RE: Sex Hindi Kahani गहरी चाल
ठुकराल ने बहुत धीरे-2 उसकी गंद की फांको को फैला कर लंड को थूक से गीला कर-2 के अंदर घुसाना जारी रखा.थोड़ी ही देर मे लंड तीन चौथाई अंदर था,"..ऊओह....हाईईईई....बस जगबीर अब और अंदर नही जाएगा....आअनन्नह....!",कामिनी ने सच कहा था,ठुकराल का लंड कुछ ज़्यादा ही मोटा था,अगर वो उसे और अंदर पेलने की कोशिश करता तो थोड़े दर्द & बहुत से मज़े के बजाय केवल दर्द ही दर्द रह जाता.
"ठुकराल अब उसकी पीठ से सॅट गया & उसकी चूचिया मसलने लगा,"..बस हो गया,जानेमन.",उसके बाद वो हल्के-2 धक्को से उसकी गंद मारने लगा.गंद मारते हुए उसने बाए हाथ से उसकी चूचियो को दबाना जारी रखा मगर दाया उनसे हटा के उसकी चूत के दाने पे ले आया.कामिनी का दर्द भी अब कम हो गया था & मस्ती का नशा उसके दिलोदिमाग पे छाने लगा था,"..आआहह....हाऐईइ...1 बात बताओ..जाग..बीर..ऊओ..!"
"बोलो,मेरी रानी.",उसकी कसी गंद ने ठुकराल के लंड को ऐसे जाकड़ रखा था की पुछो मत.उसके अंडे बिल्कुल कस गये थे & उसे 1 बहुत मीठे दर्द का एहसास हो रहा था.
"तुम्हे शत्रु.....जीत सिंग के बा..रे मे...ऊहह.....1-1 बात कई...से माल...उम हैई....पद जाती है?कोई जा..सूस रखा है क्या?"
"हां,मेरी जान.वो भी उसके घर के अंदर."
"ऊहह...माआ...!आराम से करो...ना..!कौन है वो?"
"है कोई.",ठुकराल उसके दाने को तेज़ी से रगड़ रहा था & अब कामिनी भी मस्ती मे कमर हिला रही थी.
"नही..बताओगे...आअहह...मत बताओ...मैं जान..ती...उउउहह...हू कौन है!"
"अच्छा,बताओ कौन है?",ठुकराल ने ज़िंदगी मे ऐसी चौड़ी,मस्त & कसी गंद नही मारी थी & वो भी अब अपनी मंज़िल की ओर बढ़ रहा था.
"टोनी.",ठुकराल रुक गया,"तुम्हे कैसे पता?"
"ऊहह..रुक क्यू गये..",कामिनी ने बनावटी गुस्से से गर्दन घुमा के उसे देखा & अपने दाए हाथ को उसकी गंद पे रख के अपनी ओर खींचा,"चिंता मत करो.शत्रुजीत के यहा किसी को उसपे शक़ नही है,उल्टा सब उसे बहुत शरीफ समझते हैं मगर उसकी यही शराफ़त मेरी नज़रो मे खटक गयी."
"कैसे?"
"ऑफ..ओह!जगबीर..तुम्ही बताओ आज के ज़माने मे कोई ऐसा नेक्दिल इंसान हो सकता है जो 2 दिन से भूखा हो फिर भी नोटोसे भरा पर्स ठुकरा दे..फिर आम नौकरो की तरह कोई छुट्टी नही लेता..अरे कितना भी तन्हा इंसान क्यू ना हो..खुद के लिए तो वक़्त चाहिए ना उसे!तुम मत घबराओ मुझे तो केवल शक़ था तुमने अभी यकीन दिला दिया.मैने किसी को नही बाते है उसके बारे मे & अब तो बताने का सवाल भी नही उठता....अब करो ना..प्लीज़!"
