RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
उसकी टी शर्ट से झाँकते उसके बूब्स को पूर्ण नग्न देखने की इच्छा उसे होने लगी...
पता नही कब उसे ये मौका मिलेगा जब वो खुद ही उसे न्योता देगी की आओ भाई, देख लो...ये है वो बूब्स जिन्हे मैने पिछले 6-7 सालों में पाल पोसकर इतना बड़ा किया है..
ये सोचने मात्र से ही उसका लंड पूरा खड़ा हो चुका था.
पर अभी के लिए इतना उत्तेजित होना सही नही था उसके लिए...
स्कूल के लिए देर हो रही थी...
वो जल्दी से बाथरूम में गया और मुठ मारकर अपने खड़े लंड को शांत करवाया..
स्कूल पहुँचकर भी उसका मन सोनिया की तरफ ही था...
और शाम को होने वाले धमाके के बारे में सोचकर ही उसके तन बदन में तरंगे सी उठ रही थी.
वो ये सोचता हुआ चला ही जा रहा था की तभी पीछे से भागकर आती हुई साक्षी ने उसे आकर रोक दिया.
''हाय , कहाँ भागे जा रहे हो...कितनी देर से आवाज़ें लगा रही हूँ ...''
सोनू ने पलट कर देखा तो साक्षी पसीने से भरी हुई, अपनी स्पोर्ट्स ड्रेस में खड़ी थी...
स्कूल की बेडमींटन टीम का कैप्टन होने की वजह से उसे प्रैक्टिस के लिए सुबह 1 घंटा पहले आना पड़ता था...
शायद बेडमींटन की प्रैक्टिस करते हुए उसने सोनू को देख लिया था, वही से भागती आ रही थी उसके पीछे.
सोनू : "ओह्ह .. हाय .. सॉरी, वो मैं कुछ सोचता हुआ जा रहा था....''
वो मुस्कुराइ और बोली : "मेरे बारे में ना.... ह्म्*म्म्म''
उसकी सैक्सी स्माइल और आँखो की चमक देखकर सोनू से झूट बोले बिना रहा ही नही गया...
"हां ..... तुम्हारे बारे में ही...''
उसने शरमा कर अपनी आँखे नीचे कर ली....
इस वक़्त साक्षी बहुत सैक्सी लग रही थी.
अचानक बेल बज गयी...
ये प्रेयर का टाइम था...
सभी स्टूडेंट्स को बिल्डिंग के सामने वाले ग्राउंड में इकट्ठा होना पड़ता था..
सोनू भी वहां जाने लगा तो साक्षी ने उसका हाथ पकड़ा और बोली
''अर्रे, तुम कहां चल दिए... चलो मेरे साथ ज़रा...''
इतना कहकर वो उसे खींचकर अपने साथ बिल्डिंग के पीछे की तरफ बने लेडीज़ बाथरूम में ले जाने लगी..
सोनू को डर भी लग रहा था और रोमांच भी...
उसके मना करने के बाद भी वो उसे धकेलते हुए अंदर तक ले आई...
इस वक़्त तो किसी के भी वहां होने का सवाल ही नही था...
सब प्रेयर ग्राउंड में थे..
साक्षी के पास उसका बेग था, जिसमे उसकी स्कूल यूनिफॉर्म थी...
उसे लेकर वो सोनू का हाथ पकड़कर अंदर ले गयी...
और लाइन में बने शावर वाले केबिन्स के लास्ट वाले केबिन में ले गयी
सोनू जानता था की उसके मन में क्या है, बस उसे डर था की इस लेडीज़ बाथरूम में उसे कोई और लड़की ना देख ले.. वरना प्रिंसिपल तक बात पहुँच जानी थी.. इन मामलो में उनका स्कूल काफ़ी स्ट्रिक्ट था.
पर अंदर ही अंदर उसे पता था की 10 मिनट तक तो कोई नही आने वाला...
और बाद में भी 1st पीरियड करीब 30 मिनट का था, इसलिए पकड़े जाने का चांस सिर्फ़ 10 पेर्सेंट ही था..
अंदर जाते ही साक्षी ने बेग ज़मीन पर रखा और सोनू के गले से लिपट गयी....
उसके बदन से आ रही पसीने की स्मेल ऐसी लग रही थी जैसे शराब को उसके बदन से घिस्स कर निकाला जा रहा हो...
बूँद-2 करके वो नशीली शराब बाहर आ रही थी...
उसे पहली बार किसी के पसीने की स्मेल इतनी उत्तेजक लगी..
पर उसे क्या पता था की लड़की के शरीर की स्मेल होती ही ऐसी है
चाहे वो उसके बदन की हो या पसीने की..
वो फुसफुसाई : "ओह्ह्ह सोनू..... कितना परेशान करते हो रातो में मुझे आजकल तुम... पता है कल रात सो नही पाई मैं...''
इतना कहते हुए उसने सोनू के होंठों पर अपने होंठ रख दिए...
और उन्हे चूसने लगी...
सोनू भी उसके शहद से भीगे होठों को आँखे बंद करके चूसने लगा...
साक्षी ने अपनी शॉर्ट्स को उतार दिया और अपनी टी शर्ट को भी हाथ उपर करके उतार फेंका...
टी शर्ट निकालने के लिए जब उसने किस्स थोड़ी तो सोनू को पता चला की वो अब सिर्फ़ स्पोर्ट्स ब्रा और पेंटी में उसके सामने खड़ी है...
ऐसा सैक्सी नजारा देखकर उसकी ज़ुबान लक्कड़ की हो गयी...
