Raj sharma stories बात एक रात की
01-01-2019, 12:31 PM,
#77
RE: Raj sharma stories बात एक रात की
बात एक रात की--72

गतान्क से आगे.................

रोहित ने अपना मोबाइल निकाला और एक नंबर डाइयल किया, “हेलो हेमंत भाई…कैसे हो……………”

रोहित ने हेमंत को पद्‍मिनी के मा-बाप की मौत की खबर सुना दी. वो भी तुरंत पद्‍मिनी के घर की तरफ निकल दिया.

“कौन है ये हेमंत?” शालिनी ने पूछा.

“पद्‍मिनी का कज़िन है. वैसे हम उसे गब्बर कहते हैं. मुझे लगा उसे बता देता हूँ. पद्‍मिनी अकेली होगी अब. किसी घर वाले को तो होना चाहिए उसके पास. मुस्सूरी में रहता है वो. ”

“ह्म्म… गुड.”

………………………………………………………………………………

…………..

“कितने आँसू बहायें हम, अब इंतेहा हो चुकी है

वक्त की ऐसी करवट से, जिंदगी तबाह हो चुकी है

क्या गुनाह था मेरा, जो ये सज़ा दी मुझको

जीने की चाहत भी अब फ़ना हो चुकी है.”

राज शर्मा को समझ नही आ रहा था की कैसे संभाले पद्‍मिनी को. वो पागलो की तरह रोए जा रही थी. बिल्कुल उस डब्बे के पास ही बैठी थी जिसमे उसके पापा का सर था. पद्‍मिनी को ऐसी हालत में देख कर राज शर्मा की आँखे भी नम हो गयी. बिल्कुल नही देख पा रहा था वो पद्‍मिनी को ऐसी हालत में. प्यार जो करता था उसे.

बहुत ही मुस्किल होता है उसे तड़प्ते हुए देखना जिसे आप बहुत प्यार करते हैं. और जब पता हो कि आप बस देख ही सकते हैं उसे तड़प्ते हुए कुछ कर नही सकते तो दिल पर क्या बीत-ती है उसे सबदो में नही कहा जा सकता. राज शर्मा बिल्कुल ऐसी ही स्तिथि में था. कुछ भी तो नही कर पा रहा था पद्‍मिनी के लिए. और अगर वो कुछ करता भी तो उसे डर था कि कही पद्‍मिनी उसे डाँट ना दे. और परेशान नही करना चाहता था राज शर्मा पद्‍मिनी को. मगर फिर भी उसने सोचा की कुछ तो करना ही चाहिए उसे.

राज शर्मा ने दोनो डब्बे वहाँ से हटवा दिए और सभी को बाहर भेज दिया, “तुम लोग बाहर नज़र रखो. कुछ भी ऐसा वैसा हो तो मुझे बताना.”

“जी सर”

राज शर्मा बैठ गया वही पद्‍मिनी के पास और बोला, “पद्‍मिनी जी आपकी कसम खा कर कहता हूँ मैं तडपा-तडपा कर मारूँगा इस साइको को. आप प्लीज़ चुप हो जाओ.”

“कैसे चुप हो जाउ. अपने मा-बाप को खो दिया मैने. कितनी दर्दनाक मौत मिली है उन्हे. तुम मेरा गम नही समझ सकते. चले जाओ यहाँ से.”

“मैने बचपन में ही खो दिया था अपने मा-बाप को. बस 7 साल खा था जब वो आक्सिडेंट में मारे गये. अनाथ हूँ तभी से. मा-बाप को खोने का गम क्या होता है मुझसे बहतर कोई नही समझ सकता. आपके गम को अच्छे से समझ सकता हूँ मैं.” राज शर्मा ने भावुक हो कर कहा.

पद्‍मिनी ने अपने आँसू पोंछे और बोली, “तुमने पहले क्यों नही बताया.” एक अजीब सी मासूमियत थी पद्‍मिनी के चेहरे पर बोलते हुए.

“बात ही कहाँ होती है आपसे. वैसे भी मैं बताता नही हूँ किसी को ये बात. आप प्लीज़ चुप हो जाओ, मुझसे देखा नही जा रहा.”

“मैं नही रोक सकती खुद को राज शर्मा. तुम नही समझ सकते. ये आँसू खुद-ब-खुद आ रहे हैं.” पद्‍मिनी सुबक्ते हुए बोली.

“समझ सकता हूँ. मैं भी 2 दिन लगातार रोता रहा था. कर लीजिए मन हल्का अपना. मैं बस आपको देख नही पा रहा इस हालत में इसलिए चुप होने को बोल रहा था. और मेरी तरफ से परेशान मत होना आप अब. मैं अपनी ग़लती समझ गया हूँ.”