ठुकराल ने फिर से उसकी चूत से खलेते हुए उसकी गंद मारना शुरू कर दिया & 1 बार फिर कामिनी की आहो से हॉल गूँज उठा,"मान गये आपको,आड्वोकेट कामिनी शरण.सचमुच आपके पैने दिमाग़ का जवाब नही!",ठुकराल बहुत ज़ोरदार धक्के लगा रहा था.
"आअनह...तुम्हारे सामने कुच्छ भी नही जानेमन..मैं तो बस सोचती & बोलती हू....ऊउउईईई..हान्न्न्न्न...तुम तो कर..के दिख..आते हो......मेरी जाआआअन्न्न्न..!",कामिनी को बहुत मज़ा आ रहा था..ठुकराल आदमी जितना भी कमीना हो चुदाई मे महारथी था.कामिनी का रोम-2 खिल गया था इस आदमी की चुदाई से & 1 बार फिर वो अपनी मंज़िल की ओर उड़ी चली जा रही थी,"जान..तुम्हे..ये..आदमी..मी...ला का..इसे?"
"उसकी बीवी के ज़रिए.",ठुकराल की उंगली & कमर-दोनो की रफ़्तार बढ़ गयी थी.
"क्या उसे भी...हाईईईईई...तुमने अपन दी..वाना..बना..लिया..मे..री तरह...?"
"हां,जानेमन."
"ऊहह...ऊउईईइ....चलो झू..ठे..!",ठुकराल की उंगली ने उसके दाने को ऐसे रगड़ा की कामिनी की चूत ने बस पानी की धार पे धार छ्चोड़ना शुरू कर दिया,"ऊहह...हाईईईई.....!",वो झाड़ रही थी & उसके पीछे उसकी कमर थामे ठुकराल भी अब बड़े गहरे धक्के लगा रहा था,"तुम्हे यकीन नही आता?"
"उउन्ण..उउन्न्ह..ना!",कामिनी बार पे सर झुकाए पड़ी थी & उसके धक्के झेल रही थी.
"ठीक है.मेरी रानी.कल अपनी आँखो से देखना.",ठुकराल ने उसकी कमर को थाम 1 ज़ोरदार धक्का लगाया & उसकी गंद को अपने गाढ़े पानी से भर दिया.
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"हेलो."
"हां,मुकुल.मोहसिन बोल रहा हू."
"बोलिए मोहसिन भाई."
"तुम्हारे दिए नंबर के बारे मे पता चल गया."
"हैं!इतनी जल्दी!",मुकुल ने अभी 3 घंटे पहले ही तो उसके दफ़्तर मे उसे नंबर के बारे मे बताया था.पता नही मोहसिन ऐसे काम करता था! या नही
"हाँ,भाई.कोई शक़ है क्या?"
"नही-2,मोहसिन भाई.आप ग़लत समझ रहे हैं.अब आपके लिए ये सब बाए हाथ का खेल है मेरे जैसा इंसान तो हैरान ही होगा ना!"
मोहसिन हंसा,"मेरे भाई,अपनी हैरानी को नंबर के मालिक का नाम सुनने के लिए बचा के रखो."
"कौन है वो?",नाम सुन के सचमुच मुकुल की हैरानी की सीमा नही रही,"..& सुनो मुकुल,मैने उस नंबर के भी कॉल डीटेल्स निकलवा लिए हैं.सब तुम्हे कल दे दूँगा.देख लेना,हो सकता है उसमे से भी कुच्छ काम की बात पता चल जाए."
"ओके,मोहसिन भाई."
