RE: Hindi Kamuk Kahani मेरे पिताजी की मस्तानी �...
अपडेट 9
ये तो बस शुरुआत थी
पहला दिन तो बड़ा अच्छा गया पिताजी के लिए
पर उनको यहाँ से जल्दी जाना था
ऐसे मे पिताजी कुछ ज़्यादा नही कर पाएँगे
लेकिन नेक्स्ट दिन रमेश की छुट्टी थी
और माँ पिताजी पहली बार घर आए तो उनको ड्रेस लेकर देने का सोचा रमेश ने
पिताजी भी अपने दामाद को गिफ्ट देना चाहते थे
सबकी रज़ामंदी से हम दोपहर को शॉपिंग करने चले गये
मेरी ननद तो कुछ ज़्यादा ही खुश थी
उनको शॉपिंग करने जो मिलेगा
रमेश कुछ काम से पहले मार्केट चले गये उन्होने कहा कि वो हमे वही मिलेंगे
हम सब बस से मार्केट चले गये
और आज मार्केट दिन था तो भीड़ ज़्यादा थी
पर कोई बात नही
मार्केट आते ही हमे रमेश मिल गये और हम शॉपिंग करने लगे
पहले रमेश को ड्रेस खरीद कर दिया पिताजी ने
फिर उसी शॉप से पिताजी के लिए रमेश ने गिफ्ट लिया
जेंट्स की शॉपिंग होते ही बच गयी हम लेडीस
हमारी शॉपिंग तो एक साथ होगी
हम सब बड़े शॉप मे गये
मेरी ननद तो अपने भाई को अपने साथ मॉडर्न कपड़ो के शॉप मे ले जाना चाहती थी
और हमें साड़ी की शॉप मे जाना था
तो पिताजी ने कहा कि रमेश तुम मेरी ननद को ड्रेस दिलाओ मैं इनके साथ साड़ी की शॉप मे जाता हूँ
रमेश को आइडिया अच्छा लगा
हम डिवाइड हो गये
फिर सारी की शॉप मे मैं माँ को सारी लेकर देने लगी
पिताजी और मेरी सास थोड़ी दूर ही थे
पिताजी- आप नही लेंगी साड़ी
समधन-मैं , मैं ऐसी साड़ी नही पहनती
पिताजी- पर क्यूँ
समधन-मैं विधवा हूँ
पिताजी- ये कोई बात नही हुई , हल्के कलर की साड़ी लेनी चाहिए
समधन-जी नही मैं ऐसी ठीक हूँ
पिताजी- तो सफेद साड़ी मे भी डिज़ाइन होती है , आपको ट्राइ करना चाहिए ,,
समधन-इनको तो लेने दीजिए
पिताजी- मुझे पता है आप नही लेंगी ,, चलिए मेरे साथ
और मेरी सास के कुछ कहने से पहले पिताजी उनका हाथ पकड़ कर शॉप की दूसरी तरफ गये
मेरी सास तो शॉक्ड ही थी
समधन-ये आप क्या कर रहे है
पिताजी- देखिए बहनजी , आप समधन है और आपको मेरी तरफ से एक गिफ्ट लेना ही होगा
समधन-( बहनजी ) ठीक है
फिर पिताजी शॉप वाले को वाइट साड़ी दिखाने को बोलने लगे
पिताजी- भैया वाइट साड़ी मे कुछ दिखाना
और शॉप वाले ने अच्छी अच्छी साड़ी निकाल ली
जो सिंपल के साथ अच्छी भी थी
पिताजी अपनी समधन को साड़ी दिखाने लगे
समधन ने एक दो साड़ी सेलेक्ट की
शॉपवाला- आपकी बीवी पे ये साड़ी अच्छी दिखेगी
शॉपवाला तो पिताजी और मेरी सास को पति पत्नी समझने लगे
मेरी सास उसकी ग़लतफहमी दूर करने वाली थी कि पिताजी ने उनको रोक लिया
पिताजी- ये आप क्या कर रही है
समधन- वो हमे
पिताजी- जाने दीजिए उसके कहने से हम पति पत्नी थोड़े बन जाएँगे
समधन- पर ,
पिताजी- आपको साड़ी पसंद हैना
समधन-हाँ
पिताजी- तो चलिए
और पिताजी ने मेरी सास को साड़ी खरीद कर दी
पिताजी मन ही मन मे खुश थे कि शॉप वाले ने उनको पति पत्नी समझा
मेरी सास को अच्छा नही लगा ये
पर पिताजी खुश थे कि समधन को उन्हे साड़ी दी
फिर हम ने शॉपिंग पूरी कर ली
पर समान बहुत हो गया
और अंधेरा भी हो गया
ऐसे मे घर जाने का प्राब्लम हमारे सामने था
रमेश के पास बाइक थी
तो सबने कहा कि मुझे और रमेश को बाइक से जाना चाहिए
पर मैं पिताजी और मेरी सास को अकेला नही छोड़ना चाहती थी
इस लिए मेरे दोनो ननद को रमेश के साथ भेजा
साथ ही उनके पास आधे से ज़्यादा बॅग दिए ताकि हम आराम से घर आ सके
रमेश अपनी बहनों के साथ घर चले गये
और हम.बस से घर जाने वाले थे
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