RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
मॉम ठीक उनके पीछे थी और सोनिया की ये हरकत उन्हे फंस्वा सकती थी
पर फिर उसे ऐसा करता देखकर मुझमे एक अलग ही रोमांच आ रहा था...
और शायद ये बात सोनिया दी को भी पता चल चुकी थी, इसलिए मेरी आँखो की चमक देखते हुए उन्होने मेरे हाथ को पकड़ कर अपनी छाती पर लगा लिया...
एकदम गरमा गर्म गुर्दे कपूरे जैसे बूब्स थे उसके...
मैने ज़ोर से पकड़ कर उन्हे दबा दिया...
''आआआआआआआआअहह सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स''
तभी मॉम की आवाज़ आई : "सोनी बेटा...मैं ज़रा क्लिनिक तक जा रही हूँ ...शाम तक वापिस आ जाउंगी ..कुछ अपायंट्मेंट्स है, मैं बस नहाकर निकल रही हूँ ...तुम दोनो के लिए लंच बना दिया है...खा लेना...''
वो तो अच्छा हुआ की उन्होने सीधा वहां आकर ये बात नही कही थी...
क्योंकि उनकी आवाज़ सुनते ही मैने अपना हाथ हटा लिया और सोनिया ने अपनी टी शर्ट नीचे कर ली वरना पकड़े जाते.
मॉम जैसे ही अपने कपड़े लेकर बाथरूम में गयी, सोनिया लपककर मेरी गोद में आकर बैठ गयी और मेरे होंठो पर अपने होंठ रखकर, गर्म साँस लेते हुए मुझे स्मूच करने लगी...
''आआआआआआअहह सोनू........ मेरी ज़ाआाआआअन्न......आज तो तू गया ........ मॉम के जाने का भी वेट नही हो रहा अब तो....''
उसने मेरे हाथ को फिर से अपनी टी शर्ट में घुसा लिया और अपने बूब्स को मसलवाने लगी...
शायद कुछ अजीब तरह की खुजली होने लगी थी मेरी बहन की छातियों में आजकल , जो मेरे सहलाने से ही दूर होती थी...
मैने उसके निप्पल्स को अपनी उंगलियो में समेट कर उन्हे कुचल दिया....
सोनिया तो पागल ही हो गयी...
जैसे मैने उसकी उत्तेजना को भड़काने वाला को बटन दबा दिया हो.
उसने एक ही झटके में अपनी टी शर्ट उतार फेंकी ....
मेरी तो हालत खराब हो गयी ये देखकर की मॉम के घर में होते हुए वो मेरे सामने, और वो भी ड्रॉयिंग रूम में , सिर्फ़ ब्रा में बैठी है..
सोनिया मेरी गोद से उतरी और मेरे सामने आकर उसने वो ब्रा भी उतार दी....
सामने से खुलने वाली ब्रा के हुक्स जब खुले और उसका नंगा यौवन मेरी आँखो के सामने आया तो एक पल के लिए तो मैं भी भूल गया की माँ घर पर ही है...
जैसे ही उसके गोरे-2 बूब्स मेरे सामने आए मैने लपककर उन्हे पकड़ लिया और ज़ोर-2 से चूस्कर उसकी मदर डेरी का कच्चा दूध पीने लगा..
''आआआआआआआआआअहह यसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स... भाईईईईईईईईईईईईईई..... चूस ले इन्हे.......... पी जा....... सुबह से खुजली हो रही है......अहह........फककककककककककक...''
मेरे सिर को सहलाते-2 उसका हाथ मेरे लंड तक आ गया और एक ही झटके में उसने शॉर्ट्स को गिरा कर मेरे लंड को बाहर निकाल लिया...
एक बार फिर से मेरा ध्यान मॉम की तरफ चला गया...
सोनिया : "घबराओ मत...मॉम को अभी 10 मिनट और लगेंगे....नहाकर वो साड़ी पहनेगी, तभी बाहर निकलेगी...''
मैं : "पर दी....ये सब यहां ....थोड़ा वेट करते है ना.....मॉम के जाने का......प्लीज़....''
वेट तो मुझसे भी नही हो रहा था पर कहना तो मेरा फ़र्ज़ था ना..
सोनिया ने हिसहीसाती हुई आवाज़ में कहा : "वेट गया भाड़ में ....मुझे ये अभी के अभी लेना है बस....''
इतना कहते हुए उन्होने अपना चेहरा आगे किया और अपनी जीभ से मेरे लंड के छेद को कुतरने लगी...
उसमे से निकल रहा प्रीकम निकाल कर उन्होने निगल लिया...
और जैसे ही वो प्रीकम की बूँद उनके मुँह में गयी, वो बावली सी होकर मेरे लंड को ज़ोर-2 से चूसने लगी...
मेरे हाथ अपने आप सोनिया दी के रेशमी बालो में घूमने लगे...
उसपर दबाव डालकर मैं अपना लंड अंदर तक लेने के लिए उकसाने लगा...
कुछ देर तक चूसने के बाद वो खड़ी हुई और अपनी शॉर्ट्स उतार कर साइड में फेंक दी...
अब वो सिर्फ़ एक नन्ही सी कच्छी में खड़ी थी...
अपनी कमर मटकाते हुए सोनिया दी ने जब अपनी वो एकमात्र कच्छी भी उतारी तो मुझे ऐसा लगा जैसे मैं कोई एरॉटिक मूवी देख रहा हूँ , जिसकी हेरोइन अपने हीरो को लुभाने के लिए अपना शरीर दिखा रही है...
पर यहाँ हीरो मैं था और हेरोइन मेरी बहन सोनिया...
कच्छी को भी उतार कर वो मेरी तरफ सैक्सी अंदाज में आने लगी..
पास आकर दी ने मेरी शॉर्टस को नीचे खींचा और उसे अंडरवीयर समेत निकाल फेंका..
मैने अपनी टी शर्ट भी उतार दी....
अब तो मुझे भी उत्तेजना ने घेर लिया था...
मेरा लंड अब किसी भी कीमत पर सोनिया दी की चूत में दाखिल होना चाहता था...
उससे पहले वो उसे फिर से गीला कर देना चाहती थी, मुंह में लेकर
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