RE: Incest Kahani जीजा के कहने पर बहन को माँ �...
दीदी की शर्ट के ऊपर वाले 2 बटन अभी भी खुले थे | उनमें से नज़र आ रही गोरी चूचियां मेरी हवस को और हवा दे रही थीं | मेरा ध्यान दीदी के बूब्स पर ही था और मैं ऐसे ही पॉकेट में हाथ डाले लंड को मसलता हुआ दीदी के साथ चल रहा था | फिर कुछ देर बाद मैंने कहा “दीदी अब तो शर्ट के बटन तो बंद कर लो” |
दीदी “तू अपना काम कर ओके, मुझे पता है क्या करना है” | वो मुझ पे भड़क रही थी तो सामने से टीचर आ गया | दीदी के बाहर झाँक रही चुचियों पे उनकी सीधी नज़र गई और वो अपने होंठों को गोल होने से रोक ना सके | मुंह से एक आवाज़ निकली जैसे बहुत तेज मिर्ची खाने के बाद हमारे मुंह से निकलती है “इइसस्स्स्स्सस्स” | दीदी स्माइल के साथ उन्हें “गुड मॉर्निग सर” कह के आगे बढ़ गई | साली मेरी ही किस्मत खराब थी बाकी सब को पूजा दीदी का साथ मिल रहा था बस मैं ही तरस रहा था |
कुछ दिन बाद मैं अपने दोस्तो के साथ फ्री पीरियड में ग्राउंड में जाके बेठ गया | मैंने दूसरी ग्राउंड में नज़र मारी तो वहाँ पहले ही कुछ लोग बैठे थे और कुछ खेल रहे थे | ग्राउंड में एक साइड पे 1 चेयर रखी थी | उस पे टीचर बैठे थे | उनके आस पास कुछ ओर स्टूडेंट्स भी बैठे थे | मैं और मेरे दोस्त उस तरफ चल दिए | उनमें मेरा दोस्त मोहित भी साथ था | हम सब टीचर के पीछे जा के खड़े हो गये | सामने दीदी एक लड़की के साथ बैडमिंटन खेल रही थी | दीदी जैसे जैसे उछल कूद कर रही थी | उसके बूब्स भी वैसे ही अप डाउन हो रहे थे और कभी कभी जब दीदी जंप लगा के हिट करती तो स्कर्ट के नीचे से गोरी लंबी टांगों के ऊपर ब्लैक कलर की पेंटी भी नज़र आ जाती थी | मेरे ख्याल से सब लोग दोनो लड़कियों के सेक्सी जिस्म की उछल कूद का मज़ा ले रहे थे | ना कि गेम का | मेरे दोस्त ओर मैं हम सब भी यह सब देखने लगे |
फिर मोहित बोला “दीपक उसके मुम्मे देख, केसे उछाल रहे हैं”
मैंने कहा, “साले पूजा दीदी है” |
मोहित, “सॉरी यार,एक बात बोलूं , गुस्सा तो नही करेगा”
मैंने कहा, “बोल” | मुझे पता था कि वो क्या बोलने वाला है लेकिन मुझे उसके मुंह से सुनके और भी मज़ा लेना था |
मोहित “यार देख गुस्सा मत होना, लेकिन जो बात सच है वो सच है” |
मैंने कहा “कुछ बोलेगा या नहीं” |
मोहित “देख तुझे खराब लगेगा, लेकिन यार पूजा दीदी बहुत सेक्सी है, कितने लड़के उसके पीछे लगे हैं , तू क्या सोचता है कि यह सब लोग बैडमिंटन की गेम देखने के लिए बैठे हैं , सब पूजा दीदी की टांगें और मुम्मे देखने बैठे हैं, यार जब पूजा दीदी उछल उछल कर शॉट लगाती है तो देख पूजा दीदी के मोटे मोटे मुम्मे कैसे उछल रहे हैं और पूरे स्कूल के लड़कों ने पूजा दीदी का नाम सेक्सी बिच रखा हुआ है” |
यह सब मुझे तो पहले ही पता था | लेकिन उसके मुंह से सुनने में और मज़ा आ रहा था लेकिन एक्टिंग करनी भी ज़रूरी थी क्योंकि आख़िर वो सेक्सी बिच मेरी बड़ी बहन थी | फिर मैंने मोहित को कहा “साले तू ऐसे कैसे बोल रहा वो मेरी बड़ी बहन है” |
मोहित “हाँ यार इसलिए तो तुझे बता रहा हूँ , एक बात और भी है , लेकिन छोड़ , तू सच में गुसा हो जाएगा” |
मैंने कहा “साले इतना कुछ तो पहले ही बोल चुका है, अगर फिर भी कुछ बाकी है तो बोल ले ”
मोहित “देख पूजा तेरी बहन है, मुझे पता है , मेरी भी बहन जैसी ही है , लेकिन वो सच में इतनी सेक्सी है कि मुझे रोज़ उसके नाम पे 1-2 बार मुट्ठ मारनी पडती है” |
मैं “साले क्या बकवास कर रहा तू” |
