Raj sharma stories बात एक रात की
01-01-2019, 12:58 PM,
RE: Raj sharma stories बात एक रात की
बात एक रात की--120

गतान्क से आगे.................

“क्यों आए तुम मेरे पीछे.” शालिनी ने कहा.

“मन तो नही था आने का पर दिल से मजबूर हो कर आना पड़ा.” रोहित ने जवाब दिया.

“समझते क्या हो तुम खुद को…जब दिल किया मुझसे दूर चले जाओगे और जब दिल किया पास आ जाओगे. तुम…..”

“श्ह्ह्ह…कोई इसी तरफ आ रहा है.” रोहित ने शालिनी के मूह पर हाथ रख दिया.

“यही कही होने चाहिए वो लोग.”

“2 कार खड़ी हैं सड़क पर. मुझे डर लग रहा है. जग्गू चल उन दोनो का काम तमाम करके जल्दी निकलते हैं यहाँ से.”

“बब्बल तू संजू के पास वापिस जा. मैं देखता हूँ कि ये कॉन हमारे काम में टाँग अड़ाने आ गये. और हां लड़की से दूर रहना अभी. पहले मैं लूँगा उसकी. मस्त आइटम है साली.”

बब्बल के जाने के बाद जग्गू बंदूक ताने वही आस पास घूमता रहा. जब वो उस पेड़ के पास से गुजरा जिसके पीछे रोहित और शालिनी छुपे थे तो रोहित ने तुरंत पीछे से आकर उसके सर पर बंदूक रख दी.

“तू सुधरा नही जग्गू हा….ये बंदूक नीचे फेंक दे.” रोहित ने कहा.

“सर आप…”

“हां मैं…बंदूक नीचे फेंक जल्दी और हाथ उपर कर वरना भेजा उड़ा दूँगा तेरा.”

“गोली मत चलाना सर…ये लीजिए फेंक दी बंदूक मैने.”

“गुड.... अब बताओ क्या चल रहा है यहाँ.” रोहित ने दृढ़ता से पूछा.

“कुछ नही चल रहा सर.”

“झूठ मत बोल तेरी खोपड़ी खोल दूँगा मैं.”

“सुपारी ले रखी है मैने. अपना काम कर रहा था बस.”

“चल मुझे अपने साथियों के पास ले चल. ज़रा भी चालाकी की तो तेरा भेजा उड़ा दूँगा.”

“गोली मत चलना सर…मैं उनको छोड़ दूँगा.”

जग्गू चल दिया जंगल के अंदर की ओर. रोहित उसके पीछे पीछे उसके सर पर बंदूक रखे चल रहा था. शालिनी रोहित के पीछे थी. उसने भी बंदूक तान रखी थी हाथ में.

ज़्यादा दूर नही जाना पड़ा उन्हे. जब वो वहाँ पहुँचे तो रोहित ने देखा कि संजू और बब्बल लड़की के कपड़े उतारने की कोशिस कर रहे थे.

“रुक जाओ वरना दोनो को शूट कर दूँगी मैं.” शालिनी चिल्लाई.

संजू और बब्बल तुरंत रुक गये शालिनी की आवाज़ सुन कर.

“सर आपके साथ कोन हैं?”

“ए एस पी साहिबा हैं. अपने साथियों से कहो कि तुरंत दोनो को छोड़ दें.”

अचानक संजू ने रोहित के सर की तरफ फाइयर किया. गोली सर के बिल्कुल पास से गुजर गयी. रोहित ने तुरंत उसकी तरफ फाइयर किया. मोके का फ़ायडा उठा कर जग्गू ने रोहित को धक्का दिया और वहाँ से भाग गया. बब्बल और संजू भी वहाँ से भाग खड़े हुए. अंधेरे में वो तुरंत आँखो से ओझल हो गये. रोहित ने 2-3 फाइयर किए पर कोई फ़ायडा नही हुआ. शालिनी उस लड़की के पास आई.

