RE: Sex Hindi Kahani गहरी चाल
गहरी चाल पार्ट--26
"यह सब कैसे हुआ,जीत?",लॉक-अप मे बैठे षत्रुजीत सिंग का हाथ कामिनी ने अपने हाथ मे ले लिए,"..मुझे सब कुच्छ बिल्कुल शुरू से बताओ.",पोलीस ने शत्रुजीत को शक़ की बिना पे हिरासत मे ले लिया था.
"मैं अपने घर पे ही अपने स्टाफ के साथ काम कर रहा था.11 बजे तक सारे लोग चले गये बस मैं & अब्दुल काम कर रहे थे."
"सिर्फ़ तुम दोनो,क्यू?बाकी स्टाफ क्यू नही था तुम्हारे साथ?"
"क्यूकी वो बहुत सेन्सिटिव फाइल्स थी ,कामिनी जिनके बारे मे मेरे & अब्दुल के सिवा बस अंकल जे ही जानते थे."
"हूँ,फिर?"
"रात के 12 बजे मैं कुच्छ काग़ज़ लेने नीचे हाल से उपर अपने बेडरूम को गया.पहली मंज़िल पे बिल्कुल अंधेरा था,सारे नौकर भी अपने कमरो मे जा चुके थे.मेरा बेडरूम लॉक था...नंदिता अक्सर ऐसा करती थी.हम दोनो के पास अपनी-2 चाभीया थी.मैने अपनी जेब से चाभी निकाल कर दरवाज़ा खोला & जैसे ही अंदर कदम रखा,मेरा पैर किसी चीज़ से टकराया."
"..कमरे मे भी अंधेरा था.मैने वो चीज़ उठाई & फ़ौरन लाइट का स्विच ऑन किया.मैने देखा की वो चीज़ मेरी पिस्टल थी & सामने कुर्सी पे नंदिता पड़ी थी.उसकी बाई कनपटी से खून बह रहा था & उसका सर भी उसी तरफ झुका हुआ था.मैने फ़ौरन अब्दुल को आवाज़ दी & आंब्युलेन्स & पोलीस को बुलाने को कहा..साथ ही उसे सभी गार्ड्स को सारी लाइट ऑन कर बंगल का चप्पा-2 छानने को कहा."
"..मैं जानता था की नंदिता मर चुकी है.",शत्रुजीत चुप होकर दूसरी तरफ देखने लगा.कामिनी ने उसके कंधे पे अपना हाथ रखा,"..वो पिस्टल लगातार मेरे हाथ मे थी.सारे नौकरो ने भी मुझे उसे पकड़े देखा.पोलीस को शक़ हुआ & मैं यहा हू."
"जीत,तुम्हारी & नंदिता की शादी के बारे मे तुम मुझे पहले भी बता चुके हो..पर कुछ ऐसी बात जो तुमने मुझे ना बताई हो?"
"मैं उसे तलाक़ देना चाहता था.अभी कुच्छ ही दिन पहले मैने उसे ये बात बताई.शुरू मे तो उसने कुच्छ नही कहा..मगर बाद मे उसने सॉफ मना कर दिया."
"तुम दोनो का इस बात पे झगड़ा हुआ?"
"हुन्ह..",शत्रुजीत 1 फीकी हँसी हंसा,"..झगड़े के लिए भी दिल मे कुच्छ भावनाए होनी चाहिए..हम दोनो के बीच तो इतना सा भी लगाव नही था,लेकिन हुमारी बहस ज़रूर हुई थी."
"किसी ने सुनी थी ये बहस?"
शत्रुजीत थोड़ी देर सोचता रहा,"..शायद 1 बार नंदिता की नौकरानी ने सुना हो."
"ओके."
"कामिनी,मैने सुना है कि अंकल जे के क़ातिल का केस भी तुम ही लड़ रही हो?"
"हां."
"कामिनी,तुम जानती हो अंकल जे मेरे लिए क्या थे,फिर भी?"
"जीत,करण भी मेरा क्लाइंट है,फिर अगर उसने गुनाह किया है तो उसे सज़ा ज़रूर मिलेगी,लेकिन उसे भी तो 1 बार अपना बचाव करने का हक़ है ना!"
"पता नही.मुझे ये ठीक नही लगा."
"प्लीज़ जीत,मेरी हालत को समझो."
"हूँ."
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कामिनी कोर्टरूम मे जड्ज & सरकारी वकील के आने का इंतेज़ार कर रही थी,"मॅ'म,मुझे नही लगता करण मेहरा की ज़मानत होगी?",मुकुल ने सारे पेपर्स सॅंजो कर उसके सामने रख दिए.
