RE: Indian Sex Story हरामी बेटा
सुधा मस्त जिस्म की है......उसके मम्मे का तो जवाब ही नही...........बहुत बड़े-बड़े मम्मे है........जो भी देखता है...........पहले उसकी नज़र मम्मो पर ही पड़ती है............
सुधा की गंद भी बहुत फैली हुई और मोटी है...........वो जॉब करती है, इसलिए उसने कुछ तो मेनटेन कर-रखा है......देखने में सुंदर भी है..........रंग थोड़ा सा सौंवला है........
राहुल ने जैसे ही मा को देखा उसकी नज़र मा के मम्मो पर पड़ी.............सुधा नाइट गाउन पहेन कर है...........
सुधा ने देखा....राहुल की नज़र उसके मम्मो पर है..........उसने गाउन को सीधा करलिया............राहुल चौक गया और अपनी नज़रें हटा लिया..........
राहुल वही शहेर की सोंच में था...........फिर उसको ध्यान आया कि......"वो सब भूल जा........वो सब छूट गए....अब सब नए लोग मिलेंगे..........कुछ दिन यहीं बिताना है........क्यूँ ना मा के मस्त बदन को निहार कर ही मज़े लेलुँ".... राहुल को ये आइडिया अच्छा लगा........
जब सुधा खाना लगा कर वापस जाने लगी.........राहुल की नज़र उसकी गंद पर पड़ी.........सुधा की गंद देख कर तो राहुल मस्त होगया........सोंच ने लगा......"में ने पहले तो कभी मा को इस नज़र से नही देखा.......हाँ पहले सेक्स का मज़ा भी तो नही लगा था".......
राहुल ने फिर अपना ध्यान हटा लिया.........."नही वो मेरी मा है"........फिर सोचने लगा.........."शहेर में जो महिला से उसके संबंध है.....उसका पति तो दूसरे शहेर में काम करता है.........वो अकेली रहती है........अपनी प्यास बुझाने के लिए मेरा सहारा लेती है........मा भी तो अकेली रहती है....................नही-नही वो मेरी मा है.....मेरी मा ऐसी नही है"
फिर वो अपना ध्यान हटा कर खाने लगा............
सुधा: क्या सोंच रहा है बेटा
राहुल: कुछ नही मा...... आगे क्या करना है.....यही सोंच रहा हूँ.........
सुधा: परीक्षा तो अच्छी रही ना
राहुल: हां मा...
सुधा: इतना चिंतित होने की ज़रूरत नही है.........बस परिणाम आ जाए....कोई अच्छी जॉब ढूंड लेना....या फिर अपने पिता के पास चले जाना.......
राहुल: हां मा.....
फिर राहुल खाने लगा.......खाना ख़तम कर वो अपने बेडरूम में चला गया....सुधा भी घर की सब लाइट्स ऑफ करके अपने रूम में चली गई.........
राहुल अपने बेड पर लेटा सोचने लगा..........."में ने कभी मा की तरफ ध्यान ही नही दिया..........नारी तो नारी ही होती है......चूत की प्यास तो सूब को सताती है.........(हां ये तो सच है)......मा भी अपनी प्यास बुझाने को कुछ तो करती होगी.........."
अपना लंड हाथ में लिए यही सोचता वो सोगया..........
सवेरे मा ने उसको खाना दिया और ऑफीस चली गई...........दिन भर वो अकेला घर पर टीवी देखता रहा............
गाँव में तो उसका कोई दोस्त नही था.........जो भी दोस्त थे वो अब शहर में ही रहते थे.......
उसके घर से कुछ दूर उसके मामा(संतोष) का घर है......वो सुधा से 2 साल के छोटे है........संतोष भी उसी ऑफीस में जॉब करता है............ दोनो भाई-बहेन(सुधा-संतोष) एक ही ऑफीस में जॉब करते है..........
संतोष की पत्नी(नंदिनी) बहुत ही भारी जिस्म की है.....वो बहुत ही सेक्सी लगती है........नंदिनी हाउस-वाइफ है.
राहुल को याद आया.........सोंच क्यूँ ना मामा के घर जाकर मिल आउ..........फिर सोचा की शाम को जब मा आ जाएगी तब...मा को बता कर जाउन्गा........
किसी तरहा...दिन गुजर गया............मा ने आने में देर करदी.........शाम के 8 बजे डोर बेल बजी........राहुल ने डोर खोला तो देखा कि.......मा आ गई, और साथ में मामा जी और मामी को देख कर बहुत खुश होगया........
मामा ने राहुल को गले लगा लिया.......मामी ने भी उसके माथे को चूमा............
राहुल..मामी को देख ता ही रह गया..........पीले रंग की सारी में नंदिनी मस्त लग रही थी...........नंदिनी, सुधा से भी ज़्यादा भरे जिस्म की है.........
नंदिनी: अरे हमारा राहुल तो अब बहुत बड़ा होगया है............ये कहते हुए वो राहुल को निहारने लगी.
राहुल: मामी आप तो बिल्कुल भी नही बदली............मामा जी तो बूढ़े लगने लगे है...........
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