RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
सोनू उसके करीब आया...
और उसके दोनो हाथों को पकड़ कर बोला : "दी, हमे कोई अलग नही कर सकता.... कभी नही...''
दोनो एक दूसरे की आँखो मे देखकर एक पल के लिए कहीं गुम से हो गये...
दोनो के दिल धड़क उठे....
सोनिया के लब लरज उठे...
और वो थोड़ा आगे खिसक आई....
अपने भाई के बिल्कुल करीब...
इतने करीब की उसकी साँसे वो अपने चेहरे पर महसूस कर पा रही थी...
सोनू के हाथ सोनिया ने अपनी छाती के बिल्कुल सामने पकड़े हुए थे...
सोनू की छोटी उंगली उसकी ब्रेस्ट को टच कर रही थी...
उसका मन तो कर रहा था की अपने हाथ और अंदर दबा दे, पर ऐसा करना उसके सिद्धांतो में नही था, इसलिए उसने अपने हाथ छुड़ाए और अपनी भावनाओ को काबू करने के लिए बाथरूम में घुस गया..
अंदर जाकर उसने वाश्बेसन पर अपना चेहरा धोया ...
सोनिया उसके करीब आकर खड़ी हो गयी.
और बोली : "वैसे मुझे भी एक बात बोलनी थी तुमसे... ''
सोनू समझ गया की वो अपने प्यार का इज़हार करना चाहती है..
वो उसके चेहरे की तरफ देखने लगा....
पर वो असमंजस मे थी, की बोले या नही..
सोनिया : "वैसे कहना तो नही चाहिए, पर मेरा क्या फायदा होगा ये सब कराने में ...?''
सोनू समझ गया की वो बातें गोल कर रही है...
उसकी हिम्मत ही नही हुई अपने भाई को आई लव यू बोलने की...
इसलिए बीच में ये दूसरी बात छेड़ दी.
सोनू : "तू बोल दी, क्या चाहिए.... आइस्क्रीम.... मूवी .... मेरी पॉकेट मनी में तो यही सब आ सकता है...''
सोनिया : "अर्रे ये सब नही पागल....कुछ और... जिसमें तेरे पैसे खर्च नही होंगे...''
अब तो सोनू भी उत्सुक सा हो गया...
ये जानने के लिए की उसकी कामुक बहन के मन में क्या चल रहा है...
सोनू : "बोलो फिर, क्या चाहिए ?"
सोनिया ने शरमाते हुए कहा : "वही....कल रात जैसे...नाम लेकर....करने की परमिशन....''
सोनू हैरानी से उसे देखने लगा....
यानी उसकी बहन एक बार फिर से आज रात को मास्टरबेट करते हुए उसका नाम लेना चाहती थी...
जैसे कल रात लिया था...
सो एक्साइटिंग .... वो और उसका लण्ड फूल कर कुप्पा हो गये...
सोनू ने कुछ देर तो परेशान से होने का नाटक किया फिर दबी ज़ुबान से बोला : "ओके .... ठीक है.... कर लेना...''
वो तो ऐसे खुश हुई जैसे उसे मिस यूनिवर्स का खिताब मिल गया हो...
उछलते हुए उसने ताली बजाई और सोनू के गले से लग गयी....
उफफफफ्फ़.... क्या फीलिंग थी उसके बूब्स की......
आज तो सोनू से भी सब्र नही हुआ.....
उसने उसकी पीठ पर हाथ रखकर उसे और ज़ोर से गले लगा लिया...
और उसके नन्हे बूब्स को पीस डाला अपनी कठोर छाती से...
वो तो खुद चाहता था अब की जो खेल उन भाई बहन के बीच रात को चल रहा है, वो थोड़ा और आगे बड़े...
सोनिया ने खुद पहल करके अपनी सहमति तो दे ही डाली थी....
अब सोनू के उपर था की वो इस खेल को किस दिशा में ले जाता है..
पर
ये सब करने के पीछे सोनू की मंशा एकदम सॉफ थी...
उसे पता था की स्कूल में साक्षी के साथ वो ज़्यादा मज़े ले नही सकता...
और अपनी बहन के साथ वो सब करना नही चाहता जिसके लिए उसका दिल गवाही नही देता...
इसलिए..
इस तन्वी को उसने चुना जो साक्षी और सोनिया द्वारा उठाए गये लण्ड की अकड़ को ठीक करने का काम करेगी..
इसलिए अब उसे तन्वी का इंतजार था....
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