RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
आज दिन में जो मेहनत उन्होने तनवी के साथ मिल कर की थी उसके बाद अभी किस्स के अलावा कुछ और करने का तो सवाल ही नही उठता था...
हालाँकि सोनिया के हाथ किस्स करते हुए सरक कर अपने भाई के लंड तक आए भी थे पर सोनू ने उसे बड़े प्यार से परे कर दिया...
बुरी तरह से सूजा हुआ था उसका लंड इस वक़्त. ऐसे में कुछ करना मुश्किल था ...
सोनिया भी बस उपरी मन से वो चेक कर रही थी वरना कुछ करने का तो उसका भी मन नही था...
एक दिन में जितना सेटिसफेक्शन इंसानी जिस्म को चाहिए होता है, उससे ज़्यादा मिल चुका था आज के लिए.
इसलिए कुछ एक्सट्रा करने की इच्छा ही नही रह गयी थी उनमें.
थोड़ी देर तक किस्स करते रहने के बाद सोनिया अपने भाई के कंधे पर सिर रखकर लेट गयी.
काफ़ी देर तक चुप रहने के बाद वो बोली : "सोनू...अगर आज तनवी फकिंग के लिए बोलती तो क्या तुम कर लेते...?''
ये बात उसने सोनू की तरफ देखे बिना कही थी...
इसलिए वो देख नही पाई की उसके चेहरे पर कैसे एक्शप्रेशन आए पर उसने महसूस ज़रूर कर लिया क्योंकि सोनू के दिल की धड़कन अचानक बढ़ गयी...
और क्योंकि उसका सिर सोनू के दिल के बहुत करीब था , उसे अपने कानो में धाड़-2 की आवाज़ें सॉफ सुनाई दे रही थी..
वो बोला : "आई डोंट थिंक सो.... आई थिंक ना तो वो और ना ही मैं उसके लिए अभी रेडी हैं...''
ये जवाब सुनकर वो मुस्कुरा दी...
उसने अपना खिला हुआ चेहरा उपर उठाया और बोली : "अगर तूने हाँ बोलना था तो मैने तेरी जान ले लेनी थी अभी...अच्छा हुआ जो ये समझदारी वाली बात कही...यही तो हमारे बीच भी डिसाइड हुआ था वरना हम तो कब के....''
इतना कहते हुए उसने अपने होंठ एक बार फिर से सोनू के होंठों पर रख दिए... और इस बार लिप्स को चूसने की पावर कुछ ज़्यादा ही थी...
सोनू बेचारा डर सा चुका था...
वो ये बात तो जान ही चुका था की उसकी बहन की वो कभी भी मार सकता है, पर खुद ही इस खेल के एहम नियम बनाकर वो उन्हे तोड़ने की ग़लती नही करना चाहता था...
और वैसे भी उसे डर सिर्फ़ और सिर्फ़ एक ही बात का था की ऐसे में अगर वो प्रेग्नेंट हो गयी तो क्या होगा..
उसकी मॉम तो डॉक्टर है, उन्हे पता चलते देर नही लगेगी की उनकी बेटी ने क्या गुल खिलाया है...और पापा तो उसकी हड्डिया तोड़ डालेंगे...इसलिए ये काम वो ना तो सोनिया के साथ कर सकता था और ना ही तनवी या साक्षी के साथ..
और बात और आगे ना बड़े, इसके लिए उसे खुद ही नियंत्रण में रहना होगा...सोनिया से एक उचित दूरी बनाकर रखनी होगी...जैसी वो शुरू से ही सोचता आया था.
इसलिए वो पलटकर दूसरी तरफ मुँह करके सो गया...और सोनिया को भी अपने बेड पर जाकर सोने को कहा...
भले ही सोनिया का कुछ करने का मन नही था पर वो आज सोनू के साथ सोने के लिए ही उसके बेड पर आई थी...पर उसके एकदम से बदले व्यवहार को देखकर वो अचम्बित रह गयी...और वो भी बिना कुछ बोले अपने बेड पर जाकर लेट गयी..
उसे गुस्सा तो आ रहा था पर बेकार में लड़ाई करके वो अपना और सोनू का मूड खराब नही करना चाहती थी...
