RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
उसके दिमाग़ में सब कुछ घूम रहा था...
उसे अपने पर गुस्सा भी आ रहा था की क्यों वो साक्षी में सोनिया को ढूँढने में लगा था...
पर काफ़ी सोचने के बाद भी उसे अपने अंदर से कोई जवाब नही मिला..
ऐसे ही चलते -2 वो घर पहुँच गया..
जहाँ एक सरप्राइज उसका इंतजार कर रहा था.
दरवाजे पर पहुँचकर जैसे ही घंटी बजाने के लिए उसके हाथ उठे, उससे पहले ही उसके दिमाग़ की घंटी बज गयी...
उसे 2 दिन पहले का वो वाक्या याद आ गया जब वो अपनी चाबी से दरवाजा खोलकर अंदर आ गया था... और उसी दिन उसने अपनी बहन सोनिया को पहली बार नंगा देखा था..
आज भी शायद उसकी किस्मत साथ दे जाए और उसे कोई नज़ारा देखने को मिल जाए...
क्योंकि सोनिया को तो उसने यही बताया था की वो 5 बजे तक ही वापिस आएगा...
अभी तो 3 ही बजे थे बस.
उसने अपनी पॉकेट से चाबी निकाली और दरवाजा खोलकर चुपचाप अंदर आ गया...
पूरे घर में शांति थी..
उसने अपना स्कूल बैग आराम से एक कोने में रखा और दबे पाँव अपने रूम की तरफ चल दिया.
जैसे-2 वो कमरे के करीब पहुँचा,उसे सोनिया की आवाज़ सुनाई देने लगी...
वो किसी से फोन पर बात कर रही थी...
और वो भी स्पीकर फोन पर...
दरवाजा आधा खुला था...
वो पर्दे के पीछे छुपकर अंदर झाँकने की कोशिश करने लगा...
और अंदर का नज़ारा देखकर उसकी साँसे रुक सी गयी...
उसकी बहन सोनिया उसी के बेड पर बैठी थी...
और वो भी सिर्फ़ पेंटी और ब्रा में ...
वो अपने पैरों में नेल-पॉलिश लगा रही थी... उसे शुरू से ही अपने नेल्स की बहुत परवाह रहती थी...इसलिए उसके हाथ और पैरों के नेल्स बहुत सुंदर थे..वो नेल आर्ट करती रहती थी अक्सर..
हाथों से तो वो पॉलिश लगा रही थी...इसलिए वो स्पीकर फ़ोन पर बात कर रही थी.
दूसरी तरफ उसकी सहेली तन्वी थी, उसकी आवाज़ तो सोनू अच्छी तरह से पहचानता था...
क्योंकि पहले वो उन्ही के घर के पास किराए पर रहती थी, और सोनिया की अच्छी दोस्त थी इसलिए सारा दिन उन्ही के घर पर पड़ी रहती थी, उसी की दोस्ती की वजह से सोनिया के कम मार्क्स आए थे और उसे होस्टल जाना पड़ा था...
इसी वजह से सोनू को तन्वी से चिढ़ सी हो गयी थी...
बाद में तन्वी के पापा ने अपना खुद का घर ले लिया और वो वहां शिफ्ट हो गये...
पर तन्वी और सोनिया रेग्युलर टच में थे और बात करते रहते थे...
इस वक़्त शायद तन्वी अपने किसी बी एफ की बात कर रही थी...
वैसे तो सोनू को उससे चिढ़ थी पर इस तरह छुप कर लड़कियो की बातें सुनने में कितना मज़ा आता है,वो जल्द ही जान गया.
तन्वी : "यार....तुझे मैने कल भी बताया था ना, रोहन का ज़रूर उस चुड़ैल निशि के साथ कुछ चक्कर है... साला सारा दिन तो मेरे साथ बैठता है, पर घर जाते हुए उसे बाइक पर बिठा लेता है... मैने तो आज उसे डायरेक्ट बोल दिया था की आज मुझे घर छोड़ने तू ही जाएगा...वरना मुझसे बुरा कोई नही होगा...साले का मुँह उतर गया था...पता है उसे की नही लेकर गया तो मैं उसके घर पहुँच जाउंगी ...उसकी मोंम और मेरी मोंम आपस में कितनी अच्छी फ्रेंड है वो अच्छी तरह से जानता है...''
सोनिया मस्ती से अपनी जांघे फैलाए हुए, उकड़ू बैठकर अपने नेल्स पॉलिश कर रही थी.
