RE: Incest Kahani जीजा के कहने पर बहन को माँ �...
मैं समझ गया कि दीदी झड़ने वाली थी इसलिए टाइम बढ़ाने के लिए वो मेरे लण्ड को अपनी गाण्ड में डालने की कोशिश कर रही थी, लेकिन मेरा लण्ड ज्यादा मोटा होने के कारण बहुत मुश्किल हो रही थी, बिना कोई लोशन लगाये दीदी की टाइट गाण्ड में मेरा लण्ड घुसना मुश्किल था। फिर अगले पल ही दीदी फिर ऊपर उठी और एक हाथ से मेरे लण्ड को पकड़कर अपनी चूत पे आगे पीछे घिसने लगी, ताकी मेरा सूखा हुआ लण्ड फिर से उसकी चूत के पानी से चिकना हो जाये। कुछ देर दीदी ऐसे ही करती रही, फिर मेरे लण्ड को अपनी चूत में डालते हुए ऊपर-नीचे होकर चुदवाने लगी।
जीजू ने फिर से हम सबके लिये पेग बनाकर रख दिए थे और वो अपना पेग धीरे-धीरे खतम कर रहे थे और हमारी तरफ देखकर उनका फिर मूड बन चुका था। उनका लण्ड भी अब खड़ा था, वो बैठे बैठे हमारी तरफ देखकर अपने लण्ड को हिला रहे थे।
मेरी रंडी बहन जो मुझसे बात नहीं करना चाहती थी, आज मेरे लण्ड की दीवानी हो चुकी थी, इसीलिए तो अपनी गाण्ड और चूत दोनों में चुदवाना चाहती थी। दीदी का मांसल जिश्म देखकर मेरा लण्ड लोहे की रोड जैसा होता जा रहा था। जब मेरे दिमाग़ में यह आया कि मेरी यही कुतिया बहन मेरे बच्चे की माँ बनेगी तो मैं आउट आज कंट्रोल हो गया और मैं चाह रहा था कि अब मैं झड़ जाऊँ, इसलिये मैंने दीदी को नीचे से अपनी कमर उठाकर जोर-जोर से चोदना शुरू कर दिया।
दीदी भी बहुत तेजी से ऊपर-नीचे होकर चुदवा रही थी। फिर दीदी ऊपर-नीचे होती मेरे ऊपर झुकी और मेरे होंठों पे अपने गुलाबी होंठ रखकर अपना मुँह लाक कर दिया। फिर उसकी जीभ मेरे मुँह में घूमने लगी। मैंने दीदी की जीभ कुछ देर अपने दांतों में दबाकर रखी फिर उसे चूसने लगा, फिर हम दोनों की जीबे आपस में खेलने लगीं, फिर दीदी ने मेरी जीभ को अपने मुँह में खींच लिया और चूसने लगी। हम दोनों बहन भाई पूरी मस्ती में लग रहे थे।
तभी दीदी-“ऊवप्प्प्प्प्प्प…” की आवाज़ के साथ झटके से ऊपर उठने लगी।
तो जीजू ने पीछे से उनके कंधे पे हाथ रखकर फिर नीचे दबा दिया। मेरे मुँह पे झुकी होने के कारण दीदी की गाण्ड का छेद पीछे से शायद सॉफ-सॉफ नज़र आ रहा था और उसी को देखते हुये जीजू ने अपने लण्ड पे थोड़ी क्रीम लगाकर दीदी की गाण्ड में घुसेड़ दिया था।
अब दीदी फिर से मेरे मुँह में मुँह डालकर मेरी जीभ को अपने मुँह के अंदर खींचकर उसे चूसने लगी थी, मैं नीचे पड़ा दीदी को पंप कर रहा था और जीजू पीछे से दीदी की गाण्ड में लगे थे। दीदी हम दोनों के बीच में थी, सैंडपवच स्टाइल में हम दीदी की गाण्ड और चूत दोनों को फाड़ रहे थे। हम दोनों ने अपनी स्पीड बहुत तेज कर दी थी, मुझे लगा कि मैं अभी झड़ जाउन्गा। लेकिन तभी मेरी जीभ चूसते-चूसते दीदी ने अपने दाँत भींच लिये और दोनों हाथों से मेरे सिर को भी जोर से अपने मुँह पे दबोच लिया, फिर कुछ झटके खाने के बाद दीदी शांत हो गई।
मेरी जीभ दीदी के दांतों में दबने के कारण दर्द करने लगी थी और कट भी गई थी, इसलिये मैंने चुदाई करनी रोक दी। लेकिन जीजू अभी भी जोर-जोर से दीदी की गाण्ड में पंपिंग कर रहे थे। कुछ ही देर में जीजू को भी झटके लगे और वो भी शांत हो गई। हम तीनों रिलेक्स लेटे रहे, लेकिन मेरे लण्ड के पीछे अभी भी बहुत जलन हो रही थी, मैं लण्ड का पानी निकालने के लिये तरस रहा था। इस बार तो मैं झड़ते-झड़ते रह गया, पपछले डेढ़ घंटे में दीदी और जीजू 2-2 बार झड़ चुके थे, लेकिन मैं एक बार झड़ने के लिये भी तरस रहा था। हम तीनों कुछ देर बेड पे रिलेक्स लेटे रहे, फिर उठकर बैठ गये और ड्रिंक करते हुये बातें करने लगे।
जीजू-“पूजा, आज मेरा एक और शौक पूरा हो गया। दीपू जब भी मैं ब्लू-फिल्म देखता था तो मेरा भी दिल करता था कि मैं भी किसी का लण्ड अपने मुँह में लेकर चुसूं, मैंने पूजा को यह सब बताया है, लेकिन अब तुम यह मत समझ लेना कि मैं गे हूँ, अब ऐसा दिल किया, कुछ भी हो पूजा, इस सेशन में बहुत मज़ा आया ना… क्यों दीपक?”