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"..उउन्न्ह....ऊओह.....!",कामिनी बिस्तर पे पड़ी हुई थी & उसकी फैली टांगो के बीच लेटा ठुकराल उसकी चूत चाट रहा था.कामिनी का दाया हाथ उसके सर पे उसके बालो से खेल रहा था & बाए से वो अपनी चूचिया दबा रही थी.उसने सर घुमा के दीवार घड़ी की ओर देखा,शाम के 4 बज रहे थे.कल दोपहर 12 बजे से वो नगी इस आदमी के साथ इस हॉल मे बंद थी,दोनो जम के 1 दूसरे के जिस्मो का लुत्फ़ उठाया था मगर इस आदमी के जोश मे कोई कमी नही आई थी.कामिनी को इंतेज़ार था अब शॅरन का.ठुकराल ने कल रात ही उसे बताया था की वो टोनी की बीवी थी & कैसे उसने उसे अपने जाल मे फांसा था.
तभी ठुकराल का इंटरकम बजा मगर ठुकराल ने उसपे कोई ध्यान नही दिया मगर खुमारी के उस आलम मे भी कामिनी को होश था,"जगबीर.."
"हूँ.",ठुकराल वैसे ही उसकी गंद की फांको को सहलाता हुआ उसकी चूत मे जीभ चला रहा था.
"इंटरकम बज रहा है."
"बजने दो.",कहके वो फिर चूत पे जुट गया.
"उउन्न्ह..कुच्छ ज़रूरी भी तो हो सकता है..जाओ देखो."कामिनी ने उसके बाल पकड़ के सर चूत पे से उठाया.
ठुकराल ने मुस्कुरा के उसे देखा & बिस्तर से उतर के मेज़ पे रखे इंटरकम के रिसीवर को उठाया,"बोलो,माधो."
कामिनी भी बिस्तर से उतर कर उसके पीछे से उसे अपनी बाहो मे घेर कर उसके कंधे से सर लगाके खड़ी हो गयी,"अच्छा ठीक है..उसे आने दो."
उसने रिसीवर रखा & दाया हाथ पीछे ले जाके कामिनी को अपने सामने किया,"वो आ गयी है..अब तुम खुद ही देख लेना."
"ठीक है मगर कैसे?कहा से देखु?"
ठुकराल ने चारो तरफ नज़र दौड़ाई,"हां..बार के पीछे चुप जाओ..वाहा से बिस्तर साफ दिखेगा..देखना कैसे वो खुद मेरी बाहो मे आती है."
"ठीक है.",कामिनी ने अपना बुर्क़ा,ड्रेस,पॅंटी,बूट्स & पर्स समेटा & जल्दी से बार के पीछे छुप गयी.
"आओ,जान..कब से तुम्हारा इंतेज़ार कर रहा हू!कितनी देर कर दी तुमने!",ठुकराल बिस्तर पे नंगा लेटा हुआ था.कामिनी ने अपने पर्स से अपना मोबाइल निकाला & उसका कॅमरा ऑन कर दिया.उसने देखा कि वही लड़की जिसका & टोनी का वीडियो उसे मोहसिन ने दिया था,आ के ठुकराल से लिपट गयी.
"ओह्ह..जगबीर..",उस लड़की ने गुलाबी कलर की घुटनो तक की स्लीवेलेस ड्रेस पहनी हुई थी जिसके उपर से ठुकराल उसकी पीठ पे अपने हाथ चला रहा था.
अचानक वो लड़की उसकी बाँहो से निकली & बिस्तर के किनारे पे बैठ गयी.अब उसका चेहरा छिपि हुई कामिनी की ओर ही था,"मुझ से अब और नही होता,जगबीर."
"क्या मेरी जान?",ठुकराल ने उसके पीछे से आकर उसके दोनो तरफ अपनी टाँगे बिस्तर से लटका दी & उसके कंधो को दबाने लगा.
"तुम जानते हो मैं क्या कह रही हू.मैं अब टोनी के साथ ये नाटक और नही कर सकती."