“कोन हो तुम. डरने की ज़रूरत नही है हम पोलीस वाले हैं?” शालिनी ने कहा.

“मेरा नाम गीता है. ये मेरे पति हैं शेखर. हम मसूरी जा रहे थे.”

“तुम दोनो को मारने की सुपारी दी गयी थी.” रोहित ने कहा.

“क्या हमें मारने की सुपारी?” शेखर ने हैरानी में कहा. वो बड़ी मुस्किल से उठा. बहुत बुरी तरह पीटा गया था उसे.

“हां सुपारी…क्या बता सकते हो कि कॉन है ऐसा जो तुम्हे मारना चाहेगा.”

“हमारी तो किसी से दुश्मनी नही है. पता नही किसने दी ये सुपारी.” शेखर ने कहा.

अचानक झाड़ियों में कुछ हलचल हुई और शालिनी गन लेकर उस तरफ चल दी.

“अरे रूको कहाँ जा रही हो तुम?”

रोहित ने अपनी कार की चाबी शेखर के हाथ में रख कर कहा, “जाओ किसी होटेल में रुक जाओ जाकर. तुम मसूरी नही जा सकते अभी जब तक तहकीकात पूरी नही हो जाती. तुम लोगो की कार भी यही रहेगी क्योंकि उसमे लाश पड़ी है.”

“आप अपनी कार दे रहे हैं हमें. आपको पता कैसे चलेगा कि हम कहाँ हैं और कॉन से होटेल में हैं. मोबाइल नंबर दे दीजिए अपना.”

“मेरी कार मेरे मोबाइल से कनेक्टेड है. तुम चिंता मत करो मैं ट्रेस कर लूँगा. जाओ तुम दोनो.”

उन दोनो के जाने के बाद रोहित शालिनी के पीछे गया.

शालिनी दबे पाँव आगे बढ़ रही थी. रोहित ने उसके कंधे पर हाथ रखा और बोला, “क्या करना चाहती हो तुम. कहाँ जा रही हो.”

“श्ह्ह्ह…झाड़ियों में कुछ हलचल हुई थी.”

“जंगल है... होगा कोई जानवर. चलो चलतें हैं.”

“मुझे लगता है उन तीनो में से कोई है”

“अरे वो यहाँ क्यों छुपे रहेंगे. इतना बड़ा जंगल है…वो बहुत दूर निकल गये होंगे.” रोहित ने कहा.

“तुम्हे क्या लेना देना मैं कुछ भी करूँ…कॉन होते हो तुम मुझे टोकने वाले.” शालिनी चिल्लाई.

“जान बुझ कर ये सब नाटक कर रही हो ताकि मैं यही तुम्हारे साथ उलझा रहूं और कल सुबह की मेरी ट्रेन मिस हो जाए.”

“तुम्हे ये नाटक लग रहा है. मैं अपनी ड्यूटी कर रही हूँ और तुम बाधा डाल रहे हो. जाओ यहाँ से…… मुझे अकेला छोड़ दो.”

“शालिनी…तुम मुझसे गुस्सा हो जानता हूँ. गुस्से में ये सब करने की ज़रूरत नही है तुम्हे. चलो घर जाओ चुपचाप.”

“मैं चली जाऊगी…तुम जाओ यहाँ से.”

रोहित ने शालिनी को दोनो कंधो से कस कर पकड़ लिया और उसे एक पेड़ से सटा दिया.

“ये क्या पागल पन है. मुझे तुमसे ऐसी उम्मीद नही थी. बिना सोचे समझे कुछ भी किए जा रही हो” रोहित गुस्से में बोला.

“मुझे भी तुमसे ऐसी उम्मीद नही थी जैसा तुमने मेरे साथ किया” शालिनी ने कहा

“डू यू लव मी शालिनी.”

शालिनी ने रोहित को ज़ोर से धक्का दिया. धक्का इतनी ज़ोर का था कि रोहित धदाम से नीचे गिरा. उसका सर एक पठार से टकराया. खून तो नही निकला पर दर्द बहुत हुआ. एक मिनिट के लिए सर घूम गया रोहित का.

