RE: Sex Hindi Kahani गहरी चाल
"उसी वजह से जिस वजह से आप मेरे क्लाइंट पे नत्थू राम को अपना नाम बता कर अगवा करने का इल्ज़ाम लगा रहे हैं.",कामिनी ने सरकारी वकील की दलील का जवाब दिया & फिर जड्ज से मुखातिब हुई,"..मिलर्ड!सरकारी वकील साहब अगर खुद कोई दलील दे तो वो सच्ची मान ली जाए & अगर वैसी ही दलील मैं दू तो वो झूठ है,चाल है!"
"मिलर्ड!मैं चाहती हू कि नत्थू राम को कटघरे मे बुलाके अब उस से इस बारे मे सवाल किए जाएँ?"
"इजाज़त है."
"नत्थू राम जी,क्या ये सच है की आप शालीमार डेलक्स होटेल मे ठहरे थे."
"जी",सर झुका के धीमी आवाज़ मे उसने जवाब दिया.कोर्ट मे इस बार फिर लोग बाते करने लगे,"ऑर्डर!ऑर्डर!"
"हुज़ूर,मैं..मैं...कुच्छ कहना चाहता हू.",नत्थू राम ने जड्ज की ओर देखा.
"कहो."
"जी..मैने..मैने ये सब ...ये सारा ...कुच्छ नाटक किया था..."
"क्या?"
"जी.मुझे बस सनक सवार हो गयी थी कि मुझे अपना मकान नही बेचना है,ये लोग हर दूसरे दिन आके मुझे ऐसा करने को कहते थे...बस 1 दिन मैने सोचा कि क्यू ना ऐसा करके इन्हे मज़ा चखाऊँ!"
"ज़रा तफ़सील से कहो."
"मैने पहले अपनी बेटी को कुच्छ इस तरह से सारी बात बताई...ये मकान बेचने वाली बात..कि उसे लगे की ये लोग मुझे बहुत परेशान कर रहे हैं..",उसने शत्रुजीत की ओर इशारा किया,"..फिर 14 तारीख को मैं होटेल मे बिना बताए चला गया.उस रात मैं कोई 12 बजे के करीब इनके फार्महाउस पहुँचा.इनके फार्महाउस मे कोई ऐसी कड़ी सेक्यूरिटी है नही बस 1 केर्टेकर रहता है..मैं उसके बारे मे सब पहले पता कर चुका था...उसका आउटहाउस बस 1 कमरे का है & उसके 2 बच्चे हैं...रात को जब बच्चे सो जाते हैं तो दोनो मिया-बीवी उन्हे उस आउटहाउस मे बंद करके खुद फार्महाउस के बेडरूम मे चले जाते हैं...& फिर अपना..अपना काम करने के बाद सवेरा होने से पहले वापस आउटहाउस मे आ जाते हैं..",कोर्ट मे हँसी की 1 लहर दौड़ गयी,केर्टेकर भी वाहा मुजूद था.उसका चेहरा तो शर्म से लाल हो गया था & उसने नज़रे नीची कर ली.कामिनी भी मुस्कुराए बगैर ना रह सकी.
"ऑर्डर!ऑर्डर!",जड्ज ने अपना हथोदा ठोंका,"..मगर तुम्हे ये सब कैसे पता?"
"साहब..कोई 15 दिन पहले मैं फार्महाउस मे पहली बार घुसा था.पीछे की तरफ अगर दीवार के सहारे कुच्छ खड़ा होने को मिल जाए तो अंदर काफ़ी आसानी से घुसा जा सकता है.मैने 1 रेहडी वाले का ठेला लगाकर दीवार फांदी & फिर अंदर जाकर ये सब मालूम कर लिया.14 तारीख को भी केर्टेकर अपनी बीवी के साथ मशगूल था,जब मैं फार्महाउस के अंदर दाखिल हो गया.इसने चाभी वही हॉल के मेज़ पे छ्चोड़ दी थी & खुद बीवी के साथ बेडरूम मे चला गया था..",उसने केर्टेकर की तरफ इशारा किया.
"..मैने चाभी उठा के 1 कमरा खोला & अंदर जाकर उस कमरे की खिड़की खोल ली.फिर मैने रूम को वापस बंद किया & छिप कर केर्टेकर & उसकी बीवी को देखने लगा..",अदालत मे 1 बार फिर लोग दबी आवाज़ मे हंस पड़े,केर्टेकर ने तो उसे ऐसी नज़रो से घूरा जैसे उसे मार ही डालेगा!
"..जब ये बाहर आने लगे तो मैं भी बाहर चला गया & उस खुली खिड़की से वापस अंदर दाखिल हो गया.आने से पहले ही मैने पोलीस को गुमनाम फोन किया था कि मुझे अगवा करके फार्महाउस मे रखा गया है...बस उसके बाद सवेरे पोलीस ने मुझे वाहा से बरामद कर लिया."
"तुम ये बयान किसी दबाव मे तो नही दे रहे?"
"नही,साहब."
"ह्म्म....तुमने बहुत ग़लत काम किया है.1 इज़्ज़तदार शहरी पे झूठा इल्ज़ाम लगाके साज़िश के तहत उसे फँसाने की कोशिश की है.तुम्हारे & बाकी गवाहॉ के बयान & सबूत भी इसी तरफ इशारा करते हैं.अदालत तुम्हे मुजरिम मानती है & केर्टेकर & शत्रुजीत सिंग को बैइज़्ज़त बरी करती है.अदालत लंच ब्रेक के लिए बर्खास्त की जाती है.मुजरिम की सज़ा उसके बाद सुनाई जाएगी."
क्रमशः...................
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