RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
उसकी बहन अपने भाई की इन बड़ी -2 बातों को बड़े ध्यान से सुन रही थी...
सोनू : "बस उसी अंजाम को रोकने के लिए मैं अभी के लिए और आगे नही बड़ना चाहता, ये ग़लत है, ये तो आप भी जानती हो और मैं भी...पर उन बातों से हम आगे निकल चुके है...पर इतना भी आगे नही निकलना चाहिए की दुनिया की नज़रों में हम वो काम कर दे, जिसे ग़लत कहा जाता है...''
सोनिया उसे बड़े ध्यान से सुनती रही...
सोनू को लगा की वो उसकी बात समझ गयी है...
पर उसके हाथ की पकड़ अभी भी उसके लंड पर ज्यो की त्यो थी...
और जब तक वो ढीली नही पड़ेगी , सोनिया ढीली नही पड़ेगी.
सोनिया : "तुम्हारे कहने का मतलब ये है की अगर ये सब ऐसे ही चलता रहा तो हम दोनो वो सब कर बैठेंगे जो हमे नही करना चाहिए... यानी सैक्स''
सोनू ने हाँ में सिर हिलाया
सोनिया के चेहरे पर एक कुटिल मुस्कान आ गयी और वो थोड़ा आगे आती हुई बोली : "पर बाकी सब तो कर ही सकते है ना... वो करने से क्या प्राब्लम है...''
सोनू : "बट दी.... यही तो मैने अभी कहा आपसे... वो सब करते-2 कण्ट्रोल ही नहीं रह पाता , पता ही नही चलता की क्या होने वाला है...''
सोनिया : "उसकी फ़िक्र तुम ना करो.... जब नौबत वहां तक आएगी तो मैं खुद ही मना कर दूँगी... मैं भी अपनी वर्जीनिटी अभी नही खोना चाहती.... अभी मेरी उम्र ही क्या है...''
सोनू : "पर दी....''
सोनिया : "पर-वर कुछ नही... मैने कहा ना, मैं खुद रोक दूँगी... और तुम भी तो हो, थोड़ा कंट्रोल तो तुम्हे भी होगा खुद पर... एन्ड आई प्रॉमिस, जब मैं खुद बहक गयी तो तुम्हारे कहने पर मैं वहीं रुक जाउंगी ... फिर तुम अपने सारे आदर्श..सारे उसूल मुझे सुना देना...वो ग़लत काम मैं नही करूँगी...''
सोनू ने अपने हाथ की पकड़ अपनी बहन के हाथ पर ढीली कर दी...
यानी वो उसकी बात से सहमत हो गया था.
वैसे भी, इस वक़्त वो अच्छी तरह से जानता था की सोनिया से ज़्यादा वो खुद ये सब करने के लिए उतावला है...
कौन सा मर्द नही चाहेगा की उसे किसी लड़की की चूत में उंगली डालने का अवसर मिले...उसे चूमने का...उसकी पुस्सी को चूसने का, अपना लंड उसे चुसवाने का...उसके मोम्मे दबाने और चबाने का.... फिर चाहे वो उसकी खुद की बहन ही क्यो ना हो.
सोनू भी ये सब करने को तैयार था, पर अंदर ही अंदर वो अब इस बात से खुश भी था की उसने अपने रिश्तों को एक सीमा में बाँध दिया है, उस सीमा को पार करना अब दोनो के लिए मना था, वो सीमा यानी चुदाई के अलावा वो दोनो कुछ भी करने के लिए आज़ाद थे.
साक्षी और तनवी के बाद, अपनी प्यारी बहन के साथ ऐसा कुछ करने की सोचकर ही उसके लंड ने झटके मारने शुरू कर दिए...
सोनू ने सिर हिला कर सोनिया के साथ हुए अपने इस अग्रीमेंट पर मोहर लगा दी.
सोनिया का चेहरा दमक उठा...
और उसने सबसे पहला काम वो किया, जिसके लिए वो बरसों से तड़प रही थी.
वो लपककर अपने भाई की गोद में आ चढ़ी और उसके गले में बाहें डालकर उसे बेतहाशा चूमने लगी....
पहले उसके गालों पर...