शालिनी दौड़ कर उसके पास आई, “चोट तो नही लगी तुम्हे.”

“मेरी यही औकात है तुम्हारी जिंदगी में. काफ़ी दफ़ा हो जाने को बोल दो, कभी गेट आउट बोल दो और आज तो हद ही हो गयी. ऐसे धक्का दिया तुमने मुझे जैसे कि मैं रेप अटेंप्ट कर रहा था तुम पर.” रोहित ने उठते हुए कहा.

शालिनी ने रोहित के कंधे पर हाथ रखा और बोली, “सॉरी रोहित मैने कुछ जान बुझ कर नही किया.”

“वाह पहले कतल कर दो और फिर सॉरी बोल दो. अरे मरने वाला तो मर गया ना. तुम्हारे सॉरी बोलने से क्या होगा अब.” रोहित ने कहा.

“तुम्हे जो समझना है समझो…मैं जा रही हूँ.” शालिनी वहाँ से चल पड़ी सड़क की तरफ. सड़क पर आकर शालिनी ने देखा की रोहित की कार वहाँ नही है.

“रोहित की कार कोन ले गया.” शालिनी ने अंदाज़ा लगाया की रोहित ने ज़रूर अपनी कार गीता और शेखर को दे दी होगी.

“मुझे क्या लेना देना मैं चलती हूँ यहाँ से.” शालिनी कार में बैठ गयी. एंजिन स्टार्ट कर लिया उसने पर कार को आगे नही बढ़ा पाई. वो बार बार जंगल की तरफ देख रही थी. 10 मिनिट बीत गये पर रोहित नही आया. शालिनी बैठी रही चुपचाप कार में. बार बार एंजिन स्टार्ट करके बंद कर देती थी. दिमाग़ वहाँ से जाने को कह रहा था क्योंकि जंगल का एरिया था पर दिल वहाँ से जाने को तैयार नही था. जब आधा घंटा बीत गया तो शालिनी खुद को रोक नही पाई. वो कार से बाहर आकर उसी जगह वापिस आ गयी जहा वो रोहित को छोड़ कर गयी थी.

रोहित वही बैठा था जहा शालिनी उसे छोड़ कर गयी थी.

“क्या रात भर यही बैठने का इरादा है तुम्हारा. सादे 12 बज रहे हैं.” शालिनी ने कहा.

“मेरी कार मैने उन दोनो को दे दी. तुम जाओ…”

“चलो मैं तुम्हे घर छोड़ दूँगी…”

“तुम्हारे साथ नही जाऊगा मैं…तुम जाओ… आइ कॅन टेक केर माइसेल्फ.”

“रोहित प्लीज़ उठो. मैं तुम्हे यहाँ छोड़ कर कैसे जा सकती हूँ”

“शालिनी तुम जाओ…मैं तुम्हारे साथ नही चल सकता.”

“ज़िद्द मत करो रोहित. उठो.”

“तुम जाओ ना…क्यों अपना वक्त बर्बाद कर रही हो.”

“आइ केर फॉर यू रोहित.”

रोहित ये सुनते ही उठा और शालिनी को फिर से कंधो से पकड़ कर पेड़ से सटा दिया.

“सच बताओ ये केर है या कुछ और?” रोहित ने पूछा.

“क्या मतलब... मैं कुछ समझी नही.”

“समझोगी भी नही क्योंकि तुम समझना ही नही चाहती.”

“रोहित प्लीज़ फिर से वही बहस शुरू मत करो.” शालिनी गिड़गिडाई.

