RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
और ठीक उसी वक़्त ही मॉम ने सोनिया से पूछ भी लिया : ''ममम.......लगता है....अह्ह्ह्हम्म्म...तुम ...अभी भी....उस...उस तनवी के साथ....वो सब...वो सब करती हो.....''
ओह्ह गॉड ..
इसका मतलब मॉम को उनके लैस्बियन सैक्स का पहले से पता था, और ये 9th स्टॅंडर्ड से ही वो सब करती आ रही थी...
और शायद इसलिए ही मॉम-डेड ने सोनिया को उससे दूर , बोर्डिंग में पढ़ने के लिए भेज दिया था.
सोनिया भी कांपती हुई सी आवाज़ में बोली : "यएसस्स मॉम..... पहले तो हम दोनो छोटे थे...पर अब नही रहे... एन्ड आई एम् 18 नाउ.... इसलिए मैं कुछ भी कर सकती हूँ .....''
मॉम तो पहले ही इतने प्यार से बात कर रही थी, उन्हे तो बल्कि मज़ा मिल रहा था, इसलिए वो भला किसलिए मना करती उसे वो मौज लेने से..
वो बोली : "उम्म्म....हाँ ......इट्स ओक....इसी उम्र में मैने भी.....अह्ह्ह काफ़ी मज़े लिए थे....हॉस्टिल में ....अपनी फ्रेंड्स के साथ.....''
सोनिया ने अपना नंगा बदन उनसे सटाते हुए कहा : "तो क्या आप आज एक बार फिर से वो मज़े लेना चाहेंगी...अपनी बेटी के साथ....''
उसकी ये बात सुनकर तो मेरा दिल धड़कना ही भूल गया...
यानी सोनिया अपनी खुद की मॉम से, यानी हमारी मॉम से , लैस्बियन सैक्स करना चाह रही थी.
और सबसे बड़ी बात ये की मेरे कमरे में होते हुए
हालाँकि मॉम को ये बात पता नहीं थी...
पर सोनिया तो ये अच्छे से जानती थी,
उसके बावजूद वो ऐसा कर रही थी.
मैं फुसफुसाने लगा : "नो .... सोनिया दी नो.... ये ग़लत है.... ये मत करना.... ''
मुझे समझ नही आ रहा था की मैं ये क्यों कह रहा था, हालाँकि अंदर से मैं भी वो सब देखना चाह रहा था
ये सब देखते हुए मुझे जो मज़ा मिल रहा था उसे मैं बयान नही कर पा रहा था
पर फिर भी मैं सोनिया दी की इस बात से सहमत ना होकर उन्हे ग़लत कह रहा था.
शायद इसलिए की....की... मैं उस खेल में शामिल नही था.
पर अचानक मेरे मन में ख़याल आया की शायद सोनिया दी ये सब मेरे लिए ही कर रही हो..
शायद मॉम को अपने साथ इस खेल में शामिल करके वो मेरे लिए एक नया रास्ता खोल रही हो...
इसका मतलब, वो चाहती थी की मैं मॉम के साथ भी वो सब करू जो मैंने सोनिया दी के साथ किया है.
अपनी खुद की मॉम के साथ...
पर ये तो शायद और भी ज़्यादा ग़लत होगा...
कोई भला अपनी खुद की माँ के साथ कैसे सैक्स कर सकता है...
उस माँ के साथ जिसने उसे जन्म दिया है, उसे अपना दूध पिलाया है.
मेरे दिमाग़ में ये सब चल रहा था और मेरे लंड का बुरा हाल था..
थोड़ी देर पहले दो बार झड़ने के बाद वो एक बार फिर से स्टील का हुआ पड़ा था...
और इस बार सोनिया के लिए नही बल्कि मॉम के बारे में सोचकर.
यही हाल मेरे साथ पहले भी हुआ करता था जब मैं सोनिया के बारे में सोचता था,
मेरे लंड ने मेरे दिमाग़ की बात कभी सुनी ही नही, हमेशा मेरे ख़िलाफ़ जाकर अकेला खड़ा हो जाता था..
जैसे इस वक़्त खड़ा था.
एकदम कड़क होकर,
मुझे चिड़ाता हुआ सा...
और ज़ोर से चिल्लाकर कहता हुआ सा की ''ये ग़लत नही है..... जैसे सोनिया के साथ चुदाई करना ग़लत नही था, वैसे ही मॉम के साथ करना भी ग़लत नही होगा...''
पर चुदाई की बात अभी से कैसे आ गयी, अभी तो सोनिया अपने मज़े लेने में लगी थी...
ये तो मेरा अनुमान था की वो मॉम को मेरे लिए तैयार कर रही है, पर अभी के हिसाब से तो वो उन्हे खुद के लिए तैयार कर रही थी.
वो खुद तो पहले से नंगी थी, उसने मॉम की साड़ी का पल्लू नीचे गिरा दिया
ब्लाउस मे उनकी तनी हुई छातियाँ कमाल की लग रही थी , मॉम के चेहरे पर अनेको भाव आने-जाने लगे...
वो शायद अंदर से निश्चय नही कर पा रही थी की अपनी बेटी के साथ ये करना सही है या नही...
पर उनके चेहरे को देखकर ऐसा लग नही रहा था की वो मना करने की पोज़िशन में रह गयी है...
आज इस छोटी सी अलमारी में खड़े होकर मैं उन माँ - बेटी के एक नये प्यार का गवाह बनने वाला था.
सोनिया दी ने अपना हाथ सीधा मॉम की नेवल पर रख दिया और उसे दबा दिया....
मॉम खड़ी-2 सिसक उठी...
सोनिया : "मॉम, याद है जब मैं छोटी थी तो आपकी नेवल से कितना खेला करती थी...इसे चूमती रहती थी...और आपको गुदगुदी होती तो मुझे कितना अच्छा लगता था...''
मों : "हाँ , याद है... मैं साड़ी पहन कर जब बेड पर लेटी होती थी तो एक तरफ से तुम और दूसरी तरफ से सोनू, मेरे नंगे पेट पर चड़कर, मुझे कितना तंग किया करते थे...''
उनकी बाते सुनकर मैं अलमारी में खड़ा हुआ ये सोचने की कोशिश कर रहा था की 'कम्बख्त, ये सब मुझे क्यो नही याद है...'
मॉम ने आगे कहा : "और सोनू तो मेरा दूध पीते हुए अपना एक हाथ जब तक मेरी नाभि में नही घुसाता था तब तक चैन से दूध नही पीता था...एक तरफ उसके पैने दाँत और दूसरी तरफ नाभि पर नर्म उंगलियाँ मुझे कितना परेशन करती थी, ये मैं नही बता सकती...''
सोनिया दी एकदम से मॉम के और करीब आई और बोली : " चलो, आज बता देना, की वो सब करने से क्या फील होता था आपको...''
इतना कहते हुए उसने मॉम के ब्लाउज़ के बटन खोलने शुरू कर दिए....
मुझे तो विश्वास ही नही हो पा रहा था की सोनिया सच में ऐसा कर रही है.
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