RE: Raj sharma stories बात एक रात की
बात एक रात की-- 62
गतान्क से आगे...........
मगर कब तक बचती वो लिंग के घर्सन से. देर से ही सही कमरे में उसकी शिसकियाँ गूंजने लगी. ये बात और थी कि उसकी शिसकियों में आनंद के साथ साथ शरम और ग्लानि भी मौजूद थी. पूजा की शिसकियाँ उसकी व्यतीत मनोस्थिति को बखूबी दर्साति थी. मगर विजय को तो लग रहा था कि वो आनंद के सागर में गोते लगा रही है.
आनंद था योनि में लिंग के घर्षण का. शरम और ग्लानि थी इस बात की, की उसकी योनि में घर्षण करने वाला उसका प्रेमी नही था बल्कि वो इंसान था जो की उसे वैश्या समझता था और वैश्या के ही नाते उस पर चढ़ा हुआ था.
"अब कुछ नही बचा...सब ख़तम हो गया...आआहह"
"क्या कहा तूने, मुझे डिस्टर्ब मत कर आराम से फक्किंग करने दे"
पूजा ने कुछ नही कहा. हां उसकी 2 अहसासो में डूबी शिसकिया बरकरार रही.
तीन बार सहना पड़ा उसे विजय की हवस को. 6 बजे फ्री किया विजय ने पूजा को. विजय ने पूजा को अपने घर से थोड़ी दूर एक मार्केट में छ्चोड़ दिया. "अगले हफ्ते मेरे 2 दोस्त आ रहें हैं देल्ही से. मिल कर एंजाय करेंगे तेरे साथ."
पूजा ने कुछ नही कहा और मुरझाया चेहरा ले कर लड़खड़ाते कदमो से चल पड़ी. घर नही जाना चाहती थी वो अब. मर जाना चाहती थी कही जाकर. एक कार ने तो उसे उड़ा ही दिया होता. शूकर है वक्त पर ब्रेक लग गयी. "पागल हो गयी हो तुम. मरना है तो कही और जा कर मरो." कार वाला चिल्लाया. सड़क पार कर रही थी पूजा बिना सोचे समझे. ध्यान ही नही था उसका कार पर. वो तो बस चले जा रही थी. शायद वो कही जा कर मार ही जाती. पर किस्मत को कुछ और ही मंजूर था.
मोहित गुजर रहा था वहाँ से. उसने पूजा को ऐसी हालत में गुमशुम भटकते देख लिया.
"पूजा कहाँ जा रही हो. देख कर भी नही चल रही. ठीक तो हो."
"ओह मोहित...बहुत अच्छे वक्त पे आए तुम, देखो मेरा तमासा तुम भी."
"क्या बोल रही हो. चलो बैठो तुम्हे घर छ्चोड़ देता हूँ."
"नही घर नही जाउन्गि आज. तुम जाओ."
मोहित को पूजा का ऐसा बर्ताव बहुत अजीब लग रहा था.
"बात क्या है पूजा, कुछ बदली बदली सी लग रही हो."
"हे...हे...बदली बदली और मैं. जिंदगी है चलता है सब. मैं घर नही जाउन्गि."
"बैठो तो सही...जहा कहोगी वहाँ ले चलूँगा." मोहित ने कहा.
"ओह हां एक काम करते हैं, तुम्हारे घर चलें." पूजा ने कहा.
"चलो चलने में कोई बुराई नही है...आओ." मोहित ने कहा.
"लेकिन मैं अपने घर नही जाउन्गि पहले ही बता देती हूँ."
"बैठो तो सही...फिर देखते है." मोहित ने कहा.
"नही जाना है मुझे घर जान लो तुम." पूजा बोलते हुए बैठ गयी मोहित की बाइक पर.
पूजा कुछ नही बोली बाद में. मोहित ने भी कुछ नही कहा. ले आया मोहित पूजा को अपने घर.
"कुण्डी लगा दो मोहित." पूजा ने कहा.
