RE: Sex Hindi Kahani गहरी चाल
कामिनी अपने घुटने उसकी दोनो जंघे के बगल मे सताए उसकी मज़बूत बाहो पे पानी डाल के उन्हे रगड़ रही थी,उसकी चूत से हल्के-2 पानी रिसने लगा था.पिच्छले 10 दीनो से उसकी चूत को भी कोई लंड नही नसीब हुआ था & आज की रात उसे इसकी पूरी भरपाई करनी थी.उसने शत्रुजीत का सर चूम लिया,"दट'स सो नाइस ऑफ यू,जीत.",उसके पीछे से उसके बदन से चिपके हुए दोनो हाथ आगे लाके वो उसकी बालो भारी छाती सहलाने लगी.
ऐसा करने से उसकी चूचिया शत्रुजीत की पीठ से बिल्कुल पिस गयी & उनके कोमल एहसास से उसका लंड अब बिल्कुल तन गया.कामिनी ने पानी मे से सर निकाल कर उस 1 आँख वाले रक्षःस को झाँकते देखा तो मन ही मन मुस्कुराइ,"मैं तुम्हे ज़्यादा परेशान तो नही करना चाहती,डार्लिंग..मगर पुच्छना तो पड़ेगा ही.",
"पुछो ना.",शत्रुजीत पीछे हो उसके बदन से टेक लगाके बैठ गया था.कामिनी उसके दाए कंधे के उपर से उसे देखते हुए उसका सीना सहला रही थी.
"तुम्हे क्या लगता है नंदिता का क़त्ल किसने किया होगा या फिर किसका हाथ है इसमे?"
"पता नही...ये सोच-2 के मेरा दिमाग़ खराब हो गया मगर मुझे कोई नाम नही सूझा...ना ही कोई वजह...ना मेरी किसी से दुश्मनी है ना नंदिता की थी..."
"फिर ऐसे बंद कमरे मे कोई कैसे घुस के ये काम कर सकता है?",कामिनी का हाथ उसके सीने के बालो से खेलते हुआ नीचे की तरफ जाने लगा था,"तुम्हे घर के किसी नौकर पे भी कोई शक़ नही?"
"नही.",शत्रुजीत का सर अब उसकी चूचियो पे रखा हुआ था & वो उसके घुटने सहला रहा था,कामिनी की चूत अब कसमसने लगी थी,"टोनी पर भी नही?"
"नही.",उसने कामिनी को टोनी से मुलाकात की पूरी कहानी सुनाई जिसके दौरान कामिनी का हाथ उसके लंड तक पहुँच गया,इधर शत्रु ने अपनी झांते सॉफ नही की थी & कामिनी उनके पीछे च्छूपे उसके आंडो को दबाने लगी,"..जो शख्स 2 दिन से भूखा होने के बावजूद हज़ारो रुपयो से भरा पर्स वापस कर दे वो ऐसा ज़लील काम कभी भी नही कर सकता.",उसने कामिनी का सर पकड़ उसे सामने की ओर खींचा तो कामिनी फ़ौरन सामने आ उसकी गोद मे बैठने लगी.
शत्रुजीत ने उसकी कमर पकड़ी & उसकी चूत को अपने लंड पे बिठाने लगा.जैसे ही लंड ने चूत को छुआ कामिनी की आँखे बंद हो गयी & उसे मानो नशा चढ़ने लगा,"..उउम्म्म्म....मगर खून तो किसी ऐसे ही इंसान ने किया है जोकि घर के अंदर से अच्छी तरह वाकिफ़ था..आआआआआअहह..!",अरसे बाद उसकी चूत इस लंबे,मोटे लंड का स्वाद चख रही थी.