रोहित कुछ देर खामोश रहा फिर गहरी साँस ले कर बोला, “प्लीज़ एक बार बता दो मुझे. क्या तुम मुझे प्यार करती हो. सिर्फ़ हां या ना में जवाब दे दो. आखरी बार पूछ रहा हूँ तुमसे. फिर कभी नही पूछूँगा मैं”

शालिनी कुछ नही बोली. वो अजीब दुविधा में पड़ गयी थी. हां वो बोलना नही चाहती थी और ना कहने की उसमें हिम्मत नही थी.

“कुछ तो बोलो प्लीज़…मेरी खातिर.” रोहित गिड़गिडया.

शालिनी खामोश खड़ी रही.

रोहित आगे बढ़ा और अपने चेहरे को शालिनी के चेहरे के बहुत नज़दीक ले आया. दोनो की गरम गरम साँसे आपस में टकरा रही थी. रोहित ने अपने होन्ट शालिनी के होंटो पर रखने की कोशिस की तो शालिनी ने चेहरा घुमा लिया.

रोहित इतना भावुक हो गया कि तुरंत उसकी आँखो में आँसू भर आए. कब उसका माथा शालिनी की छाती पर टिक गया उसे पता भी नही चला. वो बस भावनाओ में बह कर रोए जा रहा था. शालिनी ने सर पर हाथ रख लिया रोहित के और वो भी रो पड़ी. बहुत ही एमोशनल पल था वो दोनो के बीच. दोनो उस पेड़ के नीचे खड़े रोए जा रहे थे उस प्यार के लिए जो उनके बीच था.

“शालिनी एक बात पूछूँ?” रोहित ने दर्द भरी आवाज़ में कहा.

“हां पूछो ना.”

“छोड़ो जाने दो. तुम जवाब तो देती नही हो.”

“पूछो प्लीज़…” शालिनी सुबक्ते हुए बोली.

“तुम क्यों रो रही हो. मैं तो इसलिए रो रहा हूँ क्योंकि तुम्हे खो दिया मैने.”

“मैने कल सुबह फिर से पापा से बात की थी तुम्हारे बारे में. वो मान-ने को तैयार ही नही हैं. मुझे चेतावनी भी दे दी है उन्होने की दुबारा बात की तुम्हारे बारे में तो उनका मरा मूह देखूँगी. तुम्हे सिर्फ़ अपना प्यार दिखता है…मेरा प्यार तुम्हे दिखाई नही देता.”

“शूकर है तुमने कबूल तो किया कि तुम मुझे प्यार करती हो.” रोहित ने शालिनी की छाती से सर उठा कर कहा.

“हां करती हूँ प्यार. बहुत ज़्यादा प्यार करती हूँ तुम्हे. प्यार का इज़हार करके अपने कदम वापिस नही खींचना चाहती थी इसलिए खामोश रहती थी.”

“आज क्यों बोल रही हो फिर.”

“क्योंकि मैने तैय कर लिया है कि मैं वहाँ शादी नही करूँगी जहा पापा चाहते हैं. अगर उन्हे मेरी पसंद मंजूर नही तो मुझे भी उनकी मंजूर नही. मैने शादी ना करने का फ़ैसला किया है. शादी करूँगी तो तुमसे नही तो नही करूँगी.”

“कब किया ये फ़ैसला.”

“अभी जब तुम मेरे सीने से लग कर रो रहे थे. मैं किसी और के साथ नही रह सकती रोहित.”

“तुम्हे नही पता कि कितनी बड़ी खुशी दी है तुमने मुझे आज ये बात बोल कर. तुम्हारे प्यार के इस इज़हार को हमेशा दिल में छुपा कर रखूँगा मैं.”

“रोहित”

“हां बोलो.”

“आइ लव यू.”

“बस अब जान ले लोगि क्या तुम. कहा तो बोल ही नही रही थी… कहाँ अब प्यार की वर्षा कर रही हो मेरे उपर.”

“बहुत दिन से दबा रखा था ना दिल में ये प्यार… आज निकल रहा है…तुम्हारे लिए.”

क्रमशः..........................
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RE: Raj sharma stories बात एक रात की - by sexstories - 01-01-2019, 12:58 PM

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