मोहित तो कुछ भी नही समझ पा रहा था. कुण्डी लगा कर वो पूजा के पास आया जो की बिस्तर के पास खड़ी थी. पूजा ने मोहित की आँखो में देखा और अपना टॉप उतार दिया.
"ये क्या कर रही हो."
"अपने आशिक़ को तोहफा देना चाहती हूँ." पूजा ने कहा और अपनी ब्रा उतार कर फेंक दी. अब उसके उभार मोहित की नज़रो के सामने थे.
"तुम ये सब क्यों कर रही हो पूजा."
पूजा कुछ नही बोली और झट से अपनी जीन्स और पॅंटी भी उतार दी. अब वो मोहित के सामने बिल्कुल नंगी खड़ी थी. मोहित तो देखता ही रह गया उसके नागन शरीर को. इतनी सुंदर बॉडी आज तक नही देखी थी उसने.
"पूजा मेरी कुछ समझ में नही आ रहा. क्यों कर रही हो तुम ये सब. तुम बहुत अजीब बिहेव कर रही हो."
पूजा मोहित से लिपट गयी और बोली, "जल्दी से प्यास भुजा लो अपनी. फिर कभी नही मिलूंगी तुम्हे."
मोहित तो अजीब उलझन में फँस गया था. ना चाहते हुए भी उसका लिंग उत्तेजित हो गया था. पूजा को वो अपनी योनि पर महसूस हुआ. वो बैठ गयी मोहित के आगे और मोहित की ज़िप खोल कर उसके लिंग को बाहर निकाल लिया.
"ये सच में बड़ा है मोहित. रियली इट्स आ नाइस डिक."
मोहित तो भड़क ही उठा और पूजा को गोदी में उठाया और लेटा दिया बिस्तर पर. इतना उत्तेजित हो रहा था वो कि तुरंत समा जाना चाहता था पूजा के अंदर.
उसने अपने लिंग को पकड़ा और दो उंगलियों से पूजा की योनि की पंखुड़ियों को फैला कर उस पर लिंग टिकाने लगा. मगर तभी उसकी नज़र योनि के आस पास सफेद सी चीज़ पर गयी. उसने गौर से देखा तो उसे समझते देर नही लगी की वो वीर्य की बूंदे थी जो की शूख गयी थी.
मोहित ने पूजा के चेहरे पे हाथ रखा और बोला, "पूजा बताओगि कि क्या हुआ है तुम्हारे साथ."
"क्या फरक पड़ता है उस से. तुम्हारे पास टाइम कम है. अपनी प्यास बुझा लो जल्दी से. बाद में मोका नही मिलेगा तुम्हे."
"तुम यकीन करो या ना करो प्यार करता हूँ तुम्हे मैं. प्लीज़ बताओ क्या हुआ तुम्हारे साथ. कौन था वो बताओ मैं उसे जींदा नही छोड़ूँगा."
"हे...हे...हे...प्यार का नाम मत लो. प्यार ने तो मुझे रंडी बना दिया. जिसका मन होता है चढ़ जाता है मुझ पे. किसी का कसूर नही है. सब प्यार का ही दोष है. आओ ना तुम भी चढ़ जाओ भरपूर मज़ा दूँगी तुम्हे."
सुना नही गया मोहित से ये सब और उसने थप्पड़ जड़ दिया पूजा के गाल पर, "कपड़े पहनो अपने और घर जाओ अपने. मेरा प्यार ऐसा नही है जैसा तुम समझ रही हो."
मोहित बिस्तर से उतर गया. पूजा फूट -फूट कर रोने लगी. वो उठी और अपने कपड़े पहन लिए.
"मैं तुम्हे घर छोड़ आता हूँ"
"नही चली जाउन्गि खुद ही." पूजा सूबक रही थी. सुबक्ते सुबक्ते निकल गयी घर से. मोहित पीछे पीछे गया उसके ये देखने की वो घर ही जा रही है या कही और.
पूजा अपने घर आ कर बिस्तर पर गिर गयी और फूट फूट कर रोने लगी.