मोहित “चल छोड़ , कोई और बात कर , मुझे पता था तू गुस्सा करेगा” | कुछ टाइम के बाद हमारे बाकी दोस्त मोहित को बोले “मोहित हम टाय्लेट जा रहे हैं, तुझे भी आना है या अभी और मैच देख के आएगा” यह कह के वो हंसने लगे |
मोहित ने स्माइल करते ना जाने के लिए सर हिला दिया और उनके जाने के बाद मोहित फिर मुझे बोला, “दीपक तुझे पता है यह सब टाय्लेट क्यों गए, सब मुट्ठ मारने गए हैं, सब टाय्लेट में जाकर पूजा दीदी को याद करके मुट्ठ मरेंगे” |
मैं चुप रहा लेकिन मुझे मोहित की हालत भी समझ आ रही थी और खुद की भी | मैं तो पूजा दीदी का सगा भाई होने के बावज़ूद कंट्रोल नहीं कर रहा था | बाकी सब की तो बात ही अलग थी | दीदी को सेक्सी दिखने का बहुत शौक था | उसे शॉर्ट स्कर्ट पहनने का बड़ा शौंक था | उसकी फिगर और लिप्स हॉलीवुड हीरोइन एंजला जोली के जैसे थे | वो अपने आप को कैटरीना कैफ़ के साथ कंपेयर करती थी | उसका 5.7” लंबा गोरा जिस्म, कैटरीना से कम भी नहीं था | जब वो पंजाबी सूट के साथ पटियाला सलवार पहनती तो सभी पीछे मुड़ मुड़ के देखते थे और जब जीन्स और टॉप पहनती तो उसका एक एक अंग तीर की तरह चूभता था | जब कभी वो शॉर्ट स्कर्ट पहनती तो मैं शॉर्ट स्कर्ट में उसके झुक के कोई चीज़ उठाने का इंतज़ार करता रहता | जिस से दीदी की पेंटी नज़र आ सके | 1-2 बार मैंने देखा कि जब उसने जीन्स के साथ कमर के ऊपर तक का स्माल टॉप पहना होता तो उसे देखके मेरी तो हालत खराब होती ही थी मगर मेरी नज़र भी उसकी तरफ बार बार जाती थी | लेकिन लाख कोशिश के बाद भी मुझसे कुछ नही हो पा रहा था | अपनी बहन को चोदने के लिए किसी की अड्वाइज़ भी तो नहीं ले सकता था | जब भी मैं दीदी के बूब्स को या उसके जिस्म के किसी भी हिस्से को सहला के सिड्यूस करने की कोशिश करता तो वो मुझे डांट देती, ”दीपू क्या कर रहा है, दिमाग़ सही है तेरा” | मैं डर जाता और काँपने लगता और कुछ भी ना कर पाता | अब कई बार मैं सोचता हूँ कि जितना एक्सपीरियेन्स लड़की को सिड्यूस करने और चोदने का मुझे अब है अगर तब होता तो बहुत आसानी से दीदी को उसी वक़्त चोद देता शायद जब मैं दीदी को सिड्यूस करने की कोशिश करता था तो उसपे भी असर होता था और वो इस लिए डांट देती थी कि कहीं वो आउट ऑफ कंट्रोल होके अपने छोटे भाई के साथ कुछ कर ना बैठे और मेरी बात बनते बनते बिगड़ जाती थी | अब मुझे लग रहा है कि उस वक़्त की मेरी सबसे बड़ी कमज़ोरी मेरी घबराहट और डर था और कुछ भी नहीं | एक बार मेरे एग्जाम चल रहे थे | मैं और दीदी दोनो एक रूम में सोते थे | बेड अलग अलग थे लेकिन रूम एक ही था | मैं पढ़ रहा था और दीदी सो रही थी | रात काफ़ी हो चुकी थी | पढ़ते पढ़ते मेरी नज़र दीदी के जिस्म की तरफ गई | उसका चेहरा मेरी तरफ था | उसने मेरी तरफ करवट ले रखी थी | उसकी चुचियां और पिंक लिप्स देखके पता नहीं कब मेरा मूड फिर बनना शुरू हो गया | मैं धीरे धीरे पागल हो रहा था | मैं दीदी की तरफ देखता रहा और अपने ट्राउज़र के अंदर हाथ डाल के अपने खड़े लंड को हिलाना शुरू कर दिया | मैंने धीरे से बोला, “दीदी....... दीदी” | उसने जवाब नहीं दिया | मुझे लग रहा था कि दीदी जाग रही है और सोने की एक्टिंग कर रही है | मैंने बुक साइड पे रखी और शॉर्ट्स से अपना लंड बाहर निकाल के स्ट्रोक करना शुरू कर दिया | मेरे दिमाग़ में ऐसा था कि दीदी सोने की एक्टिंग करती सब कुछ देख रही है और मैं भी उसे सब कुछ दिखाना चाहता था |
|