"बस कुछ ही दीनो की बात है,शॅरन."ठुकराल ने उसकी ड्रेस के स्ट्रॅप्स को नीचे कर दिया & उसके नंगे कंधो को सहलाने लगा,"..1 बार शत्रुजीत सिंग मेरे रास्ते से हट जाए बस!उसके बाद सिर्फ़ तुम और मैं & तुम्हारा बेटा.",ठुकराल ने उसके ब्रा स्ट्रॅप्स को भी नीचे कर के उसकी चूचियो को नुमाया कर दिया.
"फिर भी..-"
"देखो,शेरन तुम टोनी की बीवी हो..",ठुकराल उसकी चूचियो से खेल रहा था & शॅरन ने भी थोडा घूमते हुए हाथ पीछे ले जाके उसके लंड को थाम लिया था,"..अगर उस से नही मिलॉगी तो उसे शक़ होगा & वो सारा प्लान चौपट कर सकता है फिर हम कभी 1 नही हो पाएँगे."
"जगबीर,मैं उसे अब अपना पति नही मानती..मैं तुम्हे अपना सब कुछ मानती हो..उस आदमी के साथ सोना...",शॅरन के चेहरे पे बहुत दर्द का भाव था,"..& वो तो कुच्छ और ही कहता है..कहता है की प्लान ख़त्म होने के बाद वो मुझे लेके यहा से दूर चला जाएगा!"
"रहने दो उस बेवकूफ़ को इस ग़लतफहमी मे!तुम्हे क्या जाता है,शॅरन मुझे अच्छा लगता है तुम्हारा उसके पास जाना.",ठुकराल उसकी चूचियो से खेलता हुआ उसकी आँखो मे झाँक रहा था.कामिनी उसकी आक्टिंग की दाद दिए बिना नही रह सकी,"..मेरी जान,बस कुच्छ दिन और प्लीज़..मेरी खातिर.",ठुकराल ने उसकी ड्रेस मे नीचे से हाथ घुसा दिया.
"नही,जगबीर..अभी नही..उस..उस नीच का मैल अभी भी वाहा है..मैं इसे सॉफ करके अभी आती हू.",शॅरन उठी & ऐषगाह से बाहर चली गयी.
"मान गये उस्ताद आपको!",तालिया बजाती कामिनी की आवाज़ सुनके ठुकराल अपने पीछे देखा की कामिनी अपनी ड्रेस का ज़िप उपर कर रही है.
"ये क्या जान!कपड़े क्यू पहन लिए?"
"कामिनी नेबोत्स के ज़िप्स को लगाया & अपने बुर्क़े मे बाँहे डाली,"वक़्त हो गया है,जानम.अब तुम्हारी उस छम्मक छल्लो जिसे तुमने इतना बड़ा झांसा दिया हुआ है देखा लिया तो सारा खेल बिगड़ नही जाएगा!"
"ये तो है.",करीब आके उसने कामिनी को बाहो मे भर लिया.
"इसलिए हुज़ूर अभी मेरा जाना ही ठीक होगा..& फिर ये तो शुरुआत है..अभी तो हमे पता नही ऐसे ही कितने और सुहाने पल 1 साथ बिताने हैं."
"उउंम्म...बस..आज के लिए इतना काफ़ी है.",ठुकराल ने जब उसे कोई 5 मिनिट तक बाँहो मे भर के चूम लिया उसके बाद कामिनी ने उसे परे धकेल दिया.थोड़ी ही देर मे वो जैसे आई थी वैसे हीमाधो के साथ ठुकराल की कार मे वाहा से निकल गयी.देर शाम घर पहुँच के कामिनी के मन मे दोनो केसस को सुलझा लेने की खुशी थी मगर साथ ही अब 1 और बात थी जिसके लिए उसे विकास & जड्ज रस्टों कवास की मदद लेनी थी.
उसने कपड़े उतारे & अपने बाथटब के गुनगुने,खुशाबूदार पानी मे बैठ गयी..वो काम कल होना था,आज तो उसे बस आराम करना था ..आख़िर उसने इतनी मेहनत जो की थी 2 दिन!
क्रमशः.....................
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