RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
सोनू का तो पता नही पर सोनिया का चुदक़्कड़पन अपनी मोंम की आवाज़ सुनकर भी शांत नही हुआ..
वो सोनू को चूमने में लगी रही..
अपने बूब्स को उसके चेहरे पर रगड़कर उसे चुदाई करते रहने के लिए उकसाती रही..
वो सोनू के लंड को अपनी चूत से निकलने ही नही देना चाहती थी...
आख़िरकार उसके अंदर जो ऑर्गॅज़म बन रहा था, वो उसका पूरा मज़ा लेना चाहती थी.
और वहीं दूसरी तरफ सोनू की हालत खराब थी, एक तो मॉम के आने से पकड़े जाने का डर बन चुका था और दूसरी तरफ सोनिया उसे छोड़ने को ही तैयार नही थी..
वो फुसफुसाया : "छोड़ो मुझे दी, मॉम आ गयी है...आप मुझे बाहर जाने दो, आप नहाते रहो...वरना सब गड़बड़ हो जाएगा...प्लीज़ दी...छोड़ दो मुझे...''
वो भी किसी नागिन की तरहा हिसहीसाई : "नहीsssssss .....पहले ये कंप्लीट करो....मैं बस झड़ने ही वाली हूँ ...आई कांट लीव यू लाइक दिस ....फिनिश इट ''
सोनू तो अवाक सा रह गया उसकी हिम्मत देखकर...
उसे मोंम का भी डर नही था...
वो कोई छोटा मोटा काम नही बल्कि चुदाई कर रहे थे...
और वो भी भाई-बहन होकर..
उसके बावजूद सोनिया दी ऐसी डिमांड कर रही थी.
और सोनू ये बात भी जानता था की सोनिया ने अगर ठान लिया है तो वो करके ही छोड़ेगी...
ऐसे में उसके साथ बहस करके वो टाइम वेस्ट नही करना चाहता था..
इसलिए उसके झटको को वो झेलते हुए उसे चोदता ही रहा.
इसी बीच एक बार फिर से मोंम की आवाज़ आई : "सोनू.........ओपन द डोर......सोनिया कहाँ हो तुम...''
मैने सोनिया की तरफ याचना भरा फेस बनाकर कहा की कम से कम जवाब तो दे दो...
वो बोली : "ओक...पर तुम चुप रहना एन्ड ये फकिंग बंद मत करना...''
इतना कहते हुए वो उठ गयी और बाथरूम के दरवाजे पर आकर फिर से घोड़ी बन गयी...
और पीछे मुँह करके उसने मुझे फिर से लंड अंदर डालने का हुक्म दिया..
मैने बिना कोई बहस किए अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया और एक बार फिर से चूत चुदाई करने लगा..
सोनिया : "हांजी मॉम ....मैं नहा रही हूँ ....बोलो...''
मों : "ओहहोओ .....आज इतनी जल्दी उठकर नहा रही हो.... कहीं जाना है क्या...''
सोनिया ये सुनकर अटपटा सी गयी और बोली : "वो....ना....नही मोंम ...बस ऐसे ही.....उम्म्म....'
सोनिया दी ने जो आख़िर में सिसकी ली वो शायद बाहर माँ ने भी सुनी पर उसे अनदेखा करती हुई वो बोली : "अच्छा ...ठीक है...सोनू कहा है...उसे स्कूल के लिए देर हो रही है...''
सोनू भला कहाँ मिलता, वो तो इस वक़्त अपनी बहन की चूत मारने में बीज़ी था..
सोनिया : "मोंम ...आज तो वो सुबह जल्दी स्कूल चला गया....बोल रहा था की फुटबॉल प्रेक्टिस है आज....''
उसका ये सफेद झूट सुनकर मेरी भी आँखे फटी रह गयी.... और मैं रुक गया
पर मेरे रुकने से वो फिर से मुझे धक्का देकर फिर से चूत मारने को कहने लगी..
और सच कहूँ दोस्तो, उस वक़्त सोनिया दी का ऐसा करना मुझमें एक अलग ही तरह का रोमांच भर गया...एक थ्रिलिंग भरा एहसास था वो...
मोंम : "ओह्ह ....ठीक है....वो चला गया तो क्या हुआ...तू दरवाजा तो खोल...कुछ बात करनी है...''
सोनिया दी ने लड़खड़ाती हुई सी आवाज़ में कहा : "ओह....नो...नो मोंम ....आप...अभी यहाँ से जाओ.....मैं आती हूँ नीचे....कुछ देर मे....''
मोंम भी जिद्दी थी , वो बोली : "नही....मैने कहा ना...मुझे कुछ बात करनी है....खोलो अभी के अभी...''
सच में बड़ा ही रोमांचक दृशय था...
सोनिया दी बाथरूम के दरवाजे पर घोड़ी बनकर मुझसे चुदवा रही थी और थोड़ी ही दूर, दरवाजे के पीछे हमारी मोंम दरवाजा खड़का रही थी...
मेरे धक्के मारने की स्पीड थोड़ी और तेज हो गयी....
पूरे कमरे में सोनिया दीदी की हल्की सिसकारियाँ गूँज रही थी....
मैं तो दम साधे बस झटके मार रहा था.
मॉम के भी कान खड़े हो गये, सोनिया दी की हल्की सिसकारियाँ सुनकर
वो बोली : "तुम नहा रही हो या कुछ और कर रही हो....?''
सोनिया दी के लार टपका रहे होंठों से बड़ी मुश्किल से निकला : "हाँ मॉम ...नहा ली हूँ बस....कपड़े निकाल रही हूँ ....''
उधर मोंम के चेहरे पर एक रहस्यमयी सी मुस्कान आ गयी...
वो धीरे से बोली : "ओके ... ओके ...टेक योर टाइम....ये सब तो नेचुरल है इस ऐज में ...कर लो आराम से...''
ओ तेरी....
इसका मतलब मोंम ने समझा था की सोनिया दी मास्टरबेट कर रही है...
हा हा
मेरी तो हँसी निकल गयी...
पर दबी हुई सी...
क्योंकि मोंम को ज़रा सा भी एहसास हो गया की मैं अंदर ही हूँ तो सब गड़बड़ हो जाएगा...
पर मैने ये एहसास नही होने दिया और मैं अपने काम में लगा रहा.
और सोनिया भी शरमाने की एक्टिंग सी करती हुई बोली : "क्या मोंम ....आप भी ना....अहह''
और उसने एक बार फिर से सिसकारी मारकर खुद ही ये जता दिया की मोम का अंदाजा सही है.
इसी बीच सोनिया दी ने मेरे लंड को बाहर निकाल कर अपनी गांड का रास्ता दिखा दिया...
पहले भी उनकी गांड में मेरा लंड जा चुका था इसलिए दोबारा डालने में ज़्यादा तकलीफ़ नही हुई...
और गांड भीगी होने की वजह से वो ज़्यादा ही चिकनी हुई पड़ी थी
लंड को उसकी टनल मे घुसने में ज़्यादा तकलीफ़ नही हुई...
मेरा लंड सरसराता हुआ अंदर घुसता चला गया..
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