दीदी मेरी तरफ देखते हुए स्माइललंग चेहरे के साथ बोली-“सच में स्वीट हार्ट, पहली बार इतना मज़ा आया है…” दीदी बहुत खुश नज़र आ रही थी। वो बार-बार मेरे जिश्म से छेड़-छाड़ कर रही थी, कभी मेरे गाल पे लगा कुछ पोंछने लगती, तो कभी मेरे बालों में उंगलियां डालकर उन्हें ठीक करने लगती, तो कभी मुझे कुछ खाने को कहती और कभी कुछ पीने को कहती। फिर मेरे लण्ड को किस करके जीजू की तरफ देखती हुई बोली-“जानू, तुम भी कुछ ऐसा करो ना कि तुम्हारा भी स्टेमिना दीपू जैसा हो जाये, देखो हम 2-2 बार झड़ चुके हैं और दीपू पहली बार भी कितनी मुश्किल से झड़ा है…”
फिर जीजू बोले-“दीपक, यार तुम्हारा लण्ड तो डिस्चार्ज होने के बाद भी वैसा है खड़ा है…”
मैंने दीदी और जीजू की तरफ देखा फिर बोला-“जीजू, मैं अभी डिस्चार्ज कहाँ हुआ हूँ?”
दीदी और जीजू हैरानी से एक दूसरे की तरफ देखने लगे। फिर दीदी बोली-“माई गोऽऽड, मुझे पहले ही शक था, क्योंकि मुझे ऐसा कुछ महसूस नहीं हुआ कि मेरे अंदर कुछ गिरा है, फिर मैंने सोचा क्या पता…” दीदी की आँखें फटी-फटी थीं।
जीजू मज़ाक में बोले-“मेरे बाप, हमें जल्दी बच्चा चाहिये। जल्दी से यह बता कि तू कैसे छूटेगा? दो घंटे में एक बार भी नहीं छूटा…”
फिर दीदी की तरफ देखते हुये बोले-“चलो मेरी तो बात छोड़ो, मैं तो जल्दी झड़ जाता हूँ, लेकिन ये रांड़ तुम्हारी दीदी भी तो 2-2 बार झड़ गई है…”
मैंने स्माइल दी और बोला-“जीजू, आपने मुझे व्हिस्की पिला-पिलाकर ओवर ड्रंक कर दिया है, शायद इसीलिये नहीं हो रहा है…”
फिर जीजू बोले-“चल, यह बता कि तुम्हारा फ़ेवरेट स्टाइल कौन सा है?”
मैंने कहा-“डोगी स्टाइल…”
जीजू-“इसीलिये नहीं हुआ, तुमने अपने फ़ेवरेट स्टाइल में तो पूजा को चोदा नहीं, फिर होता कैसे? मेरा भी डोगी फ़ेवरेट है, लेकिन मैं तो डोगी में शुरू करते ही झड़ जाता हूँ, व्हिस्की थोड़ा रोक लाती है बस…”
फिर चेयर पे बैठे-बैठे दीदी को बोले-“उठो मेरी जान, मुख्य काम तो अभी बाकी है। अभी डोगी स्टाइल में अपने भाई को भी झड़वा दो…”
दीदी चेयर पे बैठे जीजू की जांघों पे अपने हाथ रखकर मेरे सामने डागी स्टाइल में झुक गई, यानी मेरे सामने घोड़ी बन गई, मेरी सबसे बड़ी कमज़ोरी है, कि कोई सेक्सी फिगर वाली लड़की डोगी स्टाइल में मेरे सामने झुकी होती है तो उसकी सुराही जैसी कमर और गाण्ड और गोल मटोल चूतड़ देखकर मैं आउट आज कंट्रोल हो जाता हूँ। दीदी अभी भी उसी स्टाइल में मेरे सामने झुकी हुई थी, तो मेरा लण्ड किसी खंबे की तरह लहराने लगा लेकिन मैंने पहले दीदी की चूत को चाटना सही समझा।
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