RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
ये एक ऐसा काम था जिसके लिए इस वक़्त कमरे में मोजूद दोनो चूतें मचल रही थी...
पर लंड सिर्फ़ तनवी के हिस्से में लिखा था इस वक़्त.
उस नागिन ने अपना फन नीचे किया और सोनू की नागमणि एक ही झटके में निगल कर उसे पूरा का पूरा अपने अंदर समा लिया.
''आआआआआआआआआआआहह......... सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स...''
एक साथ दो सिसकारियाँ सुनी गयी कमरे में
एक तो सोनू की, जिसे ऐसा लगा की उसने अपना लंड किसी आग भट्टी में डाल दिया है...
और दूसरी ...
ना ना...
तनवी की नही
बल्कि सोनिया की
जो दूर बैठी अपना मुँह खोलकर, अपनी चूत में उंगलियाँ पेलकर, उसे ऐसा करते हुए तब तक देखती रही
जब तक वो सोनू के कड़क लंड को निगल नही गयी...
और जैसे ही उसने निगला, सोनिया के मुँह से भी सिसकारी निकल गयी.
जैसे वो लंड तनवी के मुँह में नही , बल्कि उसके खुद के मुँह में आया हो....
और लंड वाली फीलिंग लेने के लिए, उसने अपनी चूतरस से भीगी पाँचों उंगलियों को एक साथ चिपकाया, उसको कोन जैसी शक्ल में ढाला और अपने मुँह में लेकर चूसने लगी....
.. उउम्म्म्ममममममम.....
कसम से, कुतिया को खुद की उंगली चूसने में भी इस वक़्त उतना ही मज़ा मिल रहा था जितना उसे अपने भाई के लंड को चूसने पर मिला था.
पर असली मज़ा तो तनवी को मिल रहा था....
जो उसके भाई के लंड को अपने बाप का माल समझ कर इतनी बुरी तरह से चूस रही थी जैसे आज उसे जड़ से उखाड़ कर घर ही ले जाएगी...
पर सोनू को भी शायद ऐसी उत्तेजना पसंद थी, इसलिए वो खुद भी उसे ज़ोर-2 से लंड को चूसने के लिए उकसा रहा था...
उसने तो अपने लंड को उसके गले से नीचे उतार कर उसे चौक सा कर दिया था, बेचारी ने बड़ी मुश्किल से उसे बाहर निकाला, वरना उसने वहीं उल्टी मार देनी थी.
तनवी की नज़र जब अपनी सहेली पर पड़ी तो उसने देखा की कैसी लालायित नज़रों से वो उसे देख रही है...
तनवी का दिल पासीज सा गया....
उसने अपने घर पर एक बिल्ली पाली हुई थी, और जब भी वो भूखी होती थी तो ऐसी ही नज़रों से वो सबको देखती थी, तनवी को अपनी वो पुस्सी याद आ गयी सोनिया की आँखे देखकर...
वो समझ गयी की उसे भी इस वक़्त भूख लगी है...
और वो भी लंड की भूख...
तनवी तो मज़े से उसके भाई के लंड की डिश खा रही थी, पर दूर बैठी उसकी बेस्ट फ्रेंड किसी भूखी बिल्ली की तरह उसे ऐसा करते देख रही थी....
उसने मन में कुछ सोचा और फिर इशारा करके उसने सोनिया को अपनी तरफ आने को कहा.
सोनिया के साथ -2 सोनू भी चोंक गया की वो उसे क्यो बुला रही है...
हालाँकि दोनो भाई-बहन इस वक़्त यही चाहते थे पर उन्होने सोचा नही था की तनवी खुद ये काम उनसे करवाएगी.
सोनिया उठकर करीब आई तो तनवी बोली : "आई नो की तुम्हे कैसा फील हो रहा है....तुम एक काम करो..यहाँ आओ...और इसे सक्क करो...''
वो अंदर ही अंदर खुश तो हुई पर उसने चोंकने का नाटक करते हुए कहा : "ये...ये कैसे....करू मैं ....तनवी.....ही ... ही इस माय ब्रदर.... ये ग़लत है..''
तनवी : "ओ कोम ऑन ..... कुछ ग़लत नही है, अब इतना कुछ हो ही चुका है तो ये भी सही...आई मीन यू आर नोट फक्किंग युवर ब्रदर... इट्स ओन्ली ब्लो जॉब ....''
दोनो भाई बहनो की नज़रें मिली...
सोनू के चेहरे की खुशी छुपाए नही छुप रही थी...
पर वो कुछ बोला नही.
सोनिया ने थोड़ा और नाटक किया : "यार....आई नो की आज जो हम भाई बहन के बीच हुआ है ये हद से ज़्यादा था बट ये तो आउट ऑफ द लाइन हो जाएगा ना...''
तनवी ने इस बार उसकी एक ना सुनी और उसका हाथ पकड़कर ज़बरदस्ती सोनू के लंड पर रख दिया
और बोली : "मुझे कुछ नही सुनना, और वैसे भी, ये बात सिर्फ़ हम तीनो के बीच रहेगी... अब तूने मेरी इतनी हेल्प की है, ऐसे में तेरा भी तो मज़े लेना बनता ही है... तू बस आँखे बंद कर और अपने किसी भी पुराने बाय्फ्रेंड के बारे में सोचकर इसे सक्क कर ले... फिर देखियो, पता भी नही चलेगा...''
अब वो बेचारी ये नही जानती थी की उसका पुराना और नया, सिर्फ़ एक ही बाय्फ्रेंड है और वो है उसका खुद का भाई....सोनू.
सोनिया ने अपनी आँखे बंद कर ली, और अनमने मन से नीचे झुकने का नाटक करते हुए अपने रसीले होंठों को खोला...
ये वो पल था जब दोनो भाई बहन के दिलो की धड़कने रुक सी गयी थी...
बंद कमरे में अकेले वो सब करना उन्हे आसान लगा था पर इस तरह अपने रिश्तो की धज्जियाँ किसी और के सामने उड़ाते हुए उन दोनो का शरीर रोमांच से भरा हुआ था.
पर जैसे ही सोनू का लंड सोनिया के मुँह में गया,सब सामान्य हो गया...
एक चिर-परिचित सी महक जैसे ही सोनिया के नथुनों से टकराई, वो नॉर्मल हो गयी और फिर उसी शिद्दत से अपने भाई के लंड को चूसने लगी जैसे कल रात को चूसा था...
जैसे अभी कुछ देर पहले तनवी चूस रही थी...
इन्फेक्ट सोनिया तो उससे भी ज़्यादा ज़ोर से चूस रही थी.
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