Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
01-12-2019, 02:19 PM,
RE: Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
भाई रोज रात को मुझे चोदता…पर चाहे रात को मेरा जिस्म चुदाई माँगता..मेरा दिल नही करता था…मुझे यूँ लगता था…जैसे रोज रात को मेरा रेप होता था..मेरी आत्मा का रेप होता था…और मेरा जिस्म चुदने का मज़ा लेता था…ये लंड और चूत का रिश्ता ही ऐसा होता है…ना लंड चूत के बिना रह सकता है ना चूत बिना लंड के….आत्मा गयी भाड़ में….जब चुदाई हो रही होती है…बाद में रह जाती है बस ग्लानि…ही ग्लानि…कुछ दिन में भाई ने रमण को ब्लॅकमेल कर शादी के लिए तयार कर लिया ….और इस तरहा रमण मेरी जिंदगी में आ गया…….शादी के बाद भी भाई ने मुझे नही छोड़ा…जब भी मोका मिलता आ जाता मुझे चोदने….एक दिन मैने रमण को फिर उन नर्सस के साथ देख लिया……और मैं रमण को मजबूर करने लगी मुंबई चलने के लिए ताकि वो अपनी एमडी पूरी कर सके…और इस बहाने मैं इस महॉल से दूर हो सकूँ….

इतना बोल कर मिनी चुप हो गयी …लेकिन उसकी बातें सुनील को जहर लगने लगी …माना उसने जिंदगी में बहुत तकलीफ़ सही थी…पर देवर से इस तरहा खुले शब्दों में अपनी तकलीफ़ को ब्यान करने का मतलब था …कि मिनी वो मिनी नही रही थी …जो कभी रेप से पहले हुआ करती थी …वो इस वक़्त सिर्फ़ वासना की पुजारन बन चुकी थी …जिसकी वो कोई मदद नही कर सकता था…उसने ये खेल मिनी…रमण…और मिनी के भाई के बीच ही छोड़ने का फ़ैसला कर लिया ….दुख तो उसे मिनी की व्यथा को लेकर बहुत हो रहा था…पर वो मिनी के लिए शायद कुछ नही कर सकता था….अगर मिनी सभ्य शब्दों का इस्तेमाल कर उसे अपनी व्यथा बताती तो मिनी के लिए उसके दिल में करुन भावनाएँ अपने आप उत्पन्न हो जाती …पर ये तो वासना का खुला बखान कर रही थी….ये वो मिनी नही थी…जो कुछ देर पहले दर्द के सागर में गोते लगा रही थी…ये मिनी तो कोई और थी.


मिनी ने आगे बोलना शुरू किया……सुनील बुरा मत मानना…ये शब्द जो तुम्हें अच्छे नही लगे होंगे …मैं जान भुज के इस्तेमाल नही कर रही….मुझे बना ही ऐसा डाला गया है…..काश मेरा वो भाई तुम्हारी तरहा होता …तो आज मेरी जिंदगी में ये तूफान नही आए होते…काश मेरा पति तुम्हारी तरहा होता एक सच्चा मर्द ….तो ये शब्द मेरी ज़ुबान पे नही आए होते….एक कमसिन लड़की को जब वासना का पुतला बना दिया जाए …तो वो भूल जाती है …वो क्या कह रही है..किस तरहा अपने आपको अभिव्यक्त कर रही है …..मिनी ज़ोर ज़ोर से बिलखने लगी …और सुनील को समझ नही आया …क्या करे..क्या बोले…उसने मिनी को रोने दिया…


हम लोग मुंबई आ गये …..रमण ने अपने डॅड को खोजना शुरू किया …पता चला वो कोमा में है किसी हॉस्पिटल में…हम वहाँ गये …और रमण उनकी देखभाल करने लग गया …मुझे लगा रमण बदल गया है…लेकिन मैं ग़लत थी…वो बार बार तुम्हारी बात करता था….मेरा दिल तुमसे मिलने को करने लगा…..एक दिन रमण अपने डॅड के पास हॉस्पिटल गया था…मेरी तबीयत खराब थी ….वो अपना मोबाइल भूल गये थे..मैने ऐसे ही मोबाइल उठा लिया था…उस दिन ….उस दिन…

हां उस दिन मुझे पता चला रमण और रूबी के बारे में ….फरक इतना था …मेरे भाई ने मेरा रेप कर अपना बनाया था और फिर किसी और से शादी करवा दी ….रूबी को रमण ने सिड्यूस किया था….पर आख़िर में रेप ही तो किया था उसकी भावनाओं का……

क्या तुम सोच सकते हो मेरी क्या हालत हुई होगी उस दिन …उस दिन ये जिंदा लाश भी अपने वजूद से नफ़रत करने लगी थी…..मैने क्या गुनाह किया था सुनील…जो ये सब मेरे साथ हुआ …भाई मिला तो भाई के नाम पे कलंक …पति मिला तो पति के नाम पे कलंक…मैं क्या हूँ सुनील …मैं क्या हूँ …बस एक जिस्म जिसे भोगा जाए…..और कुछ नही…बस यही है ना मेरी ओकात…पहले मेरा भाई मुझे भोगता था…अब मेरा पति….सुबह जब तुमने मुझे डांटा था…उस वक़्त जो मैने रिएक्ट किया था…वो मैने नही किया था…वो इस लाश ने किया था…..मैं तो कहीं हूँ ही नही ….फिर जब अपने कमरे में गयी तो मुझे अहसास हुआ …मर्द क्या होता है…देखती आई हूँ इन दिनो में कैसे अपनी बहनो पे जान देते हो ..कैसे उनकी हर तकलीफ़ दूर करते हो…