वो बोली : "तो मज़ा आया के नही.... पीछे बैठकर तूने क्या किया ये भी तो बता दे जानेमन..उसका पकड़ा या नही.. हे हे''
तन्वी : "क्या हे हे...तू भी ना.... मुझे तो उसके कंधे पर हाथ रखते हुए भी शर्म सी आ रही थी...पर फिर भी,थोड़ा दूर जाकर मैने हाथ रख ही दिया...बेचारा नर्वस सा हो गया था,और फिर मैने उसे पीछे से हग किया...''
सोनिया : "हाआआ ...तूने हग कर लिया.... उसके तो मज़े आ गये होंगे ...तेरे बूब्स फील करके''
तन्वी : "वेरी फन्नी....अब तू फिर से शुरू हो गयी ना मेरे बूब्स के बारे में ... तू अच्छी तरह जानती है की इनकी वजह से मुझे कितनी शर्म महसूस होती है....''
सोनू भी हंस दिया ये सुनकर...
वो सच ही कह रही थी...
बूब्स के नाम पर उसके पास कुछ नही था...
सिर्फ़ निप्पल्स थे..
पर चेहरा बड़ा ही सेक्सी था उसका...
शुरू-२ में तो सोनू उसकी नशीली आँखो और सैक्सी होंठों पर काफ़ी ध्यान देता था...
पर फिर धीरे-2 उसे बूब्स वाली लड़कियो में दिलचस्पी बढ़ने लगी तो उसने उसकी तरफ ज़्यादा ध्यान देना ही बंद कर दिया...
सोनिया के होस्टल जाने के बाद तो पूरी तरह से.
सोनिया : "अच्छा बाबा...सॉरी....अब नही बोलूँगी तेरे बूब्स के बारे में कुछ...पर ये तो बता की कुछ हुआ भी या नही...''
तन्वी : "कहाँ यार...उसे तो कुछ फ़र्क ही नही पड़ा...अब मेरे पास तेरी जैसी ब्रेस्ट तो है नही...जो एक बार किसी की पीठ से लगा दो तो उसे मज़ा आ जाए...''
सोनिया : "ओहो....तू आज ये एकदम से मेरी ब्रेस्ट की क्यों तारीफ करने लगी... पहले तो बोलती थी की कुछ ख़ास नही है... ये है...वो है...अब क्या हो गया...''
तन्वी : "यार... एटलीस्ट दे आर ग्रोयिंग ... मेरे तो साले निकलने ही बंद से हो गये हैं...मुझे तो डिप्रेशन सा होने लगा है इनकी वजह से...पता नही क्या होगा मेरा...''
उसकी आवाज़ रुंआसी सी हो गयी..
सोनिया : "तभी तो कहती हूँ मैं ....कोई ढूंड ले...जो इनकी मालिश करा करे रोज... तभी बढ़ेंगे ये... वरना ऐसी ही रहियो पूरी जिंदगी...अपने पति को भी निप्पल चुस्वा कर खुश करना पड़ेगा तुझे...हा हा...''
तन्वी : "यार,तेरी फ्रेंड प्राब्लम में है और तू हंस रही है....मस्ती सूझ रही है तुझे तो...और वैसे भी, मुझे नही लगता की रोहन को मुझमे कोई इंटरस्ट है... क्योंकि घर छोड़कर जाने के बाद जब मैने उसे फोन किया तो उसने उठाया ही नही...और बाद में तो स्विच ऑफ ही कर दिया...यार...पता नही क्या होगा मेरा...क्या मुझे कोई प्यार करने वाला मिलेगा या नही...
सोनू ने मन में सोचा 'अगर बात सिर्फ़ बूब्स चुसवाने की है तो वो काम तो मैं भी कर सकता हूँ ...कभी मौका देके देखना..'
भले ही वो उसे पसंद नही करता था, पर आज के बाद वो उसे दूसरी नज़रों से ही देखने वाला था...
उसे क्या पता था की इस फ़्लैट सी दिखने वाली लड़की में इतना सैक्स भरा है..
सोनिया : "यार...तेरा तो पता नही, पर मुझे तो आजकल किसी से प्यार सा हो गया है...''
सोनिया की ये बात सुनकर जितना तन्वी चोंकी उतना ही सोनू भी....
ये उसके लिए किसी सरप्राइज से कम नही था...
उसकी बहन किसी से प्यार करती है...
और उसे पता भी नही...
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