RE: bahan ki chudai ग़लत रिश्ता ( भाई बहन का )
आगे चलकर वो ना जाने क्या-2 करेगी, ये सोचकर उसे डर लग रहा था.
वो ज़मीन पर बैठा सोच ही रहा था की उसकी मॉम वहां से निकलते हुए बोली : "अर्रे सोनू.... ऐसे नीचे क्यों बैठा है....अंदर जाओ... इट्स टाइम तो स्लीप ....''
सोनू : "मॉम .... वो ..... सोनिया..... अंदर....''
माँ : "ओफफो..... तुम दोनो ने पहले दिन ही लड़ाई शुरू कर दी....''
इतना कहकर वो आगे आई और दरवाजा खड़काकर बोली : "सोनिया.... सोनिया..... ओपन द डोर.....''
उन्हे ज़्यादा कहने की ज़रूरत नही पड़ी.... सोनिया ने तुरंत दरवाजा खोल दिया...और मॉम कुछ बोल पाती,उसने बड़ा ही भोला सा चेहरा बना लिया और बोली : "मॉम .... सोनू मुझे मार रहा था....इसलिए मैने डोर बंद कर लिया...''
सोनू तो उसकी चालाकी देखकर दंग सा रह गया....उसने तो सोचा भी नही था की उसकी बहन चालक भी बन चुकी है... पर वो बेचारा कुछ बोल ही नही पाया...उसे डर था की वो माँ को वो नॉटी बाय्स वाले मैसेज का सच ना बता दे...इसलिए मम्मी की फटकार सुनकर वो चुपचाप अंदर आ गया..
यहाँ मैं आपको बता दूँ की सोनू और सोनिया दोनो एक ही रूम में सोते थे.... ग्राउंड फ्लोर पर मॉम डेड का रूम था, ड्रॉयिंग और किचन भी...और एक गेस्ट रूम था जिसे मॉम ने क्लिनिक़ बना रखा था...अक्सर कई पेशेंट्स वो वहां देख लेती थी...वरना मार्केट में बने एक नर्सिंग होम में वो रैगुलर डॉक्टर थी...
सोनू चुपचाप अंदर आ गया और अपने बेड पर लेट गया...उसने अपना चेहरा दूसरी तरफ कर लिया...सोनिया भी दरवाजा लॉक करके दूसरे बेड पर जाकर लेट गयी...
सोनू के मन में अपनी बहन का ज़्यादा डर नही था, डर था तो बस इस बात का की कल साक्षी क्या बात करेगी उससे, कैसे करेगी.... वो कैसे जवाब दे पाएगा... वगेरह-2..
वो ये सोच ही रहा था की पीछे से आकर सोनिया उसके बेड पर लेट गयी और उसकी पीठ से चिपक कर बड़े ही प्यार से बोली : "सॉरी भाई.... वो क्या था ना की मुझे पिछली बार वाली बात याद आई तो मैने सारे मैसेज देख डाले...''
उसके कहने का तरीका ही इतना मासूमियत से भरा था की सोनू का दिल पिघल गया..
पर साथ ही उसकी हालत भी खराब होने लगी... सोनिया जिस तरह उसकी पीठ पर अपना सीना दबा कर लेटी हुई थी उससे सोनू को 'कुछ-कुछ' हो रहा था..
क्योंकि गौरतलब बात ये थी की दोनो ने सिर्फ़ एक कॉटन की टी शर्ट ही पहनी हुई थी...इस वजह से उसके नन्हे उरोजों पर लगे भाले की नोक जैसे निप्पल उसे पीठ पर सॉफ महसूस हो रहे थे...उसका पूरा शरीर काँप सा गया..
वो शायद समझ चुकी थी, इसलिए शरारती टोन में उसने पूछा : "क्या हुआ... कुछ प्राब्लम है क्या...''
वो जान बूझकर अपनी दबिश उसकी पीठ पर ज़्यादा कर रही थी.... सोनू की तो समझ में नही आ रहा था की वो ऐसा क्यों कर रही है... क्या उसकी बहन उसे रिझाने की कोशिश कर रही है.... पर ये तो ग़लत है ना..
वो तुरंत बोला : "नही...कुछ भी तो नही... चल अब सो जा... गुड नाइट.... मुझे मॉर्निंग में जल्दी उठना है...''
सोनिया बेमन से उठी और जाते-2 बोली : "ठीक है ठीक है... लगता है साक्षी से मिलने की कुछ ज़्यादा ही जल्दी है...''
अब वो बेचारा उसे क्या बोलता...की साक्षी से मिलने की नही बल्कि अपना उभार छुपाने की उसे जल्दी है...
अगली सुबह जब सोनू स्कूल पहुँचा तो उसकी नज़रें साक्षी को ही ढूँढ रही थी...
और जल्द ही उसे वो दिख भी गयी..
वो आज स्कूल ड्रेस में नही थी....आज उसकी बेडमींटन क्लास थी, इसलिए कैजुअल में आई थी वो.. दोनो की नज़रें मिली और दोनो ही मुस्कुरा दिए...
सोनू उसके पास पहुँचा और बड़े ही प्यार से उसे गुड मॉर्निंग कहा.... उसने भी मुस्कुरा कर अपना हाथ आगे करते हुए उसे विश किया..
सोनू वही बेंच पर उसके साथ बैठ गया... उसकी तो हिम्मत ही नही हो रही थी उससे कुछ कहने की...
साक्षी : "मुझे पता था,की तुम सामने आते ही ऐसे हो जाओगे...''
सोनू : "मैं...कैसा ??"
साक्षी ने उसका हाथ पकड़ लिया और उसे दबाते हुए बोली : "अरे बुद्धू , कब सीखोगे....आजकल के लोग कितने फास्ट है...और तुम हो की कुछ समझते ही नही...''
बेचारे सोनू का बुरा हाल था.... साक्षी ने खुले आम उसका हाथ पकड़ा हुआ था... और बोले जा रही थी...उसे डर सा लग रहा था की स्कूल मे दूसरे लोग उसे देखेंगे तो क्या सोचेंगे...उसके दोस्त तो उसकी टाँग खींचना पूरे साल नही छोड़ेंगे...
पर वहां कोई नही था...और होता भी तो उनके स्कूल में तो ये आम बात थी...लगभग हर लड़की का कोई ना कोई बाय्फ्रेंड था...सिर्फ़ सोनू ही ऐसा था जिसकी कोई जी एफ नही थी..
अचानक साक्षी बोली : "वो देखो.....रेणु को....वो अभी हमसे एक क्लास पीछे है...लेकिन बाकी के हर मामले में आगे निकल चुकी है...''
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