RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
फिर वो मेरी गोद में आकर बैठी...
अपनी चूत को मेरे गीले पर फिट किया और लंड को अंदर लेते हुए, चरमराती चूत के बल, नीचे फिसलने लगी...
''आआआआआआआआआआआआहह...... ओह यसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स.... बैबी......... उम्म्म्मममममममममममम..... ये है वो फीलिंग.....जो सुबह से मिस कर रही थी मैं ...... अहह....''
मैने भी सोनिया दी की फेली हुई गांड पर अपने हाथ रखे और अपने लंड को उनकी चूत की टनल में दौड़ाने लगा...
सोनिया दी ने अपने आप को मेरे उपर बिछा सा दिया...
लॅंड को अपनी चूत में घुसाकर वो अपनी मोटी गांड को उपर नीचे करके खुद ही अपनी चूत मरवा रही थी...
और मैं आराम से, राजा बाबू बनकर, सोनिया दी की चूत की तंग गलियो में, अपने लंड को आता जाता महसूस करके, सिसकारिया मार रहा था..
''ओह एसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स...... मज़ा आ रहा है दी....... बहुत टाइट है तुम्हारी चूत ...... अहह............ कसम से....... ये काम तो मैं पूरी लाइफ कर सकता हूँ .....''
सिर्फ़ 2-3 बार चुदी चूत टाइट ही होगी ना...
पर फिर भी सोनिया की चूत की तारीफ करने का फायदा ही हुआ
वो और लगन से मेरे लंड को अपनी चूत पर खीरे की तरह घिसने लगी...
पर वो भी जानती थी और मैं भी की ये चुदाई पूरी होनी पॉसिबल नही है...
और वैसे भी, जल्दबाज़ी की चुदाई में वो मज़ा नही मिलता जो आराम से चोदने में मिलता है...
सोनिया दी ने अपना चेहरा ऊपर उठाया और बड़े प्यार से मेरे होंठो को चूसा और बोली : "उम्म्म्म.....मन तो नही कर रहा छोड़ने का, पर छोड़ना पड़ेगा अभी के लिए....पर ज़्यादा देर तक नही बचोगे तुम....आज मुझे जी भरकर चुदवाऊँगी तुमसे...समझे...''
उफफफफफफफफफफ्फ़....
ऐसी बात जब लड़की खुद बोले तो लाइफ का अपना ही मज़ा होता है...
उसके बाद वो जल्दी मे मेरे लंड के घोड़े से उतरी और अपने कपड़े उठा कर, नंगी ही उपर भागती चली गयी...
और पीछे मुड़कर बोली : "मॉम के जाते ही उपर आ जाना... और अंदर आने से पहले अपने स्टुपिड कपड़े उतार देना....समझे...लव यू ...''
इतना कहकर वो नंगी हिरनी अपनी गांड की चर्बी को उछालती हुई उपर भाग गयी..
मैने भी अपने सारे कपड़े पहने और मॉम के आने से पहले एक अच्छे बच्चे की तरह टीवी देखने का नाटक करने लगा..
करीब 5 मिनट के बाद मॉम तैयार होकर बाहर निकली तो मैं उनके रसीले बदन और सैक्सी साड़ी को देखकर पलके झपकाना भी भूल गया..
हालाँकि, आज से पहले भी वो इसी तरह तैयार होकर क्लिनिक जाती थी, पर जब से सोनिया दी ने उनके बारे में , मेरे दिमाग़ में गंदे बीज बोए थे, उसके बाद उन्हे देखने के नज़रिए में अंतर आ चुका था...
अब मैं उन्हे एक सैक्स ऑब्जेक्ट की नज़र से देखता था...
उन्होने किस कलर की ब्रा पहनी होगी
किस डिसाइन की पेंटी होगी...
नंगी होने के बाद वो कैसी दिखेगी
ये सब सोचने लगा था अब मैं.
खैर, मुझे इस तरह से अपनी तरफ देखकर शायद मॉम के दिल में भी कुछ-2 होने लगा था...
पर अभी तक हमारे बीच कुछ हुआ नही था इसलिए उन्होने भी अपनी भावनाओ पर काबू किया और बोली : "मैं जा रही हू, तुम दोनो खाना खा लेना....और ये सोनिया कहां गयी...?''
मैं : "वो शायद थक गयी थी...अपने रूम में सो रही है...''
पर अपनी बात पर मन ही मन मैं हंस भी दिया..
क्योंकि मॉम अगर इस वक़्त उपर चली जाए तो शर्तिया बात है, अपनी टांगे फेला कर, नंगी लेटी हुई सोनिया दी, मेरा ही इंतजार कर रही होगी...
पर मॉम को वैसे भी देर हो रही थी...
इसलिए ओके बोलकर वो बाहर निकल गयी.
उन्हे बाय बोलकर, और उनकी गाड़ी को दूर तक जाता देखने के बाद मैने जल्दी से दरवाजा बंद किया...
और लगभग भागता हुआ सा उपर आ गया...
पर मेरे से आगे मेरा लंड था, जो तीर की तरह मेरी शॉर्ट्स में तंबू बनाकर मेरे शरीर से 1 फुट आगे निकला हुआ था...
दरवाजा खुला ही हुआ था...
पर सोनिया दी की बात मुझे अच्छे से याद थी
इसलिए मैने अंदर जाने से पहले अपने सारे कपड़े निकाल कर वहीं छोड़ दिए.
और जब दरवाजा धकेल कर अंदर आया तो मेरी साँसे उपर की उपर और नीचे की नीचे रह गयी..
सोनिया दी
मेरे बेड पर
पूरी नंगी होकर
घोड़ी बनकर तैय्यार थी...
उनकी रसीली गांड मेरी तरफ थी...
उस गांड के नीचे चमक रही उनकी नाश्पति की शेप वाली चूत को देखकर मेरे मुँह में पानी आ गया...
वो अपने सिर को पीछे करके , सिसकारी मारती हुई बोली
''अब आ भी जाओ ना.....कितना तरसाओगे......जस्ट कम एन्ड फक मी भाई......फक्क मी हार्ड....''
मुझसे भी और सब्र नही हुआ और अपनी बहन की बेसब्री को देखकर तो बिल्कुल भी नही....
मन तो कर रहा था की उस रसीली गांड पर मुँह लगाकर सारा आम रस पी जाऊं पर इस वक़्त चुदाई सिर पर चढ़ चुकी थी...
इसलिए मैं अपने लंड पर थूक लगाकर सीधा बेड पर आया और अपना लंड उस घोड़ी बनी सोनिया की चूत में फँसाकर मैने एक करारा शॉट मारा और मेरा लंड एक बार फिर से घोड़े की तरह हिनहिनता हुआ अंदर घुसता चला गया...
''आआआआआआआआआआआआआआआआआअहह ओह माय गॉड ...................... इट्स टूऊ गुड.....''
मेरे हाथ सोनिया की मुलायम गांड को दबा रहे थे...
उसे सहला रहे थे.
और सोनिया दी के खुले मुँह से लार निकल कर नीचे गिर रही थी....
उनकी आँखे बंद थी और वो अपनी चूत में मेरे लॅंड को पाकर किसी दूसरी ही दुनिया में पहुँच चुकी थी..
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