Raj sharma stories बात एक रात की
01-01-2019, 12:15 PM,
#36
RE: Raj sharma stories बात एक रात की
बात एक रात की--30

गतान्क से आगे.................

संजय ने मोनिका की गान्ड पकड़ कर उसके अपने उपर उछालना शुरू कर दिया. हर उछाल के साथ संजय का लंड मोनिका की चूत में अंदर बाहर होता रहा.

"आअहह संजय कीप डूयिंग इट"

"हो गया ना मूड ठीक अब. देखा ये इंजेक्षन बहुत काम का है."

"आअहह संजय आआहह."

संजय मोनिका को 10 मिनट तक यू ही अपने उपर उछालता रहा.

"अब पेट के बल लेट जाओ."

"नही पीछे से नही"

"अनल नही करूँगा घबराओ मत चूत में डालूँगा लेट जाओ" संजय ने कहा.

मोनिका पेट के बल लेट गयी और संजय उसके उपर लेट गया. उसका लंड मोनिका की गान्ड पर पसर गया था.

"पक्का अनल नही करोगे ना"

"हां बाबा...आइ लाइक युवर पुसी मोर दॅन एनितिंग एल्स." संजय ने कहा.

संजय ने मोनिका की गान्ड थपथपाई.

"आआहह"

संजय ने मोनिका की गान्ड को फैला कर उसकी चूत तक पहुँचने का रास्ता बनाया और उसकी चूत में लंड डाल दिया.

"आआअहह संजय"

"मैं डर रहा था कि कही इस बार भी किसी और का नाम ना ले दो"

"बार बार ऐसी ग़लती थोड़ा करूँगी आअहह" मोनिका ने कहा.

संजय मोनिका के उपर पड़ पड़ा उसकी चूत में धक्के लगाता रहा.

"दिस ईज़ फॅंटॅस्टिक फक ऊऊहह आअहह" संजय धक्के मारते हुए बोला.

कुछ देर बाद वो निढाल हो कर मोनिका के उपर गिर गया. "यू आर ऑल्वेज़ आ गुड फक्किंग थिंग"

"क्या मतलब?" मोनिका ने पूछा.

"हर बार तुम्हारे साथ अलग ही मज़ा आता है." संजय ने कहा.

..............................

.......................................................

"विजय कुछ पता चला किसका नंबर है वो." चौहान ने पूछा. राज भी पास में ही बैठा था.

"सर वो नंबर भी सुरिंदर का ही था....मोबाइल ट्रेस किया पर वो जंगल में पड़ा मिला."

"तुम्हे फ़ौरन फोन मुझे देना चाहिए था ईडियट." चौहान राज की तरफ देख कर झल्ला कर बोला.

"सॉरी सर आगे से ध्यान रखूँगा."

"ये बात उस कयामत को ना पता चले वरना मेरी खाट खड़ी कर देगी वो." चौहान ने कहा.

"सर मैं जाउ अब?" राज ने कहा.

"पोलीस की नौकरी चौबीस घंटे की होती है बर्खुरदार कहा जाने की सोच रहे हो" चौहान ने कहा.

"सर आज पहला दिन है...घर पर थोड़ा सेलेब्रेट भी कर लूँ वरना आस पड़ोस के लोग नाराज़ हो जाएँगे"

"ठीक है आज तो जाओ कल से जल्दी जाने की सोचना भी मत" चौहान ने कहा.

राज गहरी साँस ले कर चुपचाप वाहा से निकल लिया.

"उफ्फ ये चौहान ही मिला था मेडम को मुझे ट्रेन करने के लिए" राज ने सोचा.

राज सीधा मोहित के कमरे पर गया. उसने दरवाजा खड़काया. पद्‍मिनी ने दरवाजा खोला.

"आप यहा अकेली हैं गुरु कहा है" राज ने पूछा.

"मोहित मेरे लिए कुछ कपड़े लेने गया है."

"अरे मैं भी सोच ही रहा था कि आप कब तक इन कपड़ो में रहेंगी"

"राज मुझे घर जाना है क्या कुछ हो सकता है." पद्‍मिनी ने पूछा.

"ह्म्म आप चिंता मत करो मैं खुद ले कर जाउन्गा आपको आपके घर बस एक दो दिन रुक जाईए" राज ने कहा.

पद्‍मिनी मायूस हो कर बैठ गयी. तभी मोहित भी आ गया.

"गुरु ये काम अच्छा किया तुमने जो कि पद्‍मिनी जी के लिए कुछ कपड़े ले आए"

"पूजा ने ध्यान दिलाया मुझे तो खुद ख्याल नही था और ना ही पद्‍मिनी ने कुछ कहा"

"पद्‍मिनी जी आप ट्राइ कर लीजिए...हम बाहर जाते हैं आओ गुरु तुमसे कुछ ज़रूरी बात करनी है" राज ने कहा.

