RE: Raj sharma stories बात एक रात की
raj sharma stories
बात एक रात की--13
गतान्क से आगे.................
"नगमा ये काम अच्छे से कर सकती है, ब्यूटी पार्लर में काम करती है वो. वो पूरा लुक चेंज कर देगी आपका" राज ने कहा.
"ये ठीक रहेगा" मोहित ने कहा
"ठीक है...लेकिन उसके लिए भी तो बाहर तो जाना ही पड़ेगा" पद्मिनी ने कहा.
"मैं उसे यही बुला लाउन्गा...उसका बापू यहा नही है...उसे आने में कोई दिक्कत नही होगी"
"ह्म.....जल्दी करो फिर" पद्मिनी ने कहा.
राज ने नगमा को पूरी कहानी बताई और उसे उनकी मदद करने के लिए मना लिया.
"तू ये सब क्यों कर रहा है, तेरा दिल तो नही आ गया उस लड़की पर"
"ऐसा कुछ नही है...मुसीबत में फँसी लड़की की कौन मदद नही करेगा" राज ने कहा.
"तेरे जैसा दिल फेंक ऐसी बाते करता है हा" नगमा ने कहा.
"जब से तुझ से काँटा भिड़ा है कसम से कहीं और नही घुसाया मैने अपना लंड" राज ने कहा.
"तो फिर कहा घुसाया है" नगमा ने पूछा.
"अभी कल रात ही तो तेरी गान्ड मारी थी, दुबारा घुस्सा के दिखाउ क्या" राज ने नगमा के बूब्स को मसल्ते हुए कहा.
"चल छ्चोड़ हर वक्त तुझे यही सूझता है"
"अरे हां नगमा एक बात और कहनी थी" राज ने कहा.
"अब क्या है?"
"एक और मदद करनी होगी तुझे मेरी"
"बताओ और क्या करूँ अपने राज के लिए मैं."
"तुझे एक रात के लिए भोलू हवलदार के पास रुकना होगा"
"अपने गुरु के आगे तो पारोष चुके हो मुझे, शरम नही आती तुम्हे मैं क्या कोई रंडी हूँ"
"पागल हो क्या बस एक बार की बात है, तुझे ये काम करना ही होगा"
"मैं ऐसा कुछ नही करूँगी"
"गुरु को भी तो दी थी तूने, और एक बार की ही तो बात है"
"शकल देखी है तूने उसकी उसके साथ तो कोई कुतिया भी ना करे, मेरी तो बात ही दूर है"
"अब उस से कुछ काम निकलवाया है तो कीमत तो उसे चुकानी ही पड़ेगी"
"मैं सोच कर बताउन्गि, पहले तू मुझे तेरा पहला काम करने दे"
"ठीक है सोच लो...करना तो तुझे पड़ेगा ही...तू मज़े करना...उसकी शकल देखना ही मत आँखे बंद रखना"
"ह्म्म तू बहुत कमीना है"
"क्यों गुरु जे जब तेरी मारी थी मज़ा नही आया था क्या तुझे"
"हां तो मज़े के लिए किसी के भी आगे झुक जाउ मैं...मेरा भी स्टॅंडर्ड है"
"क्या बात है, वो तो है...बस एक बार मेरी बात मान ले फिर कभी ऐसा करने को नही
कहूँगा"
"ठीक है, कब करना होगा मुझे काम ये. सिर्फ़ आज का दिन और रात है मेरे पास, कल बापू आ जाएगा"
"भोलू भी आज के लिए ही बोल रहा था, तू रात 9 बजे पहुँच जाना उसके पास"
"चल ठीक है, तेरे लिए एक बार और सही"
"वाह-वाह जैसे तुझे तो मज़ा लेना ही नही"
"भोलू से मज़ा लेने का मैं सोच भी नही सकती ओके...ये काम मैं बस तुम्हारे लिए करूँगी"
"चल ठीक है अब सारा समान उठा ले और जल्दी चल मेरे साथ."
"ठीक है...बस 10 मिनट में चलते हैं."
"तेरी सेक्सी बहन कहा है आज"
"कॉलेज गयी है वो"
"बड़ी जल्दी चली गयी आज"
"तुम्हे क्या करना उसका"
"जवानी फूट रही है उसकी, इस से पहले कि कोई और हाथ मार जाए मुझे कुछ करना होगा"
"चुप कर और चल अब"
"तुम दौनो बहनो की एक साथ लूँगा कभी"
"ज़्यादा सपने मत देख और चल अब, मैं तैयार हूँ."
नगमा अपना सारा समान ले कर राज के साथ मोहित के कमरे पर आ जाती है. मोहित और राज नगमा को पद्मिनी के पास छोड़ कर बाहर आ जाते हैं.
"ह्म्म तो आप हो पद्मिनी, बहुत सुंदर हो" नगमा ने पद्मिनी को देख कर कहा.
"तुम भी कम नही हो तभी तो......" पद्मिनी ने हंस कर कहा.
"तभी तो मतलब!"
"कुछ नही तुम अपना काम सुरू करो" पद्मिनी ने कहा
"ये सब मैं राज के लिए कर रही हूँ वरना यहा कभी नही आती मैं"
"राज के लिए तुम कुछ भी कर लेती हो" पद्मिनी ने पूछा.
