Hindi Kamuk Kahani मेरे पिताजी की मस्तानी समधन
01-02-2019, 02:40 PM,
#19
RE: Hindi Kamuk Kahani मेरे पिताजी की मस्तानी �...
अपडेट 17
माँ और पिताजी चुदाई करके एक दूसरे से चिपक कर नॉर्मल होने लगे.
पिताजी तो शांत हो रहे थे .और माँ कुछ और सोच रही थी.
माँ ने समधन की तरफ देखा ,समधन ने उनकी पूरी चुदाई देख ली थी.
और अपनी साड़ी को पूरा उपर करके चूत मसल रही थी.
समधन ने माँ को अपनी तरफ देखते हुए देख लिया.
माजी-क्या हुआ
समधन-वो मैं
माजी-आपने पूरा देख लिया
समधन-हाँ, आप किस्मत वाली है.जो इनके जैसे पति मिले है
पिताजी वैसे पड़े रह कर उनकी बाते सुनने लगे
माजी-आप भी किस्मत वाली बन सकती है
समधन-आपको बुरा नही लगेगा.
माजी-आप समधन है हमारी, आप को खुश रखना हमारा फ़र्ज़ है
समधन-नही ,रहने दीजिए ,
माजी-ये आपकी आग थी जो मुझे बुझानी पड़ी. सोच लीजिए , आप मज़ा ले सकती है. मैं बुरा नही मानुगी.
समधन-ये ग़लत नही होगा?
माजी-किसी को कुछ पता नही चलेगा. और आप लड़के वाले है ,आप का तो पूरा हक है.आपकी खातिरदारी करना
हमारा फ़र्ज़ है
समधन-पर
माजी-आप कब से अकेली है,आज अपना अकेलापन दूर कीजिए, मैं कह रही हूँ ,कितना बर्दास्त करेगी आप ,आज
कुछ मत कहिए
पिताजी उनकी बात चुप चाप सुन रहे थे
माजी- हटिए मेरे उपर से,और समधन के उपर जाइए
पिताजी ने माँ को पप्पी दी. और समधन के उपर आ गये
पिताजी-समधन जी ,क्या कहती हो
समधन-क्या कहूँ, जो करना है आपको करना है.
पिताजी-ऐसे नही चलेगा. आपको लंड को खड़ा करना होगा.
समधन ने एक बार माँ की तरफ देखा .माँ ने इजाज़त दी और पिताजी बेड पर लेट गये और समधन पिताजी के लंड के
पास बैठ गयी.
पिताजी के लंड पे माँ का पानी लगा हुआ था जो समधन ने अपनी साड़ी से साफ किया .
और पिताजी के लंड को मूह मे लेकर चूसने लगी. पिताजी का लंड मुरझाने के बाद भी बड़ा दिख रहा था.
माँ उठ कर पिताजी वाले बेड पर चली गयी जिस से पिताजी और समधन जी अच्छे से प्यार कर सकें
मेरी सास ने पिताजी के लंड को पूरा मूह मे लिया और चूसने लगी.
उनको बहुत सालो बाद लंड मिल रहा था
और अब ऐसा लंड मिल रहा था जिस से उनकी सालो की प्यास एक झटके मे ठंडी हो जाएगी
और माँ ने भी उनको इजाज़त दे दी
पिताजी के लिए माँ ने हाँ कहा
पर उस से मेरी सास को खुशी मिल रही थी
समधन के मूह मे लंड जाते ही पिताजी को जो चाहिए था वो मिल गया. समधन के नशीले बदन के साथ खेलने
को मिल रहा था
पिताजी ने एक बार माँ की तरफ देखा , माँ ने उनको लगे रहने को कहा ,फिर समधन को अपना लंड चूसवाने
लगे
समधन को कितने सालो बाद लंड मिला था और वो भी ऐसा जिसके सपने हर कोई देखता है.
समधन धीरे धीरे लंड को चूस रही थी.
समधन के मूह मे लंड जाते ही पिताजी के अंदर आग जलने लगी और आग भड़कने लगी.
समधन के मूह मे जाते ही पिताजी का लंड अपने असली रूप मे आने लगा.
समधन पिताजी के लंड को बड़ा होता हुआ देख कर उसके विकराल रूप के दर्शन करने लगी
समधन ने पिताजी का लंड खड़ा कर दिया .ऐसा खड़ा किया कि समधन की आँखे लंड से अलग नही हो रही थी.
पिताजी का शानदार लंड देख कर समधन खुश हो गयी और फिर से लंड को चूसने लगी.
इस बार आधा लंड मुश्किल से चूस पा रही थी.
समधन पूरी तरह से खुश थी. ऐसा लंड आज उनको जो मिला था.
पिताजी का टोपा इतना बढ़िया था कि समधन बार बार उसको चूस रही थी.
समधन को इस तरह लंड चूस्ते हुए देख कर माँ स्माइल करने लगी .और पिताजी मज़े लेने लगे
समधन ने लंड चूस कर मज़ा लिया .अब चूत मे लेने की बारी थी.
