Incest Kahani जीजा के कहने पर बहन को माँ बनाया
01-11-2019, 02:19 PM,
#27
RE: Incest Kahani जीजा के कहने पर बहन को माँ �...
माँ चुपचाप बैठ गई-“दीपू बेटा, तू यहाँ अपनी दीदी को किस कर रहा है और बाहर दरवाजा खुला है। अगर कोई अंदर आ जाता तो? मेरे बच्चों, मेरी खुशी तुम्हारी खुशी में ही है। मैंने कल रात सब कुछ देख लिया था और पूजा ने मुझे सब कुछ बता दिया था। मैं तुम दोनों के साथ हूँ…” 

मैंने दूसरा ग्लास बनाया जब सबने पहला ग्लास खाली कर दिया था। इस बार मैंने ग्लास में वोड्का की मात्रा बढ़ा दी ताकी सबको नशा जल्दी हो जाए।



मेरा प्लान आज रात को अपने परिवार की दोनों औरतों को एक साथ इकट्ठे चोदने का था। पूजा दीदी के साथ मैं रात बिता चुका था, जिसका माँ को पता था। अब माँ को छोड़ देना बेवकूफ़ी होगी। क्योंकि कल को पूजा अपने घर चली जाएगी तो फिर मेरे लण्ड की आग शांत करने के लिये मम्मी तो होगी ना… इसलिए मैं आज मम्मी को चोदकर अपनी बना लेना चाहता था। 

आख़िर माँ की भी कुछ ज़रूरतें थी। मेरी माँ की भी लण्ड की भूख मुझे ही मिटानी होगी। अपनी माँ के गदराए जिश्म को देखकर मैं पागल हो रहा था। मैं दीदी को ग्लास पकड़ाकर माँ के साथ सटकर बैठ गया। माँ ने घूँट भरा तो शराब उसके होंठों से नीचे बह गई और उसकी गर्दन तक शराब के कारण उसका जिश्म भीग गया। मैंने जीभ से शराब चाटना शुरू कर दिया। 

माँ ने अपने आपको छुड़ाने का प्रयास किया लेकिन मैंने उसको जकड रखा था। कुछ हिस्सा माँ की चूची तक चला गया, जिसको मैं चूम-चूमकर चाटने लगा। 

दीदी चुपचाप देख रही थी जब मेरे हाथ माँ की चूची पर कस चुके थे। 

माँ की साँस ऐसे चल रही थी जैसे कोई जानवर चुदते वक्त साँस लेता हो। मैं थोड़ी देर में मम्मी से अलग होता हुआ बोला-“मम्मी, आज से हम दोनों तेरी हर बात मानेंगे, लेकिन मेरी एक बात तुम दोनों को माननी होगी। तुम दोनों के साथ मेरा रिश्ता वैसा ही होगा, जैसा रिश्ता तुमने कल रात दीदी के साथ देखा था। आज से मेरा कब्ज़ा ना सिर्फ़ पूजा पर होगा बल्की मम्मी, तुझ पर भी होगा। मैं जानता हूँ मम्मी की तुझे भी जिश्म की भूख लगती है और दीदी के भी कुछ अरमान हैं। मैं घर का मर्द हूँ। आप दोनों का मेरे जिश्म पर पूरा हक है और मेरा तुम दोनों पर। यानी पति एक पत्नियाँ दो। दीपू पहले बना था बहनचोद और आज बनेगा मादरचोद। बोलो मंजूर है आपको?” कहते हुए मैंने मम्मी का हाथ पकड़कर अपने लण्ड पर रख दिया। 

इस बार मम्मी ने अपना हाथ नहीं खींचा। 

मैं-“पूजा, क्या तुम मुझे मम्मी के साथ बाँट सकती हो?” मैंने पुजा से पूछा। 

तो पूजा अपनी सीट से उठी और मम्मी के होंठों पर होंठ रखकर किस करने लगी। अब मुझे किसी जवाब की ज़रूरत नहीं थी। 

मम्मी मेरे लण्ड से खेलने लगी और अपनी बेटी को किस करने लगी। 

मैंने मम्मी की जांघों पर हाथ फेरना शुरू कर दिया और दीदी की साड़ी खोल डाली। 

मम्मी-“दीपू बेटा, तू और पूजा तो ठीक हो, मुझे इस काम में मत घसीटो। मैं अब जवान नहीं हूँ। मैं अब तुम्हें पूजा का पति ही मानूंगी, ये मेरा वादा रहा। मुझे तुम जैसा जमाई और पूजा बेटी जैसी बहू कहाँ मिलेगी? और मैं तुम दोनों का प्यार अपनी आँखों के सामने देख सकूँगी…” 


मम्मी की बात सुनते ही दीदी बोली-“मम्मी, तुम्हें तो दीपू जैसा दामाद और पूजा जैसी बहू मिल जाएगी। क्या मुझे दीपू जैसा जवान पापा नहीं चाहिए, जो मेरी प्यारी और सेक्सी सुंदर मम्मी को खुश रख सके? और आप जैसे हाट भाभी जो मेरे प्यारे भैया को मेरे जाने के बाद अपनी जवानी से भरपूर मज़ा दे सके?” 