राज सुरिंदर के घर की सारी घटना मोहित को सुना देता है.

"ह्म....ये सच में बहुत ख़तरनाक है" मोहित ने कहा.

"हां गुरु और पूजा के बारे में कुछ अजीब सी बात पता लगी जिस पर यकीन नही होता"

"क्या पता चला मेरी पूजा के बारे में बताओ?"

"तुम्हारी पूजा...ये पूजा तुम्हारी कब्से हो गयी गुरु" राज ने पूछा.

"बस हो गयी तू अब उस पर लाइन मत मारना अब वो मेरी है" मोहित ने कहा.

"ये खूब रही गुरु...ये ठीक नही कर रहे तुम" राज ने कहा.

"नगमा है ना तेरे पास पूजा का क्या अच्चार डालेगा" मोहित ने कहा.

"ऐसा क्या हो गया जो तुम पूजा के पीछे पड़ गये" राज ने पूछा.

"मैने चॅलेंज लिया है कि उसे पटा कर रहूँगा."

"हे..हे..हा..हा..क्या खूब कही..... चॅलेंज के लिए पूजा ही मिली थी...मेरी चप्पल घिस्स गयी उसे पटाने के चक्कर में...पर उसने एक बार भी घास नही डाली"

"तू बता ना क्या बताने वाला था पूजा के बारे में" मोहित ने कहा.

राज मोहित की चौहान की कही सारी बात बता देता है.

"ये ज़रूर ब्लॅकमेलिंग का चक्कर रहा होगा वरना पूजा ऐसी लड़की नही लगी मुझे"

"ड्प हो चुका है उसके साथ...मुझे तो खुद यकीन नही हुआ" राज बोला.

"कुछ भी हो मैं फिर भी पूजा को पटा कर ही रहूँगा." मोहित ने कहा.

"जैसी तुम्हारी मर्ज़ी गुरु...अब दोस्ती तो नीभानी ही पड़ेगी जाओ मैं रास्ते से हट गया" राज ने कहा.

"अबे तू रास्ते में था कब जो हटेगा...तुझे तो वो बिल्कुल पसंद नही करती." मोहित ने कहा.

"फिर भी मेरा त्याग याद रखना गुरु...कही भूल जाओ" राज ने कहा.

"बिल्कुल मेरे राज तेरा ये महान त्याग मैं हमेशा याद रखूँगा."

दोनो हस्ने लगे और वापिस कमरे की तरफ मूड गये.

"कैसे लगे कपड़े पद्‍मिनी?"

"ठीक हैं...क्या तुमने सोचा कुछ कि आगे क्या करना है...मैं हमेशा यहा इस कमरे में नही पड़े रहना चाहती."

इस से पहले की मोहित कुछ बोल पाता राज बोल पड़ा, "गुरु ऐसा करते हैं....अड्रेस तो है ही आपके पास परवीन का...पहले कन्फर्म कर लेते हैं कि वही किल्लर है, फिर आगे मैं सब संभाल लूँगा. जो इनस्पेक्टर इस केस को हॅंडल कर रहा है उसी के साथ हूँ मैं."

"पहले हम दोनो चलते हैं वाहा...बाद मैं पद्‍मिनी को ले जाएँगे...क्या कहते हो" मोहित ने कहा.

"ठीक है चलो फिर अभी इंतेज़ार किस बात का है" राज ने कहा.

कुछ ही देर बाद मोहित और राज बाइक पर सवार हो कर परवीन के घर की तरफ जा रहे थे.

"ये रहा घर पर कोई दीखाई नही दे रहा." मोहित ने कहा.

"बेल बजाते हैं घर की देखते हैं कौन बाहर आता है" राज ने कहा.

"देख लो कही कोई फ़ज़ीहत हो जाए" मोहित ने कहा.

"सब इनस्पेक्टर तुम्हारे साथ है गुरु चिंता क्यों कर रहे हो"

"तुम साथ हो तभी तो चिंता है" मोहित ने कहा.

"गुरु ऐसा क्यों बोल रहे हो"

"अरे मज़ाक कर रहा हूँ चल बेल मारते हैं."

मोहित घर की बेल बजाता है. कुछ देर बाद दरवाजा खुलता है.

"आप यहा!" मोहित के मूह से निकल गया.

राज भी उस लड़की को देख कर हैरान रह गया.

"ये मेरा घर है तुम दोनो यहा क्या कर रहे हो?"

"लगता है हम ग़लत अड्रेस पर आ गये हमे लगा ये परवीन का घर है" मोहित ने कहा.

" मेरे बड़े भाई हैं वो अभी सहर से बाहर गये हैं, बोलिए क्या काम है"

"छोड़िए हमे उनसे ही काम था...हम फिर कभी मिल लेंगे" मोहित ने कहा.

