RE: Chudai kahani एक मस्त लम्बी कहानी
५-६ सेकेण्ड बाद मुस्कुराते हुए हाथ हटाए और बोली-"बेटीचोद" और मेरे गले से लिपट गयी। सानिया की आँख भी गीली हो गई। उसकी नजरों में भी मेरे लिए अब प्यार दिख रहा था। वो बोली-"मैं आप दोनों के लिए पानी लाती हूँ" और वो बाहर चली गई। जब वो पानी का ट्रे ले कर आई तब मैं कुर्सी पर बैठा था और रागिनी बिस्तर ठीक कर रही थी। हम दोनों अभी भी नंगे ही थी। मेरा लन्ड एक दम शांत और भोला बच्चा बन गया था। पानी आगे करते हुए सानिया बोली-"चाचु अब आप दोनों सो जाएँ, ११.३० से ज्यादा हो रहा है। अब कल सुबह मैं चाय लाऊँगी आप दोनों के लिए।" फ़िर हँसते हुए रुम में से भाग गयी। अगली सुबह सानिया ही रुम में आ कर मुझे और रागिनी को जगाई। मैने देखा कि सानिया के हाथ की ट्रे में दो गिलास पानी और पेपर है। मैं और रागिनी अभी भी नंगे थे जैसे कि हम रात को सो गए थे। रागिनी पानी पी कर बाथरुम की तरफ़ चल दी, और मैंने उसका तकिया उठा कर अपने गोद में रख लिया जिससे मेरे लन्ड को सानिया नहीं देखे। सानिया यह सब देख बड़े कातिलाना अंदाज में मुस्कुराई, फ़िर चाय लाने चली गई। मैं पेपर खोल लिया। जब सानिया चाय ले कर आई, तब तक रागिनी भी बाहर आ गई थी और अपने कपड़े जमीन पर से समेट रही थी। सानिया सिर्फ़ एक कप चाय लाई थी, जिसे उसने रागिनी की तरफ़ बढ़ा दिया। रागिनी ने चाय लिया बाकी चाय के बारे में पुछा। अब जो सानिया ने कहा उसे सुन कर मेरी नसें गर्म हो गई। बड़ी सेक्सी आवाज में हल्के से फ़ुस्फ़ुसा कर सानिया बोली-"तुम पीयो चाय, चाचू को आज मैं अपना दूध पिलाऊँगी", और उसने अपने टौप को नीचे से पकड़ कर उठाते हुए एक ही लय में अपने सर के उपर से निकाल दिया। मेरे मुँह से निकल गया-"जीयो जान, क्या मस्त चुची निकली है तेरी।" सच उसकी संतरे जैसी गोल-गोल गोरी-गोरी चुची गजब का नजारा पेश कर रही थी, और उस पर गुलाबी-गुलाबी लगभग आधे आकार को घेरे हुए चुचक बेमिसाल लग रहे थे। सानिया के बदन के गोरेपन का जवाब न था। वो इसके बाद मेरे बदन पर ही चढ़ आई।
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