तभी रोहित और पद्‍मिनी भी वहाँ पहुँच गये. रोहित तो कुछ नही बोल पाया उसे रोते देख. शालिनी उसके पास बैठ गयी और बोली, “बहुत ही बुरा हुआ है ये. मुझे बहुत दुख है पद्‍मिनी. हम कुछ भी नही कर पाए. पूरा पोलीस डेप्ट तुम्हारा दोषी है. लेकिन यकीन दिलाती हूँ तुम्हे कि इस पाप की सज़ा जल्द मिलेगी उसे.”

“मुझे उसे सौप दीजिए. ये सब मेरे कारण हुआ है. अगर वो मारना चाहता है मुझे तो वही सही. वैसे भी अब जी कर करना भी क्या है. कुछ नही बचा मेरे पास. मेरी मौत से ये सिलसिला रुकता है तो मुझे मर जाने दीजिए.”

इस से पहले की शालिनी कुछ बोल पाती राज शर्मा ने तुरंत कहा, “ये क्या बोल रही हैं आप. आपको कुछ नही होने दूँगा मैं. मरना उस साइको को है अब.”

शालिनी, रोहित और पद्‍मिनी तीनो ने राज शर्मा की तरफ देखा. “मैं सही कह रहा हूँ. आप क्यों मरेंगी. मरेगा अब वो जो की इतने घिनोने काम कर रहा है.”

“राज शर्मा सही कह रहे हो तुम. यही जज़्बा चाहिए हमें पोलीस में.” रोहित ने कहा.

“चुप करो तुम. ग़लत बाते मत सिख़ाओ उसे. तुमसे ये उम्मीद नही रखती हूँ मैं… …..” शालिनी ने रोहित को डाँट दिया.

“सॉरी मेडम ….” रोहित ने मायूस स्वर में कहा.

“राज शर्मा भावनाओ को काबू करना सीखो. और दुबारा ऐसी बात मत करना मेरे सामने. हां सज़ा मिलेगी उसे, ज़रूर मिलेगी.”

“बिल्कुल…उसे सज़ा मिलेगी काई सालो केस चलने के बाद. वो ऐसो-आराम से जैल की रोटिया तोड़ेगा. और हो सकता है…क़ानूनी दाँव पेंच लगा कर वो बच जाए.” रोहित ने कहा.

“स्टॉप दिस नॉनसेन्स आइ से.” शालिनी चिल्लाई.

रोहित ने कुछ नही कहा. बस चुपचाप खड़ा रहा. राज शर्मा भी कुछ बोलने की हिम्मत नही कर पाया.

“ये सब बकवास करने की बजाए उन डब्बो का मूवायना करो और देखो कि कौरीएर कहाँ से आया था और किसने भेजा था. स्टुपिड.” शालिनी ने गुस्से में कहा.

“जी मेडम अभी देखता हूँ.” रोहित ने कहा. “राज शर्मा कहा हैं वो डब्बे.”

“पद्‍मिनी जी के सामने से हटवा दिए थे मैने. दूसरे कमरे में रखे हैं.”

“चलो देखते हैं.” रोहित ने कहा और राज शर्मा के साथ उस कमरे में आ गया जहाँ डब्बे रखे थे.

“जीसस…” रोहित से देखा नही गया और उसने आँखे बंद कर ली.

“फर्स्ट फ्लाइट से आया था कौरीएर सर ये.”

“ह्म्म…कौन दे कर गया?”

“था एक आदमी सर?”

“क्या नाम था उसका?”

“नाम नही पूछा सर”

“चलो कोई बात नही फर्स्ट फ्लाइट के ऑफीस से सब पता चल जाएगा.”

जब रोहित बाहर आया तो शालिनी ने पूछा, “कुछ पता चला.”

“फर्स्ट फ्लाइट वालो से ही पता चलेगा सब कुछ मेडम.”

“ह्म्म तो पता करो जाकर.” शालिनी ने कहा.

पद्‍मिनी को विस करके शालिनी बाहर की तरफ चल दी, “चलो रोहित.”

“आता हूँ अभी मेडम, पद्‍मिनी से ज़रा बात कर लूँ.” रोहित ने कहा.

मगर राज शर्मा वही खड़ा रहा.

“राज शर्मा तुम घर के चारो तरफ राउंड ले कर आओ. देखो सब ठीक है की नही.”

राज शर्मा को अजीब सा तो लगा मगर फिर भी वो चला गया.

राज शर्मा के जाने के बाद रोहित पद्‍मिनी के पास आया. वो अब सोफे पर गुमशुम बैठी थी.

“सब से बड़ा गुनहगार तो मैं हूँ तुम्हारा पद्‍मिनी. मेरे होते हुए ते सब हो गया. खुद को माफ़ नही कर पाउन्गा. मगर मैं तुम्हे यकीन दिलाता हूँ. जिंदा नही बचेगा वो…बस एक बार आ जाए मेरे सामने.”

पद्‍मिनी कुछ नही बोली.

“जिंदगी भर नाराज़ रहोगी क्या. मुझे इस काबिल भी नही समझती की मैं तुमसे तुम्हारे गम बाँट सकूँ. प्लीज़ मुझे माफ़ कर दो. कितनी बाते करते थे हम प्यारी-प्यारी…पता नही किसकी नज़र लग गयी हमारी दोस्ती को.”

