Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
01-12-2019, 02:17 PM,
RE: Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
सुमन ने अपनी ज़ुल्फो को यूँ लहराया जैसे हज़ारों नागिन एक साथ बल खा रही हो ….अपनी गर्देन को थोड़ा झुका वो सुनील पे अपनी नशीली आँखों से वार करने लगी……..

‘आज तो लगता मेरी खैर नही…बड़े ख़तरनाक इरादे लग रहे हैं मेरी जान के’

‘ये तो हज़ूर आपकी नज़रों की इनायत है , जो नाचीज़ को फलक पे बिठा देती है,
हम क्या ख़तरनाक इरादे रखें, जल रही है ये शमा, आपके प्यार की गर्मी से’

‘क्या बात है आज ये शायराना अंदाज़’

‘अरे कहाँ ये बस यूँ ही ‘ 

सुमन ने अपने बालों से सुनील के चेहरे को ढांप लिया……सुनील बस उसके गेसुओं की खुश्बू में खो गया और सुमन अपने चेहरे को नीचे लाती गयी जब तक दोनो के होंठ बिल्कुल करीब ना आगये.

सांसो में बसी सुगंध सुनील को मदहोश करने लगी उसके हाथों ने अपने आप सुमन के चेहरे को थाम लिया……और सुमन के लरजते हुए होंठों को अपने होंठों से छू लिया.

अहह सिसक पड़ी सुमन 

सुनील ने धीरे से सुमन के होंठ को चूसना शुरू कर दिया और सुमन उसकी गोद में बैठ गयी. सुनील के हाथ उसके चेहरे से फिसलते हुए उसकी बाँहों को सहलाने लगे और सुमन उसकी गोद में सिमटती चली गयी.

सुमन ने अपने होंठ सुनील से छुड़ाए और बोली….’तुम्हारे बिना ये 4 दिन पता नही कैसे कटेंगे…आज मुझे इतना प्यार करो इतना प्यार करो कि हर पल आज रात को याद कर ये 4 दिन काट सकूँ.’

‘मैं कॉन सा तुम दोनो के बिना जी सकता हूँ…..जान मेरी …..तुम्हारी ये सुगंध ….तुम्हारा ये रूप जो आ मेरे वजूद में समा चुका है ..ये 4 दिन काटने में मेरी मदद करेगा…और फोन पे तो बात करते ही रहेंगे……’

‘लव मी डार्लिंग’ सुमन ने फिर अपने होंठ सुनील के हवाले कर दिए

चुंबन में अब तेज़ी आ गयी थी…दोनो ही एक दूसरे के होंठ को चूसने लग गये …….सुनील के हाथ सुमन की लाइनाये के बंधन खोलने लग गये और कुछ ही देर में सुमन सिर्फ़ पैंटी में रह गयी. उसके उन्नत उरोज़ सुनील की छाती में गढ़ने लगे 

सुमन ने सुनील की शर्ट उतार दी और उसकी गोद में उस से चिपक गयी सुनील उसके गले और कंधे पे हल्के हल्के चुंबन बरसाने लगा.

धीरे धीरे सरक्ति हुई रात जैसे इन्हें इशारा कर रही थी...जल्दी की कोई बात नही मैं बहुत धीरे धीरे सरकुन्गी

‘ओह्ह्ह्ह माइ लव सुनिल्ल्ल्ल्ल लव मी डियर….लव मी’

सुनील सुमन के चेहरे उसकी गर्देन और उसके कंधों पे हल्के हल्के बोसे बरसाने शुरू हो गया .

अहह मेररीईईईई जाअंन्नगणणन् 

सुमन धीरे धीरे सिसक रही थी…….सुनील ने उसे बिस्तर पे लिटा दिया और अपने बाकी कपड़े उतार डाले……..सुमन ने खुद अपनी पैंटी उतार फेंकी……..

सुमन का नग्न मदमाता जिस्म सुनील को तड़पाने लगा.

सुमन एक दम बिस्तर पे पलट गयी और अपनी नशीली निगाहों से सुनील को देखती हुई अपनी गान्ड इस तरहा उपर उठाई कि उसकी चूत और गान्ड दोनो का ही दीदार सुनील को होने लगा

सुमन पूरा इरादा कर चुकी थी इस रात को इतना रंगीन बनाने का कि सुनील इस रात को अगले 4 दिन तक ना भूल पाए और हर पल इस रात को याद करे और इंतेज़ार करे सुमन की वापसी का

'उफफफ्फ़ तुम्हारी ये अदा'
'आगे आगे देखो मेरी जान ...काश इस रात की कभी सुबह ना हो'

सुनील सुमन के उपर छा गया और उसकी पीठ को चूमने लगा

'उम्म्म आइ लव युवर किस्सस'

सुनल के हाथ सुमन की कमर को सहलाते हुए आगे बड़े और उसके दोनो उरोज़ अपने हाथों में थाम उसकी गर्दन को चूमने लगा.

अहह उम्म्म्ममम

सिसकियाँ निकलने लगी सुमन की ......सुनील के हाथों का स्पर्श अपने उरोजो पे पा कर वो दहकने लगी .....जिस्म में तरंगों की बोछार होने लगी...आँखों में लाल डोरे बढ़ने लगे और जब भी अपने पैर हिलाती तो उसकी पायल की रुनझुन कमरे में फैल जाती.

तभी सुमन मछली की तरहा सुनील की बाँहों से फिसल कर बिस्तर से उतर के खड़ी हो गयी और मटकती हुई ड्रेसिंग टेबल तक गयी और वहाँ से उठा के मोतियों की माला अपने गले में डाल बिस्तर के दूसरे कोने में अपनी जांघे खोल घुटनो को मोड़ लेट गयी और सुनील की तरफ देखने लगी ...जैसे कह रही हो...आओ ना ..इतनी दूर क्यूँ हो.

उसके उरोजो की घाटी के बीच से होती हुई मोतियों की माला ने उसके रूप को अलग ही छटा प्रदान कर दी और सुनील हैरत से बस उसे देखता रहा..जैसे अंगार छू लिया तो कहीं मुरझा ना जाए.

'आओ ना ...'

सुनील मदहोशी में झूमता हुआ सुमन के तरफ बड़ा और उसमे इतना आवेग आ गया था कि फट उसने सुमन के होंठों पे धावा बोल दिया.

उम्म्म्म त्च त्चतच ......

सुमन सिसकी और चुंबन की आवाज़ें कमरे में फैलने लगी.......

मोतियों की माला जहाँ सुमन को और भी कामुक बना रही थी वहीं सुनील को उनसे अड़चन होने लगी....

सुनील ने माला उतार अलग कर दी और सुमन के निप्पल पे टूट पड़ा...इतनी ज़ोर से चूसने लगा जैसे आज ही दूध निकाल के मानेगा.

सुनील की उग्रता और उसके होंठों के करतब ने सुमन को हिला के रख दिया और जब सुनील उसके निपल को चूस्ते हुए उसकी चूत पे हाथ फेरने लगा तो सुमन से बर्दाश्त नही हुआ और ....उसकी चूत भरभरा के झड़ने लगी.

झाड़ते हुए सुमन इतनी ज़ोर से चीखने लगी कि सुनील को उसके होंठ बंद करने पड़े अपने होंठों से पर उसने सुमन की चूत में अपनी उंगलियों का करतब जारी रखा.
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