RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
वो देखना चाहता था की उसकी बहन कैसे उसे तैयार करती है और वो तन्वी किस हद तक उसके साथ मज़े लेने के लिए तैयार हो सकती है....
अभी तन्वी को आने में 1 घंटे का समय था... और सोनू को भूख भी लगी थी... तो उसने एक काम किया .. डोमिनोस से पिज़्ज़ा ऑर्डर कर दिया.. अपने और सोनिया के लिए और साथ में तन्वी के लिए भी... उसे पता था की तन्वी को पिज़्ज़ा बहुत पसंद है.
आधे घंटे में पिज़्ज़ा आ गया और सोनू फ्रेश होने चला गया.
नहाकर उसने एक टाइट सी शॉर्ट और कूल सी टी शर्ट पहन ली... जिसमें वो काफ़ी स्मार्ट लग रहा था... सोनिया बार-2 उसे तन्वी का नाम लेकर छेड़ रही थी..
तभी बेल बजी और सोनिया ने अपने भाई को कहा : "तुम जाओगे या मैं खोलूँ....''
सोनू द्विअर्थी शब्दो में बोला : "अभी तुम खोल दो....बाद में मैं खोलूँगा...''
उसकी बात का मतलब समझकर वो अपने दाँत कटकाटाते हुए बोली : "बदमाश होते जा रहे हो तुम....''
फिर मुस्कुराती हुई वो दरवाजा खोलने दौड़ पड़ी..
उसे दौड़ते देखकर , पीछे से उसके हिलते चूतड़ देखकर एक पल के लिए तो सोनू का दिल ही धड़कना भूल गया...
आज पहली बात उसने अपनी बहन के हिप्स को गोर से देखा था....
टाइट जीन्स में उसके हिलते चूतड़ बहुत सेक्सी लग रहे थे...
आज तक तो उसकी नज़रें हमेशा उसके बूब्स को ही घूरती रही थी...
पर आज सोनू को पता चला की उसकी बहन पीछे से भी माल है.
सोनिया ने दरवाजा खोला और तन्वी को अंदर ले आई...
अंदर आकर तन्वी ने सोनू को देखा और हाय बोली
सोनू ने आगे बढ़कर अपना हाथ बढ़ाकर उसे हेलो कहा...
वो फटी आँखो से सोनिया को देखने लगी जैसे कहना चाहती हो की आज ये तेरे भाई को क्या हो गया है..
वो ये सोचने मे लगी थी और सोनू उसे ताड़ने में.
उपर से नीचे तक वो एक सैक्स बॉम्ब थी.. बस बूब्स नही थे उसके पास... पर बड़े ही नुकीले निप्पल्स थे... जो उसकी टी शर्ट में दूर से ही चमक रहे थे... शायद बिना ब्रा के पहनी हुई थी वो टी शर्ट...
तन्वी ने हाथ मिलाया और सोनू ने उसका हाथ होले से दबा दिया...
जैसे कोई इशारा कर रहा हो...
एक बार फिर से वो चोंक गयी...
ये पहली बार था जब उसे सोनू की तरफ से कोई सिग्नल मिल रहा था...
और अपनी खुशी और शर्म को छिपाने में उसे बड़ी मुश्किल हो रही थी....
उसने सोनिया का हाथ पकड़ा और उसे उसके बेडरूम में घसीटती ले गयी.
जाते-2 एक बार फिर से वो दोनो हिरणियाँ अपनी-2 गांड सोनू की भूखी नज़रों के सामने परोस गयी
सोनू, जो अभी तक अपनी बहन की हिलती गांड के मोह्पाश से निकल नही पाया था, तन्वी की गांड के हिचकोलो ने उसे सांतवे आसमान पर पहुँचा दिया...
भले ही तन्वी के बूब्स नही थे पर उसकी गांड ने शकिरा को भी मात दे रखी थी...
ऐसी सैक्सी गांड तो परिपक्व औरतों की होती है...
शायद छाती की सारी चर्बी उसकी गांड में पहुँच गयी थी ग़लती से.
पर जो भी था, उसे तन्वी की गांड बड़ी सैक्सी लगी.
पर अभी के लिए वो उनकी बातों को मिस नही करना चाहता था, वो भी भागकर उपर गया, और ऐसे ही मौके के लिए उसने ख़ास इंतज़ाम किया था आज...
उनके बेडरूम से लगा हुआ एक स्टोर था उपर... जिसमें जाकर सोनू ने पहले से ही उपर के रोशनदान से अंदर झाँकने का रास्ता खोज निकाला था.
वो जानता था की बाहर खड़े रहना ख़तरे से खाली नही है, वैसे भी तन्वी ने अंदर जाकर दरवाजा बंद कर लिया था...वो स्टोर में गया, और एक प्लास्टिक के ड्रम के उपर खड़ा होकर एक छोटे से रोशनदान से बेडरूम में झाँकने लगा... वो जाली वाला रोशनदान था, जिसमे दूर से तो कुछ नही पर पास जाकर दूसरी तरफ का सॉफ दिखाई दे सकता था.
इसलिए सोनू को पकड़े जाने का डर नही था.
वो उन्हे बात करते हुए देखने लगा.
तन्वी बोले जा रही थी
''ओह्ह माय गॉड ... आज उसने मुझे हेल्लो कहा.... मेरा हाथ पकड़ा... मुझे तो विश्वास ही नही हो रहा ..... ''
वो बोले जा रही थी और सोनिया हँसे जा रही थी उसकी एक्साइटमेंट देखकर...
सोनिया : "जब वो देखता नही था तो बोलती थी.... अब देख रहा है तो बोल रही है... पहले सोच ले की तुझे क्या पसंद है....''
वो शर्म से लाल हो उठी....
एक नवयोवना के चेहरे पर आई इस खुशी को सोनू पहले भी अपनी बहन के चेहरे पर देख चुका था...
इसलिए अच्छी तरह से समझ पा रहा था की उसके दिल में इस वक़्त क्या चल रहा होगा.
तन्वी : "यार.... ही इस सो क्यूट.... मेरा तो मन कर रहा था की उसे पकड़ कर चूम लू... तू सामने ना होती तो मैने उसका हाथ छोड़ना ही नही था... वही दबोच लेती साले को...''
सोनिया : "अच्छा जी ....तेरी खुद की ही सिट्टी पिटी गुम हो गयी थी.... और मेरे होने से तुझे प्राब्लम है तो अकेले में मिल कर अपनी प्यास बुझा ले तू... बोल भेजूं उसको अंदर....''
उसने इस अंदाज में कहा जैसे उसे चेलेंज कर रही हो...
उसके चेहरे पर चालाकी वाले भाव थे...
और सोनू को पता था की इस चालाकी से वो अपना ही रात वाला काम निकलवा रही है....
जब तक वो तन्वी को नही पटाएगी उसके लिए, रात को वो अपनी इच्छा पूरी नही कर पाएगी..
तन्वी भी तेश में आ गयी : "हाँ तो भेज ना... मैं कौनसा डरती हू... मेरे लिए तो अच्छा ही है... देखती हूँ उस लल्लू में कितनी हिम्मत है..''
सोनिया को जैसे यही मौका चाहिए था...
वो जल्दी से बाहर की तरफ चल दी.
|