पिताजी ने समधन को एक झटके मे नंगा किया और खुद भी नंगे हो गये.
समधन का नंगा बदन देख कर पिताजी समधन पर टूट पड़े .और उसके बदन पर किस करने लगे.
अपने आर्मी वाले हाथों से दूध को मसल मसल कर समधन को गरम करने लगे.
समधी के हाथो की ताक़त देख कर समधन अपने दूध को उनके हाथो से मसल्ने का मज़ा लेने लगी
पिताजी दूध को इस तारा मसल रहे थे कि उनकी ताक़त का पता चल रहा था और समधन को मज़ा भी आ रहा
था.
समधन का बदन कुछ साल से लंड ना मिलने से ढीला पड़ गया था .पर कोई बात नही पिताजी उनका बदन फिट
कर देंगे अपने धक्को से
समधन के नट को पिताजी अपने पाने से फिट करके समधन का पुर्ज़ा ठीक कर देंगे
दूध मसल्ने के बाद पिताजी ने अपनी बड़ी उंगली एक झटके मे समधन की चूत मे डाल दी
समधन-ये क्याआआ कियाआआ लंड डालने से पहलीईई बताआअ दीएत्त्तीईईए
माँ समधन की बात सुनकर हँसने लगी.
माजी-ये तो उंगली है. लंड तो अभी बाकी है
समधन ये सुनकर शॉक्ड हो गयी. और पिताजी अपनी उंगली अंदर बाहर करते गये
पिताजी ने समधन की चूत मे उंगली डाल कर चूत को गीला कर दिया.
चूत गीला होते ही पिताजी ने लंड को चूत पर रगड़ना शुरू किया
चूत पर समधी का बड़ा टोपा महसूस करते ही समधन के बदन मे करेंट दौड़ने लगा.
समधन को बर्दास्त करना मुश्किल हो रहा था.
समधन-सामड़िीईईईईईईईई जीिइईईई डलूऊऊऊ अंदार्र्रररत्तत्त , बर्दस्त्थत्टटतत्त नहियीईईईहो रहााआअ
समधन की बात मान ना समधी का पहला काम होता है
पिताजी धीरे धीरे लंड को अंदर पुश करने लगे.
पिताजी की ये स्टाइल थी ,वो आधा लंड ऐसे धीरे धीरे डालते है.
लंड के टोपा ने समधन की चूत को खोलना शुरू किया
लंड का टोपा इसमे माहिर था जिस से लंड धीरे धीरे अंदर जा रहा था.
समधन ने कई साल से लंड नही लिया था जिस से पिताजी का धीरे धीरे अंदर डालना उनको पसंद आया
चूत के होंठ खोलते हुए लंड अंदर जाने लगा.
समधन को दर्द हो रहा था पर झटका मारकर खाने वाले दर्द से ये कम था.
दर्द ऐसा था कि समधन बर्दास्त कर रही थी..
समधी का प्यार देख कर समधन खुश हो गयी और दर्द के घूँट समधन खुशी खुशी पी गयी.
पिताजी ने बड़े प्यार से आधा लंड समधन की चूत मे डाला.
समधन की आँखो मे पानी आया था पर इतना तो चलता है.
आधा लंड डालने के बाद पिताजी रुक गये .समधन को लगा कि लंड चला गया.
पर आधा लंड डालने के बाद पिताजी एक झटके मे बाकी का लंड डालते है.
पिताजी ने अपने लंड की ताक़त दिखाने के लिए जोरदार झटका मार कर पूरा लंड समधन की चूत मे डाल दिया.
समधन की चूत ने कुछ सालो से लंड नही लिया था. और मिला भी तो ऐसा जो चूत को फाड़ दे
पिताजी का लंड समधन की गहराई मे अंदर तक गया था .
पिताजी का लंड समधन की चूत का हो गया. समधन की चूत पे पिताजी के लंड का स्टंप लग गया.
पिताजी का लंड समधन की चूत को चीरता हुआ पूरा अंदर चला गया.
समधन की चूत मे दर्द की बारिश होने लगी. समधन की चीख निकल गयी.
समधन-आआअहह निकााआलूऊऊ दरद्देद्ददड हूऊऊऊओराहााआअ हाईईईईईई निकालूऊऊऊँ
बाहर्र्र्र्र्र्र्ररर दर्द्द्द्द्दद्ड हूऊऊओ रहाआआआआ हाईईईईईईईईई माआआआ मररर्र्र्ररर गाइिईईईईईईई
समधन की चीख सुनकर माँ पास मे आ गयी
समधन-दर्द हो रहा है. इनको निकालने को बोलो
माजी-बस हो गया. लंड चला गया. कुछ देर रूको
पिताजी समधन की चूत मे लंड डाल कर खुश हो गये
पिताजी ने अपने लंड की ताक़त समधन को दिखा दी.