मैं दीदी की बात सुनकर खुश हो गया। बिना मम्मी के मेरी गृहस्ती पूरी होने वाली नहीं थी। आज रात को मेरी मम्मी मेरे लिए मेरी प्यारी मंजू बन जाएगी। बिल्कुल मेरी बहन जैसी एक चोदने वाली औरत, मेरी एक और पत्नी। मैंने अपनी जिप खोल दी और मम्मी का हाथ अपने गरम लण्ड पर रख दिया, कहा-“मंजू, अपने बेटे का लण्ड पकड़कर देखो की तुम्हारे पहले पति से बड़ा है या नहीं? मेरी प्यारी मंजू, चाहे ये लण्ड तेरी चूत से निकला हो, आज तेरी चूत को चोदकर तुझे औरत का सुख देगा, तुझे मेरे बाप की कमी महसूस नहीं होने देगा…” 

मम्मी ने मेरा लण्ड सहलाया तो वो और भी कड़ा हो गया। पूजा दीदी ने अपना हाथ मम्मी की कमीज़ में डालकर उसकी चूची को सहलाना शुरू कर दिया। मेरी मम्मी मंजू का जिश्म अब वासना से गुलाबी होने लग चुका था। 

पूजा दीदी भी बहुत सेक्सी अंदा से मम्मी को किस कर रही थी-“मम्मी, दीपू तुझे भी उसी तरह प्यार करेगा, जिस तरह मुझे कर चुका है। बहुत प्यारा है मेरा भाई, तेरा बेटा, हमारा ख्याल रखेगा, हमारा मर्द दीपू। हम दोनों इसकी बनकर रहेंगी, और ये हमारा… ना मेरा, ना तेरा… माँ और बेटी का एक मर्द, एक यार, एक लण्ड, जो मेरा भी है और तेरा भी… हम इसकी दो बीवियाँ, इसकी दो रखैल, इसकी दोनों रंडियाँ…” 

मम्मी का चेहरा और गुलाबी हो गया। शायद शर्म और वासना का मिला- जुला असर था, कहा-“हाँ बेटी, जिसको जमाई बनाया था, वो तो धोखा दे गया। अब अपने खून पर ही भरोसा है मुझे…” 

तभी मैं मम्मी के गाल को पिंच करके बोला-“मेरी छम्मकछल्लो ये क्यों नहीं बोलती की जिसे अपनी चूत का मालिक बनाया था, वो भी धोखा दे गया…” 

मम्मी-“दीपू मेरा बेटा भी है और दामाद भी, और पति भी। है भगवान मेरे प्यारे हरे-भरे परिवार को किसी की नज़र ना लगे। हाँ दीपू, मेरे बेटे, तेरा लण्ड तेरे बाप से भी बड़ा है और मोटा भी। मुझे यकीन है कि तुम इससे हम माँ बेटी दोनों को संतुष्ट रखोगे। तेरे लण्ड का स्पर्श मेरे अंदर एक ज्वाला भड़का रहा है। मेरे अंदर की औरत को जगा रहा है। मुझे कोई आपत्ती नहीं अगर पूजा मुझसे भी तेरा प्यार बाँटने के लिए राज़ी है। मेरे बेटा जैसा मस्त जवान हमारे लिए बहुत है। जो मन में आए कर ले तू बेटा…” 

मैं उठ खड़ा हुआ और मम्मी की कमीज़ उतारने लगा। मैंने मम्मी के बालों का जूड़ा भी खोल दिया। पूजा दीदी ने अपना ब्लाउज़ और पेटीकोट उतार दिया। पूजा दीदी का गोरा जिश्म प्यार और शराब के नशे से बहुत गुलाबी हो रहा था। 

मैं-“मम्मी, पूजा दीदी को चोद चुका हूँ मैं। तुझे चोदकर आज की रात यादगार बनाना चाहता हूँ। मम्मी अगर मैं आपको मंजू कहूँ तो कोई एतराज तो नहीं होगा?” 

मम्मी-“अरे बेटा, ऐतराज कैसा? अब मैं तेरी मम्मी ही नहीं, तेरी रांड़ भी हूँ। तू अब चाहे जिस नाम से चाहे मुझे बुला सकता है…” 


मैं-“मुझे यकीन है की पूजा दीदी को भी जलन नहीं होगी, अगर मैं आप दोनों को चोदूं?” 

पूजा ने अपनी पैंटी उतारते हुए कहा-“दीपू, मेरे भाई, माँ बेटी में कैसी जलन? घर का माल घर में ही तो रहेगा। और वैसे भी मम्मी की मर्ज़ी से ही हमारा मिलन संभव होगा। तेरा जितना हक अपनी बहन पर है, उतना ही अपनी माँ मंजू पर होगा। मैं तुम दोनों को चुदाई करते देखकर माँ से कुछ सीख लूँगी। क्यों माँ?” 

मम्मी-“ठीक है बेटी। मुझे भी आज 20 साल के बाद लण्ड नसीब हो रहा है और वो भी अपने बेटे का। सच बेटा, तेरा लण्ड बिल्कुल तेरे बाप जैसा है, बस मोटा थोड़ा अधिक है। आज अपनी माँ को वो सुख दे दो जो तेरा बाप देता था। पूजा बेटी, चुदाई का सबसे पहला कदम है मर्द का लण्ड सहलाना, मुठयाना, इसे प्यार करना, इसको चूमना, चाटना। जैसा मैं करती हूँ तू भी वैसे ही करना। जितना मज़ा लण्ड से खेलने पर दीपू को आएगा, उतना ही तुझे और मुझे भी आएगा…” कहकर माँ ने मेरा लण्ड अपने गरम हाथों में ले लिया और ऊपर-नीचे करने लगी। 

मम्मी ने मेरे सुपाड़े पर ज़ुबान फेरी तो पूजा दीदी के मुँह से आऽऽ निकल गई। पूजा अब मम्मी की हर हरकत गौर से देखने लगी। मेरा लण्ड बेकाबू हो रहा था। पूजा दीदी ने मम्मी की नकल करते हुए मेरे लण्ड पर ज़ुबान फेरनी शुरू कर दी। 
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