RE: Sex Hindi Kahani गहरी चाल
गहरी चाल पार्ट--20
"तुम्हे पूरा यकीन है कि ये वही आदमी है?",कामिनी ने टीवी की ओर इशारा किया.
"अदालत मे ये बात कह सकोगे?"
"क्यू नही,मेडम!"
"देखो,वाहा सरकारी वकील तुम्हे गैर भरोसेमंद बताने के लिए तुम्हारी पिच्छली ज़िंदगी के बारे मे भी पुच्छ सकता है."
"मैं किसी भी सवाल का जवाब दूँगा मेडम,मगर अपना भला चाहनेवाले पे आँच नही आने दूँगा."
"ठीक है,तब तो हमारी मुश्किल आसान हो गयी.",कामिनी ने शत्रुजीत की ओर देखा.
"ह्म्म...लेकिन 1 सवाल अभी भी है?',पाशा की भारी आवाज़ बड़ी संजीदा थी.
"क्या?"
"वो हमारे फार्महाउस के अंदर कैसे पहुँचा."
"ये तो वो खुद अपनी ज़ुबान से बताएगा.",कामिनी ने जवाब दिया.
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"मिलर्ड!अब मैं आपके सामने ऐसा गवाह पेश करना चाहती हू जिसका बयान मेरे मुवक्किल के खिलाफ इस केस को झूठा साबित कर देगा.",जड्ज ने इशारे से उसे गवाह को पेश करने की इजाज़त दी.
"आप का नाम क्या है?",टोनी कटघरे मे खड़ा था.
"आंतनी डाइयास.लोग मुझे टोनी भी बुलाते हैं."
"आप पंचमहल के ही रहने वाले हैं."
"जी नही.मैं गोआ से हू,अभी बॉमबे से इधर आया हू."
"आप क्या काम करते हैं?"
"जी कुच्छ नही.",फिर टोनी ने अपनी ज़िंदगी के बारे मे संक्षेप मे बताया.
"मिलर्ड!हम यहा इनकी दास्तान सुन के वक़्त क्यू ज़ाया कर रहे हैं?आख़िर इनका क्या ताल्लुक है इस केस से?!",सरकारी वकील उठ खड़ा हुआ था.
"कामिनी जी!मुकद्दमे को आगे बढ़ाइए.",जड्ज ने कामिनी से कहा.
"जी!मिलर्ड.मिस्टर.डाइयास 14 तारीख की रात को आपने क्या देखा?
टोनी ने सारी बात बता दी.कोर्ट मे ख़ुसर-पुसर होने लगी,"ऑर्डर!ऑर्डर!"
"मिलर्ड!हम इस इंसान की बातो पे क्यू यकीन करे?!ये इंसान अपने मुँह से खुद के नशेबाज़ & 1 अपराधी होने की बात कह चुका है.क्या ऐसे आदमी की गवाही कोई मायने रखती है?"
"मिलर्ड!मेरे हिसाब से गवाह केवल सच्चे & झूठे होते हैं..& मिस्टर.डाइयास ने वो बुरा रास्ता छ्चोड़ दिया है & अब नेकी से ज़िंदगी जीना चाहते हैं.अगर सरकारी वकील साहब जैसे लोग उन्हे इसी तरह नीची निगाह से देखेंगे तो वो 1 अच्छे इंसान कैसे बनेंगे?"
"फिर भी मिलर्ड,इनकी गवाही को मानने के लिए कोई सबूत भी तो होना चाहिए."
"सबूत है,मिलर्ड!मुझे 1 और गवाह पेश करने की इजाज़त दें."
"इजाज़त है."
1 40-45 साल की उम्र का थोड़ा मोटा सा आदमी,1 फाइल पकड़े कटघरे मे आके खड़ा हो गया.देखने से वो कोई व्यापारी लगता था,"अपना नाम बताइए?"
"अरुण चड्ढा."
"मिस्टर.चड्ढा,आप क्या काम करते हैं."
"मेरा बहार गूँज मे शालीमार डेलक्स नाम का होटेल है."
"ये जो शख्स सामने बैठा है..",उसने नत्थू राम की ओर इशारा किया,"..इसे आपने पहले देखा है?"
"जी हां.14 तारीख को शाम से ये हमारे होटेल मे रुके थे.",कोर्ट मे फिर से ख़ुसर-पुसर शुरू हो गयी.
"युवर विटनेस.",कामिनी ने मुस्कुराते हुए सरकारी वकील को इशारा किया.
"मिस्टर.चड्ढा,आपके पास क्या सबूत है की ये आदमी आपके होटेल मे ठहरा था."
"जी!हम हर गेस्ट से उसका 1 आइड कार्ड माँगते हैं,फिर उसकी फोटो कॉपी उसके नाम & फोन नंबर के साथ अपने रेकॉर्ड मे रखते हैं...ये है इनका रेकॉर्ड.",उसने हाथो मे पकड़ी फाइल आगे कर दी.वकील ने वो फाइल देखने के बाद जड्ज को भिजवा दी,"नो मोर क्वेस्चन्स."
"मिलर्ड!मुझे लगता है मिस्टर.सिंग अपने पैसे & रसुख का इस्तेमाल करके नत्थू राम को झूठा साबित करने के लिए ये चाल चल रहे हैं...नही तो मिलर्ड अगर थोड़ी देर को मान भी ले की नत्थू राम उस रोज़ होटेल मे था तो वो अपना सही आइड कार्ड क्यू इस्तेमाल करेगा?"
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