Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
01-12-2019, 02:15 PM,
RE: Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
उधर सबने घर पहुँच/चाइ/कॉफी पी और पढ़ने बैठ गये…..रूबी और कविता अपने कमरे में और सुनील अपने कमरे में चला गया पढ़ने……उसी कमरे में सोनल भी बैठ के पढ़ रही थी…दोनो में कोई चुहलबाजी नही हुई…बस सारा ध्यान पढ़ने में ही लगा रहा.

रात को खाने के बाद सभी अपने कमरे में चले गये…..रूबी और कविता ने फिर पढ़ना शुरू कर दिया था……सुनील अपनी एक किताब ले कर सूमी के कमरे में चला गया था और रमण अपने बिस्तर पे लेटा आँसू बहा रहा था…..और अपनी ग़लतियों पे पछता रहा था…….उसका वो वीडियो जो मिनी के क़ब्ज़े में था…अगर वो रिलीस हो जाए तो उसकी एमबीबीएस की डिग्री तक कॅन्सल हो जाए…कैसे निकले उसके चुंगल से….हर वक़्त वो बस यही सोचता रहता था…इतनी हिम्मत नही थी कि सुनील से सच बोल कर कुछ मदद ले….बस अपने ठीक होने का इंतेज़ार कर रहा था और मिनी को कभी ये पता नही चलने देता था….कि कितनी नफ़रत करता था वो मिनी से…..

आज रात खाने के बाद सोनल अपने कमरे में ही चली गयी थी…क्यूंकी अब उसका एमडी का एंट्रेन्स एग्ज़ॅम सर पेट था…एक साल पहले बर्बाद हो चुका था…अब वो हर हालत में अड्मिशन चाहती थी. 

सुनील भी सुमन के कमरे में चला गया था और वहीं पढ़ रहा था…रूबी और कविता डिस्टर्ब ना हों इस लिए सवी हॉल में बैठी वक़्त काट रही थी टीवी देख कर…

तभी सूमी भी उसके पास आ कर बैठ गयी.

सूमी : सवी तुझ से बहुत ज़रूरी बात करनी है.

सवी : हां दी बोलो…

सूमी : देख तेरी बड़ी बहन हूँ…मेरी बात का बुरा मत मानना

सवी …मैं समझी नही क्या कहना चाहती हो…

सूमी : देख अभी तेरी उम्र कोई ज़यादा नही हुई है…कब तक अपने जिस्म की ज़रूरत को दबाती रहेगी….कहीं ये ना हो जाए कि डिप्रेशन में चली जाए …या फिर दुबारा तू सुनील..के पीछे…

सवी……दूसरी शादी तो भूल जाओ दीदी…कल रूबी की शादी करनी है और अब कविता की भी ज़िम्मेदारी है ….अगर मैने दूसरी शादी कर ली तो इनके लिए अच्छे लड़के नही मिलेंगे और सुनील….उसे तो तुमने महात्मा बना दिया है….चाह कर भी उसकी तरफ नही देख सकती……बहुत सी औरतें ऐसी होती हैं जिनकी किस्मेत में जलना ही लिखा होता है….सब तुम्हारी तरहा अपनी किस्मेत लिखवा के नही लाती…..छोड़ो तुमसे तो बात करना ही बेकार है…..


सूमी ….तू ग़लत सोच रही है…तेरी शादी से रूबी और कविता दोनो की शादी पे कोई असर नही पड़ेगा…मैं इस बात की ज़िम्मेदारी लेती हूँ….देख बात सिर्फ़ सेक्स की नही होती…औरत को एक मानसिक सहारा भी चाहिए होता है…एक साथ चाहिए होता है ….अकेले जीना बहुत मुश्किल हो जाता है. 

सवी …मेरी शादी का जिक्र सुनील ने ही उठाया होगा….ये बोल के वो मुस्कुरा उठी.

सूमी …हां ..क्यूँ?

सवी….तू ये नही देख रही कि बार बार वो मेरी शादी की बात उठा देता है ….क्यूँ? टूट रहा है वो अंदर से…..आख़िर है तो समर का ही खून..कभी तो ज़ोर मारेगा….मर्द की फ़ितरत ही ऐसी होती है…वो कितना भी अच्छा क्यूँ ना हो…दूसरी औरत की लालसा हमेशा बनी रहती है…वो मुझे इसलिए दूर करना चाहता है…कि कभी वो मुझे अपनी बाँहों में ना भर ले……वो तुम दोनो से बहुत प्यार करता है..इसलिए उसने खुद को रोक के रखा हुआ है …एक बार उसे छूट दे कर देख…..उसी दिन मुझे अपने नीचे लिटा लेगा. क्या सागर में ये कमज़ोरी नही थी. जिसने पाला वो भी कमजोर था और जिसका खून है उसके अंदर…उसके लिए औरत सिर्फ़ बिस्तर का खिलोना थी.

सूमी ……तेरा दिमाग़ खराब है सवी…वो तेरी चिंता करता है….इसलिए उसने ये बात उठाई..वरना उसे क्या फरक पड़ता है…रमण ठीक हो जाए तो चली जाना उसके साथ…सुनील नही रोकेगा….हां रूबी को वो नही जाने देगा…रूबी की ज़िम्मेदारी हमारी ही रहेगी…कविता के बारे में अभी कुछ सोचा नही….

सवी …खैर ये तो वक़्त बताएगा…तू एक काम कर उसे छूट देदे …फिर देख मैं ग़लत निकलती हूँ या तू….है इतनी हिम्मत तुझ में…है इतना भरोसा उसपे…..

