Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
01-12-2019, 02:49 PM,
RE: Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
सब बातों से बेख़बर रूबी बेचैनी से सुनील के आने का इंतजार करने लगी, दिल में उमंगों के तूफान उमड़ पड़े, आज जिंदगी को एक ठिकाना मिलने वाला था, उसे एक सच्चा साथी मिलने वाला था, सवी उसके दिमाग़ से निकल चुकी थी और सूमी की इज़्ज़त और भी दिल में बढ़ गयी थी. सूमी जो अपना हर रोल बखूबी निभा रही थी, कभी एक माँ, कभी एक बीवी, कभी एक सौतेन, और कभी माँ जैसी मासी.

सुनील बाल्कनी में खड़ा कुदरत के मज़े लेता हुआ स्कॉच की चुस्कियाँ लेता रहा और तीन चार पेग पी गया. इतने में उसे सरूर नही चढ़ता था पर उसका मन कुछ मस्त हो गया था, उसका खिलन्दडपन जो बहुत समय से खामोश था वो जाग गया था, वो फुल मस्ती के मूड में आ चुका था और ग्लास का आखरी घूँट भर उसने वो ग्लास समुद्र के हवाले कर दिया, एक नज़र सोती हुई सवी पे डाल वो रूबी के कमरे की तरफ बढ़ गया.

गुलाब की महक से कमरा भरा हुआ था, बिस्तर के चार तरफ कॅंडल लाइट जल रही थी, और बीच में घूँघट काढ़े रूबी बैठी अपनी हथेलियाँ घबराहट में आपस में मसल रही थी, पैरों के अंगूठे आपस में लड़ रहे थे, साँसे तेज चल रही थी, दिल इतनी ज़ोर से धड़क रहा था के कमरे में उसकी धड़कन सुनाई दे रही थी.
सुनील के कदम दरवाजे पे ही जम गये.

अपने रुख़ पर निगाह करने दो
खूबसूरत गुनाह करने दो
रुख़ से परदा हटाओ जान-ए-हया
आज दिल को तबाह करने दो


सुनील होंठों से निकले लफ्ज़ रूबी के दिल की धड़कन को और बढ़ा गये. बिस्तर के सामने शीशे में रूबी का अक्स नज़र आ रहा था, जहाँ से उसका घूँघट थोड़ा हटा हुआ था और चेहरा जलवाए फ़रोश हो रहा था.

हुस्न-ओ-जमाल आपका, शीशे में देख कर
मदहोश हो चुका हूँ मैं, जलवों की राह पर
गर हो सके तो होश में ला दो, मेरे हुज़ूर


सुनील दरवाजा बंद करना भूल, रूबी की तरफ बढ़ता चला गया, इस वक़्त उसके जहाँ कुछ नही था बस रूबी बस चुकी थी.

वो मरमरी से हाथ वो महका हुआ बदन
टकराया मेरे दिल से, मोहब्बत का एक चमन
मेरे भी दिल का फूल खिला दो, मेरे हुज़ूर

कह ता हुआ सुनील रूबी की गोद में सर रख लेट गया और घूँघट में छुपे उसके चेहरे को निहारने लगा.

रूबी की पलकें बंद हो गयी, जिस्म में कंपन बढ़ गया. एक लड़की की क्या हालत होती है सुहागरात में ये रूबी को आज समझ में आ रहा था, दिल दिमाग़, जिस्म तीनो पे से काबू हट जाता है, तीनो ही अपनी दुनियाँ बसाने लगते हैं एक युद्ध सा छिड़ जाता है, और लड़की को समझ नही आता कि क्या करे क्या ना करे बस उमंगों के ज्वारभाटे में फसि अपने ही दिल के तेज धड़कनो को सुनती हुई अपने तेज होती साँसों को सामान्य करने का प्रयास करती रहती है, पर साँसे और तेज होती चली जाती हैं, जिस्म में कंपन बढ़ जाता है, चेहरा गुलाबी गुलाबी होता हुआ पूरा गुलाल बन जाता है.

अधर काँपने लग गये जैसे प्यासे हों, होंठ पे लगी लाली बुलाने लगी आओ, सोख लो, इस लाली को, तुम्हारे लिए ही तो लगाई है, माथे पे हल्की हल्की पसीने की बूँदें, जोबन का उतार चढ़ाव चुंबक की तरहा अपनी ओर खींच रहा था, और सुनील उस सुंदरता में खो सा गया था.

'छू लेने दो नाज़ुक होंठों को, कुछ और नही हैं जाम हैं ये' ये चन्द अल्फ़ाज़ सुनील के दिल की गहराई से निकले थे और रूबी इन में खो गयी, सुनील के हाथ उपर उठे और रूबी के चेहरे को थाम लिया.

अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह एक अनसुनी सिसकी रूबी के होंठों से निकली और सुनील के हाथों के साथ उसका चेहरा झुकता चला गया धीरे धीरे और दोनो के होंठ जा मिले. बिजली सी कोंध गयी रूबी के जिस्म में और सुनील पे तो जैसे नशा सा चढ़ गया.

लपलपाति हुई सुनील की ज़ुबान बाहर निकली और रूबी के होंठों पे फिरने लगी, ऐसा अनुभव रूबी के लिए अंजना था, उसका जिस्म हिलोरे लेने लगा और दोनो मुठियों में चद्दर भींचती चली गयी, वो अपने होंठ दूर करना चाहती थी पर सुनील के होंठ तो जैसे चुंबक बन गये थे रूबी चाह के भी अपने होंठ दूर ना कर पाई उसके घूँघट ने सुनील के चेहरे को भी ढक लिया कहीं दूर से झँकते चाँद की नज़र ना लग जाए.

मिलन के इस रंग में दोनो खोते चले गये, होंठ होंठों से रगड़ खाने लगे जिस्मों में चिंगारियाँ उत्पन्न होने लगी, कोई इस वक़्त दोनो को छू ले तो तेज बिजली का झटका खा जाए.

इतने इंतजार और इतनी तड़प के बाद मिलन के इस अहसास ने उसे सोनल की तड़प से पहचान करवा दी, आज वाकई में वो दिल और आत्मा दोनो ही हार गयी थी, जो संशय कभी कभी उसके दिमाग़ में उठते थे उनका वजूद ख़तम हो गया, रूबी अपनी खुद की पहचान खो बैठी, उसे अब कुछ नही चाहिए था, उसका वजूद सुनील में घुलता चला जा रहा था, प्यार क्या होता है ये उसकी आत्मा समझ गयी थी, अपने अतीत के पन्नों को उसने अपने दिमाग़ से खुरूच डाला और एक खाली स्लेट बना डाला, जिसपे सुनील अपने प्यार की मोहर छापता चला जा रहा था.

चुंबन क्या होता है, उसका अस्तित्व कैसा होता है, इसका अनुभब रूबी को अब हो रहा था और वो इस अनुभव के समुन्द्र में डूब चुकी थी, इतना के झुके झुके गर्दन में दर्द शुरू हो गया, पर इस दर्द का उसे अहसास तक ना हुआ.

तभी सुनील को जैसे कुछ याद आ गया और उसने धीरे से रूबी को छोड़ दिया. रूबी को एक झटका भी लगा पर सीधी हो गर्दन को राहत भी मिली.

सुनील उठ के बैठ गया, कुछ पल सोचा फिर उठ के अलमारी के पास गया और खोल के उसमे से एक जेवेर का डिब्बा निकाला, सुनील ने ये डिब्बा कब इस अलमारी में रखा था, ये रूबी को पता ही ना चला. 

उस डिब्बे को ले सुनील रूबी के पास बैठ गया. ' गुस्ताख़ी माफ़ हज़ूर, आपको मुँह दिखाई तो दी ही नही, लीजिए इस नाचीज़ की तरफ से ये छोटा सा तोहफा' 

सुनील ने डिब्बा रूबी की गोद में रख दिया. रूबी डिब्बे को साइड में रखने लगी तो ' अरे खोल के तो देखो' 

'आपने दिल से जो भी दिया वो दुनिया की सबसे नायाब चीज़ है'

'खोलो तो सही'

रूबी ने डिब्बा खोला तो उसमें एक चमकता हुआ हीरे का हार था, सूमी को उसकी माँ ने शादी में दो हार दिए थे, एक उनमें से सोनल के पास चला गया था और ये दूसरा था जो आज रूबी को दिया जा रहा था. हार की चमक देख रूबी की आँखें चोंधिया गयी. 'इतना मेंहगा....'

सुनील ने बीच में टोक दिया ' ये सूमी ने अपनी बहू के लिए दिया है, मेरी तरफ से तो बस ये छोटा सा तोहफा है' अपने जेब में हाथ डाल सुनील ने हीरे की अंगूठी निकली और रूबी को पहना दी.

रूबी ने हार को माथे से लगाया और उस अंगूठी को चूम लिया.

रूबी के लिए सूमी सौतेन नही रही, माँ का दर्जा इख्तियार कर बैठी. सुनील और सूमी का चाहे जो भी रिश्ता हो, रूबी के लिए सूमी अब सिर्फ़ एक माँ थी, सिर्फ़ एक माँ. दिल भर आया रूबी का, आँखों से आँसू टपक पड़े.