सुनील जो मिनी के खिलाफ सोच रहा था…उसकी सोच बदलने लगी …इस वक़्त उसे मिनी एक मजबूर ऐसी औरत लगी जिसका सिर्फ़ शोषण होता रहा ….लेकिन वो कैसे मिनी की मदद करे…उसे कुछ समझ नही आ रहा था …उसने कल ही सुमन को सब बताने का निर्णय ले लिया…वैसे भी वो सुमन से कुछ नही छुपाता था छोटी से छोटी बात भी और ना ही सोनल से ……वो सोच ही रहा था की सुमन की कॉल आ गयी ….रात के 3 बज चुके थे…उठ के वो अपने कमरे में चला गया…….

सुमन…..अभी तक जाग रहे हो…..

सुनील…हां वो कल तुमसे बात करता हूँ………

सुमन….क्या हुआ….कुछ बात है…मेरा दिल बहुत घबरा रहा है…तुम ठीक हो ना..

सुनील…हां ठीक हूँ जान …ट्रस्ट मी कल बात करता हूँ…….

सुमन…..अभी करो ना…मैं जानती हूँ तुम इस वक़्त बहुत परेशान हो ….प्लीज़ मैं तड़पति रहूंगी…सोनल भी अचानक उठ के बैठ गयी है…उसका दिल भी तुम्हें ले कर घबरा रहा है…..
(वह जब दिल एक हो जाते हैं तो दूरी चाहे कितनी भी हो…तपिश एक दिल की दूसरे दिल तक पहुँच जाती है ….ऐसे ही तो नही कहते …पति और पत्नी …का संबंध रूह का संबंध होता है ….यहाँ सुनील मिनी की गाथा सुन तड़प रहा था …उसका असर दूर सो रही उसकी दोनो बीवियों तक पहुँच गया था)

सुनील ……जानम इस वक़्त मिनी बहुत परेशान है ….वो अपने बारे में सब कुछ बता रही है…मैं उसके साथ ही बैठा था…उसकी हालत काफ़ी खराब है….ट्रस्ट मे…कल सब कुछ बताउन्गा…पूरी बात तो सुन लूँ…

सुमन…..यार तुमने क्या ठेका ले रखा है सारी दुनिया का…….पता नही क्या है उसका रोना ….लेकिन तुम जो अंदर ही अंदर रो रहे हो …..वो हम दोनो से छुप नही सकता. 

सुनील…..जैसा भी हूँ…तुम दोनो का ही तो हूँ…..

सुमन…..फोन पे ही रो पड़ी……

सुनील…..कम ओन स्वीट हार्ट …डॉन’ट क्राइ ….मेरी कसम तुम्हें …

सुमन…ये अच्छा है…अपनी कसम दे हमे चुप करा देते हो …और खुद ……..अपने दर्द की झलक तक नही लगने देते ….क्या यही प्यार है तुम्हारा……खुद तड़पो और हमे खुशियाँ देते रहो..

सुनील …प्यार का मतलब भी तो तुमने ही सिखाया था मेरी जान …क्यूँ नाराज़ हो रही हो

सुमन …नाराज़ नही रोना आ रहा है तुम्हें अकेला छोड़ आई दो भूखी बिल्लियों के सामने

सुनील …तो क्या लगता है तुम्हे …ये बिल्लियाँ मुझे खा जाएँगी …इतना ही भरोसा है क्या मुझ पे

सुमन …तुम ग़लत सोच रहे हो…मैं उस तकलीफ़ के बारे में बोल रही हूँ …जो ये कुतिया तुम्हें दे रही हैं….

सुनील …शांत शांत जानम…ऐसे नही बोलते …क्यूँ अपनी ज़ुबान खराब कर रही हो…तुम्हारे मुँह से तो बस फूल झड़ने चाहिए ..

सुमन…ओए होए …पत्थर की समझा है क्या मुझे …..कोई तुम्हें तकलीफ़ दे और मैं बस देखती रहूं …कुछ बोल भी ना सकूँ…

सुनील…यार तुम भी कॉन तकलीफ़ दे रहा है …कोई नही …..तुम दोनो हो ना अपने प्यार की बरसात करने के लिए …मैं तो बस उस बरसात में डूबा रहता हूँ……

सुमन….अब आप कुछ देर तो सो जाइए …आधी रात से ज़यादा गुजर चुकी है ……प्लीज़ …फिर कभी उसका बाकी रोना सुन लेना …..प्लीज़…..मान जाओ ना….

सुनील….अच्छा बाबा ….अब एक बार उसे बोलने तो दो फिर कभी बात करेंगे …ओके…लव यू 

सुमन …लव यू …ये सोनल से बात कर लो…

सोनल……ऐसे रात भर जगॉगे…तो कल ही आजाउन्गी ….समझे 

सुनील….उम्म्मम्मूऊऊुूवववाहह लव यू डार्लिंग …अब सो जाओ ….मैं भी बस कुछ देर में सो जाउन्गा.

सोनल..टेक केर उउंवाअहह 

सुनील कॉल कट करता है और वापस हाल में जाता है…..इतनी देर में मिनी एक बार फिर कॉफी बना के ला चुकी थी….
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