RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
धीरे-2 उनके हाथो ने मेरे लंड पर पड़ी चादर को खींच कर अलग कर दिया....
मेरा लंड एफ्फ़िल टावर की तरह खड़ा था...
जिसके पीछे मुझे मॉम का चेहरा भी नही दिखाई दे रहा था....
अचानक सोनिया ने मॉम की क्लिट को अपने दांतो में दबोच लिया और मज़े के दर्द में बिलखती हुई मॉम का हाथ सीधा मेरे लंड पर आ लगा...
उनके मुँह से एक साथ 2 सिसकारियां निकल गयी....
एक अपनी क्लिट के नाम की और दूसरी मेरे लंड के नाम की...
एक पल के लिए फिर से मॉम का शरीर ठंडा पड़ गया...
कोई हलचल ही नही हुई...
जैसे कोई सदमे में हो...
उनका हाथ मेरे लंड पर था...
उन्होने उसे टटोल कर देखा ..
वो पूरा खड़ा था....
उपर से नीचे तक नापा उन्होने उसे...
उसकी लंबाई का अंदाज़ा लगाया...
अपना हाथ उसके चारो तरफ कसकर उसकी मोटाई नापी......
और फिर जैसे उन्हे कुछ हो गया....
वो एक झटके से उठ खड़ी हुई...
पास पड़ी चादर से उन्होने खुद को ढक लिया...
सोनिया भी ये देखकर हैरान रह गयी की ये मॉम को अचानक हुआ क्या है...
मों : "सोनी....ये..ये...सोनू ...ये..ये तो जाग रहा है....''
मेरी तो फट्ट कर हाथ में आ गयी....
हमारी चोरी पकड़ी जा चुकी थी....
अब हमारी खैर नहीं थी
सोनिया की नज़र सीधा मेरे खड़े लंड पर गयी और वो सब समझ गयी...
वो समझ गयी की मॉम का हाथ मेरे लंड पर आ लगा था...
ये देखकर वो मुस्कुरा दी...
क्योंकि यही तो उसका प्लान था...
वो यही चाहती थी की मॉम को मेरे खड़े लंड का पता चले..
सोनिया ने मुस्कुराते हुए कहा : "अर्रे मॉम ...मैने कहा था ना...ये घोड़े बेचकर सोता है...ये नही उठने वाला...''
मॉम अभी भी अपने नंगे शरीर को उस चादर से छुपाने का प्रयत्न कर रही थी...
उन्होने मेरे लंड की तरफ इशारा करते हुए कहा : "पर...वो...वो उसका.....उसका पेनिस...वो तो अकड़ कर खड़ा है....''
सोनिया : "अर्रे मॉम ..ये तो नॉर्मल बात है...ये उम्र ही ऐसी है....बेचारा कोई सपना देख रहा होगा...तभी उसका ये टावर खड़ा हो गया है....''
वो मॉम को चेहरे को देखकर ये सब बोल रही थी....
और उनके चेहरे को पढ़ने की कोशिश भी कर रही थी की उनके मन में इस वक़्त क्या चल रहा है...
मॉम का चेहरा मेरे लंड पर ही लगा हुआ था...
शायद कुछ देर पहले उसे अपने हाथ में लेकर वो उसके प्रति बुरी तरह से आकर्षित हो गयी थी.....
सोनिया उठी और मॉम के पीछे आकर खड़ी हो गयी.....
उनके कंधे पर अपना सिर रखकर, उनकी कमर को अपने हाथो से जकड़कर उसने अपना एक हाथ फिर से उनकी चूत की तरफ सरका दिया...
और बोली : "पर देखो ना मॉम ....भाई का लंड कितना लंबा है....उम्म्म्ममम....अगर ये मेरा भाई ना होता तो .....अभी इसे खा जाती......वाउ.....कितना मोटा है......और लंबा भी.....''
मॉम का शरीर सोनिया का एक-2 शब्द सुनकर काँप सा रहा था....
उनके हाथ से चादर छूट कर नीचे गिर गयी...
मैने हल्की आँखे खोल कर मॉम की तरफ देखा, जो एकटक मेरे लंड को घूर रही थी...
उन्होने सोनिया की बातो को सुनकर उसे डाँटा भी नही की वो अपने भाई के बारे में ऐसा क्यों बोल रही है....
शायद उनके हिसाब से उस वक़्त ये ग़लत नही था...