"हां,मुकुल.बहुत बुरा फँसा है..पर हमे कोशिश तो करनी ही है.",तभी कुच्छ शोर सा हुआ तो कामिनी ने देखा की सरकारी वकील अपनी असिस्टेंट के साथ चला आ रहा था.वो दोनो और कोई नही उसका पूर्व पति विकास & उसकी प्रेमिका सीमी थे.कामिनी चौंक गयी पर उसने अपने चेहरे पे कोई भाव नही आने दिया.उसने देखा की उसे देख सीमी ने नज़रे झुका ली थी & अपने हाथ मे पकड़ी फाइल देखने का नाटक कर रही थी.कामिनी मन ही मन उस पे हँसी.विकास को देख वो थोड़ा असहज तो हुई थी मगर फिर उसे ख़याल आया कि उस से रिश्ता टूटने के बाद उसकी ज़िंदगी कितनी रोमांचकारी हो गयी.उसके तीनो प्रेमियो से उसे जो खुशी,जो सुकून मिला वो शायद विकास के साथ भी कभी नही मिला था.
"हेलो,विकास.",विकास भी थोड़ा सकपका रहा था मगर कामिनी की पहल ने उसे भी सहज कर दिया,"हाई!कामिनी.कैसी हो?",उसने मुकुल को भी सर हिला के उसकी हाई का जवाब दिया.
"हाई!सीमी",कामिनी सीमी से मुखातिब हुई तो उसने भी सर झुकाए जल्दी से हेलो कहा.ठीक उसी वक़्त जड्ज के आने का एलान हुआ & सीमी ने चैन की सांस ली.जड्ज रस्टों कवास अपनी कुर्सी पे बैठे & कोर्ट की करवाई शुरू करने का हुक्म दिया.रस्टों कवास की ईमानदारी & क़ानून की समझ की सभी मिसाले देते थे,"मॅ'म,ये तो कभी ज़मानत नही देगा.",मुकुल कामिनी के पीछे फुसफुसाया.
और हुआ भी यही.सारे सबूत-करण की लाइसेन्स्ड गुण की बेलिस्टिक रिपोर्ट,चस्मडीद गवाहॉ के बयान & सीक्ट्व कॅमरा की फुटेज,सभी करण को ही दोषी करार दे रहे थे.जड्ज कवास ने उसकी पुलिस रेमांड और 15 दीनो के लिए बढ़ा दी.
"करण,तुम फ़िक्र मत करना.मुझपे भरोसा रखो.ओके.",मायूस करण सर झुकाए हवलदरो के साथ पोलीस वन मे बैठ गया.
कामिनी वापस कोर्टरूम मे आई.जड्ज भी वही था & सरकारी वकील भी मगर इस बार केस था नंदिता सिंग के क़त्ल का.
"षत्रुजीत सिंग जी,आपकी अपनी बीवी से कैसी नीभती थी?",शत्रुजीत कटघरे मे खड़ा था & विकास उस से सवाल कर रहा था.
"जी,ठीक-ठाक."
"ज़रा इस ठीक-ठाक पे रोशनी डालेंगे."
"जी हम 1 दूसरे को चाहते नही थे मगर हुमारे दिलो मे 1 दूसरे के लिए बहुत इज़्ज़त थी."
"तो फिर आपने उनका खून क्यू किया?"
"ऑब्जेक्षन,मिलर्ड!",कामिनी की आवाज़ खचाखच भरे कोर्टरूम मे गूँजी,"अभी तक जुर्म साबित नही हुआ है,युवर ऑनर & उसके पहले मेरे मुवक्किल से ऐसे सवाल नही किए जा सकते."
"ऑब्जेक्षन सस्टेंड."
"मिलर्ड,".विकास ने जड्ज कवास को देख के सर झुकाया,"..तो आपकी अपनी पत्नी के साथ नही बनती थी?"
"जी."
"उसकी कोई खास वजह."
"जी नही.बस यू समझिए की हम 2 बिल्कुल अलग सोच के लोग थे जो हालत की वजह से शादी के बंधन मे बँध गये."
"मिस्टर.सिंग,आपके अपनी बीवी के अलावा भी और किसी औरत से संबंध रहे हैं?"
"जी."
"आपकी बीवी का आपकी इस हरकत पे क्या कहना था?"
"उसे कोई फ़र्क नही पड़ता था."
"मुलज़िम झूठ बोल रहा है,मिलर्ड!दुनिया की कोई भी औरत अपने पति की बेवफ़ाई नही बर्दाश्त कर सकती.युवर ऑनर,मुलज़िम का अपनी बीवी से झगड़ा हुआ & उसे इतना गुस्सा आया की उसने अपनी बीवी पे गोली चला दी.ये खून जज़्बाती होकर किया गया था,इसीलिए उसे सबूत मिटाने या च्छुपाने का वक़्त नही मिला & वो पकड़ा गया.मिलर्ड मेरी आपसे इल्तिजा है कि मुलज़िम की ज़मानत की अर्ज़ी खारिज कर उसे पोलीस हिरासत मे ही रहने दिया जाए."
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