फिर माथे और आँखों पर...
और फिर एक गहरी साँस लेकर उसने अपने शरबती होंठ सोनू के होंठों पर रख दिए.
''उम्म्म्मममममममममममम.....पुचsssssssss.......''
वो चुंबन इतना गहरा और नशे से भरा था की सोनू भी अपने होश खो बैठा.
सोनू तो पहले भी साक्षी और तनवी के होंठों को चूस चुका था...
उनके कुंवारे होंठों का शहद चख चुका था...
पर सोनिया का ये पहला मौका था...
वो अपनी पूरी ताक़त से अपने भाई के होंठों को चूस रही थी....
उसे अपना रस पीला रही थी और उसका निकाल रही थी....
ऐसा करते हुए वो बड़ी बेरहमी से अपनी नोक वाली छातियाँ सोनू के सीने पर रग़ड़ रही थी....
उनमे हो रही खुजली को वो उसके चौड़े सीने से घिस कर मिटा रही थी.
और फिर सोनिया ने खुद ही सोनू के हाथ को पकड़ा और धीरे-2 उपर करते हुए उसे अपनी छाती पर रख कर ज़ोर से दबा दिया....
सोनू को ऐसा लगा जैसे उसका हाथ किसी ऊन के गोले पर रख दिया है...
जिसपर एक बादाम का दाना लगा है...
वो उसकी टी शर्ट के उपर से ही उसके निप्पल को दबाने लगा.
सोनिया ने अपनी टी शर्ट उतार फेंकी और अपनी अल्हड छातियाँ अपने भाई के सपुर्द कर दी, सोनू उन्हें बड़े प्यार से दबाने लगा
जैसे-2 वो उसके बूब्स को दबा रहा था, सोनिया की आँखे उपर की तरफ होती चली गयी....
जैसे कोई मिर्गी का दौरा पड़ रहा हो...
पर वो कोई दौरा नही पड़ रहा था, अत्यधिक उत्तेजना की वजह से उसके अंदर एक जोरदार ऑर्गॅज़म का निर्माण हो चुका था....
और जैसे-2 सोनू उसके बूब्स को दबा रहा था, वो हवा सीधा उसके ऑर्गॅज़म में जाकर उसे और ज़्यादा फूला रही थी...
सोनिया के कच्चे टिकोरे जैसे ही उसकी नजरों के सामने आये वो उन्हें मुंह में लेकर चूसने लगा
और जैसे ही सोनू ने उसके निप्पल को मुँह मे लेकर चूसा , वो भरभराकर झड़ने लगी....
''आआआआआआआआआआआआआआआआआहह सोनू............................. उम्म्म्ममममममममममम.......''
अपनी लाइफ के सबसे पहले सैक्स एनकाउंटर में वो अपने भाई से सिर्फ मुम्मा चुस्वा कर ही झड़ गयी.
और वो भी बिना कुछ किए.
सोनू उसके नुकीले निप्पल्स को अभी भी चूस रहा था....
अपने मुँह मे लेकर वो उन्हे चबा रहा था.
सिर्फ़ 10 मिनट के अंदर ही दूसरी बार सोनू ने उसे झाड़ दिया था....
पहले उसकी पुस्सी में फिंगरिंग करके और दूसरी बार उसे बेतहाशा मज़ा देके.
सोनू का लंड अभी भी बुर्ज खलीफा की तरह डटा खड़ा था.
अपने गीले-2 होठों से अपने भाई को चूमते हुए सोनिया नीचे तक आई और उसने सोनू के लंड को दाँतों से पकड़ लिया..
''आआआआआआआआआआअहह दी........ धीरे......''
सोनिया खिलखिलाई : "ओले ओले.... मेले भाई को दर्द हो रहा है... देखूँ तो ज़रा....''
इतना कहकर उसने सोनू की शॉर्ट्स को पकड़कर नीचे खींच दिया... और किसी स्प्रिंग लगे खुंटे की तरह सोनू का लंड लहरा कर उसके सामने डांस करने लगा..
अपनी आँखो के सामने नाच रहे भाई के लॅंड को देखकर वो सम्मोहित सी हो गयी.... कितना प्यारा था वो... कितना चिकना...
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