नगमा ने तुरंत आकर पूछा, "क्या बात है पूजा...रो क्यों रही हो"
"मुझे अकेला छ्चोड़ दो दीदी...प्लीज़." पूजा रोते हुए बोली.
मोहित भी वापिस आकर बिस्तर पर सर पकड़ कर बैठ गया. बहुत दुखी था पूजा के लिए. प्यार जो करता था उसे.
परेशान था मोहित. बहुत ही परेशान. इतना परेशान कि उसे समझ नही आ रहा था कि क्या करे और क्या ना करे. कुछ करना चाहता था वो पूजा के लिए. सोच रहा था वो बार बार कि क्या किया जाए. इसी उधेड़बुन में वो उठा और अपने कमरे का ताला लगा कर पूजा के घर की तरफ चल दिया. जब वो पूजा के घर पहुँचा तो घर का दरवाजा बंद था. उसने दरवाजा खड़काया. नगमा ने दरवाजा खोला.
"मोहित तुम! यहाँ कैसे?" नगमा ने पूछा.
"पूजा से बात करनी है मुझे, क्या मैं मिल सकता हूँ उस से"
"पूजा से बात! पूजा से तुम्हे क्या लेना देना?" नगमा हैरानी में पड़ गयी.
"मैं बहुत परेशान हूँ पहले ही, और परेशान मत करो. प्लीज़ मुझे पूजा से मिलने दो."
"तो क्या जिसे तुम प्यार करते हो वो पूजा है?" नगमा ने पूछा.
"हां"
नगमा ने गर्दन पकड़ ली मोहित की और बोली, "क्या किया तुमने मेरी बहन के साथ. जब से आई है वो रो रही है."
"काश वो मेरे कारण रो रही होती. बात कुछ और ही है. प्लीज़ मुझे मिलने दो उस से वरना मैं मर जाउन्गा." मोहित ने भावुक हो कर कहा.
"ठीक है...ठीक है, आ जाओ अंदर." नगमा ने कहा.
मोहित अंदर आ गया. नगमा उसे पूजा के पास ले आई. पूजा पेट के बाल हाथो में चेहरा छुपाए लेटी हुई थी.
"नगमा मैं अकेले में बात करना चाहता हूँ. प्लीज़ थोड़ी देर के लिए....." मोहित ने कहा.
नगमा बिना कुछ कहे वहाँ से चली गयी.
मोहित पूजा के पास बैठ गया और उसके सर पर हाथ रख कर बोला," पूजा आइ लव यू. बात करना चाहता हूँ तुमसे कुछ."
"मोहित प्लीज़ चले जाओ. मैं बात करने की हालत में नही हूँ." पूजा सुबक्ते हुए बोली.
मोहित वहाँ से उठ कर पूजा के पैरो पर सर रख कर बैठ गया और बोला, "मुझसे कोई भूल हुई हो तो मुझे माफ़ कर दो. हां शुरू शुरू में मैने तुम्हे बस एक शरीर समझा. पाना चाहता था तुम्हे. मगर कब प्यार की भावना जाग गयी मुझे भी नही पता. शायद हवस शामिल है इस प्यार में मेरे. माफी चाहता हूँ उसके लिए. तुम मुझे बदले में प्यार बेशक मत दो. लायक भी नही हूँ तुम्हारे प्यार के मैं. मगर प्लीज़ एक बार बता दो कि क्या हुआ तुम्हारे साथ और किसने किया. मैं बहुत बेचैन हूँ पूजा. जब तक नही बताओगि मैं तड़प्ता रहूँगा. प्लीज़ बताओ मुझे कौन है इन आँसुओ का कारण."
"क्यों जान-ना चाहते हो तुम. क्या करोगे जान कर. कुछ बदल नही जाएगा तुम्हे बता कर. प्लीज़ मुझे अकेला छोड़ दो."
"मैं मर जाउन्गा पूजा. नही देख सकता हूँ तुम्हे ऐसी हालत में. जब तक बताओगि नही जाउन्गा नही मैं यहाँ से."
पूजा उठ कर बैठ गयी और अपने पाँव सिकोड कर घुटनो पर सर टिका कर बोली, "कौन हो तुम मेरे जिसे सब बताउ मैं."
