RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
सोनिया ने बात को संभालते हुए अपना पक्ष रखा
"अरे , वो तो हम दोनो..ऐसे ही बोल रहे थे.....ऐसा बोलने से मॉम काफ़ी एक्सआईटीड हो जाती है ना...इसलिए....''
उस लड़की के चेहरे के एक्सप्रेशन्स बता रहे थे की वो उनकी बात का मतलब समझ रही है...
वो मंद -2 मुस्कुराते हुए बोली : "चलो, मान लिया...जो तुमने कहा..पर ये सब यहाँ करने की क्या ज़रूरत थी... तुम दोनो ये सब घर पर भी तो कर सकते हो ना....''
इस बार मॉम बोली : "बेटा, वो...पता नही क्या हुआ मुझे.....एकदम कुछ करने का मन सा हुआ और हम दोनो ने ये भी नही सोचा की यहां ये सब करना सही नही है....इसलिए...''
लड़की : "ओव्व्व्व सो क्यूट, और किसने कहा की सही नही है.... ऐसे पब्लिक प्लेस में करने में जो मज़ा है वो कही और कहा.... मेरी तो फेंटेसी है की मेरा बी एफ मुझे ऐसी ही किसी जगह पर लाकर फक्क करे....''
इतना कहते हुए वो अपने ही रंगीन सपनो में खो सी गयी...
जैसे उसका बाय्फ्रेंड उसे उसी तरह, टाय्लेट में चोद रहा हो.
सोनिया समझ गयी की इससे डरने वाली कोई बात नही है...
वो भी उन्ही की तरह, सैक्स की मारी एक कमसिन चूत है, जो उनका खेल देखकर गर्म हो चुकी है...
सोनिया के दिमाग़ में कुछ आया और वो बोली : "अगर तुम बुरा ना मानो तो तुम भी हमारे साथ जॉइन कर सकती हो....''
उसका ये कहना था की उस लड़की के चेहरे पर चमक सी आ गयी...
मॉम तो झड़ ही चुकी थी पर उसके बावजूद उनकी चूत में दोबारा एक कसक सी उठ गयी..
सोनिया को तो वैसे भी कोई कटीली और जवान जीभ चाहिए थी जो उसकी चूत की तंग गलियों में घुसकर वहां की मसाज कर सके...
हालाँकि उसकी मॉम भी ये काम अच्छे से कर सकती थी पर इस वक़्त उसे कुछ और ही सूझ रहा था..
वो लड़की भी काफ़ी उत्तेजित हो गयी
वो तुरंत उतरकर उनके केबिन में आ गयी...
अब उस छोटे से केबिन में तीनो खड़े थे...
सोनिया ने उसके कपड़ो की तरफ इशारा करते हुए कहा
''तुम्हे नही लगता की तुम्हे अब ये उतार देना चाहिए ...''
वो लड़की मुस्कुराइ और उसने अपनी जेकेट की जिप्प खोलनी शुरू कर दी...
ज़िप्पर के नीचे उसने सिर्फ़ ब्रा पहनी हुई थी...
जो इस बात का प्रमाड था की वो भी कम नही है...
नीचे उसने लोंग स्कर्ट पहनी हुई थी, जिसके अंदर पेंटी नही थी...
यानी नीचे से खुल्ली हवा उसकी चूत को ठंडक पहुँचा रही थी...
एक ही मिनट में वो भी उन्ही की तरह पूरी नंगी होकर खड़ी थी...
और सच में, उस लड़की के कपड़े उतारकर सोनिया ने अच्छा ही किया था
क्या कमाल का जिस्म था उसका...
एकदम कड़क स्तन थे, सामने की तरफ तने हुए...
हल्का गेहुंआ रंग, सपाट पेट और निकली हुई गांड ...
जैसे कोई मॉडल हो...
और सामने की तरफ पाव रोटी जैसी फूली हुई, सील बंद चूत, एकदम सफाचत सी...
कुल मिलाकर वो नंगी होकर कहर ढा रही थी
सोनिया से रहा नही गया और उसने उसके घुंघराले बालो को पकड़ कर अपनी तरफ खींचा और उसके होंठो पर टूट पड़ी...
जैसी वो दिखने में थी, वैसा ही उसका स्वाद भी था...
एकदम मीठा....
रसीला.....
शहद की तरह.
मॉम ने भी उसे पीछे से पकड़ कर उसके नन्हे कबूतर निचोड़ने शुरू कर दिए...
मॉम की भभक मर रही चूत उसकी गांड की अच्छे से सिकाई भी कर रही थी...
और उसमे से अभी तक रिस रहा मीठा तेल उसकी चूतड़ो की तेल मालिश कर रहा था...
मॉम ने उसके बूब्स कुछ ज़्यादा ही ज़ोर से रगड़ दिए
''आआआआआआआहह.....आंटी.....थोड़ा धीरे करो ना......दर्द होता है.....''
मॉम : "ये वो खेल है , जिसमें जितना रॅफ तरीके से पेश आया जाए, उतना ही मज़ा मिलता है...अभी दर्द होगा पर धीरे-2 मज़ा भी मिलेगा...''
इतना कहते हुए उन्होने अपनी बीच वाली उंगली बिना किसी चेतावनी के उसकी चूत में घुसेड दी...
और ठीक उसी वक़्त सोनिया ने नीचे झुकते हुए उसके दाँये बूब को मुँह में लेकर ज़ोर से चुभला दिया...
एक साथ दोनो तरफ से हुए हमले से उसकी हालत बुरी हो गयी और अपने पंजो पर खड़ी होकर वो ज़ोर से चिल्लाई
''आआआआआआआआआआआआआहह........ तुम दोनो माँ बेटी तो मुझे मार ही डालगी.....साली कुतियां......''
उसने बड़ी बेशर्मी से उन दोनो को कुतियों की उपाधि दे डाली...
और जब एक उपाधि मिल जाए तो उसपर सार्थक होना ही पड़ता है....
इसलिए वो और बुरी तहर से अपना कुतियापन दिखाती हुई, उसके उपर टूट पड़ी...
वो लड़की को ऐसा लग रहा था जैसे वो दोनो बरसो से प्यासी है....
पर उनके नर्म नाज़ुक जिस्मो के बीच अपने आप को सेंडविच बनाकर पेश करने में मज़ा तो उसे भी आ रहा था...
उसने सोनिया के होंठों को अच्छी तरह से चूसा, उसके सिर को पकड़ कर अपने बूब्स पर बारी-2 से घुमाया...
और मॉम की उंगली की करामात महसूस करके होले - 2 डांस भी किया...
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