RE: Hindi Kamuk Kahani मेरे पिताजी की मस्तानी �...
अपडेट 8
मेरे पिताजी ऐसे होंगे सोचा नही था
पिताजी तो मेरी सास से मस्ती करना चाहते थे
खुले आसमान के नीचे मेरी सास को अपने लंड की ताक़त दिखा दी
और चालाकी तो देखो कि पिताजी बिल्कुल नॉर्मल थे
और मेरे सामने समधन का दूध पी लिया
मैं तो पिताजी की बात समझ गयी पर पता नही मेरी सास समझी कि नही
मेरी सास तो कन्फ्यूज़ थी शायद
इतने सालो बाद किसी लंड का टच किसी भी औरत को घायल कर सकता है
और औरत मेरी सास जैसी हॉट हो तो उनका पानी निकल जाए
मेरी सास के साथ थोड़ी छेड़ छाड़ से पिताजी खुश थे
पिताजी काफ़ी देर तक छत पर रहे
फिर नाश्ता करते हुए मेरी सास पिताजी से नज़रें नही मिला पाई
मेरी सास ट्राइ कर रही थी कि वो पिताजी से दूर रहे
पिताजी भी स्टेप बाइ स्टेप चल रहे थे
मेरी माँ तो इस बात से अंजान थी
फिर दिन तो कैसे निकल गया पता ही नही चला
पिताजी दिनभर कमरे मे ही थे
वो मेरी सास के सामने नही आए
पिताजी बहुत चालाक थे वो जानबूझ कर मेरी सास से दूर रह रहे थे ताकि मेरी सास को लगे कि सब कुछ
अचानक हो रहा है
पिताजी बस खाने के समय ही मेरी सास से मिल पाए
पर रात का खाना कुछ नया अड्वेंचर लेकर आया
रात मे खाने के लिए मेरे हज़्बेंड के साथ सब थे
मेरी माँ और सास एक दूसरे के पास बैठे थे तो पिताजी दोनो के सामने थे
पिताजी ने जानबूझ कर अपनी चेयर दोनो के सामने अड्जस्ट की
खाना शुरू हो गया
रमेश तो अपने ही धुन मे थे तो मेरी ननद तो अपनी ही दुनिया मे रहती है
इस बीच मेरा स्पून नीचे गिर गया , मुझे डाइनिंग टेबल की आदत नही थी जिस से ऐसी ग़लती हो जाती है
पर जब मैं नीचे झुकी तो मेरी आँखे फटी की फटी रह गई
पिताजी का पैर आगे चला गया था
पिताजी अपने पैर से सामने वाले के पैर को रगड़ रहे थे
सामने वाले की साड़ी के अंदर पैर था पिताजी का
और धीरे धीरे सहला रहे थे
तभी सोचु पिताजी की हाइट इतनी कम कैसे हो गयी , वो झुक कर बैठे थे ताकि खाते हुए मज़ा ले सके
मुझे लगा कि पिताजी माँ के पैर को सहला रहे थे
पर जब ठीक से देखा तो वो मेरी सास के पैर थे
और मेरी सास भी कुछ नही बोल रही थी
वो चुप छाप खाना खा रही थी
उनको क्या हो गया
उनको ये सब रोकना चाहिए था
शायद वो डर की वजह से चुप रही
मेरी सास के एक्सप्रेशन बदल रहे थे
क्या उनको मज़ा आ रहा था
पिताजी माँ का पैर समझ कर ये सब कर रहे थे
पिताजी बड़े चालाक निकले , माँ का नाम लेकर मेरी सास को सिड्यूस कर रहे है
मुझे पता था कि इस्पे पिताजी क्या कहेंगे कि सॉरी समधन जी मुझे लगा कि ये कामिनी की माँ है
और मेरी सास कहेंगी कि ग़लती आपकी नही है पर आगे से ध्यान रखा कीजिए
यही होगा
पर डाइनिंग टेबल के नीचे पिताजी पूरा मज़ा ले रहे थे
उनके पैर तो घुटने तक गये थे मेरी सास के
पिताजी बस अपने ही मज़े मे खोए थे
मेरी सास बड़ी मुश्किल से खाना खा रही थी
उनकी चूत से पानी निकल रहा होगा
पर पिताजी घुटने से उपर नही गये और जा भी नही सकते थे
पर मेरी माँ का खाना जल्दी हो गया
ये पिताजी को पसंद नही आया अभी तो मज़ा आ रहा था
लेकिन माँ के खड़े होते ही पिताजी समझ गये कि वो फस सकते है
इस लिए पिताजी ने अपने पैर पीछे ले लिए
पिताजी के पैर अलग होते ही मेरी सास रिलॅक्स हो गयी
वरना उनके अंदर की प्यासी औरत जाग जाती
पर पिताजी समझ गये कि उनको मेरी सास से माफी माँगनी पड़ेगी
सबका खाना हो गया
खाना होते ही रमेश सबके लिए पान लाने चले गये
फिर सास थोड़ा रिलॅक्स होने के लिए छत पर चली गयी
ये मोका देख कर पिताजी भी छत पर गये
पिताजी को उपर जाते हुए देख कर मैं भी देखने गयी की क्या होगा
मेरी सास तो पिताजी को देखते ही हड़बड़ा गयी
पिताजी- सुनिए
समधन-आप यहाँ
पिताजी- मुझे माफ़ कर दीजिए
समधन-माफी , किस लिए
पिताजी- वो खाना खाते हुए , मुझे लगा मेरी बीवी है , पर ग़लती से आप के साथ , मैं बहुत शर्मिंदा हूँ
समधन-( ये तो माफी माँग रहे है , शायद ग़लती से हुआ होगा ) कोई बात नही
पिताजी- मैं बहुत शर्मिंदा हूँ , प्लीज़ इसके लिए मेरी बेटी को तंग मत करना
समधन-ये आप क्या बोल रहे है , शायद वो ग़लती से हो गया होगा
पिताजी- मुझे लगा कि मेरी बीवी है , जिस से मैं
समधन-लार आपको ध्यान रखना चाहिए , अपने घर मे ठीक है पर दूसरो के यहाँ ये ठीक नही होता
पिताजी- जी , ये पहली और आख़िरी ग़लती होगी ,मुझे ऐसा नही करना चाहिए था
समधन-आपको ऐसा नही करना चाहिए वो भी दूसरो के घर मे
पिताजी- ग़लती हो गयी , पर क्या करूँ कुछ दिनो से
समधन-कुछ दिनो से क्या
पिताजी- वो एक हफ्ते से मेरी बीवी ने मना किया था , और अब जाके उसने हाँ कहा तो मैं खुद को रोक नही
पाया
समधन-मना किया था
पिताजी- वो होता हैना कि हर महीने औरते एक हफ्ते के लिए मना करती है
समधन-समझ गयी , पर थोड़ा ध्यान रखा कीजिए , और आपको शर्मिंदा होने की ज़रूरत नही है ( इसमे इनकी
ग़लती नही है )
पिताजी- सुक्रिया ,
और पिताजी वहाँ से नीचे आ गये
बड़े भोले बन गये थे मेरे पिताजी
और इस भोलेपन पर मेरी सास नरम पड़ गयी
पिताजी ने मज़ा भी ले लिया और अच्छे भी बने रहे
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