RE: Chudai kahani एक मस्त लम्बी कहानी
. यह सुन सानिया तुरन्त मेरे से छिटक गयी और मुझे धक्का दे कर बिस्तर पर गिरा दिया और मेरे उपर चढ़ गयी="मैं रागिनी से कम थोड़े हूँ, जो वो करेगी मैं भी वो सब करुँगी", और मेरे लन्ड को अपने बूर में घुसा ऊपर से अपने कमर को नचा-नचा कर मेरे साथ चुदाई का खेल खेलने लगी। मैं उसके जोश को देख मस्त हो गया। वो आह-आह कर रही थी और मजे ले रही थी। मैंने एक बार फ़िर जमील को फ़ोन लगाया और जमील को कहा कि ले सुन कैसी मस्ती यहाँ हो रही है। मैंने फ़ोन को सानिया की बूर के पास कर दिया और जमील को पता भी नहीं चला कि वो जिस बूर की फ़च-फ़च, और जिस लड़की की आह-अओह की आवज सुन रहा है, वो उसकी अपनी जवान बेटी सानिया की है। रागिनी शायद अभी भी उसका लन्ड चुस रही थी। जमील एक बार फ़िर पूछा कि मैं किसके साथ हूँ? और मैंने एक बार फ़िर जवाब दिया-"कहा था न पहले भी कि समझ ले कि सानिया के साथ हूँ।" वो ये सुन हँसा और बोला-"अबे यार वो तेरी बेटी जैसी है।" और मैंने भी तुरन्त जड़ दिया-"रागिनी भी तो तेरी बेटी जैसी हीं है, उसे अभी-अभी चोदा की नहीं साले।" हम दोनों हँसे और फ़ोन बन्द कर दिया। सानिया की मस्ती अब झड़ निकली थी सो अब वो मेरे उपर निढ़ाल सा लेट गयी। मेरा लन्ड अभी भी उसकी बूर के भीतर फ़ँसा हुआ था। कुछ समय बाद जब उसकी साँस थोड़ी ठीक हुई, वो मेरे ऊपर से हटी और मेरा लन्ड मुँह में ले कर चुस कर झाड़ दी और मेरा सब माल मुँह में ले कर निगल गयी। अब तक हम दोनों थक गए थे, सो अब हम कपड़े पहनने लगे और बातें करने लगे। कुछ देर बाद जमील का फ़ोन आ गया कि मैं आ जाऊँ। मैं जब निकल रहा था तब सानिया बोली-"कुछ करो चाचु कि हम खुल कर खेल सकें। अब्बू को किसी तरह सेट करो फ़िर कोई डर नहीं रहेगा। मेरा बस चले तो मैं तो अब्बू के सामने सीधे नंगी खड़ी हो जाऊँ, पर डर लगता है।" मैंने उससे वादा किया कि मैं जल्द हीं कुछ करुँगा। जमील को पिछले एक सप्ताह में तीन दिन मैंने अपने घर भेजा, और हर बार अलग लड़की अरेन्ज कर के दी। वो भी अब खुल कर मजे लुटने लगा था। बीवी थी नहीं, तो मस्ती कर रहा था। एक दिन शाम को मैं उसके घर पर था, हम दोनों शराब की चुस्की ले रहे थे और बात लड़की पर आ गयी। वो अपने इस नये मजे के बारे में बता कर खुश था, और मुझे बार-बार थैंक्स कर रहा था कि जमाने के बाद उसे मेरी वजह से जवान लड़की चोदने को मिली। इसके पहले वो सुहागरात को अपनी बीवी चोदा था पहली बार और फ़िर सिर्फ़ उसी को चोदता रहा था। "यार, एक जवान लड़की के बदन का मजा हीं कुछ और है", वह यही कहा था कि सानिया वहाँ आमलेट ले कर आयी, तो जमील ने उसको सलाद काट कर लाने को कहा और वो चली गयी। मैंने उसको जाते हुए बदन को घुरते हुए कहा-"हाँ यार जमील, जवान लौन्डिया धरती पर सब्से खुबसुरत चीज है।" जमील देख रहा था कि मैं उसकी बेटी को किस नजर से देख रहा हूँ-"अबे बाबू साले, वो मेरी बेटी है, याद है ना?" मैंने एक ठंडी आह भरी-’हाँ दोस्त याद है, तभी तो रुका हुआ हूँ, वर्ना अभी वो यहाँ से ऐसे जाती क्या? यार जमील एक बात कह रहा हूँ, बुरा मत मानना। मैं न आज तक तुम्हारी बेटी को ख्याल में रख कर न मालूम कितनी बार अपना लन्ड झाड़ा हूँ।" दारू बहुत हिम्मत देती है ।मुझे पता था कि अब जमील सेक्स और शराब के साथ बात करते हुए, सानिया के बारे में कही हुई बात बहुत दिल से नहीं लेगा। जमील ने मेरी बात सुन मेरा हाथ अपने हाथ में ले कर हल्के से दबाया।
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