RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
दोनो एक दूसरे को चूमते-2 बेड पर जा गिरे...
वहां भी वो धक्का मुक्की जारी रही...
दोनो बुरी तरह से हाँफ रहे थे..
एक दूसरे को चूम रहे थे...
मसल रहे थे.
और अचानक सोनू का फंनफनाता हुआ लंड सोनिया की चूत से जा टकराया...
और एक पल के लिए जैसे पूरी दुनिया रुक सी गयी...
दोनो की नज़रें एक दूसरे से टकराई.
और सोनिया ने बहकति हुई सी...
लड़खड़ाती हुई सी आवाज़ मे कहा : "अहह सोनू....म्*म्म्मममममममम.... वॉट ए फीलिंग.......भाईईईईईईई ..........उम्म्म्मममममममममम''
इतना कहकर उसने अचानक सोनू के लंड के चारों तरफ अपनी जांघों को कस कर शिकंजा बना लिया...
सोनू को तो लगा की वो उसे अपनी चूत में ले रही है, पर उसने सिर्फ उसे चूत के पास दबाया, और कुछ नही.
और अब आलम ये था की सोनू का अकड़ा हुआ लंड उसकी संगमरमरी टाँगो के बीच फँसा हुआ, चूत से बुरी तरह लिपटा हुआ पड़ा था..
उसका लंड गले मिल रहा था अपनी बहन की चूत से
सोनू की तो आवाज़ ही नही निकल रही थी...
सोनिया की चूत से निकल रही भाप से उसका लंड झुलस सा रहा था...
पर उसकी चूत का मखमली स्पर्श उसे एक नये आनंद की अनुभूति भी करवा रहा था...
वो सोचने लगा की सिर्फ़ उसकी चूत के टच से उसके लंड का ये हाल है तो वो अगर चूत में घुस गया तो कैसा फील होगा....
ये सोचते हुए उसके दिमाग़ ने काम ही करना बंद कर दिया.
बेचारा चाह कर भी कुछ बोल नही पाया...
पर सोनिया के दिमाग़ में कुछ और ही चल रहा था...
उसने जाँघो को धोड़ा ढीला छोड़ा और फिर अपनी कसी हुई चूत की फांको को उसके लंड पर रगड़ने लगी...
उपर से नीचे तक उसके लंड की मालिश करने लगी अपनी चूत से निकले देसी घी से.
और कुछ ही देर में जगह बनाते हुए सोनू के लंड का बाहरी हिस्सा उसकी चूत की अंदरूनी दरार में फंसकर घिसाई करवा रहा था...
ये एक ऐसी फीलिंग थी जिसका कोई और मुकाबला ही नही था..
कुछ ही देर में सोनू का लंड इतना अंदर धँस चुका था की उसे लंड की दीवारों पर अंदर से कुछ चुभता हुआ सा महसूस हुआ...
और वो थी सोनिया की कड़क क्लिट.
अपनी क्लिट के दाने पर गर्म लंड की घिसाई महसूस करते ही उसके अंदर भी एक नये ऑर्गॅज़म का निर्माण हो गया...
और वो दुगनी तेज़ी से उसके लंड पर अपनी चूत को रेती की तरह घिसने लगी...
आज सोनिया ने समझदारी से काम लेकर अपने रिश्तों को पूरी तरह से बदलने से रोक लिया था...
हालाँकि अंदर से सोनू शायद ये सोच चुका था की आज तो कुछ होकर रहेगा पर सोनिया ने ये तरीका निकालकर कम से कम अभी के लिए तो चुदाई को टाल ही दिया था.
पर आज ये जो भी हो रहा था, वो भी चुदाई से कम नही था...
दोनो को सीधा अपने लंड और चूत पर दबाव महसूस हो रहा था.
सोनू ने उसके कुल्हों पर हाथ रखकर उसे अपने लंड पर उपर नीचे करना शुरू कर दिया...
सोनिया भी अपना मुम्मा उसके मुँह में फँसाकर, अपने भाई के लंड के बाहरी हिस्से का आनंद लेती हुई, सिसकारियाँ मारते हुए घिसाई करती रही...
और अंत में वो पल भी आ ही गया जब सोनू से और सहन नही हुआ और उसने अपनी बहन की गर्म चूत के नाम अपनी जवानी का एक और फुव्वारा लिख दिया....
और वो फड़फड़ाते हुए, सोनिया की गर्म चूत के नीचे दबा हुआ, आग उगलने लगा..
एक के बाद एक कई पिचकारियाँ निकलकर उसके खुद के पेट पर आ गिरी...
और इसी बीच उसके लावे की गर्म हवा को महसूस करके उसकी चूत भी अपने चरम पर पहुँच गयी और उसमे से भी शहद से मीठा पानी निकल कर लंड पर लग गया...
ये एक ऐसा पल था जब दोनो की साँसे उखड़ी हुई थी, पर अंदर से दोनो को एक नये और संपूर्ण आनंद की प्राप्ति हुई थी...
सोनिया हाँफती हुई सी साइड में लुढक गयी और सोनू के लंड को अपने हाथ में लेकर उसके लंड के बचे हुए माल को दबा-दबाकर निकालने लगी...
और जब प्लेट पूरी सज गयी तो वो उसपर झुकी और अपनी गर्म जीभ से वो सारा माल किसी कुतिया की तरह चाटने लगी...
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