आशंकित मन से सानिया के विषय में पूछा। मैं इसी पल के इन्तजार में था कि कब वो यह बात चलाए और मैं उसको बताऊँ। मैंने आराम से कह दिया कि सब हो गया है और अपने पप्पू को मैं उसके छेद की सैर करा चुका पिछले दिनों में। उसको विश्वास नहीं हो रहा था। अब मैंने उससे आधा सच और आधा झूठ कहा-"यार जमील, सानिया के सील तो हमारे बाजी लगाने के पहले से टूटी हुई थी और इस शर्त को तो मैं जीत गया हूँ। इसके बाद हीं मैंने तेरे लिए लड़की खोजी और उस पर २०००० खर्च किए हैं एक घन्टे के लिए। सोच साले, तेरी बेटी को चोदने की कीमत मुझे ऐसी बड़ी चुकानी पड़ी है। पर कोई बात नहीं यार सानिया के लिए ये रकम कुछ नहीं है।" साले जमील का मुँह आश्चर्य से खुला रह गया। कुछ पल बाद बोला-"क्या सच में वो पहले से करती है यह सब? छी: छी: मुझे विश्वास नहीं हो रहा।" जमील सच में दुखी था अपनी बेटी के बारे में जान कर। यह सब बातें पहले पैग को बनाते समय हो रही थी। मैंने जाम आगे बढ़ाया और कहा, "चीयर्स...दोस्त चीयरअप... से चीयर्स..."। जमील तेजी से गिलास खाली कर दिया, फ़िर पूछा, "और तू कैसे कर सका यह सब सानिया के जिस्म के साथ?" मैं अब मस्त था, झिझक की कोई बात थी हीं नही सो कहता गया, "जैसे किसी भी मस्त माल के साथ किया जाता है। अपने कड़क लन्ड को उसकी मस्त गुलाबी चूत में ठाँस कर उपर से जम कर धक्के लगाए दोस्त। वो भी क्या मस्त हो चुदाई यार। अभी भी लग रहा है कि लन्ड जल रहा है उसकी चूत की गर्मी से। पर अब तू परसों के लिए तैयार रह। तुझे एक लौन्डिया की सील तोड़नी है, वो भी सिर्फ़ दो घन्टे में।" वो अब भी बोला कि मुझे विश्वास नहीं हो रहा कि सानिया अनछुई नहीं है। मैंने कहा-"ठीक है फ़िर तुम मेरे घर पर परसों रहना और मैं परसों दोपहर सानिया के साथ तेरे घर पर रहुँगा और उस दिन मैं उसकी तभी की पहनी हुई पैन्टी तुझे ला कर दुँगा, तब तो मानेगा? बिना धुली हुई पैन्टी देख कर। वैसे तु चाहे तो सानिया को बुला और पूछ ले, पर हो सकता है कि वो घबड़ा जाए। वि तो नहीं जानती न हमारे शर्त के बारे में और तुझसे काफ़ी पर्दा भी है उसका। परसों मैं उसको बता दुँगा कि तु भी जवान लड़की का रसिया है तो शायद फ़िर अगर तुम पुछो तो वो सच बोले। वैसे भी उसको सब बताना होगा, तभी तो तुम्हारे सामने वो चुदेगी।" और मैं हँसने लगा। जमील उलझन में था तो मैंने दुसरा पैग बना दिया
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