ऐसे ही सोचते-2 दोनो को कब नींद आ गयी पता हि नही चला.
सुबह सोनू की नींद अलार्म से खुली तो स्कूल जाने के लिए वो झट्ट से खड़ा हो गया...
और हमेशा की तरह सबसे पहले उसे सोनिया का ख्याल आया और उसने उसके बेड की तरफ देखा, कल की तरह आज भी वो अपनी सुध बुध खोए, नन्हे कपड़ो से अपने जिस्म की नुमाइश करती हुई , बेसूध होकर सो रही थी..
पर सोनू ने उसकी तरफ ना देखना ही सही समझा और जल्दी से नहाने के लिए बाथरूम में घुस गया...
आने के बाद भी उसने जल्दी-2 अपने कपड़े पहने और बाहर निकल गया...
उसकी मॉम किचन में ही थी, लंच लेकर वो उन्हे बाइ बोलता हुआ बाहर निकल गया..
जाते-2 उसकी माँ ने बताया की आज उन्होने क्लिनिक से ऑफ लिया है और उन्होंने सोनिया के साथ शॉपिंग करने जाना है.
स्कूल पहुँचकर पहले उसकी मुलाकात साक्षी से और फिर तनवी से हुई...
पर दोनो से उसने ढंग से बात नही की...
कल रात की बात उसे परेशान कर रही थी...
उसके मन में जो डर था, प्रेग्नेंट करने वाला, उसने उसके दिमाग़ की घंटी बजा रखी थी.
ऐसे ही दोनो को अवॉयड करते-2 आख़िरकार साक्षी ने उसे एक पीरियड के बाद पकड़ ही लिया..
साक्षी : "ओये हीरो...क्या हुआ...इतने भाव क्यों खा रहा है...ढंग से बात क्यो नही कर रहे..''
सोनू : "अर्रे, नही यार, ऐसा कुछ नही है...वो तो बस, तबीयत ठीक सी नही थी...इसलिए...''
साक्षी : " ओके ....फिर ठीक है, अच्छा सुनो, कल तुम्हे मेरे साथ एक फंक्शन में चलना है...''
सोनू : "मैं...तुम्हारे साथ...कहाँ ?''
साक्षी : "यार, वो मेरी एक फ्रेंड है, चंचल, उसके बड़े भाई की शादी है...कई बार बोल चुकी है वो आने के लिए...मैने मॉम को तो बोल दिया है की मेरी दूसरी फ्रेंड्स भी जा रही है, पर ऐसा कुछ है नही, क्योंकि मैं तुम्हारे साथ वहां जाना चाहती हूँ ...''
सोनू के दिमाग़ में हिसाब किताब शुरू हो चुका था, कैसे जाएगा, क्या पहनेगा,घर पर क्या बोलेगा ..
वो बोला : "वो तो ठीक है, बट मेरे साथ ही क्यों ..तुम अकेली भी तो जा सकती हो ना...या अपने छोटे भाई को ले जाओ साथ...और तुम अपनी फ्रेंड चंचल को क्या बोलोगी मेरे बारे में, की ये किसे साथ ले आयी''
साक्षी बड़े प्यार से उसकी तरफ देखते हुए बोली : "यार, वो क्या है ना, कल मैने उसे तेरे बारे में सब बोल दिया था...तो तब से वो..तुझसे मिलना चाहती है...समझा करो ना...मना मत करो प्लीज़...''
सोनू : "मैं मना नही कर रहा पर वो मुझसे क्यो मिलना चाहती है...?''
साक्षी : "यार, होता है हम लड़कियो के बीच ऐसा ही... एक दूसरे के बोयफ़्रेंड् से मिलकर अलग ही मज़ा आता है... और सुनो, तुम्हे भी मज़ा आएगा, बड़ी सैक्सी है चंचल...''
उसने जब आँख मारते हुए ये बात कही तो सोनू ने उसके प्रोग्राम पर मोहर सी लगा दी और बोला : "ठीक है, तुम कहती हो तो मैं चल पड़ूँगा...''
तभी पीछे से आवाज़ आई : "कहाँ चलने की बात हो रही है...?''
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