Raj sharma stories बात एक रात की
01-01-2019, 12:36 PM,
#94
RE: Raj sharma stories बात एक रात की
बात एक रात की--89

गतान्क से आगे.................

शाम के वक्त मोहित पूजा के कॉलेज के बाहर खड़ा उसका वेट कर रहा था. कॉलेज में कोई फंक्षन चल रहा था इसलिए पूजा देर तक कॉलेज में थी. वो बाहर आई तो मोहित झूम उठा उसे देखते ही.

“बहुत प्यारी लग रही हो पूजा…क्यों इतने सितम ढा रही हो मुझ पर.”

“अच्छा…झुटे कही के. सुबह भी तुम यही सब कह रहे थे.”

“अब क्या करूँ तुम्हे देखते ही मुँह से तुम्हारे लिए प्रसंसा खुद-ब-खुद निकल जाती है.” मोहित ने कहा.

“मोहित मन कर रहा था कि कही बैठ कर बाते करते पर लेट हो गयी हूँ.” पूजा ने कहा.

“आओ बैठ जाओ, प्यार के कुछ मीठे पल तो हम निकाल ही लेंगे.” मोहित ने कहा.

पूजा हंसते हुए बैठ गयी मोहित की बाइक पर और वो उसके बैठते ही बाइक को उड़ा ले चला.

“पूजा एक किस हो जाए आज. देखो कितनी हसीन शाम है. ऐसा मोका रोज नही आता.”

“मैं बाते करना चाहती थी और तुम्हे किस की पड़ी है. ये बताओ हमारा क्या होगा. कब बात करोगे बापू से.”

“तुम कहती हो तो आज ही कर लेता हूँ. मैं सोच रहा था कि तुम पहले कॉलेज फीनिस कर लो फिर आराम से शादी करेंगे.”

“तो किस की इतनी जल्दी क्यों पड़ गयी आपको. शादी तक इंतेज़ार नही कर सकते क्या.”

मोहित ने तुरंत बिके सड़क किनारे रोक दी. सड़क एक दम सुनसान थी. बिके से उतार गया वो. पूजा भी उतार गयी.

“क्या हुआ मोहित…इस सुनसान सड़क पर बाइक क्यों रोक दी.” पूजा ने पूछा.

मोहित ने बिना कुछ कहे पूजा के चेहरे को जाकड़ लिया और अपने होन्ट टिका दिए उसके होंटो पर. पूरे 2 मिनिट बाद छोड़ा उसने पूजा के होंटो को.

“शादी तक इंतेज़ार नही कर सकता. किस तो एक प्रेमी का फंडमेंटल राइट है. ये तुम मुझसे नही छीन सकती.”

“फंडमेंटल राइट के साथ फंडमेंटल ड्यूटी भी याद रखना.मुझे कभी अकेला मत छोड़ देना..जी नही पाउन्गि. बहुत प्यार करती हूँ तुम्हे.”

“जानता हूँ…बेफिकर रहो तुम. तुम्हे तो मैं पॅल्को पर बैठा कर रखूँगा.”

“हहेहहे…तुम्हारी पॅल्को पर कैसे बैठूँगी…वहाँ इतनी जगह नही है.”

“ठीक है कही और बैठ जाना, वाहा जगह बहुत है…मगर बदले में कुछ काम भी करना होगा तुम्हे.”

“कैसा काम, और ये कौन सी जगह की बात हो रही है ..” पूजा ने कहा

“बस मेरे उपर बैठ कर उछालती रहना तुम, ऐसी जगह है ..” मोहित ने कहा.

“जनाब चलिएगा कि नही या फिर सुहाने खवाब ही देखते रहेंगे इस सुनसान सड़क पर.” पूजा ने कहा.

“ओह हां सॉरी…चलते हैं. मैं तो बस अपनी पूजा की पप्पी लेने के लिए रुका था.”

“खबरदार जो दुबारा पप्पी की यू सड़क पर रोक कर. मुझे डर लगता है.”

“ठीक है आगे से बाइक पर चलते चलते करूँगा… …”

“वो कैसे मुमकिन होगा …”

“सब कुछ मुमकिन है तुम बस पप्पी देने वाली बनो.”

“नही मिलेगी अब…दुबारा मत माँगना”

“अफ अब तो दुबारा फिर लेनी पड़ेगी. तुम्हारी पप्पी लेने में बहुत मज़ा आता है.”

तभी अचानक एक ब्लॅक स्कॉर्पियो निकली उनके बाजू से.

“पूजा जल्दी बैठो…इस ब्लॅक स्कॉर्पियो का पीछा करना है.”

“क्या बात है..कौन है इस ब्लॅक स्कॉर्पियो में.”

“ब्लॅक स्कॉर्पियो में ही घूमता है साइको…आओ देखते हैं ये ब्लॅक स्कॉर्पियो कहाँ जा रही है.”

“मोहित मुझे डर लग रहा है, रात होने वाली है. घर पर मेरा इंतेज़ार हो रहा होगा..”