सोनिया तो जैसे गर्म लोहे पर प्रहार कर रही थी....
एक प्रहार वो अपने हाथ से मॉम की चूत पर कर रही थी
और
दूसरा प्रहार वो अपनी बातों से उनके दिमाग़ पर..
और उसका असर भी दिख रहा था....
मॉम तो जैसे सम्मोहित सी हो गयी थी मेरे खड़े लंड को देखकर...
सोनिया ने मॉम को पुश करके बेड पर बिठा दिया...
ठीक मेरी कमर के पास...
अब उनका नंगा बदन मेरे जिस्म से टच कर रहा था...
मेरा लंड और कड़क हो गया...
सोनिया का मम्मी को सम्मोहित करना चालू था
''देखो ना मॉम ....कितना बड़ा है.....आपके अंदर से निकले इस बेटे पर आपका पूरा हक है....आप इसे छू सकते हो मॉम ...टच करो...देखो उसे....बाहर निकालो इसको....''
और मॉम के काँपते हुए हाथ मेरी तरफ लहरा गये...
अभी कुछ देर पहले तक जो सैक्स उन दोनो के बीच हो रहा था , सोनिया दी ने बड़ी चालाकी से उसमें मुझे शामिल कर लिया था...
पर मुझे तो सोने का नाटक करना था...
और इस वक़्त मेरी सबसे कठिन परीक्षा चल रही थी..
मॉम के हाथ मेरी शॉर्ट्स के उपर आए और उन्होने एक बार फिर से मेरे लंड को दबोच लिया, उनकी पकड़ ही बता रही थी की अंदर कितनी प्यास भरी है उनके , फिर उन्होंने मेरी शॉर्ट्स को धीरे-2 नीचे सरकाना शुरू कर दिया...
मैने कुन्मूनाने का नाटक किया और अपनी गांड थोड़ी सी हवा में उठा दी...
उसी का फायदा उठा कर मॉम ने मेरी शॉर्ट पूरी नीचे खींच दी..
और फिर जो उनकी आँखो के सामने था, वो जैसे दुनिया का आठवा अजूबा था...
उनके बेटे का नंगा और जवान लंड.
एकदम कड़क...चमकता हुआ...मोटा लंड.
मॉम ने एक नज़र सोनिया दी को देखा, वो भी पलके झपकाए बिना मेरे लॅंड को देख रही थी..
हालाँकि आज से पहले वो कई बार इसे चूस चुकी थी...
अपनी चूत और गांड में ले चुकी थी
और आज एक बार फिर से उसे देखकर
और वो भी ऐसी सिचुएशन में, सोनिया दी की चूत में भी खुजली होने लगी..
सोनिया के मुँह से गुर्राती हुई सी आवाज़ निकली
''उम्म्म्मममम ओह माययययी गॉडsssssssss ....... इट्स टूऊssssssss सैक्सी ...... मॉम .......''
मॉम बेचारी ये भी नही बोल पाई की ऐसा मत कह तू
ये तेरे भाई का लंड है...
ये ग़लत है....
पर वो ग़लत काम तो वो खुद भी कर रही थी...
इसलिए वो भला कैसे कहती...
सोनिया के उकसाने पर मॉम के हाथ एक बार फिर से मेरे नंगे लंड पर आ लगे...
मेरी तो धड़कने ही बेकाबू हो गयी....
मॉम ने एक बार फिर से सोनिया की तरफ देखा और कन्फर्म किया : "पक्का ना...ये जागेगा नही....''
सोनिया : "नही मॉम ...नही जागेगा....कम ओंन ...करलो अपने दिल की..... बोलो...क्या करना चाहते हो....''
मॉम के होंठ लरज गये कुछ बोलने से पहले....
अब वो अपनी बेटी से कैसे बोलती की उसे वो लंड चूसना है..
पर शायद सोनिया ने वो बात ताड़ ली थी...
क्योंकि मॉम जिस अंदाज से उसे देख कर अपने सूखे होंठो पर जीभ फिरा रही थी
उससे सॉफ पता चल रहा था की उनके मन में क्या चल रहा है...
इसलिए सोनिया ने उनके कान में धीरे से कहा
''मॉम ... मैं अगर आपकी जगह होती ना...तो इसे चूम लेती.....चाट लेती और....और....''
बोलते-2 शायद सोनिया भी एक्साइटिड हो रही थी....
उसकी साँसे भी तेज हो गयी...
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