RE: Hindi Kamuk Kahani मेरे पिताजी की मस्तानी �...
मेरी आज सुहागरात थी
मैं ने अपने हज़्बेंड के घर का इंट्रो तो दिया ही नही
मेरे हज़्बेंड का नाम रमेश है , वो एक गॉव कॉलेज मे टीचर है , सिंपल से रहते है , ना कोई
शौक है , दिखने मे अच्छे है बिल्कुल पर्फेक्ट थे मेरे लिए
रमेश को एक बड़ी बहन है और दूसरी छोटी बहन है , इनका कोई रोल नही है
तो इनके बारे मे फिर कभी बताउन्गि
रमेश के पिता की डेत कुछ साल पहले हो चुकी थी
रमेश की शादी उसके माँ ने करवाई
जब मैं ने अपनी सास को देखा तो लगा कि ये रमेश की बड़ी बहन होगी
इस उमर ने भी खुद को क्या मेनटेन करके रखा था
इनको देख कर इनकी एज का पता ही नही चलता
जो देखे बस देखता रह जाए
सर से लेकर पैरो तक खुसबसूरती की मूरत थी
इनकी फिगर ऐसी थी कि मुझे भी मात दे
और साड़ी ऐसे पहनती है कि पल्लू नीचे गिरा तो सबके लंड खड़े हो जाए
उनकी कमर ही देख रहे थे पंडितजी ,, और शादी पर तो ध्यान ही नही था पंडित जी का
मेरे पिताजी को समधन अच्छी मिल
मैं तो अपने हज़्बेंड का इंतज़ार कर रही थी
रमेश जैसे ही रूम मे आए तो मैं ने अपने पैरो को सिकोड लिया
मुझे तो पैर खोल कर एंजाय करना था पर पता नही क्यूँ मैं डर रही थी
रमेश आराम से मेरे पास आकर बैठ गये
मेरा घूँघट उठा कर बाते करने लगे
रमेश-कामिनी,तुम्हे पता है आज हमारी सुहागरात है
कामिनी-हाँ,
रमेश-तुम्हे जब से देखा तब से मेरा हाल बुरा है. मैं इस दिन तक कैसे रुका बता नही सकता हूँ.
कामिनी-मैं भी, इसी लिए तो जल्दी शादी करवाने को कहा है पिताजी को
रमेश-तुम समझ नही रही हो
कामिनी-तुम को उस्दिन समझ गयी थी जिस दिन हम मिले थे ,तुम से ज़्यादा मुझे कंट्रोल नही हो रहा.
रमेश-मैं ने तुम्हारे सिवा किसी की तरफ नही देखा , तुम बस मेरा साथ देना
कामिनी-तुम्हे ना करने की ग़लती मैं नही कर सकती ,
मेरे इतना कहते ही रमेश ने मुझे गले लगा लिया.
रमेश-आइ लव यू कामिनी
कामिनी-आइ लव यू टू
और हमारी सुहागरात सुरू हो गयी.
शुरुआत वहीं से हुई जहाँ से सब करते है
रमेश ने मेरे होंठो से अपने होंठ मिला दिए.
उनका किस करना मुझे इतना अच्छा लगता था कि लगता है वो दिन रात मुझे किस करते रहे.
वो किस करने के साथ मुझे पूरी दुनिया घुमा लाते थे.
उनका किस करना मेरे बदन को अपने इशारो पे नचाने लगता .
1 महीने पहले तक मैं अपने प्यार के इंतज़ार मे भटकती रहती थी और आज इतनी जल्दी मुझे अपना प्यार मिल
गया .उसका प्यार इतना स्ट्रॉंग था कि प्यार को शादी का नाम जल्दी मिल गया.
शादी का नाम भी मिला पर हमारा प्यार रुकने का नाम नही ले रहा था.
शादी तक हम कैसे रुके ये हमे ही पता था .और आज हम पूरी तरह से एक होने जा रहे थे.
रमेश के साथ आज मेरा मिलन होने जा रहा था .
वो मेरे होंठो को चूसने लगे.जब भी उनको किस करती तो ऐसा लगता कि कुछ नया सुकून मिल रहा हो
वो मेरे होंठो का रस पीने लगे और मैं भी उनको अपना रस पिला कर उनके होंठो को चूसने लगी.
