Sex Hindi Kahani एक अनोखा बंधन
01-04-2019, 01:40 AM,
#23
RE: Sex Hindi Kahani एक अनोखा बंधन
नेहा: पापा ...आप यहाँ क्यों सो रहे हो?
मैं: बेटा.... आप उठ गए? उम्म्म्म....
नेहा आके मेरे ऊपर ही सोने लगी;
मैं: बेटा आप बीमार हो जाओगे?
मैंने बड़े प्यार से फिर से अपनी बात दुहराई ...पर नेहा ने अनसुना कर दिया और मेरी छाती पे सर रख के सो गई| मैं जानता था की जगह कम्फ़र्टेबल नहीं है और वो आराम से सो नहीं पायेगी तो मैं बड़े संभाल से उठा और वापस पलंग पे लेट गया, मेरे लेटते ही संगीता बोली;
संगीता: आ गए ना वापस?
मैं: हम्म्म...तो ये अब दोनों माँ-बेटी की मिली-भगत थी?
संगीता: अब मेरी बात तो आप मानते नहीं? एक नेहा है जिसकी हर बात मानते हो!
मैं: अच्छा? मैं कौन सी बात नहीं मानी? हमेशा तो आप माँ को या पिताजी को या बच्चों को आगे कर देते हो!
संगीता: awwwww ....जानती हूँ की आप सब को मन नहीं करोगे इसलिए!
मैं: अगर एक बार आप भी प्यार से कोशिश करो तो आपकी भी हर बात मानूँगा!
संगीता: अच्छा? चलो test करते हैं! Kiss Me!
मैं: ऐसे नहीं...प्यार से कहो!
संगीता: जानू प्लीज Kiss me !
वो मेरे नजदीक आइन और मैंने उन्हें Kiss किया!
संगीता: हम्म्म.... ठीक है ...तो आज से मैं इसी तरह आपसे हर काम लिया करुँगी!
इस तरह प्यार से KISS करते हुए वो रात गुजरी| अगला दिन 31 दिसंबर था, और पार्टी करने का फुल मूड था| तबियत अब पहले से बेहतर थी....owing to some extra love and care from her. चूँकि हम बाहर थे और खाना-पीना बाहर ही था तो 31st Night कुछ ख़ास नहीं लग रही थी, पर जब तक मानु मौजूद है भला ये दिन ऐसे कैसे गुजर जाता? सुबह के नाश्ते के बाद मैं होटल से निकला और मार्किट में कुछ पता किया| सारा काम सेट कर के मैं एक पैकेट में कुछ सामान लेके वापस लौटा| अब दोपहर के खाने के समय पिताजी ने बात शुरू की;
पिताजी: तो तुम दोनों का क्या प्रोग्राम है आज?
मैं: हम दोनों का नहीं हम सब का है...प्लानिंग तो कर चूका हूँ ... अब बस प्लान को अंजाम देना बाकी है| और आज रात कोई नहीं सोने वाला!
माँ: क्यों आज रात हमसे भजन करने का इरादा है?
मैं: नहीं माँ.... आज रात तो पार्टी है|
माँ: बेटा तुम दोनों जाओ नाचो पार्टी-शार्टी करो...हमें कहाँ खींचते हो इन सब में| हम तो खाना खा के सो जायेंगे|
संगीता: नहीं माँ ...बिना आप लोगों के हम नया साल कैसे मनाएंगे?
मैं: वैसे भी यहाँ नजदीक में Pubs नहीं हैं|
खेर खाने के बाद मैं संगीता और बच्चे walk के लिए निकले|
संगीता: बताओ न क्या surprise प्लान किया है?
मैं: अगर बता दिया तो surprise कैसा?
संगीता: Please !!!
मैं: ना
संगीता: इसीलिए मैं बच्चों को आगे करती हूँ|
मैं: इस बार तो मैं बच्चों को भी नहीं बताने वाला| बस इतना कह सकता हूँ की ये कोई बहुत बड़ी सेलिब्रेशन नहीं है| यहाँ के बारे में मैं इतना नहीं जानता तो छोटा-मोटा जो भी प्लान कर सका...कर लिया|
संगीता: आप जो भी लें करते हो वो मजेदार होता है| खेर अब हम निकले हैं तो क्यों ना माँ-पिताजी के लिए कुछ GIFTS ले लिए जाएँ?
मैं: Good Idea ...पर अभी जाके मत दे देना...रात 12 बज के बाद देंगे|
संगीता: Great.