"हां तो मेरा बहुत अच्छा दोस्त है वो"
"मैं अच्छे से जानती हूँ की कितना अच्छा दोस्त है वो तुम्हारा, शोषण कर रहा है वो तुम्हारा"
"हा...हा...हे..हे मेरा सोसन और राज...हो ही नही सकता"
"उसने तुम्हे अपने गुरु मतलब मोहित के साथ.....तुम जानती हो मैं क्या कह रही हूँ"
"राज की बात बताउ"
"हां बोलो" पद्मिनी ने कहा
"बहुत मज़े किए थे मैने मोहित के साथ. राज की तरह उसका भी मोटा तगड़ा लंड है...बहुत अच्छे से मारी थी उसने मेरी गान्ड, हां बस थोड़ी देर बहुत दर्द हुआ था पर बाद में तो मज़ा ही मज़ा था"
"छी... तुम्हे शरम नही आती ऐसी बाते करते हुए" पद्मिनी ने कहा.
"शरम तो लड़को से की जाती है तुझ से क्या शरम क्या तुम मज़ा नही लेती लंड का"
"मैं शादी शुदा हूँ, मुझे तेरे जैसी लत नही है"
"ह्म्म तो क्या हुआ तेरा मर्द तो अच्छे से मारता होगा ना तेरी"
"मैं अपने पति को छोड़ चुकी हूँ, अपने मायके में हूँ" पद्मिनी ने कहा.
"फिर कैसे काम चलता है तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड तो होगा ही"
"नही कोई नही है, तुम अपना काम करो अब"
"काम भी हो जाएगा, अच्छा ये तो बता कि कितना बड़ा था तेरे मर्द का"
"तुझे उस से क्या मतलब? तू जल्दी काम शुरू कर हमे देर हो रही है"
"मुझे आदमियों के लंड के बारे में सुन-ना अच्छा लगता है"
"तो मैं क्या करूँ?"
"आप तो नाराज़ हो गयी...मैं तो बस यू ही मज़ाक कर रही हूँ"
"सादे पाँच इंच था उनका...अब काम शुरू करें"
"बस सादे पाँच इंच, उतने से तेरा क्या होता होगा" नगमा ने हंस कर कहा.
"मेरे लिए बहुत था वो....हँसो मत"
"हां पर सादे पाँच इंच गहराई तक नही पहुँच पाएगा" नगमा ने चुटकी ली.
"साइज़ डज़ नोट मॅटर ओके"
"अँग्रेज़ी मुझे नही आती सिर्फ़ सातवी तक पढ़ी हूँ, हां मेरी छोटी बहन कॉलेज में है वो खूब सीख गयी है अँग्रेज़ी" नगमा ने कहा.
मैने कहा छोटे बड़े से कुछ फरक नही पड़ता"
"तुम्हे कैसे पता तुमने क्या दौनो तरह के लिए है चूत में"
"हे भगवान तू लड़की है विस्वास नही होता"
"बता तो क्या तूने दोनो लिए है अंदर"
"नही मैने बस अपने पति से किया है मैं तुम्हारे जैसी नही हूँ" पद्मिनी ने कहा.
"फिर तुम कैसे इतने विस्वास से कह सकती हो" नगमा ने कहा.
"मैं इस बारे में और बात नही करना चाहती" पद्मिनी ने कहा.
"एक बात तो सुन" नगमा ने हंसते हुए कहा.
"अब क्या है?"
"मैने दोनो ट्राइ किए है. राज से पहले मेरा टांका दिनेश से था. तेरे पति जितना ही था उसका. जब तक मैने राज का नही लिया तब तक मुझे भी नही पता था कि बड़े लंड का क्या मज़ा है."
"ये सब बकवास है...अब तुम काम शुरू करती हो या नही" पद्मिनी ने कहा.
"करती हूँ बाबा करती हूँ....."
नगमा आख़िर अपना काम शुरू कर देती है. पर बीच बीच में कुछ ना कुछ बोलती रहती है.
"देखो मैं तो अपना काम कर दूँगी, पर जो तुम्हे बहुत अच्छे से जानता है वो तुम्हे हर हाल में पहचान लेगा" नगमा ने कहा.
"पोलीस तो मुझे अच्छे से नही जानती...बस वो ना पहचान पाए"
"उनकी चिंता नही है, जिसने तुम्हे बहुत बार देखा हो वही तुम्हे पहचान पाएगा किसी और के बस की बात नही. वैसे भी पोलीस के पास तुम्हारी फोटो है जो कि टीवी पर दीखाई जा रही है. उस फोटो को देख कर कोई नही पहचान पाएगा तुम्हे"
"ह्म्म फिर ठीक है" पद्मिनी ने कहा
"अरे मुझे याद आया, मुझे भी एक पोलीस वाले के पास जाना है आज, काश मैं भी बच पाती"
"क्यों तुम्हे तो मज़ा लेने का शौक है, बचना क्यों चाहती हो" पद्मिनी ने कहा.
"तो क्या तुम्हे सब पता है कि मैं भोलू के पास जाउन्गि आज?" नगमा ने पूछा.
"हां" पद्मिनी ने जवाब दिया.
क्रमशः..............................
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