“पूजा अगर मैं तुम्हे ऑटो में बैठा दू तो क्या तुम चली जाओगी…मुझे इस कार के पीछे जाना होगा, क्या पता वो साइको इसी में हो.”

“ठीक है तुम मुझे किसी ऑटो में बैठा दो. मैं चली जाउन्गि.”

मोहित ने कुछ दूरी पर एक ऑटो रोक कर पूजा को उसमे बैठा दिया और खुद पूरी स्पीड से बाइक दौड़ा कर उस ब्लॅक स्कॉर्पियो के पीछे लगा दी.

………………………………………………………………………………

…….

राज शर्मा जब वापिस पद्‍मिनी के घर पहुँचा तो पद्‍मिनी अपने रूम की खिड़की

में ही खड़ी थी और बाहर झाँक रही थी. राज शर्मा को देखते ही उसने परदा गिरा दिया.

“ये लो हो गया इनका नाटक शुरू. समझ गया हूँ मैं आपको. दिमाग़ खराब था मेरा जो आपसे प्यार कर बैठा. मुझे देखते ही परदा गिरा दिया…क्या इतनी बुरी शकल है मेरी. बस अब बहुत हो गया आपसे कोई बात नही करूँगा मैं.” राज शर्मा चुपचाप आँखे बंद करके जीप में बैठ गया.

राज शर्मा ने ध्यान ही नही दिया की पद्‍मिनी घर का दरवाजा खोल कर खड़ी है.उसे देखते ही वो नीचे आ गयी थी. “कहा तो था कि शाम को बात करेंगे. चुपचाप आँखे बंद करके बैठ गया है. ये समझता क्या है खुद को. मुझे कोई बात नही करनी इस से.” दरवाजा पटक दिया ज़ोर से पद्‍मिनी ने और कुण्डी लगा ली.

दरवाजे की आवाज़ से राज शर्मा ने तुरंत आँख खोल कर देखा, “ये कैसी आवाज़ थी” राज शर्मा ने गन्मन से पूछा.

“दरवाजा बंद होने की आवाज़ थी सर. शायद घर के अंदर से आई थी.”

“ह्म्म…ठीक है तुम सतर्क रहो.” राज शर्मा ने कहा.

................................

मोहित ब्लॅक स्कॉर्पियो से कुछ दूरी बनाए हुआ था. मगर उसने गाड़ी का नंबर देख लिया, “कार तो ये गौरव मेहरा की है. चलो देखता हूँ आज कहाँ जा रहा है ये.”

कार एक घर के आगे आकर रुकी. कार में से गौरव मेहरा उतरा और घर में घुस गया. मोहित ने कुछ दूरी पर बाइक रोक दी और अपना कॅमरा लेकर दबे पाँव घर की तरफ बढ़ा. अंधेरा घिर आया था इसलिए मोहित का काम थोड़ा आसान हो गया था.

मोहित घर की खिड़की के पास आकर खड़ा हो गया. खिड़की में पर्दे टँगे थे. मोहित ने पर्दे को हल्का सा हाथ से हटाया और अंदर झाँक कर देखा. अंदर गौरव एक लड़की के सामने खड़ा था. लड़की देखने में सुंदर लग रही थी.

“स्वेता कितने फोन किए तुम्हे…तुम्हे मेरे साथ काम करना है या नही.”

“काम करना है सर…मेरी तबीयत खराब थी कुछ दिन से.”

“तो साली इनफॉर्म क्या तेरा बाप करेगा. इतनी सॅलरी देता हूँ तुझे. ये घर भी खरीद कर दिया तुझे..फिर भी मेरी कदर नही है तुम्हे.”

“सर आपने जो कुछ मेरे साथ किया अपनी बीवी के सामने वो ठीक नही था. मुझे रंडी और पता नही क्या-क्या कहा आपने.”

“मेरा मूड ठीक नही था उस दिन. वो साला दो कौड़ी का पोलीस वाला मुझे घर से घसीट कर ले गया था. दिमाग़ खराब हो गया था मेरा.”

“सर आपको मैने अपना सब कुछ दिया…और आप ऐसा बर्ताव करते हैं मेरे साथ.”

“चल ठीक है…आगे से ध्यान रखूँगा. आज बहुत मन कर रहा है तेरी लेने का…चल मस्ती करते हैं.”

“वो तो ठीक है पर आप प्लीज़ मुझे दुबारा रंडी मत कहना.”

“अरे ठीक है…बोला ना गुस्से में था उस दिन. चल लंड निकाल बाहर और चूसना शुरू कर. जिस तरह से तू चूस्ति है लंड मेरा आज तक किसी ने नही चूसा. तभी अपनी बीवी को दिखा रहा था हहहे.”

“पर क्या बीती होगी उन पर. आपको ऐसा नही करना चाहिए था.” स्वेता ने कहा.

“चल छोड़ ना ये सब जल्दी से लंड निकाल कर डाल ले इन खूबसूरत होंटो के बीच.”