"जैसी आपकी मर्ज़ी...चाय पानी कुछ लेंगे" लड़की ने कहा.

"पहले हमे अंदर तो बुला लीजिए यहा खड़े-खड़े चाय पीना अजीब लगेगा" राज ने कहा.

"ओह आइ आम सो सॉरी...प्लीज़ कम इन" लड़की ने कहा.

मोहित ने अंदर आते हुए राज की पीठ थपथपाई.

"प्लीज़ हॅव सीट...मैं अभी चाय लाती हूँ" लड़की ने कहा.

"ये तस्वीर किस की है" राज ने कहा.

"अजीब बात है आप लोग भैया से मिलने आए हैं और उनकी तस्वीर नही पहचानते." लड़की ने कहा.

"ये परवीन को नही जानता...मैं जानता हूँ...ये तो बस मेरे साथ आया है" मोहित ने बात संभालने की कोशिस की.

"ह्म्म ठीक है मैं चाय लाती हूँ"

"तूने पहचाना कि नही ये वही लड़की है जिसकी वो लड़का पॉर्न मूवी बना रहा था" मोहित ने कहा.

"पहचान लिया गुरु...ऐसा करते हैं ये फोटो ले चलते हैं...पद्‍मिनी जी को यही दीखा देंगे...क्या बोलते हो" राज ने धीरे से कहा.

"आआययईीीई शू शू हटो यहा से" किचन से आवाज़ आई.

"शायद कोई चूहा या लंड्रोच परेशान कर रहा है लड़की को मैं देख कर आता हूँ" मोहित ने कहा.

"ठीक है जाओ मैं ये तस्वीर ठीकाने लगाता हूँ" राज ने कहा.

मोहित जब किचन में आया तो उसने देखा की वो लड़की चीनी का डब्बा उठाने की कोशिस कर रही है पर डर रही है क्योंकि उस पर एक मोटा सा लंड्रोच बैठा है.

"हा..हा..हे...हे." मोहित हस्ने लगा.

लड़की ने मूड कर देखा और बोली, "आपको हस्ने की बजाय मेरी मदद करनी चाहिए"

"ओह सॉरी" मोहित ने कहा और लड़की के पीछे आ कर सॅट गया. मोहित का लंड अंजाने में ही उस लड़की की गान्ड से टकरा गया और उसमे हरकत होने लगी. अगले ही पल वो मोहित की पॅंट में तन चुका था.

मोहित ने हाथ के झटके से लंड्रोच को हटा दिया. लंड्रोच भाग कर कही छुप गया.

"लीजिए हो गयी आपकी मदद वैसे आपका नाम क्या है?" मोहित ने पूछा.

"संगीता" लड़की ने जवाब दिया.

मोहित ने अपने तने हुए लंड को संगीता की गान्ड पर अच्छे से सटा दिया और बोला, "बहुत अच्छा नाम है, बहुत प्यारा"

संगीता को मोहित का लंड अपनी गान्ड की गहराई तक महसूस हो रहा था और वो सिहर रही थी.

"आप बैठिए मैं चाय लाती हूँ" संगीता ने कहा.

"चाय भी पी लेंगे...आपको कैसा लग रहा है अभी" मोहित ने पूछा.

"क्या मतलब?"

"मतलब की वो लंड्रोच भगा दिया मैने...अब कैसा लग रहा है"

"अच्छा लग रहा है" संगीता ने कहा.

"अगर थोड़ा झुक जाओ तो और भी अच्छा लगेगा" मोहित ने कहा.

"आपका दोस्त बाहर चाय की वेट कर रहा होगा" संगीता ने कहा.

"कोई बात नही चाय तो उसे मिल ही जाएगी...तुम नाडा खोल कर झुक जाओ" मोहित ने कहा.

"मैं तुम्हे जानती तक नही" संगीता ने कहा.

"हमारी दूसरी मुलाकात है ये...हमने ही बच्चाया था तुम दोनो लड़कियो को उस दिन"

"जानती हूँ पर इसका मतलब ये तो नही कि मैं कुछ भी कर लूँ तुम्हारे साथ." संगीता ने कहा.

मोहित ने संगीता की गान्ड पर हल्के हल्के धक्के मारने शुरू कर दिए.

"आहह क्या कर रहे हो" संगीता ने कहा.

"अब तुम झुक नही रही हो तो सोचा कि यू ही मज़े ले लू"

संगीता को मोहित का लंड अपनी गान्ड की दरार पर महसूस हो रहा था.

"ह्म्म यही ठीक है तब तक मैं चाय बनाती हूँ" संगीता ने कहा.

मोहित ने संगीता के आगे हाथ करके उसके नाडे को पकड़ लिया और बोला, "जब मज़े ही लेने हैं तो क्यों ना अच्छे से लिए जायें"

क्रमशः..............................
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