मेरी एज ही क्या थी, फुलो की पंखुड़ियों जैसे मेरे होंठ थे. मेरे होंठ उनको इतने नरम लगते थे कि उनका
किस ख़तम ही नही होता .
रमेश आज सिर्फ़ होंठो को चूस कर रुकने वालो मे से नही थे. वो होंठो को चूस ने साथ ही मेरी जीभ के
साथ खेलने लगे.
मैं उनकी किस के साथ गरम हो रही थी.वो किस करते हुए मेरी जीभ के साथ मे मेरे दूध को
दबाने भी लग रहे थे.
मेरे दूध को पहली बार मेरे अलावा किसी और ने टच किया था. टच क्या दबा रहे थे .
मेरे दूध छोटे थे मैं ने कभी उन पे ध्यान नही दिया पर मुझे पता था कि रमेश इनको दबा दबा कर
बड़े कर देंगे .
मैं उनका पूरा साथ दे रही थी. मेरा सब कुछ उनका था , और वो मुझे ऐसा प्यार कर रहे थे कि मैं ने
उनको रोकने की कोशिस नही की
होंठो को चूसने के साथ वो कपड़ो के उपर से मेरे दूध को दबा रहे थे.
मेरे छोटे संतरो को बड़े रसदार बना ने का काम उनको करना था. वो अपना काम दिल लगा कर कर रहे
थे. मुझे तो लग रहा था क़ि वो आज मेरा पूरा रस निकाल देंगे.
वो मुझे10 मिनिट तक किस करते रहे.और उस 10 मिनिट मे मैं ने खुद को हवा मे उड़ता हुआ पाया था.
वो किस करके और जोश मे आ गये ,मैं तो किस को अभी तक फील कर रही थी.मेरी आँखे बंद थी और इस बीच
रमेश ने मेरी साड़ी और ब्लाउस निकाल दिया .
ब्लाउस निकालने के बाद भी मैं ने आँखे नही खोली.
वो कुछ देर मेरे दूध को जो ब्रा मे छुपे हुए थे उनको देखने लगे .
फिर मेरे पेटीकोत का नाडा एक झटके मे खोल दिया साथ मे मेरी आँखे भी खुल गयी.
मैं पहली बार बिना ब्लाउज के किसी के सामने थी. मैं ने शरम के मारे अपनी ब्रा को अपने हाथो से
छुपा दिया.
दूध छुप गये तो क्या हुआ वो मेरे पेटिकोट को निकालना चाहते थे. मैं वैसी बैठी रही जिस से पेटिकोट
नही निकली.
रमेश ने मुझे फिर किस करना सुरू किया .किस करते कब मेरी गंद उपर हुई और कब पेटिकोट निकल गया
पता नही चला.
अब मैं सिर्फ़ ब्रा और पैंटी मे उनके सामने बैठी थी.
मुझे अपने नंगेपन का अहसास होते ही अपने बालो से दूध को ,ब्रा को छुपा दिया. और अपने पैरो को मोड़
कर चूत को ,पैंटी को छुपाने लगी
रमेश-कामिनी जो मेरा है वो मुझे लेने दो,
उनकी बात सुनते ही मैं रमेश के गले लग गयी और खुद को छुपाने लगी.
मेरे गले लगने से रमेश मेरे पीठ पर हाथ घुमाने लगे.
और वैसे मुझे गले लगा कर बेड पर लिटा दिया और मेरे बदन पर किस करना सुरू किया.
रमेश ने गालों पे किस करते हुए पूरे चेहरे पे किस करना सुरू किया.
और आख़िर मे मेरे होंठो पे किस करने लगे.और मेरे होंठो को पीर से चूस ना सुरू किया .ताकि मैं उनका
पूरा साथ दूं
कभी मेरे होंठो पे तो कभी गालो पर किस करते गये .मेरे पूरे चेहरे पे किस करने से मैं पागल हो
रही थी .
जिस से मुझे बर्दास्त नही हो रहा था.
रमेश वैसे किस करते हुए मेरे दूध के पास पहुँच गये और मेरी ब्रा निकाल दी.
मेरे दूध को जी भरके देखने लगे.उनको मुझ से जो उम्मीद थी वो सही साबित हुई.
मेरे दूध को देखते ही उनके मूह मे पानी आ गया.और रमेश निपल पे अपनी गीली जीभ घुमाने लगे. जीभ
घुमा कर मेरे निपल को चूसने के लिए तय्यार किए.
