RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
सोनिया : "या.... आई थिंक जब इतनी बाते हमारे बीच हो चुकी है और इतना सब हम एक दूसरे को देख चुके हैं तो इन सब बातों को खुलकर होने देने में ही हम दोनो की भलाई है....वरना बेकार में ही हम अपने-2 माइंड में सॉरी फील करते रहेंगे... लेकिन करेंगे तो फिर भी ना.... इसलिए जब करना ही है तो खुल कर करना चाहिए...''
सोनू तो उसके इस प्रस्ताव को सुनकर हक्का बक्का सा रह गया...
जिस भाई-बहन की मर्यादा का वास्ता देकर उसने खुद को इतने समय से रोक रखा था, उसी मर्यादा की धज्जियाँ उड़ाने में लगी थी उसकी बहन...
सोनिया के हिसाब से अगर चलने लगे तो एक ही हफ्ते में वो उसे चोद बैठेगा...
और वो तो बिल्कुल ग़लत होगा...
और उस ग़लती को रोकने का एक ही तरीका है...
इस खेल को आगे बढ़ाया ही ना जाए.
पर सोनू का खुद पर कंट्रोल ख़त्म सा हो चुका था....
जैसे अभी कुछ देर पहले मुठ मारते हुए उसने भी अपनी बहन का नाम ले ही लिया, ठीक उसी तरह से उसकी इतनी बातें सुनने के बाद भी वो सिर्फ़ हूँ-हाँ ही कर पाया...
यही बात अगर सोनिया ने कुछ दिनों पहले कही होती तो वो शायद गुस्से में आग बबूला होकर उसे थप्पड़ भी मार देता...
पर इन 2-3 दिनों में इतना कुछ हो चुका था की वो बेचारा अब ये कहने की हालत में भी नही रह गया था
की
'ये ग़लत है'
बस जो-2 सोनिया कहती जा रही थी उसे सुनता जा रहा था और उसे साकार होने के बारे में सोचकर सोनिया के हाथों की उंगलियों को ज़ोर-2 से मसलने लगा..
सोनिया ने जब अपने हाथ पर उसका दबाव महसूस किया तो उसकी नज़र अपने और सोनू के हाथ पर गयी....
और वहाँ चल रही गुथम - गुत्था देखकर उसकी साँसे उपर की उपर और नीचे की नीचे रह गयी...
उसका गीला हाथ पूरी तरह से अपने भाई के वीर्य से भर चुका था....
सोनू ने शायद अपने पेट पर पड़े माल को भी समेट कर हाथों में भर लिया था, इस वजह से चिपचिपापन कुछ ज़्यादा ही बड़ चुका था.
सोनिया ने उसे देखा और बोली : "छी: .... गंदे...छोड़ मेरा हाथ.... देख अपना सारा का सारा गंद मेरे हाथ में लगा दिया है तूने...''
सोनू भी हंसते हुए बोला : "ये गंद नही है...पावर टॉनिक है ये...पावर टॉनिक...''
वो बोल इस तरह से रहा था जैसे उसे चखने के लिए उकसा रहा हो...
और सोनू की बात सुनकर वो कुछ देर के लिए सोच में भी पड़ गयी थी, पर अगले ही पल बोली : "आई डोंट नो... सुना तो मैने भी बहुत है अपनी फ्रेंड्स से... बट मुझे नही लगता की मैं ये कभी टेस्ट कर पाऊँगी..''
सोनू को पता भी नही चला की वो अपने लंड से निकले माल के बारे में डिसकस कर रहे हैं...
और जब उसे ये एहसास हुआ तो एकदम से चुप हो गया..
उसे चुप होता देखकर सोनिया वहाँ से उठी और अपने बेड की तरफ चल दी...
और सोनू ने जाते-2 देखा की वो अपने दाँये हाथ को सूँघकर सोनू के माल की सुगंध तलाश रही थी...पर उसे कुछ एहसास हुआ ही नही.
वो एक बार फिर से जाकर अपने बेड पर लेट गयी... और अपने बाँये हाथ से अपनी चूत को एक बार फिर से रगड़ने लगी...
जिस हाथ पर सोनिया ने सोनू के लंड का पानी मला हुआ था वो उसने अपनी चूत से दूर ही रखा हुआ था...
सोनिया देख पा रही थी की अभी तक उसका भाई उसे ही देख रहा है...
वो मास्टरबेट करते हुए बोली : "सो...सोनू.....क....क्या मैं अब एक बार फिर से ....तेरे...बारे में ....सोचकर..... नाम लेकर......''