वो शत्रुजीत के कंधो पे हाथ रखे आहे भरती हुई उच्छलते हुए उसके लंड को खुद ही चोदने लगी,शत्रुजीत ने उसकी पतली कमर को अपनी बाहो मे जाकड़ कर उसके बदन को खुद से चिप्टा लिया & अपना चेहरा उसकी मोटी चूचियो के बीच च्छूपा लिया,"..जो भी हो,1 बार उसका नाम पता चल जाए...उसके बाद उसे मैं खुद अपने हाथो से सज़ा दूँगा." ,उसने कामिनी की गंद की फांको को दबोचते हुए उसकी चूचियो को मुँह मे भर लिया & उसके साथ-2 नीचे से पानी कमर उचका कर चुदाई करने लगा.
बाथरूम मे कामिनी की गरम आहे,शत्रुजीत की ज़बान की लपलपहट & दोनो बदनो के मिलन से च्चपच्छपते पानी की आवाज़ो का मस्त शोर भर गया.
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शॅरन की गुलाबी चूत से उसका रस टपक रहा था,वो जल बिन मच्चली की तरह फूलो भरे गोल बिस्तरा पे तड़प्ते हुए कराह रही थी,"..आअननह...उउउन्न्ह...ऊऊुुइईईईईई.....ऊऊहह....जाग...बीइररर....अब....ना..ही...हाईईईईईईईईईई...!,मगर जगबीर ठुकराल उसकी बात अनसुनी करते हुए अपनी 2 उंगलियो से लगातार उसकी चूत मारे जा रहा था.बेचैन हो शॅरन ने उसका हाथ पकड़ कर खींचने की कोशिश की मगर ठुकराल ने उसके दोनो हाथो को अपने बाए हाथ मे जाकड़ लिया & दाए से उसकी चूत वैसे ही मारता रहा.शॅरन का हाल बुरा था,ना जाने अब तक वो कितनी बार झाड़ चुकी थी,"..जगबीर..प्ले..असे...मत करो ना..!"
इस बार ठुकराल ने उसकी बात मानते हुए अपनी उंगलिया खींच ली मगर अगले ही पल उसके उपर झुक कर उसने अपना मोटा लंड उसकी चूत मे दाखिल करा दिया,"..हाइईईईईई....!",शॅरन के चेहरे पे अजीब से भाव थे-खुशी के भी,दर्द के भी,तकलीफ़ के भी & मज़े के भी.ठुकराल ने लंड जड़ तक उसकी चिकनी चूत मे धंसा दिया & फिर उसके हसीन चेहरे को अपने हाथो मे भर बड़े प्यार से चूमने लगा.वो जानता था की शॅरन काफ़ी थक चुकी है & ऐसे मे अगर उसने चोदना शुरू किया तो वो उसका ढंग से साथ नही दे पाएगी.अगर अभी वो लंड नही डालता तो वो ज़रूर सो जाती मगर वो अभी तक झाड़ा नही था & उसके झाडे बिना शॅरन को सोने का कोई हक़ नही था.
इस तरह लंड चूत मे पड़े होने से ना उसे नींद आएगी & वो धक्के नही लगाएगा तो वो ज़्यादा परेशान भी नही होगी.बिस्तर के बगल मे रखा इंटरकम बजा तो उसने रिसीवर उठाया,"बोलो माधो."
"हुज़ूर,वकील कामिनी शत्रुजीत के घर रह रही है."
"ये तो अच्छी बात है,अब हमारा प्यादा बड़ी आसानी से दुश्मन की सारी चालो की खबर हमे दे सकता है.",दोनो ने थोड़ी देर & बात की.ठुकराल ने महसूस किया की शॅरन उसकी पीठ सहला रही है & उसने अपने घुटने भी मोड़ लिए थे.वो समझ गया की वो चुदाई के लिए तैय्यार है,उसने रेसिवेर फेंका & उसके घुटनो को मोड़ कर उन्हे पकड़ कर अपने होंठ उसके नर्म होंठो पे कस दिए & गहरे धक्के लगाने लगा & 1 बार फिर से कमरे मे शॅरन की आहे गूंजने लगी.
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