वो बिना पलकें झपकाए उसे देखने लगा.
वो भी जानती थी की उसका लचीला बदन और मोटे मोम्मे कितने कामगार है , इसलिए वो बिना शरमाये अपना आधा नंगा बदन उसे दिखा कर ललचा रही थी..
साक्षी ने अपने बेग से एक हेंड टावल निकाला और उसे थोड़ा सा गीला करके अपने बदन के पसीने को पोंछने लगी... वो बड़े आराम -2 से ये सब कर रही थी... सोनू बुत्त सा बनकर उसे ऐसा करते हुए इतने करीब से देख रहा था..
वो अपनी फेली हुई गांड उसकी तरफ घुमा कर खड़ी हो गयी, जो उसके शरीर का सबसे कातिल हिस्सा था, और वो जानती थी की उसे देखकर सोनू उसे पकड़े बिना नही रहेगा...
और हुआ भी यही
सोनू ने जैसे ही उसके फैले हुए चूतड़ अपनी आँखो के सामने देखे वो अपना खड़ा हुआ लंड लेकर उसके पीछे जाके चिपक गया और जितना ज़ोर से हो सकता था , अपना लंड उसकी दरार में फँसा कर उससे चिपक गया..
वो आँखे बंद करके कसमसाई
''सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स अहह...... ओह्ह्ह्ह सोनू.....''
ये उसने इतने नशीले तरीके से बोला था की उसे रात वाली सोनिया की सिसकारी याद आ गयी....
ये पहली बार नही था की साक्षी के साथ होते हुए वो अपनी बहन के बारे में सोच रहा था....
बस उसके दिमाग़ में ऐसा कुछ चल रहा था की ना चाहते हुए भी सोनिया उसके जहन में इतना बस चुकी थी की बिना याद किये वो याद आ रही थी.
सोनू ने अपने हाथ उपर करके उसकी ब्रा के उपर से ही उसके बूब्स को पकड़ कर ज़ोर से दबा दिया....
''ओह...... साक्षी.......... क्या बूब्स है तुम्हारे...... उम्म्म्ममममममममम....''
उसने सोनू का हाथ पकड़ कर पीछे की तरफ किया और अपनी गांड के उपर रख कर बोली : "और इसके बारे में क्या ख़याल है....''
सोने ने उसे पकड़ कर बुरी तरह से मसल दिया...
और उसके कान में बोला : "इनका तो जवाब ही नही है... ऐसे ही थोड़े ना तुम्हे स्कूल में सब शकिरा बुलाते है.... हिप्स डोंट लाई...''
इतना कहकर उसने उसका चेहरा अपनी तरफ घुमा कर उसे किस्स कर लिया...
साक्षी की साँसे तेज हो गयी और उसने अपना हाथ नीचे करके सोनू का लंड पकड़ लिया... और बेसब्री से भरी आवाज़ में बोली : "सोनू...प्लीज़ इसे निकालो बाहर....मुझे देखना है ये...प्लीज़ सोनू....''
उसने इतनी याचना भरी आवाज़ में ये कहा की सोनू मना ही नही कर पाया...
उसने अपनी जीप खोल दी..
बाकी का बचा हुआ काम साक्षी ने खुद कर लिया...
अपना हाथ अंदर डालकर उसने उसके नेवले को बिल से बाहर खींच लिया...
गर्म-2 माँस का तना हुआ टुकड़ा हाथ में आते ही उसकी आँखो की चमक 100 गुना बढ़ गयी...
ये उसकी लाइफ का पहला लंड था, जिसे वो हाथ में पकड़ कर देख रही थी...
वो नीचे बैठ गयी और अब वो ठीक उसकी आँखो के सामने था...
वो उसे घुमा-फिरा कर , उपर नीचे से, दबा कर, सहला कर पूरा परख रही थी...
सोनू गहरी साँसे लेता हुआ उसे ये सब करते देख रहा था....
साक्षी ने उपर देखा...
दोनो की आँखे एक दूसरे से मिली...
और एक मौन स्वीकृति मिलने के बाद साक्षी ने धीरे-2 सोनू के लंड को अपने मुँह में ले लिया..
पहले उसने जीभ से उसे टच करके देखा... उसे होंठों से चूमा
शायद टेस्ट करके देख रही थी...
फिर अपने गुलाबी होंठ खोलकर उसने उसे अंदर ले लिया...
और जैसे ही उसका स्वाद गले से नीचे उतरा, उसने उसे बुरी तरह से चूसना शुरू कर दिया...
इतनी ज़ोर से चूस रही थी की सोनू को अपने पंजो पर खड़ा होना पड़ा...
दीवार को पकड़कर बड़ी मुश्किल से उसने साक्षी का सिर पकड़ कर उसे पीछे धकेला...
''आआआआआआआआआहह साक्षी............... यू बिच........... खा जाओगी क्या.....''
उसने लंड को बाहर निकाला और बोली : "मेरी लाइफ की पहली सकिंग है...इतना तो बनता है बॉस....''
और एक बार फिर से अपने मुँह मे लेकर वो उसे चूसने लगी.... उसे देखकर सॉफ पता चल रहा था की वो इस लंड चुसाई को कितना एंजाय कर रही है...
अचानक बाहर किसी के क़दमों की आहट हुई...
और साक्षी ने उसके लंड को बाहर निकाल दिया...
दोनो डर से गये...
वो शायद भूल ही चुके थे की वो इस वक़्त स्कूल में है..
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