वो ये बात पूरी बोल भी नही पाई थी और सोनू बोल पड़ा : "यस्ससस्स........दी...... यू केन...''
इतना कहने की देर थी की उसका हाथ अपनी चूत पर पिस्टन की तरह चलने लगा...वो अपनी बीच की तीन उंगलियों से अपनी चूत का चेहरा बुरी तरह से रगड़ रही थी... और सोनू की तरफ देखते हुए वो बुदबुदाने लगी...
''आआआआआआहह..... सोनू .......... उम्म्म्मममममममममम........... ओह ....... फकककककक...ओह यएस्स............... माय बैबी............''
और इतना कहते -2 एक साथ दो काम हुए...
एक तो उसकी चूत से एकदम गाड़े पानी की बौछार बाहर निकली, जिसकी खुश्बू ने पूरे कमरे को महका कर रख दिया....
और दूसरा ये की सोनू का नाम लेकर झड़ते हुए उसने अपना दाँया हाथ अपने मुँह के अंदर डाला और उसे बुरी तरह से चाटने लगी....
ये जानते हुए भी की उसपर उसके भाई के लंड से निकला रस लगा है... पर ना जाने कौन सी प्रेतात्मा सवार हो गयी थी उसपर की अभी कुछ देर पहले तक उसे देखकर छी: बोलने वाली सोनिया उसे भूखे जानवर की तरह चाट गयी...
उसके बाद सब शांत सा हो गया...वो चुपचाप उठी और बाथरूम से अपनी चूत और हाथ साफ़ करके वापिस आई और सो गयी...
वो भी बाथरूम में गया और अपने लंड को सॉफ सुथरा करके वापिस आकर सो गया..
सोनू की सोनिया से ये पूछने की हिम्मत नही हुई की उसे उसके लंड के पानी का स्वाद कैसा लगा..
उसने अपना मोबाइल सोनिया के बिस्तर से उठाया और उसे चेक करने लगा...
उसमे पिछले आधे घंटे में साक्षी के करीब 25 मैसेज आए हुए थे....
जिसमे वो उसे किस्सेस और हग्स दिए जा रही थी....
उस वक़्त तो सोनू अपनी बहन के साथ लगा हुआ था...
वरना उनका जवाब ज़रूर दे देता...
लास्ट के मैसेज में उसने कल अपने घर आने को कहा था.... शाम के समय.
ये पढ़कर उसके लंड में एकदम फिर से कसावट आने लगी...
वो समझ गया की कल ज़रूर उसके घर वाले कही जा रहे होंगे,इसलिए वो उसे घर बुला रही है...
आने वाले कल की शाम के बारे में सोचता हुआ वो सो गया...
ये सब भूलकर जो अभी कुछ देर पहले उसकी बहन के साथ हुआ था..पर जो भी हुआ था उसके बाद दोनों भाई-बहन की जिंदगी में बहुत कुछ बदलने वाला था.
अगले दिन सोनू जब स्कूल गया तो उसे पता चला की साक्षी आज छुट्टी पर है....
वो ऐसा करती नही थी, पर पता नही आज वो छुट्टी क्यों मार गयी....
स्कूल में मोबाइल अलाव नही था, वरना वो उसे कॉल करके पूछ लेता..
स्कूल के बाद उसने टेलीफोन बूथ से उसे कॉल किया, फोन उसी ने उठाया
साक्षी : "हाय स्वीटहार्ट...मैं तुम्हारे कॉल का ही वेट कर रही थी....''
सोनू : "हाय ...वो तो ठीक है पर तुम आज स्कूल क्यो नही आई....सब ठीक तो है ना...''
साक्षी : "हाँ बाबा...सब ठीक है....तभी तो मैने तुम्हे शाम को घर आने को कहा था..... बट ...अभी आ सकते हो तो मैं तुम्हे रोकूंगी नही....''
ये बात उसने इतनी शरारती टोन में कही थी की सोनू के सामने वो नंगी घूमने लगी...वो तुरंत बोला : "बस....अभी आया...''
इतना कहकर उसने फोन रख दिया और ऑटो पकड़कर सीधा उसके घर की तरफ चल दिया...
हालाँकि उसे ये एहसास हुआ की वहीँ से उसे अपनी बहन सोनिया को भी फोन करके बोल देना चाहिए था की वो अभी घर नही आ रहा .... साक्षी के बारे में तो वो जानती ही थी..इसलिए उसे बता भी देता तो कोई डर नही था...
कुछ ही देर में वो साक्षी के घर पहुँच गया.
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