हमने मिलके सब के लिए कुछ न कुछ खरीदारी की...सिर्फ अपने लिए कुछ नहीं लिया| जब हम होटल पहुंचे तो देखा की माँ-पिताजी वाला कमरा लॉक्ड है! हमने जल्दी-जल्दी सामान अंदर रखा और इससे पहले की मैं पिताजी को फोन मिलाता मुझे ही एक कॉल आ गई| उस कॉल ने मेरा मूड खराब कर दिया! मेरी New Year की सारी planning धरी की धरी रह गई| दरअसल मैंने Camping जाने का प्लान किया था पर वो already booked थे| हालाँकि मैंने एक जुगाड़ ढूंढा था पर उस ने फ़ोन कर के अपने हाथ खड़े कर दिए| मैं सोचा था की हम रात को कैंपिंग करेंगे और वहीँ New Year celebrate करेंगे...पर हर बार मेरा प्लान सफल हो ये जरुरी तो नहीं| खेर पिताजी को फोन किया तो उन्होंने हमें एक restaurant में खाना खाने को बुलाया| पर अभी तो सिर्फ सात बजे थे! खेर हम चारों निकल पड़े| रेस्टुरेंट के बाहर पिताजी मिले...फिर हम ऐसे ही टहलते हुए कुछ देर निकले..... संतोष का फोन आया तो उसने बताया की काम काफी slow चल रहा है| उससे मैंने बात की तो उसे कुछ selective काम करवाने को बोला ताकि हमारे आने तक कुछ तो काम कम हो! बेकार में Labor Hours Waste करने से तो अच्छा था की selective काम करवाएं जाएँ|| मैंने उसे बाथरूम की fitting और falseceiling के काम के अलावा बाकी के चुट-पुट काम उन्हें पकड़ा दिए| मूड की तो "लग" ही चुकी थी! आठ बजने तक हम आस-पास ही घूमते रहे| आठ बजे तो पिताजी ने पूछा;
पिताजी: तो क्या प्रोग्राम है?
मैं: प्रोग्राम क्या....सब .....फुस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स !
माँ: क्यों? क्या हुआ?
मैं: सोचा था की सारे camping पे जायेंगे ...पर सब जगह आलरेडी booked हैं! तो अब तो खाना खाओ और सो जाओ!
संगीता: कोई बात नहीं...अगली बार सही! इस बार पहले से ही book कर लेंगे!
मैं: वो तो अगली बार ना? इस बार का क्या?
पिताजी: चलो आज मैं तुम सबको सरप्राइज देता हूँ! आज मैं तुम्हें विशुद्ध South Indian खाना खिलता हूँ!
आजतक मैंने Authentic खाना तो नहीं खाया था...और मैंने क्या किसी ने नहीं खाया था| हमने कुल चार थालियाँ आर्डर की थी और हम एक Family Table पे बैठे थे| एक थाली इतनी बड़ी थी की उसे एक आदमी एक बार में ही ला सकता था| हिंदी भाषा में बोलें तो "परात" (जिसमें आंटा गूंदा जाता है) से भी बड़ी थाली! हम देख के दंग रह गए की भला ये चार थालियाँ खतम कैसे होंगी? करीब-करीब दस तरह की dishes थीं... जिनके नाम तक हमें नहीं मालूम थे| मैंने खाना serve करने वाले से पूछा तो उसने फटाफट नाम बताये; Medu Vada, Rice, Sambar, Potato fry, Kosumari, Rasam, Kootu, Pappad fried, Curd, Mango Pickle, Akkaravadisal (Sweet Dish).
नेहा: दादा जी ...ये इतनी बड़ी थाली?
आयुष: ये तो मुझसे भी बड़ी है? मैं कैसे खाऊँगा?
आयुष की बात सुन सब हँसने लगे!!!
नेहा: बुद्धू ये हम दोनों share करेंगे|
जब सब की थालियाँ आ गई तो हमने एक साथ खाना शुरू किया| सबसे दिलचस्प बात ये थी की आज नेहा आयुष को अपने हाथ से खिला रही थी! अब चूँकि मैं नेहा की बायीं तरफ बैठा था तो मैं भी उसे बीच-बीच में अपने हाथों से खिला दिया करता था| I gotta say DAD saved the day!!! सब ने खाना बहुत एन्जॉय किया पर अभी सेलिब्रेशन क्तम् नहीं हुई थी| कुछ था जो मैं लेके आया था! हम सब साढ़े नौ बजे तक होटल पहुंचे और फिर पिताजी वाले कमरे में सारे बैठ गए और टी.वी. देखने लगे| मैं जानता था की बच्चे सोना चाहेंगे पर मैं उन्हें जगाये हुए था...कभी हम कोई game खेलने लगते तो कभी "चिड़िया उडी"! नेहा को तो चिड़िया उडी गेम बहुत पसंद था| इधर घडी टिक-टॉक करते हुए बारह बजाने वाली थी| जैसे ही बारह बज के एक मिनट हुआ हम सारे (माँ-पिताजी को छोड़के) छिलाये, HAPPY NEW YEAR !!! हम चारों ने बारी बारी माँ-पिताजी का आशीर्वाद लिया और नेहा और आयुष ने पहले अपने दादा-दादी का और फिर हम दोनों का आशीर्वाद लिया| अब बारी थी PRESENTS की;
मैं: माँ...पिताजी...आप लोग आँखें बंद करो?