“मैं कुछ नही सुन-ना चाहती. मेरा सर फटा जा रहा है. प्लीज़ चले जाओ…प्लीज़. मैं पहले ही बहुत परेशान हूँ…..” पद्‍मिनी फिर से फूट-फूट कर रोने लगी.

राज शर्मा ने ये सुन लिया. वो समझ नही पाया कि हो क्या रहा है. रोहित चुपचाप चल दिया वहाँ से. आँखे नम थी उसकी. राज शर्मा ने देख लिया रोहित की आँखो की नमी को. असमंजस में पड़ गया और भी ज़्यादा. उसकी कुछ हिम्मत नही हुई रोहित से कुछ पूछने की.

राज शर्मा पद्‍मिनी के पास आया और बोला, “क्या बात थी पद्‍मिनी जी. क्या आप जानती हैं रोहित को.”

“हां…बहुत अच्छे दोस्त थे हम. एक साथ पढ़ते थे कॉलेज में.” पद्‍मिनी ने कहा.

“उनकी आँखो में आँसू थे यहाँ से जाते वक्त. मैं समझ नही पा रहा हूँ की क्या बात है.”

“राज शर्मा प्लीज़ मुझे अकेला छ्चोड़ दो. अभी मैं इस हालत में नही हूँ की कुछ कह पाउ…प्लीज़…”

“सॉरी पद्‍मिनी जी. मैं बाहर ही हूँ. कोई भी बात हो तो बस एक आवाज़ देना तुरंत आ जाउन्गा.” राज शर्मा ये कह कर बाहर आ गया.

रोहित पद्‍मिनी के घर से सीधा फर्स्ट फ्लाइट के ऑफीस गया. मगर वहाँ कोई सुराग नही मिला उसे. यही पता चला की एक रिक्शे वाला आया था दो डब्बे लेकर और कोरियर करवा कर चला गया.

“क्या कुछ बता सकते हो उस रिक्शे वाले के बारे में.”

“अब क्या बताउ सर. बहुत लोग आते हैं यहाँ. कुछ नही पता मुझे.”

“बहुत ही चालक है ये साइको. किसी रिक्शे वाले को पकड़ के दो डब्बे पकड़ा दिए और कौरीएर करवा दिए पद्‍मिनी के घर. बहुत शातिर दिमाग़ है.”

फर्स्ट फ्लाइट के ऑफीस से रोहित सीधा विजय के घर पहुँचा. उसने दरवाजा खड़काया. सरिता ने दरवाजा खोला.

“मैं इनस्पेक्टर रोहित पांडे हूँ. कुछ बात करनी थी आपसे.” रोहित ने कहा.

रोहित बोल कर हटा ही था कि उसके मूह पर एक थप्पड़ जड़ दिया सरिता ने. “तुम्हे कैसे भूल सकती हूँ. तुम्ही ना मारा है ना मेरे पति को.”

थप्पड़ खाने के बाद एक पल को रोहित कुछ नही बोल पाया. मगर थप्पड़ मारने के बाद सरिता थोड़ी नरम पड़ गयी.

"बतायें अब मैं क्या मदद कर सकती हूँ आपकी?" सरिता ने कहा.

"मार लीजिए एक थप्पड़ और, फिर आराम से बात करेंगे. थप्पड़ मारने के बाद आप शांत सी हो गयी हो. मार लीजिए एक और...बुरा नही मानूँगा." रोहित ने कहा.

"आइए अंदर" सरिता ने कहा

रोहित अंदर आ कर चुपचाप सोफे पर बैठ गया. सरिता भी उसके सामने बैठ गयी.

"मेरी आँखो के सामने रेप अटेंप्ट किया विजय ने मेरी बहन का. आपको बता नही सकता कि क्या-क्या किया उसने. मुझे यही लगा कि वही साइको है. गुस्से में मार दी गोली मैने उसे. नही रोक पाया खुद को...सॉरी."

"मैने आपको थप्पड़ एक पत्नी के रूप में मारा. एक औरत होने के नाते कह सकती हूँ कि आपने ठीक ही किया. मेरी आँखो के सामने रेप किया था मेरी छोटी बहन का उन्होने. मार देना चाहती थी मैं भी उन्हे पर अपने पत्नी धरम के कारण चुप थी."

"कितने साल हुए आपकी शादी को." रोहित ने पूछा.

"3 साल"

"सरिता जी मुझे शक है कि आपके पति साइको के साथ मिले हुए थे. इसलिए यहाँ आया हूँ. उस साइको ने शहर में आतंक मचा रखा है. उसको पकड़ना बहुत ज़रूरी है वरना वो यू ही खून बहाता रहेगा. क्या आप कुछ ऐसा बता सकती हैं जो कि मेरी मदद कर सके."

क्रमशः..............................
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RE: Raj sharma stories बात एक रात की - by sexstories - 01-01-2019, 12:31 PM

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