Hindi Kamuk Kahani मेरे पिताजी की मस्तानी समधन
01-02-2019, 02:40 PM,
#18
RE: Hindi Kamuk Kahani मेरे पिताजी की मस्तानी �...
अपडेट 16
पिताजी को जिसका इंतज़ार था.वो रात भी आ गयी.
नाम करण के बाद सब थक कर अपने अपने कमरे मे जाकर सो गये
माँ और मेरी सास बाते कर रहे थे
मेरी सास अपने पोते के लिए खुश थी.
माजी-आप थक गयी होगी सो जाइए
समधन-आप भी थक गयी होगी.
माजी-हाँ, आप सो जाइए मैं उनको बुला कर लाती हूँ
माँ पिताजी के पास हॉल मे आ गयी. समधन ने अपने कपड़े चेंज किए और बेड पर सो गयी.
माँ-क्या हुआ ,सोना नही है.
पिताजी-तुम्हे पता है मुझे क्या हुआ है.तुम मुझे अच्छे से समझती हो
माँ-वो हमारी समधन है. मैं आपको कुछ ऐसा वैसा नही करने दूँगी.
पिताजी-तुम्हे तो पता है, मेरे लिए ,एक बार मुझे ट्राइ करने दो
माँ-आप समझ क्यूँ नही रहे हो ,वो हमारी बेटी की सास है.
पिताजी-तो क्या हुआ ,
माँ-कुछ गड़बड़ हुई तो बेटी का घर बर्बाद हो जाएगा.
पिताजी-वो भी मेरे साथ करने को तैयार है ,मतलब तैयार हो जाएगी.मुझे पता है उनको भी मेरी ज़रूरत
है
माँ-बिल्कुल नही. आप को जो करना है मेरे साथ करो,या किसी और के साथ कीजिए पर कामिनी की सास को भूल
जाइए
पिताजी-तुम मेरे लिए कभी अच्छा नही सोच सकती हो
माजी- मुझे लगा ही था कि आप ऐसा ही सोच रहे है
पिताजी- तुमसे पहली बार तो कुछ माँग रहा हूँ
माँ-आप अपने दोस्तो के साथ मिल कर जो करते हो उसके लिए मना किया कभी मैं ने, चलो चुप चाप सो
जाइए
पिताजी-ठीक है,गुस्सा मत करो
माँ ने पिताजी को मना लिया और अपने कमरे मे जाकर सो गये
माँ समधन के साथ सो गयी. और पिताजी अपने बेड पर ,
पिताजी का खड़ा लंड उनको सोने नही दे रहा था.
पिताजी बस करवट बदलते रहे सारी रात पर उनको नींद नही आ रही थी.
उनको लग रहा है कि कब मेरी सास उनकी बाहों मे आ जाएगी
क्यूँ कि अब मेरी सास उनसे सेट हो गयी थी
1 घंटे बाद उनको लगा कि माँ सो गयी है. वो उठ कर उनके बेड के पास आ गये
दोनो आराम से सो रही थी. पिताजी को पता था कि बस एक बार लंड डालना है बाद मे समधन उनको कुछ नही
कहेंगी.
कल जैसे मस्ती मे आ गयी थी वैसे आज आ गयी तो समधन उनका साथ देंगी
समधन को उनका लंड पसंद है ये पिताजी को पता था.
कल पिताजी ने अपने लंड की ताक़त समधन को दिखा दी थी.
और आज बात ना करने से समधन का जो हाल हुआ उस से पिताजी को पता चल गया कि समधन उनको पसंद करती
है.
पिताजी उठ गये और धीरे से उनके बेड पर आ गये .और समधन के उपर आते ही धीरे धीरे उनकी साड़ी और पेटिकोट
उपर करने लगे
पिताजी को एक बार चूत को लंड का टच करना था फिर बाकी अपने आप होगा.
साड़ी घुटने तक उपर करके पिताजी ने अपना लंड बाहर निकाल लिया.
और फिर से साड़ी उपर करने वाले थे कि उनका हाथ किसीने पकड़ लिया.