उन्होंने आँखें बंद कीं और मैं अपने कमरे में आया और गिफ्ट्स ले के फटाफट वापस आ गया| एक गिफ्ट मैंने संगीता को दिया जो माँ के लिए था और पिताजी वाला गिफ्ट मेरे हाथ में था|
मैं: अब आप लोग आँखें खोलिए|
सबसे पहले मैंने अपना गिफ्ट पिताजी को दिया| उन्होंने आशीर्वाद दिया पर गिफ्ट नहीं खोला| फिर संगीता ने माँ को गिफ्ट दिया और माँ ने भी उन्हें आशीर्वाद दिया पर गिफ्ट नहीं खोला! अब हम दोनों हैरान एक दूसरे की शकल देख रहे थे की आखिर उन्होंने गिफ्ट क्यों नहीं खोला, तभी अचानक पिताजी बोले;
पिताजी: अब तुम चारों आँखें बंद करो|
हमने बिना कुछ कहे आँखें मूँद लीन और फिर अगले पल उन्होंने आँखें खोलने को कहा| हम सब हैरान थे की वो हम चारों के लिए कुछ न कुछ गिफ्ट लाये थे|
मैं: पिताजी पहले आप गिफ्ट खोलो फिर हम लोग खोलते हैं|
पिताजी: ठीक है!
पिताजी ने अपना गिफ्ट खोला तो उसमें एक BUSINESS SUIT था! मैं हमेशा से उन्हें के business suit में देखना चाहता था| अब बारी थी माँ की, संगीता ने उन्हें कांजीवरम साडी गिफ्ट की थी! माँ ने उन्हें आशीर्वाद दिया और पिताजी ने मुझे गले लगा लिया| अब बारी थी हमारे गिफ्ट खोलने की! मेरे लिए गिफ्ट तो पिताजी की तरफ से था, मैं जल्दी-जल्दी गिफ्ट खोला तो वो एक Timex की chronograph वाली घडी थी! मेरी फेवरट !!!
मैं: पिताजी...ये तो मेरी फेवरट घडी है!
पिताजी: बेटा आखिर बाप हूँ तेरा! मुझे याद है, कुछ दिन पहले तू अपनी माँ से कह रहा था की तुझे ये घडी चाहिए!
मैंने उस घडी के बारे में पता किया था तो वो दस हजार की थी! अब उस वक़्त मैं काम में इतना उक्झा था की सोचा बाद में खरीदेंगे| पर मैंने ये बात सिर्फ माँ से कही थी.... खेर संगीता का गिफ्ट माँ की तरफ से था और उसमें उन्होंने संगीता को "बाजू बंद" दिए थे!
संगीता: WOW !!! माँ ...ये बहुत खूबसूरत हैं?
माँ: बेटा ये मेरी माँ के हैं!
संगीता: Thank You माँ!
माँ ने उन्हें अपने गले लाग्या और फिर से आशीर्वाद दिया| बच्चों के लिए माँ ने और पिताजी ने कपडे और ख़ास कर नेहा के लिए पिताजी ने एक कलरिंग सेट दिया था| बच्चों ने उनके पाँव छुए और आशीर्वाद लिया|
माँ: बच्चों ...अभी एक गिफ्ट बाकि है...
नेहा: क्या दादी जी?
माँ: बेटा आप दोनों के नाम एक-एक FD ताकि जब आप बड़े हो जाओ तो आप अच्छे से पढ़ सको|
ये सब देख के संगीता की आँखों में आँसूं आ गए थे,
मैं: Hey? क्या हुआ? इस ख़ुशी के मौके पे आँसूं?
माँ: बेटा क्या हुआ?
संगीता: माँ.....कभी सोचा नहीं था की मुझे इतनी खुशियाँ मिलेंगी?
पिताजी: बेटा इन ख़ुशियों पे तुम्हारा हक़ है| देर से ही सही पर तुम्हें ये खुशियाँ मिलनी थी|
अब मुझे माहोल को अपने सरप्राइज से थोड़ा बदलना था वरना सारे emotional हो जाते|
Reply


Messages In This Thread
RE: Sex Hindi Kahani एक अनोखा बंधन - by sexstories - 01-04-2019, 01:40 AM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,500,768 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 544,305 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,231,503 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 931,420 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,653,394 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,080,412 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,950,579 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,053,646 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,031,342 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 284,798 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 2 Guest(s)