RE: Chudai kahani एक मस्त लम्बी कहानी
वो झट उठी और बेड पे लेट गई। मैं भी साथ ही आ गया और तुरंत उसकी चूत पर मुँह भिरा दिया। पुरे दस मिनट तक उसकी चूत को खुब चुभला-चुभला कर चुसा, चबाया। उसकी गीली चूत का नमकीन स्वाद मस्त था। साली खुब मस्त हो कर अपना चूत चटा रही थी। एक बार वो पानी भी छोड़ी, पर थोड़ा सा। इसके बाद वो थोड़ा शान्त हो गई, तब मैंने पुछा-"क्या हाल है? कैसा लगा इस चुतिया चाचा के मुँह का मजा?" बेचारी कुछ बोल न सकी, बस हाँफ़ती रही, और मुझे समझ आ गया की बछिया अब हार चुकी है। मैं एक बार फ़िर साँढ़ बन कर बछिया पर चढ़ गया और सिर्फ़ उसके चेहरा पर नजर गड़ा कर साली की जोरदार चुदाई शुरु कर दी। अब वो जैसे छोटे पिल्ले केंकीयाते हैं, वैसा आवाज मुँह से निकाल रही थी। आप सब ने ऐसी आवाज की चाईनीज या जपानी लड़की की चुदाई वाली ब्लु-फ़िल्म में सुनी होगी। उसकी चूत से निकलने वाला "राग मस्त-चुदाई" मुझे एक विशेष मजा दे रहा था। थोड़ी देर में मैंने पुछा-"क्या रे अब रोना-चीखना छोड़ और बोल कहाँ निकालूँ अपना वीर्य, अब मेरा छुटेगा।" वो संभली और बोली-"मेरे मुँह में चाचु, मेरे मुँह में।" ये सुन मैंने अपना लन्ड बाहर खींचा और उसके चेहरे की ओर आ गया। उसने अब अपना मुँह मराने के लिए खोला और मैं उसके मुँह में लन्ड घुसा अब उसकी मुँह मारने लगा। मैं अपने किस्मत पर खुश था, मुझे सानिया जैसी हूर चोदने को भगवान ने दे दी थी। १०-१२ बार के बाद मेरे लन्ड ने पहली पिचकारी छोड़ी और फ़िर अगले ५ बड़े झटके में मेरा कम-से-कम एक बड़ा चम्मच वीर्य उसकी मुँह में गिरा। वो बड़े चाव से वो सब माल निगल गई, हाँफ़ रही थी पर शौक से खाई। फ़िर मेरे लौंड़े को चाट-चुस कर साफ़ भी किया। जब वो मेरा लन्ड चाट रही थी, तब मैं भी उसकी ताजा चुदी चूत को चाटा, और उसके नमकीन गीलेपन और कसैले-खट्टेपन से भरी गंध का मजा लिया। करीब १२ बजे हम दोनों साथ ही नहाए, और नंगे ही बाहर आए तो मैंने कहा कि जल्दी तैयार हो जाओ, आज बाहर हीं लंच लेंगे। वो जल्दी हीं आ गई। उसने एक सफ़ेद स्कर्ट और गोल गले का लाल टौप पहन रखा था, और पोनी टेल में बंधे बाल के साथ वो बहुत सुन्दर दिख रही थी। मैंने आँख मारी और कहा ऐसा जानमारूँ माल बन कर घर से निकलोगी, तो सड़क पर हंगामा हो जायेगा। वो हँस दी, और मैं उसकी मोहक मुस्कान पे फ़िदा हो उसके होठ पर एक हल्का सा चुम्बन जड़ दिया। हम अब एक अच्छे से रेस्ट्राँ में आए, और खाना खाया, फ़िर पास के ही एक मल्टीप्लेक्स में २ बजे के शो में एक अंग्रेजी रोमैंटिक फ़िल्म देखी। तीन शानदार बेडरुम सीन था। हौल में इधर-उधर कई सिस्की सुनाई दे जा रही थी। मैंने सानिया का ध्यान एक जोड़े की तरफ़ किया। एक २१-२२ साल की लड़की नीचे झुक कर शायद अपने बायफ़्रेन्ड का लन्ड चुस रही थी। हम दोनों अब बीच-बीच में उस जोड़े की हरकतों का भी मजा ले रहे थे। सानिया ने भी मेरे लन्ड को अपने हाथ से मसल मसल कर झाड़ा, और जब मेरा वीर्य उसके हाथों पे फ़ैल गया तब उसने उसके चाट कर अपना हाथ साफ़ किया। फ़िल्म के बाद हम मार्केट गए और वहाँ पर मैंने सानिया के लिए एक सुन्दर सा लाल और हरा का एक कामदार सलवार-सुट खरीदा। तभी सानिया की अम्मी का फ़ोन आ गया कि अभी वो लोग एक सप्ताह और रुकेंगे। सुन कर हम दोनों खुश हो गए। उन्होनें जब सानिया से पूछा की कोई परेशानी तो नहीं, तब सानिया ने मेरी तरफ़ देख कर हँसते हुए कहा कि कोई परेशानी नहीं है, चाचा मेरा बहुत ख्याल रखते हैं, मुझे बहुत प्यार करते हैं। फ़िर भाभी जी मेरे से बात कीं और मुझसे माफ़ी माँगी कि उनके बाहर रहने से सानिया के कारण मुझे परेशानी उठानी पर रही है।
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