RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
ये तनवी की आवाज़ थी, जिसने पास आते हुए ये बात सुन ली थी...दोनो सकपका से गये...
तनवी ने हंसते हुए साक्षी से कहा : "अर्रे, घबरा क्यो रहे हो...आई एम् युवर फ्रेंड...कही जा रहे हो तो मुझसे छुपाने की क्या ज़रूरत है...इसलिए बता तो सकते ही हो ना...''
सोनू बेचारा लाख इशारे करता रह गया पर साक्षी ने उसकी तरफ देखे बिना ही सारी बात उसे सुना डाली
तनवी : "वाव...ये तो बहुत अच्छी बात है...तुम्हे ज़रूर जाना चाहिए सोनू...एंजाय करोगे....''
और उसे आँख मारती हुई वो अपनी क्लास की तरफ चल दी..और साक्षी से नज़र बचाकर उसने जाते-2 एक फ़्लाइंग किस्स भी की.
बेचारा सोनू सिर पीटकर रह गया, उसे डर था की कहीं वो ये बात सोनिया को ना बोल दे क्योंकि उसे शायद इस तरह से साक्षी के साथ जाना सही ना लगे...
इसलिए जैसे ही स्कूल की छुट्टी हुई,वो तनवी को ढूँढने लगा और जल्द ही वो उसे क्लास से निकलते हुए मिल गयी...वो उसके साथ घर की तरफ चल दिया.
तनवी ने ही बात शुरू की : "मज़े है यार तेरे तो...कल तो मेरे साथ-2 सोनिया के साथ भी मज़े कर लिए...''
उसने ये बात थोड़े गुरूर के साथ कही थी, यानी वो इसके लिए अपना एहसान जता रही थी सोनू पर..
सोनू भी उसके हाथ को पकड़कर , उसे मक्खन सा लगता हुआ बोला : "थेंक्स ए लॉट, ये सब तुम्हारी वजह से ही पॉसिबल हुआ...एंड यस , कल बहुत मज़ा आया था...''
तनवी ने अपनी नन्ही छातियाँ और बाहर निकाल ली और बोली : "एनीथिंग फॉर यू माय डार्लिंग...अभी तो और भी मज़े दिलाऊंगी ..और दूँगी भी...''
ये कहते हुए उसने अपने रसीले होंठों को दांतो तले भींच दिया...उसका रस टपककर रसभरी की तरह बाहर गिर पड़ा..
सोनू कुछ देर तक उसे देखकर मुस्कुराता रहा और फिर असली बात पर आया : "अच्छा सुनो....ये जो बात आज हुई...मेरे और साक्षी के बीच, उसके बारे में प्लीज़...''
''सोनिया को ना बताना....पता है मुझे....'' तनवी ने उसकी बात बीच मे काटते हुए ये कहा, वो ज़रूरत से ज़्यादा होशियार बनने का नाटक कर रही थी..
इसलिए सोनू ने चुप रहना ही ज़रूरी समझा...
बेकार में वो सोनिया वाली बात को लंबा खींचकर अपने रिश्तों की असली सच्चाई उसे नही दिखाना चाहता था.
पर तनवी के दिमाग़ में कुछ चल रहा था, वो बोली : "पर इसके बदले तुम्हे मेरे साथ भी एक डेट पर चलना पड़ेगा..''
सोनू : "डेट पर ?''
तनवी : "हाँ , ये भी तो एक डेट ही है,जहा तुम साक्षी के साथ जा रहे हो...ऐसे ही एक दिन मेरे साथ भी चलना..ओके ..''
उसने भी मुस्कुराते हुए ओके कहकर बात वहीं ख़त्म कर दी...
और ऐसे ही चलते-2 वो घर के करीब पहुँच गये.. और एक दूसरे को बाइ कहकर अपने-2 घर की तरफ आ गये.
घर पर लॉक था, सोनू ने अपनी चाबी से डोर खोला और अंदर आ गया...
उसे पता था की वो दोनो शॉपिंग से जल्दी नही आने वाली, इसलिए उसने खाना गर्म किया और खाने के बाद आराम से टीवी देखा, फिर अपने रूम में जाकर सो गया और आख़िर में फिर से आकर टीवी देखने लगा.
शाम को करीब 8 बजे वो लोग वापिस आए...
दोनो के हाथ शॉपिंग बैग्स से भरे हुए थे...
उनकी मॉम डिन्नर की तय्यारी करने लगी और सोनिया उसे समान दिखाने लगी...
सोनू ने नोट किया की कुछ बेग्स उसने उसे नही दिखाए, वो समझ गया की उनमे शायद लांजरी होंगी...
और अपनी मॉम के सामने वो उसे दिखाना नही चाहती थी.
इसलिए उसने भी उन बेग्स के बारे मे कुछ नही कहा... पर वो नही जानता था की आज रात के लिए सोनिया ने क्या प्लान किया है.