पिताजी ने देखा तो उनका हाथ माँ ने पकड़ा है
माँ ने उनको अपने उपर ले लिया
माँ-ये क्या कर रहे थे
पिताजी-तुम्हे पता है
माँ-मैं ने कहा ना वो हमारी समधन है उस से दूर रहना.
पिताजी-बहुत कॉसिश की पर कंट्रोल नही कर पाया
माँ-मुझे कुछ नही सुनना है ,
पिताजी-मेरी हालत तो समझा करो
माँ-मैं हूँ ना ,मेरे साथ करो
पिताजी-समधन ने आग लगाई है ,तुम भी नही बुझा पाओगी
माँ-फिर जलते रहो, पर मैं तुम्हे कुछ नही करने दूँगी. समधन के साथ,जब तक वो हाँ नही कर देती.
पिताजी-ठीक है, जैसा तुम कहती हो वैसा होगा.तुम बुझा दो मेरी आग
और माँ ने अपनी साड़ी और पेटिकोट उपर की.
और पिताजी ने अपना लंड माँ की चूत मे डाल दिया.
ये क्या माँ पिताजी के साथ उसी बेड पर चुदाई कर रही है जहाँ मेरी सास सो रही है.
माँ तो कह रही थी समधन के साथ कुछ नही करने दूँगी.
फिर उसी बेड पे चुदाई करने से समधन की नींद भी तो खुल सकती है.
कुछ समझ नही आ रहा था.
पिताजी माँ की चूत मे लंड डाल के धक्के मारने लगे.
पिताजी के लंड को अपनी चूत मे लेते ही माँ को सुकून मिल गया .
माँ बहुत किस्मत वाली थी जो पिताजी का लंड उनको मिला था.
पिताजी अपनी प्यारी चूत मे प्यार से धक्के मारने लगे
पिताजी पूरा ध्यान रख रहे थे कि माँ की चुदाई से समधन की नींद ना खुले
पिताजी माँ के उपर चिपक कर धक्के मार रहे थे.
ऐसा करने से पिताजी को लगा कि ज़्यादा आवाज़ नही होगी
पर माँ हर धक्के के साथ चिल्ला रही थी.
माँ ऐसा क्यूँ कर रही थी पिताजी को समझ नही आ रहा था
पिताजी अपने धक्के मारने पे ध्यान देने लगे
माँ-आआआहझहह जोर्र्र्र्र्ररर्सीईई मरूऊओप्प,आज़ाआआआअ आआआहह आपकााआअ
लन्न्न्न्ड आईईईईई आपकााआआअ लन्न्न्न्ड फाआआआड देगा मेरी ,फाआआड दूऊऊऊ
मरीइ
माँ की शीष्कारी सुनकर पिताजी ने भी अपनी गति बढ़ा दी
और समधन की लगाई हुई आग को माजी की चूत से शांत करने लगे
माँ-आआआहह मेरााआ निकलल्ल्ल्ल्लराहााआआ हाईईईईईईई तूमम्म्मम,, 2दूसरीईईईईईईईईई बर्र्र्र्ररर पाणिीईईईईई
निकलल्ल्ल्ल्ल्ल रहााआअ
माँ पानी पे पानी छोड़ रही थी.
माँ बिंदास होकर चुदाई कर रही थी
पिताजी माजी को आज इस तरह मज़ा लेते हुए देख कर जोश मे आ गये
और अपनी प्यारी चूत की जोरदार चुदाई करने लगे
पिताजी को लगा कि माँ उनकी आग बुझा नही पाएँगी पर पिताजी माजी का नया रूप देख कर खुश हो गये
पिताजी जोश मे आकर माँ की चुदाई करते गये
और अपनी आग का लावा माँ की चूत मे डाल दिया.
माँ समझ गयी कि पिताजी की आग ठंडी हो गयी है.
माँ ने पिताजी की आग ठंडी की या कुछ और किया
पिताजी अपना वीर्य माँ की चूत मे डाल कर माँ के उपर गिर गये
माँ ने पिताजी को खुश कर दिया .और खुश करने वाली थी.
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