स्वेता ने गौरव की ज़िप खोल कर उसके लिंग को बाहर निकाला और प्यार से चूसने लगी.

“गुड वेरी गुड..इसी काम की सॅलरी देता हूँ मैं तुम्हे…हाहहाहा.”

स्वेता चुपचाप सकिंग करती रही. मोहित ने चुपचाप चतुराई से उनकी फोटो ले ली. “ये फोटो दीपिका के काम आएगी.”

स्वेता का मुँह दुखने लगा सकिंग करते करते पर गौरव फिर भी चूस्वाता रहा.

“सर कुछ और नही करेंगे क्या…मुँह दुखने लगा है.”

“ऐसा करता हूँ आज तेरी गांद लेता हूँ. तेरी अब तक गांद नही ली ना मैने.”

“सर नही…वो रहने दीजिए.”

“क्यों रहने दूं..चल कपड़े उतार और झुक जा…इस बार बोनस दूँगा तुझे, तू गांद में लेकर तो देख. हाहाहा”

“सर प्लीज़..”

“देख अभी मेरा मूड ठीक है. मूड खराब हो गया तो ज़बरदस्ती लूँगा…आराम से कपड़े उतार कर झुक जा मेरे आगे.” गौरव ने कठोरता से कहा.

स्वेता ने अपने कपड़े उतारे और गौरव के आगे झुक गयी.

“गुड गर्ल तेरा बोनस पक्का. चल अब अपनी गांद फैला दोनो हाथो से और मेरे लंड के लिए रास्ता बना.” गौरव ने कहा.

स्वेता ने अपने नितंबो को फैला लिया और गौरव ने अपने लिंग पर थूक लगा कर स्वेता की आस होल पर रख दिया. स्वेता की साँसे थम गयी एंट्री की आंटिसिपेशन में.

मोहित सब कुछ रेकॉर्ड कर रहा था. पिक्चर भी ले रहा था और वीडियो भी बना रहा था.

“ऊऊहह सर नो….”

“बोनस मिलेगा स्वेता ले ले पूरा हाहाहा.” गौरव हँसने लगा.

“सर मैने कभी नही किया अनल बहुत दर्द हो रहा है.”

“मैने भी बहुत कम किया है…पर तेरी गांद लेने की इच्छा थी बहुत दिनो से आज पूरी हो रही है. बार बार भूल जाता था कि ये काम भी करना है.”

“आआहह…नूऊऊऊ सर धीरे….” स्वेता कराह उठी. गौरव ने एक दम से पूरा लंड डाल दिया था उसकी गांद में.

“हहहे अब तो गया पूरा…अब धीरे से क्या फ़ायडा स्वेता तुम ले चुकी हो पूरा अब मज़े करो.”

“थॅंक गॉड मुझे लगा था कि अभी पूरा जाना बाकी है.” स्वेता ने गहरी साँस ले कर कहा.

“वाह भाई वाह क्या बात है मिस्टर गौरव मेहरा. अपने एंप्लायीस की खूब जम कर लेते हो तुम…गुड.”

गौरव मेहरा और स्वेता दोनो ही चोंक गये. दोनो ने पीछे मूड कर देखा. उनके पीछे एक नकाब पोश खड़ा था, हाथ में बंदूक लिए. मोहित नकाब पोश को देखते ही खिड़की से हट गया. मगर बाद में चुपचाप झाँक कर देखने लगा.

“कौन हो तुम और यहा कैसे आए…” गौरव ने पूछा

“पहले तुम जैसे हो वैसे ही रहो हिलना मत. लंड मत निकालना इसकी गांद से. क्या सीन बनाया है तुम दोनो ने वाह. अच्छी पैंटिंग बनेगी.”

“साले तेरा भेजा उड़ा दूँगा मैं अभी…बता कौन है तू.”

“मेरे पूरे शहर में चर्चे हैं और तुम मुझे नही जानते. लोग मुझे साइको कह कर बदनाम कर रहे हैं जबकि मैं एक आर्टिस्ट हूँ जो कि रेर पैंटिंग बनाता है. अब देखो ने कितने रेर पोज़ में खड़े हो तुम दोनो. गांद में लंड डाल रखा है तुमने इस बेचारी के. अब अगर गांद मारते मारते इसकी पीठ में चाकू मारते जाओ तो बहुत ही अनमोल आर्ट बन जाएगी. मैने एरॉटिक पैंटिंग पहले भी बनाई है मगर ये तो बहुत ही अद्भुत पैटिंग कहलाएगी.”

“स..सर ये क्या कह रहा है.” स्वेता डर गयी.

“वही कह रहा हूँ जो कि तुम्हे सुन रहा है मेरी जान. गांद में लंड पीलवा रही हो अब ज़रा चाकू भी घुस्वाओ अपनी पीठ में और ज़्यादा मज़ा आएगा तुम्हे हाहहाहा.” साइको क्रूरता से हस्ने लगा.

क्रमशः..........................
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RE: Raj sharma stories बात एक रात की - by sexstories - 01-01-2019, 12:36 PM

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