RE: Sex Hindi Kahani गहरी चाल
"मिलर्ड!गुमशुदा की बरामदगी शत्रुजीत सिंग के फार्महाउस से हुई है,नत्थू राम भी कह रहा है कि उसे अगवा करने वाले इनका नाम ले रहे थे,इस मामले की तह तक जाने के लिए पोलीस को इनसे पुच्छ-ताछ करनी होगी & इसके लिए मैं आपसे दरखास्त करता हू की शत्रुजीत सिंग को पोलीस हिरासत मे लेने की इजाज़त दी जाए.",सरकारी वकील ने अपनी दलील पेश की.
"मिलर्ड!केवल बरामदगी & कुच्छ अंजान लोगो के नाम लेने से ये कहा से साबित हो जाता है की मेरे मुवक्किल ही दोषी हैं.नत्थू राम ने ये तो नही कहा की खुद शत्रुजीत सिंग ने उसे अगवा किया था,उसने अगवा करने वालो के मुँह से उनका नाम सुना था.कोई मेरे क्लाइंट को फँसाने की कोशिश कर रहा है वरना आप ही बताएँ सर,क्या कोई मुजरिम इतनी बड़ी ग़लती कर सकता है की हर जगह अपना नाम का प्रचार करता चले.फिर भी,मैने अपने क्लाइंट की अग्रिम ज़मानत ले ली है,ये हैं उसके काग़ज़ात.थॅंक यू,सर.",उसने काग़ज़ात कोर्ट पीयान को थमा दिए.
"मिलर्ड!मुलज़िम नत्थू राम को धमकाता आ रहा था-.."
"ऑब्जेक्षन!मिलर्ड..",कामिनी बोली,"..वकील साहब मेरे मुवक्किल पे बेबुनियाद इल्ज़ाम लगा रहे हैं.नत्थू राम ने 1 बार भी अपने किसी बयान मे ये नही कहा है की उसे शत्रुजीत सिंग ने धमकाया है."
"ऑब्जेक्षन सस्टेंड."
"मैं माफी चाहता हू,मिलर्ड.मुलज़िम ने नत्थू राम पे घर बेचने के लिए दबाव डाला था.नत्थू राम के इनकार से बौखला कर उसे डरने की गरज से उसने ऐसा किया है."
"मिलर्ड!जब मेरे मुवक्किल ने आज तक उसे कभी भी धमकी तक नही दी फिर वो अचानक उसे अगवा क्यू कराएगा जब की वो बड़ी आसानी से क़ानून के सहारे उसके मकान का क़ब्ज़ा पा सकता था.",अपनी-2 दलीलें पेश करने के बाद दोनो वकील जड्ज के फैल्से का इंतेज़ार करने लगे.
"मुझे शत्रुजीत सिंग की अग्रिम ज़मानत की अर्ज़ी खारिज करने की कोई मज़बूत वजह नज़र नही आती,इस लिए अभी पोलीस उन्हे हिरासत मे नही ले सकती,लेकिन अदालत उन्हे ये हिदायत देती है की वो पोलीस की करवाई मे पूरा सहयोग दे.पोलीस उनसे कभी ही पुच्छ-ताछ कर सकती है,मगर इसके लिए पोलीस को उन्हे कम से कम 2 घंटे पहले इत्तिला देनी होगी.इस केस की अगली सुनवाई तक मिस्टर.सिंग बिना अदालत की इजाज़त के शहर के बाहर नही जाएँगे.केर्टेकर को पोलीस हिरासत मे रख सकती है.",जड्ज के फ़ैसले को सुन सब कोर्ट से बाहर आए जहा रिपोर्टर्स & तमाशबीनो का हुजूम उमड़ा हुआ था.उनके सवालो को नज़रअंदाज़ करते हुए शत्रुजीत & बाकी लोग अपनी गाडियो मे चढ़ कर वाहा से निकल लिए.
----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------
कामिनी & पुराणिक अपने-2 ऑफीस चले गये थे & पाशा & शत्रुजीत 1 कार मे कही जा रहे थे,कार पाशा चला रहा था,"साइट पे ही चलना है ना भाई?"
"हां,बेटा.",दोनो केस के बारे मे बाते करने लगे & शायद इसी वजह से उनका ध्यान उस काली फ़ोर्ड एंडेवर पे नही गया जोकि ट्रॅफिक की भीड़-भाड़ का फ़ायदा उठा के उनके कुच्छ पीछे चल रही थी.
साइट पे बहुत तेज़ी से काम चल रहा था,बड़ी-2 मशीन्स & बहुत सारे मज़दूर इंजिनीयर्स की देख-रेख मे उस इमारत पे काम कर रहे थे.1 बड़ी सी टॉवेर क्रॅन 1 तरफ से सेमेंट की बोरिया उठाती & उसे बन रही इमारत की दसवी मंज़िल पे पहुँचा रही थी.साइट के सुपोवर्विज़र से बात करने के बाद पाशा बाथरूम चला गया & शत्रुजीत अकेला ही घूमने लगा.उसके ज़हन मे नत्थू राम के केस की ही बात घूम रही थी.वो अपने ख़यालो मे खोया हुआ था की तभी उसे पीछे से किसी ने ज़ोर का धक्का दिया & वो रेत के ढेर पे गिर पड़ा,वो धक्का देने वाला शख्स उसके उपर था.शत्रुजीत कुच्छ समझता ठीक उसी वक़्त उसके गिरते ही सेमेंट की 5 बोरिया वही पे गिरी जहा पे वो पहले खड़ा था.
उसकी समझ मे सब आ गया,इस इंसान ने उसकी जान बचाई थी.वो कपड़ो से धूल झाड़ता उठा & हाथ बढ़ा के उस अंजन आदमी को उठाया,तब तक वाहा काम करने वाले & पाशा उसके पास भागते हुए आ चुके थे.शत्रुजीत ने उस आदमी को सहारा दे के खड़ा किया,"शुक्रिया."
वो आदमी बस हांफे जा रहा था,उसके कपड़ो पे गिरने से धूल जम लग गयी थी मगर फिर भी सॉफ ज़ाहिर था की वो पहले से ही बड़े पुराने & मैइले हैं.उसकी दाढ़ी भी बढ़ी हुई थी & वो काफ़ी कमज़ोर लग रहा था,"तुम यहा काम करते हो?,जवाब मे उसने इनकार मे सर हिलाया.शत्रुजीत अपनी जेब मे हाथ डालता उस से पहले ही पाशा ने अपनी जेब से वॉलेट निकाल के उसके सारे पैसे उस आदमी की ओर बढ़ाए,"ना...मैने जो किया इंसानियत के नाते..मैं ये पैसे नही लूँगा..",वो हांफता हुआ घुमा & 4 कदम चल के चक्कर खा के गिर गया.सभी दौड़ के उसके करीब पहुँचे,शत्रुजीत ने उसे उठाया,"पाशा,ये बीमार लगता है..देखो बेहोश तो नही हुआ पर फिर भी आँखे नही खोल पा रहा है.."
"हां,भाई.इसे हॉस्पिटल ले चलते हैं."
"हां,चल."
क्रमशः......................
|