सुनील ने धीरे से रूबी का घूँघट हटाया तो उसे एक झटका लगा उसकी आँखों से टपकते मोती देख.

'यह क्या ?'

'कुछ नही, आज बहुत ज़्यादा खुशी मिली तो बर्दाश्त नही हुई' रूबी से आगे ना बोला गया और वो सुनील से लिपट गयी.

प्यार का असली रूप रूबी ने आज देखा था. अपनी खुशी में सवी एक माँ का फ़र्ज़ भूल गयी, बेटी को बस सौतेन समझने लगी, पर सूमी का व्यक्तित्व कुछ और ही था, वो अपना फ़र्ज़ नही भूली थी, कहने को रूबी उसकी सौतेन थी, पर सूमी के अंदर की माँ, जानती थी उसे कब क्या करना है. 

रिश्ते चाहे बदल जाएँ, पर उनकी मर्यादा नही बदलती, जो इस मर्यादा का मान करता रहता है, वोही प्यार के असली माइने समझ पाता है.

सुनील अपनी 4 बीवियों के साथ आने वाली जिंदगी कैसे बितानी है सोच चुका था, रूबी और सवी के बीच हुए तनाव ने उसे बहुत सीखा दिया था, और ये फ़ैसला वो खुद लेना चाहता था बिना कोई मशवरा किए, जानता था कि सूमी की सलाह भी वही होगी, पर वो सूमी के उपर कोई ज़ोर नही डालना चाहता था. जिंदगी के हर बीतते पल के साथ उसे सूमी पर नाज़ होता चला जा रहा था, आज भी कभी कभी वो यही सोचता था, काश सूमी ने वो कसम ना ली होती, तो आज उसकी जिंदगी में शायद 4 बीवियाँ नही होती, पर होनी को कॉन टाल सकता था. कल सब आ जाएँगे और वो अपना फ़ैसला सब को सुना देगा, जाने क्यूँ आज रूबी के साथ ये ख़यालात उसके मन में आ गये. रूबी जो इस वक़्त उसके गले लगी हुई थी, वो और भी कस के उसके साथ चिपक गयी और सुनील अपने ख़याल से वापस आ गया और अब इस वक़्त वो और कुछ नही सोचना चाहता था, इस वक़्त वो रूबी को वो प्यार देना चाहता था, जिसकी हर लड़की कामना करती है, काश रमण ने उसका दिल ना तोड़ा होता, काश, काश ये काश ही तो ज़िंदगियाँ बदल देता है, काश सागर की . उस वक़्त ना होती, तो सूमी और सुनील की शादी...नामुमकिन. अपने सर को उसने झटका और रूबी को अपनी बाँहों में भींच लिया.

आह रूबी की हड्डियाँ तक चटक गयी सुनील ने इतनी ज़ोर से उसे भींचा , रूबी के जिस्म से निकलती मनमोहक सुगंध सुनील के अंदर समाती चली जा रही थी. उसी में खोता हुआ सुनील अपने होंठ रूबी की गर्दन पे रगड़ने लगा. और रूबी के होंठों से धीमी धीमी सिसकियाँ निकलने लगी.

'ओह सुनील ! सुनील ! काश तुम मेरी जिंदगी में पहले आ गये होते, आइ लव यू! लव यू!'

'ये काश को अब छोड़ो अब तो तुम्हारा हूँ, बस आज को सोचो कल किसने देखा और कल जो बीत गया उसे भूल जाओ'

'वो तुम्हारी बाँहों में आते ही भूल गयी, अब इस रूबी पे जो लिखना चाहो लिख डालो, एक दम कोरी स्लेट की तरहा'

'तो सवी के रवीय्यए को भी भूल जाओ, वक़्त दो उसे, इस नये रिश्ते में ढलने का'

'जो हुकुम!'

'उम ह्म, हुकुम नही इल्तीज़ा'

रूबी चुप कर गयी, ज़्यादा बात नही बढ़ाई और सुनील उसकी गर्दन को चूमते हुए उसके पेट को सहलाने लगा, फिर धीरे धीरे वो उसके जेवर उतार के साइड पे रखने लगा, जेवरों की आड़ में छुपा उसका गोरा बदन झलकने लगा और हर छुअन के साथ रूबी की सिसकी निकलती चली गयी जो सुनील के कानो में संगीत की तरहा गूँजती हुई उसे और भी मदहोश करती जा रही थी.
Reply


Messages In This Thread
RE: Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी - by sexstories - 01-12-2019, 02:49 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,465,395 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 540,408 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,217,705 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 920,827 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,632,699 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,064,006 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,922,405 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,962,400 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,995,256 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 281,477 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 11 Guest(s)