समधन-आआआहह मररर्र्ररर गाइिईईईईईईई बर्दस्त्थत्टटतत्त नहियीईईईईईई हूऊऊऊ रहाआआआअ मररर्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर
गाइिईईईईईईई
अभी कह रही थी बर्दास्त नही हो रहा था अंदर डालो ,और अब कह रही है बर्दास्त नही हो रहा है बाहर
निकालो
पिताजी अपना लंड समधन की चूत मे डाल कर वैसे ही रुक गये
माँ समधन के दूध दबाना शुरू करके समधन का हौंसला बढ़ा रही थी.
पिताजी भी कुछ देर वैसे ही रुक गये .
माँ ने पिताजी को धक्के मारने को कहा और खुद समधन के दूध मसल्ने लगी.
पिताजी ने धीरे धीरे लंड अंदर बाहर करना शुरू किया.
पिताजी ने इस काम मे पीएच.डी की थी जिस से वो आराम से समधन का दर्द करने लगे
पिताजी धीरे धीरे प्यार से लंड बाहर निकाल कर अंदर करने लगे
लंड अंदर बाहर होने से समधन को दर्द हो रहा था .उनकी आँखो से पानी निकल रहा था.
माँ ने समधन का मूह अपने हाथ से दबा दिया और लगातार उनके दूध को मसल्ने लगी.
अपनी पत्नी का प्यार देख कर पिताजी इतने खुश थे कि, साथ मे समधन की चूत मिलने से जन्नत मे थे
पिताजी ने धीरे से लंड बाहर निकाला और अंदर पुश कर दिया.
फिर से लंड बाहर निकाल कर पूरा अंदर डाल देते
पिताजी के ऐसा करने से समधन की चूत मे लंड के लिए जगह बनाने लगी
पिताजी अपना पूरा अनुभव लगाकर समधन की चुदाई कर रहे थे
कभी बीच मे रुक कर पिताजी अपनी कमर हिला कर लंड को चूत मे घुमाने लग जाते
तो कभी पूरा लंड बाहर निकाल कर अंदर डाल देते
तो कभी धीरे धीरे धक्के मार देते
समधी के प्यार ने समधन की चूत से पानी निकाल दिया.
पानी निकलते ही माँ अलग हो गयी .और समधन चुदाई का मज़ा लेने लगी
समधन-आआआहह जोर्र्र्र्ररर सीईईमरूऊऊऊओ मज़ाआआआअ आआआआअ रहााआआ
हाईईईईईईईईईईईई और्र्र्र्र्र्ररर जोर्र मरूऊऊऊऊ
समधन की शीष्कारी सुनकर पिताजी ने अपनी गति बढ़ा दी
लंड ने धीरे धीरे अपनी गति बढ़ा कर चूत मे अंदर बाहर होने लगा.
पिताजी अपनी समधन की चूत का पूरा मज़ा लेते हुए धक्के मारने लगे
ऐसे धक्के मार रहे थे कि समधन का पूरा बदन हिल जाता.
समधन अपने समधी के धक्के को एंजाय करने लगी.
इस से पहले समधन ने ऐसी चुदाई नही की थी.
क्या धक्के लग रहे थे.ऐसा लग रहा था कि कुश्ती खेल रहे हो
समधन इतना मज़ा ले रही थी कि वो बार बार माँ को इस चुदाई के लिए शुक्रिया कह रही थी.
समधन का बदन पिताजी के धक्को से फिर से शेप मे आ गया.
पिताजी ने फिर से समधन की चूत से पानी निकाल दिया.
अब तो दोनो मज़े मे चुदाई को एंजाय करने लगे
पिताजी ने अपना पहलवान शरीर का पूरा इस्तेमाल करते हुए समधन की चूत की गहराई तक लंड डाल कर चूत
को फाड़ने लगा.
अपने पति की चुदाई देख कर माँ भी खुश हो गयी.
अपने पति पे माँ को गर्व था. उनका लंड समधन की चूत फाड़ रहा था.
कामिनी को सास से कभी परेशानी नही होगी
पिताजी ने अपने धक्को की गति बढ़ा दी.
पिता जी का वीर्य निकालने का समय आ गया था.
समधन भी फिर से अपना पानी निकालने को तैयार थी
समधन-आआआहह जोर्र्र्रर से मरूऊओ मेरहूऊऊ रहाा हाईईईई
पिताजी-मेरा भी हो रहा है
और पिताजी ने ताबड तोड़ धक्के मार कर समधन का पानी निकाल दिया और अपना वीर्य समधन की चूत मे
डाल दिया.
समधन की चूत मे वीर्य डाल कर पिताजी की आग ठंडी हो गयी.
पिताजी समधन की चुदाई करके खुश हो गये
समधन भी काफ़ी दिनो बाद चुदाई करके खुश हो गयी.
वीर्य निकालने के बाद पिताजी समधन के उपर से अलग हो गये
और समधन के बाजू मे लेट गये.
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