RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
लेडीज़ वॉशरूम में घुसते ही मॉम ने सोनिया को वही खड़ा रहने को बोला और सीधा एक केबिन में घुस गयी और अपनी सलवार खोलकर उन्होने अपनी पेंटी को देखा...
उसका हाल देखकर वो खुद पर ही शर्मिंदा हो गयी...
ऐसा गंद तो उन्होने आज तक नही मचाया था...
उनकी कच्छी बुरी तरह से गीली हुई पड़ी थी...
और वो पहनने की हालत में बिल्कुल भी नही थी..
उन्होने उसे निकाल कर साइड में पड़े डस्टबिन में डाल दिया और बाहर खड़ी सोनिया से बोली : "सोनी बेटा, ज़रा अंदर आओ...''
सोनिया तो जैसे इसी बात का इंतजार कर रही थी...
वो झट्ट से अंदर घुस गयी...
वैसे भी पूरे बाथरूम में उनके सिवा कोई और लेडी नही थी..
अंदर घुसते ही उसने डस्टबिन में पड़ी मॉम की कच्छी देखी और अपनी हँसी रोक नही पाई वो
''हा हा..... अपने बेटे के बारे में सोचकर ये हाल हुआ है तो जब उसके साथ फकिंग करोगी तो हमारा घर डूब ही जाना है आपकी मलाई में.....''
मॉम फिर से शरमा गयी....
वो बोली : "अब ये पहनने की हालत में नहीं है , जरा वो नयी पेंटी निकाल कर दे मुझे ''
उन्होने सोनिया के हाथ से अंडरगार्मेंट्स वाला पैकेट लेना चाहा तो उसने हाथ पीछे कर लिया...
और आगे बढ़कर उसने अपना दूसरा हाथ सीधा अपनी मॉम की चूत पर रख कर ज़ोर से दबा दिया..
एक तो पहले ही उनकी हालत खराब थी
उपर से सोनिया की इस हरकत ने आग में घी का काम किया...
वो ज़ोर से सीसीया उठी...
''आआआआआआआआआहह सोनी बैबी....... ये क्या कर रही हो....''
सोनिया ने मॉम को चूमते हुए कहा : "मैं देखना चाहती हूँ की भाई के बारे में सोचकर आपकी पुस्सी कितनी गर्म हुई है....''
आज वो अपनी मॉम की चूत की गर्मी में अपनी कच्ची जवानी को पूरी तरह से पका लेना चाहती थी.
इतना कहते हुए उसने अपने बेग्स साइड मे रखे और उनके बूब्स को मसलते हुए अपने दूसरे हाथ की 2 उंगलियाँ उनकी चूत में घुसेड दी...
बेचारी मोंम अपने पंजो पर खड़ी होकर मचल उठी...
''आआआआआआआआआहह मत्तत्त करो........ मर जाउंगी मैं ....''
पर सोनिया कहाँ मानने वाली थी....
ऐसी सिचुएशन में वो अपनी माँ की चूत में से , अपने भाई के नाम का हलवा निकलता देखकर, भला कैसे पीछे रह जाती...
उसने मोंम को पकड़ा और उनके होंठों पर टूट पड़ी...
एक 5 स्टार होटल जैसे मॉल के बाथरूम में खड़े होकर, दोनो माँ बेटियां जो काम कर रही थी, उसका पता दुनिया में किसी को नही था..
मोंम से भी अब सब्र करना मुश्किल हो गया...
उन्होने भी सोनिया की बूबिया पकड़कर ज़ोर से निचोड़ डाली...
सुबह उन्हे चूस्कर जो ताज़गी का एहसास उन्होने लिया था, वही लेने के लिए वो एक बार फिर से उतावली हो गयी...
इस वक़्त उन्होने ये भी नही सोचा की वो एक पब्लिक टाय्लेट में है
उन्हे तो बस अपनी गर्मी को शांत करना था..
मोंम ने सोनिया दी की टी शर्ट को उपर किया
उसकी ब्रा को नीचे किया
और उसके कड़क निप्पल्स पर टूट पड़ी...
सोनिया ने अपनी मोंम के मुँह में अपना पूरा थन ठूस दिया और उनके सिर को सरकल मोशन में घुमाते हुए सीत्कार उठी...
''आआआआआआआआहह मोंम ........ ज़ोर से चूसो..... ऐसे ही सोनू भी आपके बूब्स चूसेगा..... ज़ोर से चूसेगा..... अब तो वो बड़ा हो गया है...... अब काटेगा नही.......सिर्फ़ चूसेगा....''
मोंम ने अपना चेहरा उपर उठाया और बड़े ही भोलेपन से पूछा : "नही काटेगा ...पक्का ना...''
मोंम की बात सुनकर सोनिया दी खिलखिलाकर हंस दी....
मोंम भी दुगनी ताक़त से अपनी प्यारी बेटी के नर्म थनो को चूसने लगी...
एक माँ के लिए कितना अजीब होता है ना, अपने ही अंदर से निकाली हुई बेटी के शरीर के उन अंगो से खेलना जो उन्ही के सामने निखर कर बड़ी हुई है...
मोंम को तो ऐसा लग रहा था जैसे वो सोनिया के नही बल्कि अपने खुद के बूब्स को चूस रही है...
वो भी ठीक ऐसी ही थी अपने स्कूल टाइम में ...
हालाँकि उस वक़्त वो अपने बूब्स को खुद टेस्ट नही कर पाई थी पर आज सोनिया की नर्म चुचिया मुँह में लेकर अपना ही स्वाद आ रहा था उन्हे..
उन्होने सोनिया के निप्पल्स को चूस-चूस्कर लाल सुर्ख कर दिया...
सोनिया के हाथ अभी भी उनकी चूत को मसल रहे थे....
वो उन्हे निकालना ही नही चाहती थी...
जैसे अपने लिए अंदर से कोई चॉकलेट ढूँढ रही हो..
मोंम कसमसाते हुए बोली : "आआआआआआआअहह बैबी......... काश......इस वक़्त कोई होता यहाँ पर..... ''
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