"प्यार करता हूँ तुम्हे मैं. इतना रिश्ता काफ़ी होना चाहिए."
"ठीक है सुनो फिर..............
कविता ने मिलाया था मुझे विक्की से. बहुत प्यार से देखता था मेरी तरफ वो. अच्छा दोस्त बन गया मेरा वो. धीरे धीरे मैं उसे चाहने लगी. मुझे नही पता था कि उसका मुझसे मिलना, दोस्ती और फिर प्यार सब एक साजिस का हिस्सा था. ये बात मुझे अब समझ आई. काश पहले समझ जाती. खूब प्यार का नाटक किया विक्की ने मेरे साथ. प्यार में पागल हो कर सब कुछ न्योछावर कर दिया मैने विक्की पर. पर मुझे क्या पता था की मेरे प्यार की वीडियो बनाई जा रही है. बहुत धक्का लगा दिल को मेरे. फिर ब्लॅकमेलिंग का गंदा खेल शुरू हुआ. मुझसे कहा गया कि तुम एक एस्कॉर्ट बन जाओ वरना ये वीडियो इंटरनेट पर डाल देंगे. बहुत विचलित रही मैं इन बातो के कारण. प्यार में ऐसा होगा सोचा नही था मैने. बहुत रेज़िस्ट किया मैने पर एक दिन मुझे एस्कॉर्ट बन कर जाना ही पड़ा............
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.................................फार्म हाउस पर मेरी इज़्ज़त की वो धज्जिया उड़ाई चौहान और परवीन ने कि मैं कुछ कह नही सकती. दुख की बात ये है कि थोड़ा थोड़ा तो मैने भी एंजाय किया. यही मेरी चिंता का कारण है. बीखर गया है चरित्र मेरा. शायद मैं सच में वैश्या बन गयी हूँ."
"प्लीज़ ऐसा मत कहो. आज क्या हुआ वो बताओ."
"आज जब तुम गये तो एक पोलीस वाला आ गया वहाँ. उसने मुझे पहचान लिया. ज़बरदस्ती घर ले गया मुझे वो और.......................बस कह नही पाउन्गि."
"क्या नाम है उसका?" मोहित ने पूछा.
"उसका नाम नही पता बस इतना पता है कि वो पोलीस वाला है."
"कोई और पहचान उसकी."
"क्या करोगे जान कर?"
"वैसे ही पूछ रहा हूँ, क्या कुछ और बता सकती हो उसके बारे में."
"और तो कुछ नही पता. ओह हां पेट पर अजीब सा निसान था उसके."
"कैसा निसान?" मोहित का माता ठनका.
"लंबा सा निसान था. ज़्यादा गौर नही दिया मैने. क्या करना उस से तुम्हे... छोड़ो."
"घर की लोकेशन बता सकती हो."
पूजा ने विजय के घर में घुसते वक्त हाउस नंबर देखा था. उसने मोहित को लेकेशन और हाउस नंबर बता दिया.
"वो तो बबलू के साथ वाला घर है. इसका मतलब विजय सरिता का हज़्बेंड है." मोहित ने सोचा.
"थॅंक यू पूजा तुमने मुझे इतना कुछ बताया. आराम करो तुम अब." मोहित ने कहा.
"तुम ये सब क्यों जान-ना चाहते थे."
"ताकि तुम्हारा मन हल्का हो जाए बता कर. आराम करो तुम अब. मैं चलता हूँ." मोहित जल्दी में लग रहा था.
पूजा बैठी रही घुटनो पर सर टिकाए. मोहित ने उसके सर पर हाथ रखा और बोला, "सब ठीक हो जाएगा तुम चिंता मत करो." मोहित आ गया बाहर.
मोहित जैसे ही उस कमरे से बाहर निकला उसने नगमा को वहाँ खड़े पाया. नगमा की आँखो में आँसू थे. उसने पूजा की सारी बाते सुन ली थी. मोहित ने नगमा को गले लगाया और बोला, "न्याय होगा पूजा के साथ." और बाहर आ गया.