खाना खाने के बाद सोनिया अपना सारा समान लेकर उपर अपने रूम में चली गयी...
सोनू को पता था की आज वो उसे अपने अंदरूनी कपड़े दिखाएगी, और वो देखकर सोनू अपने आप पर काबू नही रख पाएगा और फिर से वही सब शुरू हो जाएगा जो पिछले कुछ समय से चल रहा है, और वो सब इस वक़्त सोनू अवाय्ड करना चाह रहा था...ख़ासकर अपनी उस सोच के बाद जो आज उसके दिमाग़ में आई थी.
इसलिए खाना खाने के बाद वो कुछ देर तक घर के सामने वाले पार्क में टहलता रहा और करीब 1 घंटे बाद वहां से वापिस आया और वो भी तब जब उसकी मॉम ने उसे फोन करके बुलाया.
उपर जाते हुए उसका दिल जोरो से धड़क रहा था... फिर कुछ सोचकर वो अपने रूम में जाने के बजाए साइड से बने जीने से अपनी छत्त पर चला गया.
ठंडी हवा चल रही थी...चाँदनी रात थी, ऐसे में वहां खड़ा होकर उसे बहुत अच्छा लग रहा था.
कुछ देर तक ऐसे ही टहलते रहने के बाद वो एक कोने में पड़ी चेयर पर जाकर बैठ गया और अपनी आँखे बंद कर ली.
बंद आँखो से वो अपनी दोनो गर्लफ्रेंड्स साक्षी और तनवी के बारे में सोचने लगा, पर ना चाहते हुए भी सोनिया का चेहरा उसके जहन में बार-2 उभर रहा था...
उसने तुरंत अपनी आँखे खोल दी.
और आँखे खोलते ही उसे सोनिया सामने खड़ी हुई दिखाई दे गयी..
उसने एक लोंग जैकेट पहनी हुई थी.
वो शायद काफ़ी देर से उसका इंतजार करते-2 थक गयी थी और उसके पीछे-2 उपर आ गयी.
सोनिया : "क्या हुआ सोनू....मुझे इस तरह से अवॉयड क्यों कर रहे हो...?''
सोनू : "अरे नही दी, ऐसा कुछ नही है...मैं तो बस ऐसे ही....ठंडी हवा के लिए उपर आ गया था...''
सोनिया : "आज से पहले ना तो तुम पार्क में घूमने गये और ना ही उपर इस तरह से रात के टाइम आए...इसलिए झूट बोलना बेकार है, बोलो मुझे, क्या बात है..''
वो उठकर बालकनी की तरफ चला गया...और नीचे देखने लगा, सोनिया उसके ठीक पीछे आकर खड़ी हो गयी.
सोनू : "दी...आप प्लीज़ ग़लत मत समझो...बट मुझे लग रहा था की शायद आप मुझे रूम में अपनी पर्सनल शॉपिंग...आई मीन वो बेग जो आपने अलग से..रखा था...वो दिखाएँगी...''
सोनिया झट्ट से बोली : "वो तो मैं अभी भी दिखाउंगी...इनफॅक्ट दिखा रही हूँ ...''
उसके इतना कहने की देर थी की बोखलाता हुआ सोनू एकदम से पीछे पलटा...
और वहां का नज़ारा देखकर दंग रह गया.
सोनिया ने अपनी जैकेट उतार दी थी और अंदर पहना हुआ नया ब्रा पेंटी का सेट दिखाने लगी..
सोनू की तो फट्ट कर हाथ में आ गयी...
घर की छत्त पर खड़ी होकर उसकी बहन ऑलमोस्ट नंगी होकर उसे अपना बदन दिखा रही थी...
ऐसा तो सोनू ने अपनी वाइल्ड से वाइल्ड इमेजीनेशन में भी नही सोचा था..
पर हिम्मत थी उसकी, अपने भाई को अपना नया सेट दिखाने के लिए वो उपर तक आ गयी थी... और इस तरीके से दिखा भी रही थी
और इससे पहले की सोनू उसे कुछ बोल पाता या उसे रोक पाता, सोनिया ने वो जैकेट अपने कंधो से सरका कर नीचे गिरा दी.
और अब वो खड़ी थी उस छत्त पर, चाँदनी रात में, अपना संगमरमर जैसा बदन लिए, सोनू के सामने.
सोनू के तो लंड में दर्द हो गया एकदम से... उसका लंड बुरी तरह से खड़ा होकर जीन्स में फँस चुका था... और होता भी क्यों नही, सीन ही ऐसा था.
सोनिया की एयर टाइट ब्रा में क़ैद उसके नन्हे कबूतर बुरी तरह से फँसे हुए थे और उनकी कसावट का परिणाम ये था की वो और भी ज़्यादा उभरकर बाहर की तरफ निकले हुए थे जो उसकी ब्रेस्ट को ज़्यादा बड़ा दिखा रहे थे...
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