और बिना देर किए मेरे दूध पर टूट पड़े और मेरे संतरो को चूस ने लगे .
वो एक साथ दोनो दूध के साथ खेलने लगे.
एक दूध को चूस रहे थे और दूसरे को हाथ से दबा रहे थे.
उनके ऐसा करने से मेरे भी अपने हाथ उनके बालो मे घुमा कर उनको अपना काम करने मे सपोर्ट कर
रहे थे.
उनको मेरे दूध इतने पसंद आए कि वो दोनो दूध को पागलो की तरह चूसने लगे.
साथ मे बीच बीच मे निपल को काट भी रहे थे .जिस से मुझे मीठा सा दर्द होने लगा.
थोड़ी देर मेरे संतरो को चूसने के बाद रमेश दोनो दूध को अपने हाथों से मसल ने लगे. थोड़ी देर
वो ऐसे ही करते रहे जिस से मेरे मूह से शीष्कारी निकलने लगी. मेरे दूध को दबा कर लाल कर दिया.
फिर वो नीचे चले गये.
और एक झटके मे मेरी पैंटी को पकड़ कर निकाल दिया.
पैंटी नीचे जाते ही मैं पूरी नंगी हो गयी,जिस से मैं ने अपने हाथों से चूत को छुपा दिया.
मेरे ऐसा करने से रमेश ने मेरे हाथो पे थप्पड़ मार कर हाथो को चूत के उपर से अलग कर दिया.
रमेश मेरी कुवारि चूत को देखने लगे. मेरी चूत गुलाबी थी और मैं ने शादी के लिए अभी से चूत को
चिकना कर दिया था.
चूत पर बाल ना होने से रमेश को मेरी चूत देखने मे मज़ा आ रहा था. वो मेरी चिकनी चूत
पसंद आ गयी.
मेरी चूत देख कर उनके मूह मे पानी आ गया.और वो मेरी चूत पे टूट पड़े
रमेश ने धीरे से अपना मूह मेरे चूत के पास लाया और ज़ोर से फूँक मार दी.और चूत को फूँक मारने
वो हँसने लगी. चूत को हँसता हुआ देख कर रमेश खुश हो गये
रमेश ने मेरी गुलाबी चूत पर किस करना सुरू किया.
चूत पर वो रमेश का किस मैं आज भी महसूस करती हूँ तो. ऐसा लगता है वो अभी भी मेरी चूत पे किस कर
रहे हो.
फिर रमेश ने अपने हाथों से मेरी चूत के होंठो को खोल कर चूत को देखना सुरू किया.
और अपनी जीभ से मेरी चूत को चाट कर साफ किया और फिर मेरी चूत के अंदर जीभ डाल कर चूस ने के साथ
जीभ से मेरी चूत को चोदने लगे.
जब उनकी जीभ अंदर गयी तो कैसा लगा क्या बताऊ ,ऐसी खुशी मिल रही थी कि मैं बता नही सकती.
मैं अपने मस्ती मे शीष्कारी ले रही थी.
और रमेश मेरी चूत को ज़ोर ज़ोर से चूस रहे थे.
उनके चूसने से मैं इतनी मस्ती मे आ गयी,कि अपनी चूत को उपर करके रमेश के मूह पर दबाने लगी.
मेरे ऐसा करते ही रमेश खुश हो गया और मेरी चूत मे अपनी जीभ घुसा दी मेरी चूत अंदर से काफ़ी गीली थी
जिस से जीभ फिसल कर अंदर गयी.
रमेश जीभ से मेरी चुदाई कर ने लगे .मेरी पहली चुदाई रमेश की जीभ ने की और उसके फल मे मेरा
कुवरा पानी मिल गया.
रमेश ने मेरा कुँवारा पानी पी लिया .पहली और आख़िरी बार मेरा कुँवारा पानी रमेश ने पिया था
फिर रमेश ने अपने कपड़े निकाल दिए.और मेरे हाथ मे अपने लंड को पकड़ा दिया.
उनका लंड उस दिन काफ़ी गरम था .मेरा पहला लंड ,मेरे हाथ मे था.मैं लंड को हाथों मे पकड़ कर
अच्छे से देखने लगी .
मेरी ज़िंदगी का पहला लंड था इस लिए मैं उसको देखती रह गयी. मैं ने सुना था लंड चूसा भी जाता है.
पर पहली बार होने की वजह से रमेश ने मुझे चूसने को बोला नही.
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