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विक्की ने एक नयी लड़की फँसाई थी और उसे बर्बाद करने की तैयारी में था. धोके से उसे नासीली चीज़ खिला कर उसके साथ अपना मूह काला करने की तैयारी में था. कॅमरा सेट कर रखा था उसने. कपड़े उतार कर नंगा कर रखा था उसे और उसके अंगो से खेल रहा था.
"नशा अच्छा शॉर्टकट है हे....हे...हे. ऐसे कभी नही मानती ये." विक्की लड़की के उभारो को चूस रहा था और लड़की नशे की हालत में शिसकियाँ भर रही थी. कॅमरा में सब कुछ रेकॉर्ड हो रहा था.
"ले चूस ये लंड साली और अच्छा पोज़ दे....हे...हे...हे."
लड़की नशे की हालत में कुछ नही समझ पा रही थी. मूह खोला उसने और विक्की के लिंग को मूह में ले लिया. बहुत देर तक सक करवाया विक्की ने. फिर उसने उसकी टांगे फैलाई और समा गया लड़की में.
"आआअहह."
"जबरदस्त एस्कॉर्ट बनेगी तू. क्या एंट्री दी है मेरे लंड को."
और नशे में लड़की का बलात्कार जारी रहा.........
विक्की बेख़बर था कि उसके घर में एक नकाब पोश घुस्स गया है. वो अपने पाप में लिप्त था. नकाब पोश उसके पास आ कर खड़ा हो गया और उसे खबर भी नही हुई. नकाब पोश ने खींच लिया उसे लड़की के उपर से और ज़मीन पर पटक दिया.
"बेटा ये सब ठीक नही है." नकाब पोश ने कहा.
"क...कौन हो तुम और यहाँ क्या कर रहे हो?" विक्की घबरा गया.
"नाम में क्या रखा है, काम देखो मेरा." और टूट पड़ा नकाब पॉश विक्की पर. इतने वार हुए चाकू के कि कमरे का पूरा फार्स लाल हो गया. लड़की नशे में थी. उसे तो पता ही नही चला कि क्या हुआ.
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परवीन फार्म हाउस पर था. 2 कॉल गर्ल्स बुला रखी थी उसने. बैठा हुआ था सोफे पर और दोनो लड़कियाँ उसका लिंग चूस रही थी.
"एक से बढ़ कर एक हो तुम दोनो क्या बात है. पहले क्यों नही मिली मुझे. कॉलेज गर्ल्स मुझे बहुत पसंद है. अब मिलते रहना."
"आप जेब ढीली करते रहना हम मिलते रहेंगे." एक लड़की ने कहा.
"पैसो की चिंता मत करो. मुझे खुस रखो बस. सब कुछ लूटा दूँगा तुम दोनो पर. चलो अब ऐसी पोज़िशन बनाओ कि मैं दोनो की एक साथ ले सकूँ."
एक लड़की पीठ के बाल बिस्तर पर लेट गयी. दूसरी भी उसके उपर पीठ के बल लेट गयी. दोनो लड़कियों की योनि एक दूसरे के उपर थी.
"वाह क्या पोज़िशन लगाई है"
परवीन ने पहले नीचे वाली की चूत में लंड डाल दिया.
"आआहह...यस."
बस 2 धक्के मार के उसने लंड बाहर खींच लिया और उपर वाली चूत में लंड डाल दिया.
"आआहह...वाउ यू आर फॅंटॅस्टिक." परवीन ने कहा.
इस तरह एक साथ परवीन 2 लड़कियों से मज़े ले रहा था. उसे अंदाज़ा भी नही था की एक नकाब पोश फार्म हाउस में घुस्स आया है और उसकी तरफ बढ़ रहा है.
"अब तुम दोनो की गान्ड भी एक साथ मारूँगा."
पहले परवीन ने उपर वाली लड़की की गान्ड में लंड डाल दिया और चार-पाँच धक्के लगा कर नीचे वाली लड़की की गान्ड में लंड घुसा दिया.
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