सूमी ….ठीक है मैं उसे पूरी छूट दे दूँगी …..लेकिन अगर तू ग़लत निकली तो तू शादी के लिए तयार हो जाएगी…

सवी …ठीक है…अगर मैं ग़लत निकली …तो जो तू कहेगी वही करूँगी…और अगर तू ग़लत निकली…तो तू सुनील को मेरे साथ बाँट लेगी….बोल मंजूर है…..

सूमी ….मंजूर है…10 दिन दिए तुझे इन दस दिन मैं अगर सुनील ने तेरे साथ संबंध बना लिए तो जो तू कहेगी वही होगा वरना जो मैं कहूँगी या सुनील कहेगा वही होगा.

सूमी उठ के बाहर चली गयी सीधा अपने सुनील के पास उसे पढ़ते हुए देखा तो चुप चाप बाहर निकल आई और किचन में चली गयी कॉफी बनाने ….सुनील/सोनल/रूबी/कविता के लिए …इस वक़्त चारों ही पढ़ रहे थे.

‘कॉफी बनाते हुए सूमी सोच ने लगी…कितनी बड़ी ग़लतफहमी है सवी को सुनील के बारे में…वो पहले ही ये जानता है कि सवी के दिल में उसके लिए इच्छा दब गयी होगी ..पर जड़ से ख़तम नही होगी….अपनी जिंदगी से इन दुश्वरियों को ही तो दूर करना चाहता है…ताकि सकुन से जी सके…बेवकूफ़ अभी तक सुनील को समझी ही नही….अगर समर के खून का ज़रा भी असर उसके अंदर होता तो वो हम दोनो से शादी नही करता बस भोगने लग जाता हमे…सोनल तो कब से उसकी दीवानी थी….वो ही पीछे हटता रहा…यहाँ तक कि मेरे मजबूर करने पे तयार हुआ…..मुझे उसपे गर्व है सवी…और ये बात तू कभी समझ ही नही पाएगी….समर के साथ तेरा दिमाग़ पूरी तरहा भ्रष्ट हो चक्का है…..अब तयार होज़ा शादी करने के लिए….’ मुस्कुरा उठी सूमी और कॉफी ले कर पहले रूबी और कविता को दी फिर सोनल को और आख़िर में सुनील के पास गयी…. उसे कॉफी दे कर वापार सोनल के पास चली गयी....

सोनल...क्या बात है दीदी कुछ कहना है क्या?

सूमी ....एक ठंडी साँस भरते हुए ....हां..कितना भरोसा है तुझे इन्पे....

सोनल...मतलब ...आप सुनील की बात कर रहे हो!!!!!!

सूमी ....हां 

सोनल...आज ये सवाल क्यूँ....असल बात बताओ...

तब सूमी...सवी से लगी शर्त के बारे में बताती है.

सोनल हँसने लग गयी

सूमी ....तू हँस रही है.....

सोनल मुश्किल से अपनी हँसी रोकती है......हँसू नही तो क्या करूँ....आपको ये स्वाल पूछने की ज़रूरत ही क्यूँ पड़ी....आप नही जानती क्या उनको और सवी नंगी भी आ के खड़ी हो जाएगी उनके सामने तब भी उसे कुछ नही मिलेगा उनसे सिवाए एक थप्पड़ के.....

और सोनल फिर हँसने लग गयी .....

सूमी ...अरे बस कर ...हँसे ही जा रही है....

सोनल...याद है ना क्या कहा था उन्होने......सवी को शादी के लिए मनाने के लिए ....वो जानते हैं सवी क्या चीज़ है ......और सवी शर्त लगा बैठी.....मज़ा आएगा इस खेल में. अरे दीदी यूँ मुँह ना बनाओ....ये तो बड़ी मस्ती वाले दिन आनेवाले हैं....और सोनल फिर हँसने लगी..इस बार सूमी ने भी उसका साथ दिया.

सूमी ….तुझे बुरा नही लगा मैने बिना तुझ से पूछे ये शर्त लगा ली …

सोनल…क्यूँ मुझे क्यूँ बुरा लगेगा…मुझे तो मज़ा आ रहा है….सोच सोच के दिल बल्लियों उछलने लगा है …जब सवी मेनका का रूप धारण करने की कोशिश करेगी….हमारे राजा को पटाने के लिए …..वाह ये दस दिन …बहुत मज़े के होंगे…और सच कहूँ तो सुनील वाक़ये में औरत के दिल को पढ़ना जानते हैं…इसकी वजह भी आपको पता होनी चाहिए …अगर आपने ध्यान दिया हो तो उनका इंटेरेस्ट ह्यूमन साइकॉलजी में ज़यादा है..इसीलिए वो इतने एमोशनल भी हैं..मिनी की बात को ले इतना एमोशनल हो गये रात भर पीते रहे और जाने क्या क्या सोच लिया होगा…ये हुआ तो ये होगा..वो हुआ तो ये होगा…सारी परम्युटेशन कॉंबिनेशन उसके दिमाग़ में घूम गयी होंगी….और पता है क्यूँ…ही लव्स अस टू मच…वो हर बात में पहले ये सोचते हैं..कि हमे किसी बात से कोई ख़तरा तो नही….आइ’म प्राउड ऑफ हिम…बस जब गुस्सा हो जाते हैं तो अच्छे नही लगते…उनके चेहरे पे हमेशा मुस्कान होनी चाहिए…मेरी तो हमेशा यही कोशिश रहती है…बस उनके चेहरे पे मुस्कान खिली रहे.
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RE: Sex Hindi Kahani वो शाम कुछ अजीब थी - by sexstories - 01-12-2019, 02:15 PM

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